Xxx ऐस्स डर्टी स्टोरी में एक चालू लड़की को लॉकडाउन में लंड नहीं मिला. उसका सम्पर्क मेरे साथ हुआ तो मैंने औरे मेरे दोस्त ने उसे चोदा. फिर मैंने उसकी गांड मारी.
कहानी के दूसरे भाग
गर्म लड़की को दो लंड का मजा दिया
में आपने पढ़ा कि लॉकडाउन में एक लड़की ने मेरे से सम्पर्क किया सेक्स के लिए. मेरे दोस्त और मैंने उसे बंद दूकान में चोदा.
अब आगे Xxx Ass Dirty Story:
उन्होंने मेरा लन्ड मुंह से निकाल दिया और मुझे खींचकर अपने पास कर लिया और मुझे किस करने लगी.
मैंने भी उनका पूरा साथ दिया और मैं उनके साथ ही लेट गया और एक जोरदार किस किया साथ ही उनको अपने से कस के चिपका लिया और इनको कस के अपनी बाहों में जकड़ लिया।
अब मैं किस करते हुए उनकी गांड को एक हाथ से पकड़ कर सहलाने और दबाने लगा।
क्या मस्त गांड थी उनकी!
कोई भी एक बार देख ले उसका मन जरूर करेगा कि काश एक बार ये गांड चोदने को मिल जाए तो मजा आ जाए।
लगभग पंद्रह मिनट हम लोग ऐसे ही मस्ती करते रहे।
तभी दोस्त ने मुझसे पूछा- क्या एक बार और चुदाई कर सकता हूं?
मैंने बोला- मुझसे क्या पूछ रहे हो, अंजू जी से ही पूछ लो।
दोस्त ने अंजू से कहा- मैं आपके साथ एक बार और सेक्स करना चाहता हूं।
अंजू जी ने मेरी तरफ सवालिया नज़रों से देखा, मैंने भी किस करके अपनी सहमति दे दी।
फिर अंजू जी दोस्त की तरफ मुंह करके बोली- ठीक है, कर लो।
तब अंजू ने एक बार और मेरे दोस्त के लन्ड से अपनी चूत की चुदाई करवाई।
जब वो अपनी चूत में दोस्त का लंड ले रही थी कभी मुझे किस करती तो कभी मेरा लन्ड चूसती।
इसी तरह एक बार और मेरा दोस्त उनको चोद कर झड़ गया.
लेकिन अंजू जी ने अभी भी मेरे लंड को चूसना बंद नहीं किया था।
मैं भी उनके मुंह को चूत समझ कर चोद रहा था।
बहुत देर तक चूसने के कारण मेरा वीर्य निकलने हो गया.
इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता, अंजू जी ने जोर से मेरे लंड को चूसा तो मेरे लन्ड से रुका न गया और सारा का सारा वीर्य अंजू जी के मुंह में गिरा दिया।
मेरे झड़ जाने के बाद जब तक मेरे लन्ड से वीर्य की एक एक बूंद नहीं निकल गई तब तक अंजू जी ने मेरा लन्ड नहीं छोड़ा, बस चूसती ही रहीं।
इसके बाद दोस्त कपड़े पहन कर बाहर निकल गया.
और अब हम दोनों ही बचे हुए थे।
इस चुदाई में अंजू जी काफी थक चुकी थी.
और मेरा भी दो बार वीर्य निकलने के कारण मुझे भी थकावट महसूस होने लगी।
हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेट गए.
और कब आंख लग गई पता ही नहीं चला।
जब मेरी अचानक आंख खुली तो देखा कि 4 बजने वाले थे।
चूंकि हम दोनों ही पूरे नंगे सोए थे तो जैसे मेरी नजर अंजू जी पर पड़ी, मैंने उनको फिर बाहों में भर लिया और उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा।
मेरी इस हरकत से अंजू जी की नींद उड़ गई और उन्होंने मुझे किस किया और मेरे लन्ड को पकड़ कर गुड मॉर्निंग बोला.
