मधु की सेक्स कहानी में मैंने एक वकील की गर्म बीवी को चोदा. उसका नाम मधु था. शुरू से ही मुझे शादीशुदा औरतों की चुदाई का मन था। एक बार मैं अपने दोस्त के साथ वकील के घर गया।
दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं रायपुर में रहता हूं।
मेरी जॉब भी यहीं पर है।
यह Madhu ki Sex Kahani उस समय की है जब मैं 25 साल का था और यहां पर अकेला रहता था।
दोस्तो, मुझे शुरू से ही सेक्स का बहुत शौक रहा है।
मेरी गर्लफ्रेंड भी रही है जिसके साथ मैंने चुदाई के पूरे मजे लिए।
लेकिन मेरा मन शादीशुदा औरतों के साथ सेक्स का ज्यादा करता था।
मुझे ऐसी कोई औरत नहीं मिली थी जिसके साथ मेरी ये इच्छा पूरी हो सके।
मेरा मन था कि अपने से बड़ी उम्र की मैरिड लेडी की चुदाई करूं, जमकर उसकी चूत और गांड मारूं।
मैं हमेशा से ताक में रहता था कि कोई खूबसूरत भाभी लाइन दे और मैं उसे पटा लूं।
मगर अभी तक मुझे कोई ऐसी मिली नहीं थी।
ऐसे ही समय बीतता जा रहा था।
फिर एक बार मैं अपने दोस्त के साथ एक वकील के घर गया हुआ था।
मेरे दोस्त को उस वकील से कुछ काम था तो मैं भी साथ चला गया था।
हम वहां जाकर बैठे तो उनकी बीवी चाय और नाश्ता ले आई।
उसने नाश्ता रखते हुए हमारी तरफ देखकर स्माइल किया।
मैंने उस भाभी को ध्यान से देखा।
वह काफी खूबसूरत लग रही थी।
जब वो चाय रखकर वापस जाने लगी तो उसकी मोटी गांड पर नजर गई जो हिलती हुई बड़ी सेक्सी लग रही थी।
भाभी की गदराई गांड देखकर मेरा तो लंड वहीं पर खड़ा होना शुरू हो गया।
फिर वकील आ गया।
उससे बातें हुईं।
वकील ने दोस्त को बताया कि अभी कुछ तारीखें और लगेंगी कोर्ट में जिन पर आना होगा।
इसलिए हमें उनके पास आते रहना था अभी।
फिर हम बात करके वहां से निकल गए।
यहां पर एक खास घटना हुई। जब हम बाहर निकल रहे थे तो मैंने घर की तरफ दोबारा से नजर डाली।
देखा तो वो भाभी बालकनी में थी और देखकर स्माइल कर रही थी।
मैं भी उसको देखता रहा।
फिर हम आगे जाकर मुड़ गए और नजारा वहीं खत्म हो गया।
मुझे भाभी को घूरते हुए दोस्त ने भी देख लिया था।
आगे जाकर वो बोला- मस्त है ना ये भाभी?
मैं- हां यार … एकदम गजब गदराया माल है।
दोस्त- हां, इसका नाम मधु है. मैंने तो सुना है काफी फ्रैंक है, मधु सेक्स, चुदने की भी शौकीन है!
मैं- अच्छा? तो अगली बार कब आएगा तू वकील के पास? आए तो मुझे भी बताना, मैं भी आ जाऊंगा तेरे साथ!
दोस्त- ठीक है।
उसके कुछ दिन बाद मैं फिर से दोस्त के साथ वकील के घर आ पहुंचा।
घर पहुंचने के बाद पता चला कि वो हमारा इंतजार कर रहे थे लेकिन अचानक जरूरी कॉल आने पर शहर से बाहर निकल गए।
घर पर मधु भाभी ही थी।
जरूरी दस्तावेज मेरे दोस्त ने भाभी को ही दे दिए और कहा कि वकील साहब को दे दें।
हम निकलने लगे तो भाभी बोली- चाय रख दी है बनने के लिए, पीकर जाइएगा।
फिर हम दोनों दोस्त वहीं बैठ गए।
भाभी उस दिन साड़ी में थी और एकदम से तैयार हो रखी थी जैसे कहीं जाने की तैयारी हो।
बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी वो!
