मेरी पहली चुदाई : दीदी के देवर से चूत फड़वा

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मुझे वो पहली चुदाई का दिन याद है कैसे मैंने अपने दीदी के देवर से चुदवाया था, और अपनी चूत फड़वाई थी, मजा भी आया था और दर्द भी हुआ था, मेरे मन में जो लंड का और चुदाई का जो ख्वाब था वो पूरा हुआ, बहुत मजे किये थे मैंने उस दिन, वो दिन मेरे ज़िंदगी का बहुत ही शानदार दिनों में से एक है, आज मैं आपको उसी दिन की कहानी सुनाने जा रही हु, आशा करती हु की आपको बहुत मजा आएगा, क्यों की मेरी चूत अभी कहानी लिखते लिखते भी गीली हो चुकी है,

मेरा नाम सीमा है, मैं अभी २२ साल की हु, ये कहानी आज से ४ साल पहले की है, जब मैं पहली बार सेक्स की थी, मैं देखने में बहुत ही अच्छी हु, और सबसे खूबसूरत पार्ट जो मेरे शरीर में है वो है मेरी दोनों टाइट बड़ी बड़ी चूचियाँ और मेरे चूतड़ जो गोल गोल पीछे के तरफ निकला हुआ काफी सेक्सी है, मेरे होठ बहुत ही गुलाबी और रसदार है, मैं काफी मोर्डर्न तो नहीं हु, क्यों की मैं गाँव की रहने बाली हु, पर माल टंच हु, आपको ऐसी माल कही शहर में नहीं मिलेगा पुरे देसी हु, और एक नम्बर की चुदक्कड़.

मेरे जब स्तन उगने सुरु हुए थे तब से ही मैं लड़को में मशहूर थी, सब मेरे ऊपर मरते थे, पर मैं किसी पे नहीं मरती थी क्यों की मेरे घरवाले बड़े ही स्ट्रिक्ट थे, मैं मन मसोस के रह जाती थी, ऐसे भी मैं गाँव में रहती थी तो वह के कायदे क़ानून होते है, पर जब से मेरे चूत में बाल और चूचियाँ बड़ी बड़ी होने लगी तब से मुझे लगा की ये चुदाई क्या बला है मैं चखना चाहती हु, मैंने एक पोर्न मूवी देखि अपने मोबाइल पे तब से तो और भी जख्मी शेरनी जैसी हो गई थी मुझे लगता था की कैसे मैं लंड को चखु, पर ये सब सम्भब नहीं था, मैंने कोई प्लान भी नहीं किया था की कब चुदुंगी मैं तो सोच रही थी की शादी के पहले तो कोई उपाय नहीं है चुदाई का, पर ये सब शादी के पहले ही सच हो गया है कैसे आगे बताती हु,

मेरे भैया बंगाल में रहते है, मैं उन्ही के पास गई थी, मेरी बहन लव मैरिज की है वो भी अपने पति के साथ मेरे भैया के कॉलोनी में ही रहती है, एक दिन मेरे दीदी के देवर आये, मैं पहली बार देखि थी क्यों की दीदी के शादी में कोई बारात या तो और ज्यादा ताम जहां नहीं हुआ था वो दोनों चुपके चुपके शादी की थी, मैं भैया के यहाँ थी, भैया भाभी और मैं, भैया ईस्टर्न कोल् फील्ड में काम करते थे, वो ड्यूटी चले गए, गर्मी का दिन था, भाभी भी दूध लेने चली गई, मैं घर पे अकेली थी, दीदी का देवर मेरे यहाँ ही सोये हुए थे, वो दिन में बारह बजे आये, वो ऐसे लग रहते थे बड़े ही शर्मीले स्व्भाव के, वो बहुत ही काम बातचीत करते थे.

घर में मैं अकेली थी और वो सोये थे, मुझे पता नहीं क्या हुआ लगा की आज मैं अपने वासना की आग को इनसे बुझा सकती हु, तो मैं झाड़ू लगाते लगाते उनके कमरे में गई जहा वो सोये थे, मेरी दिल की धड़कन तेज हो रही थी क्यों की मैं क्या करने जा रही थी मुझे ही पता था, मैंने गई और पलंग को एक टक्कर मारी वो उठ गए, वो बोले भाभी नहीं है घर पे तो मैंने कह दिया वो नहीं है वो दो घंटे बाद आएगी पहले दूध लेगी फिर वो कही और जाएगी, तो वो जाने लगे, मैंने उनके जुटे छुपा दिए, वो ढूढ़ने लगे, वो मुझसे पूछते की जूते आपने देखे है तो मैं सिर्फ हस रही थी तो उका शक मेरे ऊपर ही जा रहा था, फिर मैंने उनके चूतड़ में चुति काट ली, फिर दोनों में एक दूसरे को ऊँगली मारने की नौबत आ गई, मैंने उनके पेट में उनलगी करती वो मेरे पेट में ऊँगली करते.