तो मैंने भी उनकी गांड को दबाकर उनको गुड मॉर्निंग बोला।
मैंने धीरे से एक उंगली उनकी गांड के छेद पर टिका दी और धीरे धीरे से उनकी गांड के छेद पर उंगली फिराने लगा।
इससे उनकी गांड खुलने बंद होने लगी।
कभी वो मेरी उंगली को अपने चूतड़ों से दबा देती तो कभी गांड को ढीला छोड़ देतीं।
उन्होंने अपने होठों को मेरे होठों से अलग करते हुए पूछा- क्या इरादा है?
मैं धीरे से उनके कान के पास मुंह ले जाकर उनके कान को चूमते हुए बोला- आपकी गांड मारने का इरादा है।
वो बोली- तेल है क्या?
मैं बोला- तेल तो नहीं है. थूक से काम चला लेंगे।
अंजू जी बोलीं- तेल होता तो अच्छा रहता. ऐसे दर्द बहुत होगा।
मैं बोला- जब तेल नहीं है तो कहाँ से लाऊं। और अब पता नहीं कब मिलना हो तो प्लीज माना मत करना।
वो बोली- ठीक है लेकिन आराम से करना. तुम्हारा लंड मोटा है मेरी गांड फाड़ देगा।
मैं बोला- आप चिंता मत करो, मैं आपकी सेक्सी गांड को बहुत प्यार से चोदूंगा। जिसमें आपको दर्द कम होगा और मजा ज्यादा आयेगा।
अंजू बोली- ठीक है।
मैं बोला- आइए आपकी गांड थोड़ी चिकनी कर देता हूं।
हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.
अब मेरा लन्ड उनके मुंह के सामने था और उनकी चूत और गांड मेरे मुंह के सामने थी।
उन्होंने मेरे लन्ड को मुंह में लिया और चूसने लगी.
इधर मैं भी उनकी चूत चाटने लगा और उनकी गांड पर थोड़ा थूक लगा कर उनकी गांड में उंगली डाल कर धीरे धीरे उनकी गांड के छेद को चौड़ा करने लगा।
जब मैं उनकी गांड में उंगली डालता तो वो अपनी गांड को टाइट कर लेती जिससे मेरी उंगली उनकी गांड में बड़ी मुश्किल से जा पाती।
कुछ देर ऐसे करने के बाद अब हम दोनों से बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया.
तो मैं उठा कर उनको बोला- आप ये जो एक्सरे मशीन वाली डेस्क है, इसको पकड़ कर घोड़ी बन जाओ।
अंजू जी ने बिना देर किए वैसा ही किया जैसा मैंने कहा।
अब मैं भी उनके पीछे झुक कर उनकी गांड को जीभ से चाटने लगा और उनके चूतड़ों को फैला कर उनकी गांड के अंदर जीभ डाल कर उनकी गांड के अंदरूनी भाग को चाटने लगा और उसको थूक से गीला करने लगा ताकि लंड डालने में ज्यादा परेशानी ना हो।
फिर मैं सीधा खड़ा हुआ और अंजू जी को मेरा लन्ड चूसकर गीला करने को बोला.
तो वो जल्दी से नीचे बैठ कर मेरा लन्ड चूसने लगी और खूब सारा थूक मेरे लन्ड पर लगा दिया।
जब मेरा लन्ड पूरा थूक से गीला हो गया तो मैंने उनको फिर से घोड़ी बनने को कहा.
वो बिना देर किए जल्दी से घोड़ी बन गई।
चूंकि वो मुझसे कद में बड़ी थीं तो मुझे उनकी गांड चोदने के लिए अपनी एड़ियों को ऊपर उठाना पड़ रहा था, जिससे लंड ठीक से उनकी गांड में सेट नहीं हो पा रहा था।
मैंने उनसे बोला- आप अपने पैरों को थोड़ा फैला लो जिससे कि आपकी गान्ड थोड़ी नीचे हो जाए तो मुझे आपकी गांड चोदने में आसानी होगी।
उन्होंने वैसा ही किया।
फिर मैंने थोड़ा सा उनकी गांड पर थूक दिया और उनके थूक से सने हुए अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर रखा और एक धक्का मारा.
