advertisement
advertisement
लंड लेते ही आसमान की सैर की
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मैं बाथरूम में नहाने के लिए गई तो देखा बाथरूम का नल खराब था उससे पानी काफी तेजी से टपक रहा था। मैं तो नहा गई लेकिन पानी बहुत ज्यादा टपकने लगा था जिस वजह से मैंने आदित्य को कहा आदित्य क्या तुम प्लंबर को बुलवा सकते हो। आदित्य ने हां का जवाब दिया और वह रूम में चले गए। मुझे लगा आदित्य ने शायद सुना नहीं है मैं जब आदित्य के रूम में गई तो वह चश्मा लगाए मेज पर बैठे हुए थे और अपनी किताब पढ़ने में इतने मस्त थे की उन्हें कुछ पता ही नहीं चला कि मैं कब कमरे में आ गई। मैंने आदित्य से कहा लगता है आदित्य तुमने मेरी बात नहीं सुनी वह कहने लगे अक्षिता मैंने तुम्हारी बात सुन ली है मैं थोड़ी देर बाद प्लंबर को बुला दूंगा। मैंने आदित्य से कहा लेकिन तब तक तो पानी बहुत ज्यादा गिर जाएगा तुम बाथरूम में जाकर देखो पानी कितना ज्यादा टपक रहा है।

वह कहने लगे ठीक है बाबा अभी देख लेता हूं उनके यह कहते हुए मैं थोड़ा आश्वस्त हो गई और जब उन्होंने बाथरूम में जाकर देखा तो पानी बहुत ज्यादा टपक रहा था उन्होंने मुझे कहा ठीक है मैं अभी प्लंबर को बुला देता हूं। हमने जब प्लंबर को फोन किया तो प्लंबर भी किसी राजा से कम नहीं था उसने कहा साहब देखता हूं यदि मुझे समय मिलेगा तो मैं आ जाऊंगा। आदित्य अब सोचने लगे कि किस को बुलाया जाए जब आदित्य ने मुझे कहा कि मैं खुद ही प्लम्बर को ले आता हूं तो वह खुद ही चले गए जब वह गए तो वह प्लंबर को अपने साथ ही ले आए। प्लंबर नल को देखने लगा वह कहने लगा साहब इसे बदली करवाना पड़ेगा आदित्य ने कहा मैंने कुछ दिन पहले ही तो इसे नया खरीदा था, ना जाने अब तक मै कितने नल लगवा चुका हूं लेकिन कोई भी नल ज्यादा दिन तक टिकता ही नहीं है। वह प्लंबर कहने लगा साहब अब नकली चीज लाओगे तो वह कितने दिन तक चलेगी आदित्य ने कहा कि चलो यह बताओ इसमें कितना खर्चा आ जाएगा। वह कहने लगा साहब इसमें 1000 तक का खर्चा आएगा लेकिन मुझे तो यह बहुत महंगा लग रहा था और आदित्य को भी बेवजह हजार रुपए खर्च करना पसंद नहीं आ रहा था। आदित्य ने उस पलंबर से कहा भैया कुछ कम तो करो वह कहने लगा आप 950 दे दीजिएगा इससे कम संभव नहीं हो पाएगा।