धीरे धीरे उनको सुरूर छा गया और वो मेरे चूच को ऊँगली मारने लगे, मैं भी उनके लंड को छूने लगी, वो मुझे पीछे से पकड़ के मेरे गांड में अपना लंड रगड़ दिए, सच पूछिये तो पहली बार लंड रगड़ने का एहसास बड़ा ही मस्त था मैं और भी मस्ती में आ गई, और फिर से मैंने उनके लंड को छू दिए अब वो मेरे चूत को छूने लगे, मैं नाईटी पहननी थी, वो निचे से हाथ डालने लगे, मैं सोची की कही भाभी ना आ जाये क्यों की मुझे पता था भैया तो रात को १० बजे आएंगे अभी तो चार ही बजे है, मैंने लैंडलाइन से भाभी को फ़ोन किया तो वो बोली की मैं सात बजे तक आउंगी, आज दूध मार्किट से ही ले लुंगी, जरुरी काम पड़ गया है मुझे मेरी दीदी के घर जाना है. मैं घडी देखि उसमे चार बज रहे थे मैंने समझ गई की अभी तीन घंटे तक कोई नहीं आने बाला.

फिर क्या था मैंने बाहर जाकर देखा दरवाजा बंद था मैंने वापस जैसे ही आई तो मुझे फिर से पीछे से पकड़ लिए और मेरे चूचियों को मसलने लगे, मैंने भी मसलवा रही थी, बस सी सी सी की आवाज मुह से निकल रही थी, मैं कामुक होते जा रही थी, दर्द भी हो रहा था कोई पहली बार मेरी चूचियों को मसल रहा था, मैं अपना गांड उनके लंड पे रगड़ने लगी, और फिर ऐसा लगा की मेरे पुरे शरीर में विजली दौड़ गई और मैं वापस मुड़ी और उनका सर पकड़ कर मैं उनके होठो को चूसने लगी, वो मेरी चूतड़ को पकड़ के मेरी चूत को अपने लंड से संताने लगे, दोनों की साँसे तेज हो गई थी और वो मुझे पलंग पे लिटा दिए और मेरी नाईटी ऊपर कर दी, फिर वो मेरी चूच को दबाने लगे, मैं ब्रा नहीं पहनी थी मैं टेप पहनी थी वो टेप को ऊपर कर दिए और मेरी चूच को मुह से पिने लगे और दाँतो से दबाने लगे, मेरे मुह से सिस्कारियां निकलने लगी.

मैं अपने पैर को उनके पैर से रगड़ने लगी फिर वो मेरी ब्लैक कलर की पेंटी के निचे हाथ डाले और बोली सीमा आपकी चूत तो बहुत गरम और गीली हो चुकी है तो मैंने कहा ये सब आपके वजह से हुआ है, वो फिर मेरी पेंटी को उतार दिए और फिर मेरे चूत को चिर कर देखने लगे मुझे शर्म आ गई, मैंने अपने चूत को अपने हाथो से ढक लिए, वो फिर मेरी हाथ को हटा के चूत को निहारते हुए अपना लंड निकाले और मेरे चूत के छेद पे रख के जोर से घुसाने लगे, मेरी चूत काफी टाइट थी इस वजह से जा नहीं रहा था, वो जोर लगा रहे थे पर जाने का नाम नहीं ले रहा था फिर से जोर लगाये और उनका लंड मेरे चूत में अंदर चला गया पर खून की कुछ बुँदे बेडशीट पे गिर गया, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

मेरी चूत फट चुकी थी अब हुआ असल खले वो जोर जोर से अपना लंड मेरे चूत में डालने लगे, मैं चिल्ला चिल्ला के चुदवाने लगी, उन्होंने मेरी चूत को फाड़ दिए, मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था और मजा भी आ रहा था, मैं खूब चुदी करीब दो घंटे तक, फिर दोनों खल्लाश हो गए. उसके बाद वो वह सात दिन तक रहे और मुझे सात दिन में करीब १७ बार चोदे, अगले महीने मेरी शादी है, अब मैं दूसरे लंड का इंतज़ार कर रही हु, आपको मेरी कहानी कैसी लगी रेट जरूर करे.