लेकिन लन्ड गांड में घुसने के बजाय नीचे हो गया.
क्योंकि जैसे ही मैंने धक्का मारा, अंजू जी ने आपकी गांड को टाइट कर लिया था।
मैं बोला- आप गांड को ढीली रखो, तभी लन्ड अन्दर जा पायेगा।
इस बार मैंने फिर से थोड़ा सा उनकी गांड पर थूका और थोड़ा सा थूक अपने लन्ड पर भी लगाया और दोबारा से लंड को उनकी गांड के छेद पर रखा।
मैंने जैसे ही उनकी गांड के छेद पर लंड रखा, वैसे ही एक जोर का धक्का मार दिया.
जिससे मेरा आधे से कम लन्ड उनकी गांड को चीरता हुआ अंदर घुस गया।
मेरा लन्ड उनकी गांड में घुसते ही उनको तेज दर्द हुआ और वो जोर से कराह उठी।
अगर बाहर कोई होता तो उनकी कराह को जरूर सुन लेता.
लेकिन कोरोना का माहौल था टाइम भी रात के 4 बजे के आसपास का था तो ज्यादा दिक्कत नहीं थी।
मैं बोला- ज्यादा जोर से मत चिल्लाओ. नहीं तो दिक्कत हो जायेगी।
मैंने उनको प्यार से समझाते हुए कहा।
इस पर वो रुआंसी सी बोली- क्या करूं … दर्द ही इतना जोर से हुआ कि खुद को रोक ही नहीं पायी।
मैंने कहा- ठीक है, अब आराम से करूंगा. लेकिन आप अपनी गांड को टाइट रखोगी तो आपको दर्द ज्यादा होगा. आप गांड को ढीला छोड़ दो. मैं बहुत प्यार से आपकी गांड चोदूंगा।
फिर उन्होंने अपनी गांड को थोड़ा ढीला छोड़ दिया और मैं अपने लन्ड को उनकी कड़ी हुई गांड में धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा।
कुछ देर बाद जब वो भी मेरे लन्ड को अपनी गांड में लेने के लिए अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेलने लगी तो मैंने एक और जोर का धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लन्ड उनकी गांड को चीरता हुआ पूरा अंदर घुस गया।
दर्द तो उन्हें इस बार भी हुआ लेकिन उन्होंने इस दर्द को सहन कर लिया और बस एक मीठी सी कामुक सिसकारी मुंह से निकाली.
जिसे सुनकर मेरा लन्ड और जोश में आ गया और मैं उनकी गांड में लन्ड को आगे पीछे करने लगा।
आपको बताना भूल गया ही गया कि मैं अंजू जी की गांड बिना कन्डोम के मार रहा था क्योंकि एक पैकेट में 3 हो कन्डोम होते हैं।
एक तो मैं पहले ही इस्तेमाल कर चुका था, बाकी के दो मेरे दोस्त ने इस्तेमाल किए थे तो मजबूरी में बिना कंडोम के ही गांड मारनी पड़ी।
लेकिन आप लोग एक बात का ध्यान रखना कि आप लोग अगर किसी की मरना या मरवाना तो कॉन्डोम का इस्तेमाल जरूर करना।
बिना कंडोम के गांड चुदाई से बहुत सी घातक बीमारियां हो सकती हैं.
तो प्लीज इस बात का ध्यान रखना।
खैर मैं अपनी Xxx ऐस्स डर्टी स्टोरी पर आता हूं।
फिर मैंने उनकी गांड से लन्ड निकाल लिया और उनको लन्ड चूसने को बोला.
वो भी पूरे जोश में थी, बिना देरी किए लंड को पूरा मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगी।
जब लन्ड पूरा गीला हो गया तो मैंने फिर से उनको घोड़ी बना दिया और फिर एक ही बार में उनकी गांड में पूरा का पूरा लंड घुसा दिया।
अब मेरे लन्ड ने एक बार उनकी गांड में अपनी जगह बना ली थी इसलिए दोबारा में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई.
और अब मैं उनके चूतड़ों को सहलाता, तो कभी जोर जोर से मसलता तो कभी उनके मस्त भरे भरे चूतड़ों पर प्यार से थप्पड़ मारते हुए उनकी गांड चोद रहा था।
उनको भी थप्पड़ खाकर अपनी गांड चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था क्योंकि जब भी मैं उनकी गांड पर थप्पड़ मारता तो वो बहुत कामुक सिसकारी निकालती जिससे मुझे और जोश आता तो मैं और जोर से उनकी गांड में धक्के मारता।
मेरा पूरा लन्ड अब उनकी गांड में बड़ी आसानी से आ जा रहा था.
और उनको भी अपनी Xxx ऐस्स डर्टी चुदाई में बहुत मजा आ रहा था।
अब मेरा लन्ड पानी निकलने वाला था तो मैं बोला- मैं झड़ने वाला हूं.
तो उन्होंने कहा- मेरी गांड में ही झड़ जाओ।
मैं अब और जोर जोर से उनकी गांड में धक्के लगाने लगा और 6-7 धक्कों के बाद ही मैं अंजू जी की रसीली गांड में झड़ गया।
जब मैं झड़ रहा था तो मैंने उनके चूतड़ों को जोर से पकड़ा हुआ था।
सारा वीर्य उनकी गांड में छोड़ने के बाद लन्ड अपने आप ही उनकी गांड से बाहर निकल आया।
उनकी गांड मेरे लन्ड रस से भरी हुई थी और मेरा वीर्य उनकी गांड के छेद से निकलकर उनकी मांसल जांघों से होता हुआ नीचे की तरफ जा रहा था.
कुछ बूंद बूंद करके नीचे जमीन पर गिर रहा था।
अब वो सीधी हुईं और नीचे बैठ कर मेरे लन्ड पर लगे मेरे वीर्य को देखने लगी.
और फिर धीरे से पास आकर मेरे लन्ड को जीभ से चाटने लगी।
शायद उनको मेरे लन्ड रस के साथ उसमें लगे उनकी गांड के रस को टेस्ट करना था।
फिर उन्होंने मेरे लन्ड को पूरा मुंह में ले लिया और लंड पर लगे मेरे वीर्य को पूरा साफ कर दिया।
फिर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए।
दोस्तो, जब वो आई थी तो अपने साथ नूडल्स बना कर लाईं थीं खाने के लिए।
लेकिन चुदाई के आगे खाने का याद ही नहीं रहा।
इसलिए जब हम पूरी तरह फ्री हो गए तो उन्होंने अपने बैग से उसको निकाला, थोड़ा खुद खाया और बाकी का मुझे दे दिया।
मैं बोला- मैं बाद में खा लूंगा.
फिर मैंने अपने दोस्त को कॉल करके बुला लिया जो कि बगल वाली दुकान में था।
हमने अंजू जी को उनके घर से थोड़ी दूरी पर छोड़ दिया जहाँ उन्होंने कहा।
फिर हम अपने घर वापस आ गए।
जिस बॉक्स में वो नूडल्स लाई थी और वो मुझे देकर चली गई थी, वो बॉक्स आज भी मेरे घर रखा हुआ है।
दोस्तो, आज की मेरी आपबीती यही पर खत्म होती है।
अगली आपबीती में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने अंजू जी के साथ ही उनके घर पर उनकी चुदाई की।
आपको यह Xxx ऐस्स डर्टी स्टोरी कैसी लगी?
ईमेल और कमेंट करके जरूर बताइएगा।
आप सभी स्वस्थ रहिए और चुदाई का मजा लेते रहिए।
मेरी ईमेल आईडी [email protected] है।