भाभी की बड़ी बड़ी चूचियां आज कुछ अलग ही कहर ढहा रही थीं।
पीठ भी आधी नंगी दिख रही थी।
मधु भाभी भी मुझे बार-बार देखकर मुस्करा रही थी।
मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैंने पूछा- भाभी, आज कहीं जा रहे हो क्या?
वो बोली- हां, फिल्म देखने का प्लान है। आप भी चलोगे क्या?
मैं- हां जी, आप ले चलोगे तो जरूर चलेंगे।
भाभी भी जैसे इसी इंतजार में थी, बोली- तो चलिए फिर, चलते हैं! मैं अभी चाय लेकर आई।
पांच मिनट बाद भाभी चाय लेकर आ गई।
हमने चाय खत्म की।
भाभी बोली- आप दोनों चलोगे क्या?
मैंने कहा- नहीं, ये तो घर जाएगा, मैं चलूंगा आपके साथ।
मुझे डर था कि दोस्त कहीं बना बनाया काम बिगाड़ दे!
मैंने दोस्त से कहा- तुम ऑटो से निकल जाओ, मैं भाभी को बाइक पर ले जाता हूं।
दोस्त मेरी तरफ देखकर मुस्कराया और बोला- ठीक है, मैं ऑटो से चला जाऊंगा।
फिर मेरा दोस्त निकल गया।
मैं और भाभी बाइक से फिल्म देखने के लिए निकल गए।
भाभी का नाम अनीता (बदला हुआ) था।
हम दोनों समय से थियेटर पहुंच गए।
हमने दो बालकनी की टिकट ली थी।
हम साथ में बैठकर फिल्म देखने लगे।
बीच में ही फिर मैंने भाभी को अपना परिचय भी दिया।
मैंने कहा- आप तो बहुत ही सुंदर और सेक्सी लगती हो!
भाभी- तभी तो आपके साथ आई हूं।
मैं- तो आपका नम्बर भी मिल सकता है क्या?
भाभी- सब कुछ दूंगी, बस मुझे भी सब कुछ पसंद आना चाहिए।
मैं उनका इशारा समझ गया. मधु सेक्स की बता कर रही थी।
फिल्म शुरू हो चुकी थी। लाइटें बंद थीं।
मेरा लंड तो भाभी के पास बैठने के कारण पहले से ही खड़ा हो चुका था।
उनके बदन से आती खुशबू मुझे पागल बना रही थी।
मैंने धीरे से अपना हाथ उनके हाथ पर रख दिया।
भाभी ने कुछ नहीं कहा।
मैं हाथ को पकड़ कर उठाते हुए अपने पास लाया और उसे चूम लिया।
वो कुछ नहीं बोलीं।
फिर मैंने धीरे से जांघ पर हाथ रखा और सहलाना शुरू कर दिया।
भाभी कुछ नहीं बोल रही थी।
फिर धीरे से भाभी का हाथ भी मेरी जांघ पर आ गया।
वो हाथ को आराम से रखे रही।
मेरा मन था कि भाभी लंड को पकड़ ले, लेकिन अभी उसने पकड़ा नहीं था।
मैं हिम्मत करके उनके चेहरे तक हाथ ले गया और किस करना शुरू कर दिया।
भाभी भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
आसपास की सीटों पर कोई नहीं था तो आराम से होंठ चुसाई चल रही थी।
फिर मैंने भाभी के दूधों को दबाते हुए हाथ अंदर डाल दिया।
मैं एक हाथ से उनके बूब्स दबाने लगा और वो उम्म … आह … करके हल्की आहें भरने लगीं।
मैं बीच-बीच में इधर-उधर देखता और फिर काम में लग जाता। जब मैंने उनकी नाभि के नीचे हाथ डालकर उनकी चूत को टच किया तो देखा उनकी चूत क्लीन थी।
मैं उसे सहलाने लगा।
चूत पर से वो हाथ हटाने लगी और बोली- सब यहीं पर कर डालोगे क्या?
