मेरा नाम किंजल है मैं अहमदाबाद की रहने वाली हूं, मुझे घूमने का बहुत शौक है, मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक लंबे टूर पर निकली थी, यह बात पिछले वर्ष की है, मेरी उम्र 27 वर्ष है। मैंने जब अपने पिताजी से इस बारे में कहा तो वह कहने लगे कि यदि तुम घूमना चाहती हो तो तुम चली जाओ लेकिन तुम अपना ध्यान रखना। मुझे अकेला ही घूमना पसंद है इसलिए मैं उस वक्त घूमने चली गई थी। मैंने अपनी पूरी प्लानिंग कर ली थी और एक ट्रैवल एजेंट से मैंने बात भी की थी, उसने मुझे कहा कि मैं आपका आगरा और जयपुर में घूमने का करवा दूंगा। मैंने उसे कहा ठीक है मैं पहले आगरा जाऊँगी उसके बाद जयपुर होते हुए मैं अपने घर वापस लौट आऊंगी, वह कहने लगा यह ठीक रहेगा पहले आप आगरा ही चले जाये, उसके बाद आप जयपुर आ जाना। मैंने 10 दिनों का टूर बनाया था और मैं आगरा घूमने चली गई।
जब मैं आगरा पहुंची तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैं आगरा में ज्यादा दिन नहीं रुकी, मैंने सोचा कि क्यों ना कुछ दिनों के लिए मैं दिल्ली चली जाऊं। जब मैं दिल्ली गई तो मैं अपनी एक पुरानी दोस्त से मिली, वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और कहने लगी कि तुम अचानक से दिल्ली कैसे आ गई, तुमने मुझे इसकी जानकारी भी नहीं दी। मैंने उसे बताया कि मैं घूमने के लिए निकली थी इसीलिए मैं दिल्ली चली आई, मुझे लगा मैं तुम से मिलती हुई चलू। वह मुझसे पूछने लगी कि तुम कितने दिनों के लिए घूमने निकली हो, मैंने उसे कहा कि मैं 10 दिनों के लिए घूमने निकली थी लेकिन उनमें से कुछ दिन तो आगरा में ही हो चुके हैं। मैंने उसे कहा कि मैं आज दिल्ली में रखूंगी और कल मैं जयपुर के लिए निकल जाऊंगी, वह मुझे कहने लगी कि आज तुम्हें मेरे घर पर ही रुकना होगा, मैंने उसे कहा कि नहीं मैं होटल में रुक जाऊंगी लेकिन वह मुझे कहने लगी कि नहीं तुम्हें मेरे घर पर ही रुकना होगा और कल तुम सुबह जयपुर निकल जाना। मैंने उसे कहा ठीक है चलो मैं आज तुम्हारे घर पर ही रुक जाती हूं, मैं उस दिन उसके घर पर ही रुक गई।
उसके मम्मी पापा दोनो ही टीचर हैं और वह लोग दिल्ली में ही रहते हैं। वह मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी इसीलिए हम दोनों की पहचान हो पाई। उस दिन मैं दिल्ली भी घूमी और अगले दिन सुबह मैं जयपुर के लिए निकल गई। मैंने सोचा मैं बस से ही जयपुर निकल जाती हूं, मैं जब बस में बैठी हुई थी तो मेरे साथ में एक लड़का बैठा हुआ था, वह अपने लैपटॉप में काम कर रहा था। वह बहुत ही सीरियस किस्म का प्रतीत हो रहा था, उसने बड़े बड़े चश्में लगा रखे थे इसलिए मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मैंने भी अपने कान में हेडफोन लगाया और मैं गाने सुनने लगी, मैं अपने गाने सुनने में इतनी मस्त हो गई कि मुझे नींद आने लगी कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई, जब मैं सो गई तो मुझे इतनी गहरी नींद आई की मेरा हाथ गलती से उसके लैपटॉप पर लग गया और उसका लैपटॉप गिरते गिरते से बच गया। मेरी आंख अचानक से खुली तो मैंने देखा कि उसका लैपटॉप गिरते गिरते बचा, मैंने उसे सॉरी कहा और कहा कि मुझे नींद आ गई थी इसी वजह से मेरा हाथ आपके लैपटॉप पर लग गया। मुझे लगा कि वह मुझ पर बहुत गुस्सा होगा लेकिन उसने बहुत ही धीमी आवाज में मुझसे कहा कि कोई बात नहीं कभी कबार ऐसा हो जाता है, मैंने उससे कहा कि मैं कल रात को देर से सोई थी इसलिए मुझे नींद आ गई। उस लड़के ने मुझसे पूछा कि तुम कहां जा रही हो, मैंने उसे कहा कि मैं जयपुर तक जाऊंगी। वह मुझसे कहने लगा क्या तुम जयपुर में ही रहती हो, मैंने उसे कहा कि नहीं मैं जयपुर में नहीं रहती, मैं अहमदाबाद में रहती हूं लेकिन मैं कुछ दिनों के लिए घूमने निकली थी और मैंने सोचा मैं दिल्ली होती हुई चलूं इसलिए मैं अपनी एक सहेली से मिलने के लिए दिल्ली आ गई। मैंने उस लड़के से बहुत देर तक बात की है और मुझे उससे बात कर के अच्छा लग रहा था, वह बहुत ही अच्छे से बात कर रहा था। मैंने उससे पूछा कि हम लोग इतने देर से बात कर रहे हैं लेकिन मैं आपका नाम ही नहीं पूछ पाई, मैंने जब उसका नाम पूछा तो उसने मुझे अपना नाम रमन बताया। मैंने भी उससे अपना इंट्रोडक्शन दिया और उसे कहा कि मुझे घूमने का बहुत शौक है और मैं इसी वजह से घूमने के लिए निकली थी।
मेरे घर वालों ने मुझे मना नहीं किया वह कहने लगे ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए घूम आओ, तुम्हें भी अच्छा महसूस होगा इसीलिए मैं घूमने के लिए निकल पडी। रमन मुझे कहने लगा कि तुम तो बहुत ही हिम्मत वाली हो तुम अकेले ही घूमने निकल पडी, मैंने उसे कहा हां मैं अकेली ही घर से घूमने के लिए आ गई थी। मुझे उससे बात करना भी अच्छा लगने लगा, मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें अपनी कुछ तस्वीरें दिखाती हूं। मैंने अपना कैमरा निकाला और उसमें मैंने उसे अपनी आगरा और दिल्ली की फोटो दिखाएं, वह मुझे कहने लगा कि तुम तो बहुत ही अच्छी तरीके से घूम रही हो, मुझे तो बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता। मैंने उसे पूछा कि तुम क्या करते हो, वह कहने लगा कि मैं दिल्ली में जॉब करता हूं और अपने किसी काम के सिलसिले में जयपुर जा रहा हूं। मैंने रमन से पूछा कि तुम कितने दिनों तक जयपुर में रहने वाले हो, वह कहने लगा में एक हफ्ता जयपुर में रखूंगा और उसके बाद मैं दिल्ली वापस आ जाऊंगा। मेरी और अमन की बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। बातों बातों में पता ही नहीं चला कि कब सफर आधा कट गया।
जब बस बीच में रुकी तो हम दोनों ही वहां उतरे और हम दोनों ने साथ में ही नाश्ता किया क्योंकि मैंने सुबह कुछ भी नाश्ता नहीं किया था इसलिए मुझे बहुत तेज भूख भी लग रही थी, मैंने नाश्ता किया उसके बाद मैं फ्रेश हुई और मुझे अब बहुत ही कंफर्टेबल महसूस हो रहा था क्योंकि सुबह मैं जल्दी निकल गई थी इसलिए मैं अच्छे से फ्रेश भी नहीं हो पाई थी। हम दोनों उसके बाद बस में बैठ गए, जब हम लोग जयपुर पहुंचे तो मैंने रमन से कहा कि जब तुम्हें समय मिले तो तुम मुझे फोन कर लेना। मैंने रमन को अपना नंबर दे दिया और उसे कहा कि यदि तुम भी मुझे अपनी कंपनी दोगे तो मुझे भी अच्छा लगेगा। रमन भी किसी होटल में ही रुका हुआ था, वह मुझे कहने लगा कि तुमने यहां पर कहीं बुकिंग की हुई है, मैंने उसे कहा कि हां मेरे ट्रेवल एजेंट ने पहले ही मेरे लिए होटल बुक कर दिया था। मैं जिस जगह रह रही थी वहीं से कुछ दूरी पर रमन भी रुक गया क्योंकि उसके ऑफिस की