हम लोग चाहते थे कि वह पैसे कम कर ले और आखिरकार वह मान गया आदित्य ने कहा ठीक है आप नल बदल दीजिए। अब उसने नल तो बदल दिया था लेकिन उसकी भी कोई गारंटी नहीं थी की कितने दिन तक नल चलने वाला है मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि सुबह सुबह ही 800 खर्च हो गए थे। मैंने आदित्य से कहा क्या आप मेरे साथ चलेंगे आदित्य कहने लगे कहां चलना है मैंने आदित्य से कहा यदि आपकी आज छुट्टी है तो हम लोग घर का राशन भी भरवा लेते हैं। आदित्य कहने लगे ठीक है घर का राशन भी आज ही भरवा लेते हैं। हम लोगों ने घर का राशन भरवा लिया और शाम तो हो ही चुकी थी और जब शाम हो गई तो उसके बाद आदित्य कहने लगे आज तो दिन पूरा खराब हो गया। मैंने आदित्य से कहा लेकिन घर का तो काम हो ही गया आदित्य कहने लगे चलो अब खाना बना दो मुझे बहुत भूख लग रही है। जब आदित्य ने पूछा कि बच्चे कहां है तो मैंने आदित्य से कहा वह अभी आते ही होंगे। बच्चे आस-पड़ोस में घूमने के लिए चले जाते थे और जब वह लौटे तो आदित्य ने उन्हें डांटना शुरू कर दिया मैंने आदित्य को कहा कि उन्हें मत डाँटिये। आदित्य कहने लगे बच्चे बिना बताए कहीं भी चले जाते हैं यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है और तुम इन्हें कुछ ज्यादा ही सर पर चढ़ाती जा रही हो। मैंने आदित्य से कहा कि आप अभी मत बोलिए आदित्य गुस्से में अपने कमरे में चले गए और मैं रसोई में चली गई मैंने खाना बना लिया था लेकिन जब मैं कमरे में गई तो मैंने देखा आदित्य बिस्तर पर लेटे हुए थे उन्होंने अपने चश्मे को पहना हुआ था और किताब उनके सीने पर थी। मैंने किताब को हटाते हुए मेज पर रख दिया और आदित्य से कहा कि आप भोजन कर लीजिए आदित्य कहने लगे बस अभी आता हूं। आदित्य बाथरूम में चले गए और थोड़ी देर बाद आ गए तब तक मैंने खाना टेबल पर लगा दिया था बच्चों ने भी हमारे साथ ही भोजन किया।

अगले दिन सुबह 7:00 बजे आदित्य का चचेरा भाई गांव से आ गया वह बिना बताए ही आ गया था आदित्य कहने लगे कम से कम एक बार बता तो देते। वह कहने लगा भैया बताने का समय ही नहीं लग पाया आदित्य कहने लगे चलो कोई बात नहीं मैं तो ऑफिस निकल जाऊंगा लेकिन तुम्हारी भाभी घर पर ही हैं। आदित्य ऑफिस के लिए तैयार होने लगे तो उनका भाई कहने लगा कि भैया आप ऑफिस जा रहे हैं तो आदित्य ने संजीव से कहा हां मैं ऑफिस जा रहा हूं। जब आदित्य ने संजीव से कहा तो वह कहने लगा कि भैया मैं भी अपने इंटरव्यू के लिए यहां आया हुआ था मैंने संजीव से पूछा तुम्हारा कौन सी कंपनी में इंटरव्यू है संजीव कहने लगा भाभी जी मैंने एक फार्मास्यूटिकल कंपनी में इंटरव्यू दिया हुआ है देखो अब क्या होता है। आदित्य ने संजीव से पूछा तुम्हारा इंटरव्यू कब है वह कहने लगा भैया आज ही है और आज दोपहर 2:00 बजे इंटरव्यू का समय है। आदित्य कहने लगे मैं तो ऑफिस जा रहा हूं और तुम भी इंटरव्यू अच्छे से देना यह कहते हुए वह चले गए मैंने आदित्य को टिफिन दिया और उसके बाद वह अपने ऑफिस के लिए निकल गए। मैंने संजीव से कहा मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूं संजीव कहने लगा हां भाभी आप मेरे लिए नाश्ता बना दीजिए।