मैं बोला- तो कहां?
भाभी- यहां से घर जाने के बाद!
सुनकर मैं खुश हुआ और बोला- तो फिलहाल तो थोड़ी मस्ती करने दो!
भाभी- पहले अपना हथियार दिखाओ, पसंद आएगा तो कुछ करने दूंगी, मैं ब/च्चों के साथ नहीं खेलती।
मैं भी जोश में आ गया और पैंट की चेन खोलकर लंड बाहर निकाल कर भाभी के हाथ में पकड़ा दिया।
भाभी ने लंड को अच्छे से हाथ में पकड़ कर, दबाकर और सहलाकर देखा।
फिर कान में बोली- सामान तो मस्त है! ऐसा ही चाहिए है मुझे!
फिर वो लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।
मुझे मजा आने लगा।
मैंने भाभी को लंड चूसने के लिए कहा।
वो नीचे झुकी और लंड को मुंह में भरकर एक-दो बार चूसा।
फिर उन्होंने लंड को मुंह से निकाल दिया और बोली- अभी के लिए इतना ही काफी है।
फिर हम बैठ गए।
लेकिन मेरा तो मन ही नहीं लग रहा था।
बस मैं भाभी को चोदने के लिए मरा जा रहा था।
भाभी की चुदाई की कल्पना बार-बार पर्दे पर मेरे सामने आ रही थी।
किसी तरह मैंने फिल्म खत्म की।
फिर हम वहां से निकल आए।
रास्ते में आते हुए मैंने कहा- मुझे आप जैसी, बड़ी उम्र की, हॉट और शादीशुदा महिला पसंद आती हैं।
मधु- और मुझे बस बड़ा और मोटा लंड चाहिए है।
मैं- मेरा कैसा है?
भाभी- बाहर से तो मस्त है, जब चूत में जाएगा तब पता चलेगा कि कितना दम है। मेरे से पहले कितनी चोदी हैं?
मैं- 4-5 चोदी हैं।
भाभी- मैरिड कितनी थीं उनमें?
मैं- कोई भी नहीं।
मैंने पूछा- आपने कितनों का लिया है?
वो बोली- बस ये जान लो कि तुमसे ज्यादा के साथ कर चुकी हूं।
फिर मैंने पूछा- मधु सेक्स में आपकी कोई खास इच्छा?
भाभी- कोई इतना चोदे कि मैं थक जाऊं!
मैं- इतना तो कोई गोली खाकर ही चोद सकता है।
वो बोली- सच में?
मैं- हां।
दोस्तो, ये बात मैंने अपने दोस्तों से सुनी थी कि सेक्स की गोली खाकर लंड काबू से बाहर हो जाता है, लौड़ा बड़ा और मोटा हो जाता है, जल्दी से पानी भी नहीं निकलता है।
इतने में भाभी बोली- चलो ठीक है, अभी तो तुम मुझे घर छोड़ दो, रात को आना, आराम से करेंगे।
मैं- लेकिन मेरा लंड तो खड़ा है कितनी देर से, इसको शांत तो करोगी?
भाभी- ठीक है, देखते हैं।
फिर हम दोनों घर पहुंच गए।
वो कपड़े बदलने चली गई।
पीछे-पीछे मैं भी जा पहुंचा।
मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया और बोला- मैं उतार दूं भाभी?
भाभी- नहीं, रात में उतारना।
फिर मैं उनको पीछे से पकड़ कर किस करने लगा।
उनके बूब्स को दबाने लगा।
फिर मैंने ब्लाउज खोल दिया और ब्रा भी उतरवा दी।
साड़ी ऊपर करके मैंने पैंटी नीचे खींच दी और टांगों के बीच जाकर चूत पर मुंह लगा दिया।
वो एकदम से सिहर गई।
मैं भाभी की चूत को चूमने और चाटने लगा।
वो कभी हंस देती तो कभी सिसकार जाती।
मधु सेक्स के लिए तैयार थी.
भाभी की चूत से मस्त खुशबू आ रही थी।
मैंने पकड़ कर उसे बेड पर बिठा लिया और साड़ी ऊपर करके टांगें खुलवा लीं।
अब मैं उनकी टांगें खुलवाकर अच्छे से चूत में मुंह लगाने लगा।
उनकी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … अम्म … रुक जा … अभी ही सब कुछ कर लेगा क्या!
मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट खुलवा दिया।
वो रोक रही थी लेकिन मैंने फिर भी जिद करके निकलवा दिया।
अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी।
मैंने दोनों हाथ चूचियों पर रखे और दबाते हुए नीचे चूत पर मुंह लगा दिया।
मैं अब भाभी पर दोहरा वार कर रहा था।
नीचे से उनकी चूत को मजा दे रहा था और ऊपर से चूचियों को भींचकर उनकी चुदास जगा रहा था।
अब एकदम से उठकर मैंने भाभी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया, नीचे से एक हाथ ले जाकर चूत को जोर से मसलने लगा।
भाभी आह्ह … ऊह्ह … अह्ह … अईई … आह्ह जैसी आवाजें करने लगी।
फिर मैंने उनको पलटा दिया और बेड पर घोड़ी बना दिया।
मैंने लंड को पीछे से चूत पर टिकाया और ऊपर नीचे रगड़ने लगा।
भाभी की फूली हुई चूत पर लंड की रगड़न उनको चुदने के लिए उकसा रही थी।
फिर जब मुझे लगा कि भाभी लंड लेने के लिए पूरी तैयार है तो मैंने गच्च से चूत में लंड धकेल दिया।
भाभी के मुंह से हल्की आह्ह निकली।
फिर मैंने धीरे से धक्के लगा लगाकर पूरा लंड चूत में उतार दिया।
मैं भाभी की चुदाई करने लगा और कुछ ही देर में लंड गचागच भाभी की चूत में अंदर बाहर होने लगा।
वो भी बड़ी खिलाड़ी थी … आराम से लंड को चूत में ले रही थी।
अब दोनों को ही खूब मजा आ रहा था।
भाभी कहने लगी- आह्ह … और जोर से … आह्ह और तेज … और चोदो … हए … आह्ह … क्या मस्त लंड है … कितना मजा आ रहा है … और घुसाओ … अंदर तक … आह्ह … और तेज मेरे राजा!
शादीशुदा औरत की चुदाई का मजा पहली बार मुझे मिल रहा था।
बहुत ही अलग मजा आ रहा था मुझे चूत मारने में।
भाभी की गांड बड़ी और गोरी थी।
मैंने 15-20 मिनट लगातार अलग-अलग पोजीशन में भाभी की चुदाई की।
फिर उनकी चूत में ही पानी निकाल दिया।
मेरे चोदने के तरीके से वो खुश हो गई और बोली- तुम असली मर्द हो, मेरी चूत ने तो कई बार पानी छोड़ा!
फिर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
चूसते हुए बोली- रात में आना, फिर फुर्सत में मेरी चूत और गांड मारना। और हो सके तो गोली खा लेना।
फिर मैंने भाभी को गले लगाया और किस किया।
फिर मैं वहां से आ गया।
रात को 10 बजे मैंने गोली खाई और 11 बजे उनके घर पहुंच गया।
मधु सेक्स के लिए बेचैन थी, वह मेरा इंतजार कर रही थी।
उस वक्त उन्होंने लाल जालीदार गाउन और नीचे काली ब्रा-पैंटी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
मैं जाते ही उन पर टूट पड़ा और किस करते हुए जल्दी से सारे कपड़े निकाल दिए।
मैं भाभी को नंगी करके जोर से चूमने और चूसने लगा … दूधों को दबाते हुए निप्पलों को मुंह में लेकर चूसने लगा।
बहुत मजा आ रहा था।
फिर वो बोली- अपने कपड़े कब उतारोगे?
मैं बोला- तुम ही उतार दो ना डार्लिंग!
फिर भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी ने लंड को देखा तो खुश हो गई।
बोली- क्या मस्त हथियार है तुम्हारा, एकदम सख्त और गर्म।
मैं- आज आपको सेक्स का असली मजा दूंगा।
फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
फिर 69 में आ गए।
कुछ ही देर में मधु भाभी पूरी चुदासी हो गई और बोली- बस अब और मत तरसाओ, डाल दो जल्दी।
मैंने ऊपर आकर भाभी की चूत पर लंड का निशाना लगाया और गचागच चोदने लगा।
भाभी आह्ह … ऊह्ह करने लगी।
लंड पूरा अंदर जा रहा था और बच्चेदानी से टकरा रहा था।
कुछ ही देर में भाभी की चूत से पानी निकलने लगा।
लंड के अंदर-बाहर होते समय पच-पच की आवाजें होने लगीं।
फिर मैंने भाभी को ऊपर आने को कहा।
वो ऊपर आ गई और लंड को सेट करके उस पर बैठती चली गई।
अब मधु चूत में लंड लेकर उछलने लगी।
उनके चूचे भी साथ में उछल रहे थे।
बहुत मजा आ रहा था भाभी को ऐसे चुदते देखकर!
कुछ देर उछलकर वो थक गई।
फिर बोली- अब तुम करो, गांड में।
मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से गांड में लंड डालने लगा।
लंड घुसा तो भाभी चीखने लगी।
उसने गांड तो मरवाई थी लेकिन इतना मोटा लंड नहीं लिया था।
फिर मैं धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा।
वो आह्ह … ऊह्ह … मर गई … करके चीखती रही।
फिर मैं जोर जोर से चोदने लगा तो भाभी को गांड चुदवाने में मजा आने लगा।
10 मिनट की चुदाई में भाभी की गांड लाल हो गई।
लेकिन मेरा नहीं हो रहा था।
भाभी थक चुकी थी और रुकने के लिए कह रही थी।
मगर मैं लगातार भाभी की गांड चुदाई में लगा रहा।
बड़ी मुश्किल से उनकी गांड में मेरा माल निकला।
फिर हम शांत हो गए।
फिर दोनों नंगे ही चिपक कर लेट गए।
मैंने पूछा- कैसा लगा?
मधु बोली- आज तक इतना मजा नहीं आया, दर्द हुआ परन्तु मजा उससे ज्यादा आया।
फिर कुछ देर बाद फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गया।
वो बोली- लन्ड खड़ा ही है क्या?
मैं बोला- आपने गोली खाकर आने को बोला था। ये अब टिकने वाला कहां है। आज तो आपको नानी याद दिलाऊंगा।
वो बोली- फंस गयी यार …
फिर मैं उनको नंगी दबोच कर जबरदस्त तरीके से चोदने लगा।
उनको दर्द कम हो इसलिए हमने बीयर भी पी ली।
फिर जब नशा हुआ तो भाभी मस्त चुदने लगी।
कभी चूत तो कभी गांड में गपागप लंड पेलता गया मैं!
मैं बारी-बारी भाभी की चूत और गांड का बैंड बजा रहा था।
भाभी की चूत से बार-बार पिचकारी छूट जाती थी।
पूरी रात मैंने भाभी की चुदाई जमकर की।
मधु की हालत खराब हो गई।
मगर हम दोनों को मजा खूब आया।
उसके बाद सुबह से फिर उनको बाथरूम में नहाने के समय चोदा।
भाभी मेरे लंड की दीवानी हो गई।
उस दिन के बाद मैंने भाभी को न जाने कितनी बार चोदा है।
उनकी चूत और गांड अब मेरे लंड की आदी हो चुकी है।
वो अभी भी बोलती रहती है कि आप मेरे पति होते तो रोज कई बार चुदती। ऐसे डरकर चुदने में रिस्क रहता है।
तो दोस्तो, इस तरह से मैंने पहली बार शादीशुदा औरत की चूत मारी।
मुझे बड़ा मजा आया।
आपका अनुभव क्या है, मुझे अपना फीडबैक जरूर दें।
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