तरफ से भी उसके होटल की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। मैं होटल में गई तो मुझे नींद आ गई और मैं सो गई, जब मैं सोकर उठी तो मैंने मूहँ हाथ धोया और उसके बाद मैं घूमने के लिए निकल गई। मैं अकेले ही घूम रही थी और मुझे घूमते हुए शाम हो गई। शाम के वक्त मुझे रमन ने फोन किया और कहने लगा कि मैं भी अपने काम से फ्री हो चुका हूं। मैंने उसे अपनी लोकेशन बताइए और उसके बाद वह भी मेरे पास पहुंच गया। जब रमन मुझे मिला तो हम दोनों घूमते घूमते एक पार्क में चले गए और पार्क में ही काफी देर तक बैठे रहे। रमन पूछने लगा तुम आज कहां घूमने गई। मैंने उससे सारी फोटो दिखाई और हम दोनों काफी देर तक पार्क में ही रहे। रमन मुझे कहने लगा क्या तुम ड्रिंक करती हो मैंने उसे कहा कि हां मैं ड्रिंक कर लेती हूं लेकिन कभी कभार करती हू। वह मुझे कहने लगा चलो फिर हम लोग आज ड्रिंक करते हैं हम लोगों ने वाइन शॉप से वोटका ले ली। उसके बाद रमन और मैं उसके रूम में चले गए। रमन जिस होटल में रुका हुआ था वह होटल काफी बड़ा था हम दोनों ही साथ में बैठ गए और बैठकर हम दोनो ड्रिंक करने लगे।
शराब पीते हुए हम दोनों बात कर रहे थे और मुझे रमन के साथ बात करना अच्छा लग रहा था लेकिन धीरे धीरे मुझे नशा होने लगा तो मैंने रमन के हाथों को पकड़ लिया और उसने मेरे बालों को सहलाना शुरू कर दिया। जैसे ही उसने अपने होठों को मेरे होठों से टच किया तो मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी और मैं पूरे मूड में आ चुकी थी। मैंने भी रमन के होठों को बहुत अच्छे से चूसा जिससे कि उसके होठों से खून आने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब रमन मेरे होंठो को चूस रहा था। रमन ने काफी देर तक मेरे होठों का रसपान किया उसके बाद जब उसने मेरे कपड़े खोले तो मैं अपनी जिंदगी में पहली बार किसी के सामने नंगी हुई थी। उसने जैसे ही मेरे स्तनों को अपने हाथों से दबाया तो मेरे अंदर से एक अलग ही प्रकार का करंट निकलने लगा मैं पूरे मूड में थी। रमन ने अपने मोटे और कड़क लंड को बाहर निकाला तो मैंने उसे अपने मुंह के अंदर ले लिया और बड़े अच्छे से सकिंग करने लगी। मैंने रमन के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना जारी रखा मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं जिस प्रकार से रमन के लंड को चूस रही थी। रमन ने अपने लंड को मेरे मुंह से बाहर निकालते हुए मेरी योनि के अंदर डाल दिया। जब रमन का लंड मेरी योनि में गया तो मुझे बहुत दर्द महसूस हुआ और मैं चिल्लाने लगी। मेरी योनि से खून भी निकलने लगा था मुझसे रमन का लंड बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने मुझे बहुत कसकर पकड़ा हुआ था उसने मुझे अपने नीचे दबा कर रखा था मैं मचल रही थी और वह भी तेजी से मुझे चोद रहा था। रमन कहने लगा तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है मुझे तुम्हें चोदने में बहुत मजा आ रहा है। जैसे ही उसका वीर्य पतन हुआ तो वह मुझे कहने लगा मुझे तुम्हें चोदकर बहुत मजा आया तुम्हारी यौवन का जिस प्रकार से मैने रसपान किया मुझे बहुत अच्छा लगा। मैने रमन से कहा कि मैंने पहली बार किसी से अपनी चूत मरवाई है और मुझे भी तुम्हारे साथ सेक्स करना अच्छा लगा।