मैं संजीव के लिए नाश्ता बनाने लगी और संजीव भी अपने इंटरव्यू पर जाने के लिए तैयारी करने लगा वह अपने डॉक्यूमेंट को अच्छे से संभाल रहा था ताकि कोई भी दिक्कत ना हो। मैंने संजीव के लिए नाश्ता बना दिया था संजीव को मैंने घोषणा करते हुए कहा कि संजीव तुम नाश्ता कर लो संजीव कहने लगा बस भाभी अभी आया। संजीव बाहर आया तो वह कहने लगा मैं नहा लेता हूं उसके बाद ही मैं नाश्ता करूंगा मैंने संजीव से कहा ठीक है तुम नहा लो। संजीव नहाने के लिए चला गया और मैं उसके लिए नाश्ता तैयार कर चुकी थी संजीव बाथरूम से बाहर निकला और खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर आया तो कहने लगा कि आपने क्या बनाया है। मैंने उसे कहा मैंने तो आलू के पराठे बनाए हैं वह कहने लगा आपने तो आज मेरे पसंदीदा पराठे बना दिए हैं। मैंने उसे कहा तुम पराठे खाओ तो संजीव पराठे खाने लगा और मैं भी उसके साथ अपने सुबह का ब्रेकफास्ट कर रही थी। हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और कुछ देर तक हम लोग साथ में बैठे रहे लेकिन जब संजीव ने अपने तौलिए को निकाला तो उसके अंडरवियर को देखकर मैं उसकी तरफ मचलने लगा। मैंने संजीव से कहा मुझे तुम्हारे लंड को अपने मुंह में लेना है संजीव कहने लगा भाभी क्या बात कर रही हो भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे और आप अपनी मर्यादाओं को लांघ रही है। मैंने संजीव से कहा कोई बात नहीं इस वक्त मैं किसी को नहीं बताऊंगी हम दोनों अकेले हैं यह बात हम दोनों के बीच तक ही रहेगी। संजीव मुझे कहने लगा भाभी यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है भैया का भरोसा मुझ पर से उठ जाएगा। मै संजीव के लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी और जब म संजीव के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती तो उसे मजा आ जाता और मुझे भी मजा आ जाता। इससे संजीव पूरा उत्तेजित होने लगा था वह अपने आपको रोक ना सका मैंने भी संजीव के सामने अपने कपड़े उतारे तो वह भी शायद अपने आपको ना रोक सका। जैसे ही संजीव ने मेरी चूत को चाटा तो उसे अच्छा लगने लगा मुझे भी मजा आ रहा था वह भी पूरी तरीके से मजे में आ गया था।

काफी देर तक उसने मेरी चूत को चाटा जब उसने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया तो मुझे और भी मजा आने लगा। संजीव मेरे स्तनों का रसपान कर रहा था उससे मेरे स्तनों से दूध बाहर की तरफ निकलने लगा मेरा दूध अब इतना बाहर निकालने लगा कि मेरी योनि से पानी निकलने लगा। जैसे ही संजीव ने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मैने संजीव से कहा कसम से तुमने तो मेरी इतने बरसों की मुराद को पूरा कर दिया है। मुझे बड़ा अच्छा लगता इसी के साथ संजीव ने मेरे दोनों पैर को खोल दिया और जिस प्रकार से संजीव मेरे चूत के अंदर बाहर करता मुझे अच्छा लगता। उसका लंड आसानी से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था और संजीव को भी मजा आ रहा था। संजीव कहने लगा भाभी आप घोडी बन जाओ? संजीव ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत पर जब उसने अपने लंड को प्रवेश करवाया तो उसका लंड मेरी योनि के अंदर चला गया और मेरे मुंह से बडी तेज चीख निकली।

संजीव ने मेरी चूत का भोसड़ा बनाकर रख दिया था और वह मेरी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जाता काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब संजीव ने मुझे कहा कि भाभी लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है। मैंने संजीव से कहा तुमने तो मेरी हालत खराब कर दी मैंने उसे कहा जल्दी से अपने वीर्य को गिरा दो। संजीव ने अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर गिरा दिया। संजीव का वीर्य योनि में गिरते ही मुझे अच्छा लगने लगा। संजीव अपना इंटरव्यू देने के लिए चला गया जब उस रात संजीव वापस आया तो उस रात भी मैंने संजीव के साथ जमकर सेक्स के मजे लिए और कुछ दिनों तक संजीव हमारे घर पर ही रुकने वाला था। उसकी नौकरी लग चुकी है और वह मुझसे मिलने के लिए आ जाए करता। संजीव और मेरे बीच के रिश्ते नाजायज जरूर है लेकिन संजीव मेरी हर इच्छा पूरी कर दिया करता है अब मुझे आदित्य की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि संजीव के साथ मुझे संभोग करने में बड़ा मजा आता है। संजीव के मोटे लंड को जब मै लेती हूं तो ऐसा लगता है जैसे कि मैं आसमान की सैर कर रही हूं।

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement