नौकरी में मिली प्यासी मेडम की चूत

HOT Free XXX Hindi Kahani

हैल्लो दोस्तों, मुझे एक कंपनी में नौकरी मिल गई तो में नौकरी जॉइन करने जा रहा था. मेरी नौकरी भुवनेश्वर में लगी थी. में कभी घर से बाहर नहीं निकला था. अब में सोच रहा था कि में कहाँ रहूँगा? फिर जब में भुवनेश्वर पहुँचा और पहुँचते-पहुँचते कंपनी के ऑफिस में गया और नौकरी जॉइन कर ली.

फिर एक लेडी मैनेजर ने मेरे ठहरने के लिए व्यवस्था अपने ही घर में कर दी और बोली कि जब घर मिल जाएगा तो चले जाना, तुम नये शहर में कहाँ-कहाँ भटकते रहोगे? तो मैंने उनकी बात मान ली और उनके साथ उनके घर चला गया. मेडम के घर के ऊपर वाली मंज़िल में एक रूम खाली था, तो में वही रहने लगा.

फिर में कुछ दिन ऐसे ही रहता रहा. मेंडम बहुत अच्छी थी, वो मुझे सब बातों में गाइड करती थी. अब मेरी रविवार के दिन छुट्टी थी और में अकेला रूम में बोर हो रहा था. में टी.वी भी नहीं खरीद सका था तो में देर तक बिस्तर पर पड़ा-पड़ा सोच रहा था कि आज क्या करूँगा? कहाँ जाऊंगा? तो अचानक से मुझे लगा कि कोई कमरे के दरवाजे पर खड़ा है.

अब में सिर्फ चड्डी पहने था तो घबरा गया क्योंकि मेम आई थी, तो मैंने तौलिए से अपने आपको ढककर उन्हें अंदर बुलाया और बैठने को कहा. फिर वो बोली कि इसमें शर्माने की कोई बात नहीं है, हम भी पहले ऐसे ही सोते थे.

वो बोली कि आज मेरे साथ खाना खा लेना, तो मैंने मना किया, लेकिन उसके ज़िद करने पर में मान गया. आज वो भी घर में अकेली थी, उनके पति 1 सप्ताह के लिए दिल्ली गए हुए थे. फिर मेम ने मुझसे ज़ल्दी नाहकर आने को कहा, तो में 1 घंटे में तैयार होकर नीचे चला आया, जब घर में बिल्कुल शांति थी ऐसा लगा जैसे कोई नहीं है.

फिर मैंने मेम को आवाज़ दी, लेकिन मुझे कुछ आवाज नहीं आई. अब में सोच रहा था कि मेम घर खुला छोड़कर कहाँ चली गई? फिर मुझे पानी बहने की आवाज़ आई तो मैंने बाथरूम की तरफ देखा तो में देखता ही रह गया. अब मेम तो नहा रही थी, उसकी आँखे बंद थी और शॉवर चल रहा था और उसे होश भी नहीं था कि दरवाज़ा खुला है.

फिर मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया कि कोई अंजान आदमी इस हालत में अंदर ना आ जाए. अब मेम ने कोई कपड़े नहीं पहने थे, वो बिल्कुल नंगी नहाने में मस्त थी. अब वो अपने हाथों से अपने शरीर को मसल रही थी और अपनी चूचीयों को मसल रही थी.

मैंने तो कभी ऐसा नहीं देखा था तो में घबरा गया और ड्रॉईग रूम में चला आया, लेकिन अब मेरा मन अशांत हो गया था, इसलिए में छुपकर उन्हें नहाते हुए देखने लगा. उन्हें तो पता ही नहीं था कि उसने मुझे बुलाया है. फिर वो अपनी जांघो की गोलाई को मसलने लगी, अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी और उनके चूतड़ मुझको जला रहे थे.

अब मेरा लंड मेरी पेंट में गर्म हो गया था और अब वो अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाने लगी थी. अब उसकी उँगलियाँ उनकी चूत के अंदर घुसने लगी थी और वो अजीब सी आवाज निकालने लगी थी. तो मुझे लगा कि वो पति के दिल्ली जाने के कारण बहुत बैचेन है. अब उसकी चूत में आग लगी हुई थी. अब मेरा मन कर रहा था कि जाकर उनकी मदद करूँ, लेकिन में डर गया कि कहीं वो बुरा मान गई तो नौकरी से निकाल देगी और फिर में डरते-डरते बाथरूम के पास चला आया कि पास से देखूं और फिर रुक गया.

अचानक से उन्होंने अपनी आवाज बंद कर दी, तो मैंने सोचा कि मेम जान गई है और में छुपने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बोली कि रुक क्यों गये? आ जाओ मेरी मदद करो. मेरे हाथ पीछे नहीं पहुँच रहे है, प्लीज़ मेरी मदद करो.

Hot Japanese Girls Sex Videos
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

फिर में पीछे से उनकी पीठ को रगड़ने लगा और फिर जैसे जैसे वो बोलती गई. में उनकी गांड पर, फिर जाँघो पर, फिर उनकी चूचीयों और चूत में साबुन लगाकर उनको नहाने में मदद करने लगा, लेकिन वो तो तड़पने लगी और मुझे पकड़ लिया और मेरे कपड़े खोल दिए और मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी थी.

फिर करीब 10 मिनट के बाद उन्होंने बाथरूम में ही मेरे लंड को अपनी चूत में घुसा लिया और चुदवाने लगी और इस तरह 1 घंटे तक हमारी चुदाई होती रही. फिर हमने एक साथ नहाकर खाना खाया और फिर वो अपने बेडरूम में आराम करने चली गई. फिर में थोड़ी देर तक बाहर टहलता रहा और आधे घंटे में ही वापस आ गया तो मैंने देखा कि मेम अपने बेड पर सोई हुई थी.

अब उसकी जांघे बिल्कुल खुली हुई और चूची खड़ी-खड़ी उठ और गिर रही थी. तो मुझसे रहा नहीं गया और में उनकी जांघो को चूमने लगा और फिर मेरे हाथ उनकी चूचीयों को मसलने लगे तो वो जाग गई, लेकिन उसने अपने घुटने ऊपर कर दिए जिससे मुझे उनकी चूत साफ़-साफ़ दिखने लगी और में उनकी चूत को चाटने लगा.

अब वो बोल रही थी आह आ ठीक से जीभ अंदर करो, हाँ हाई ऐसे ही चूस लो, पूरी तरह से चूसो, प्लीज़ मत रूको, हाई मेरी चूचीयाँ भी फूट जाएगी, इन्हें मसल दो और मसलो अपने दोनों हाथों से, नोचो ना, नोच साले हरामी, नोच मेरी चूची, चूस इन्हें. अब में भी उनकी चूत को चूस रहा था और अपने हाथों से उनकी चूचीयों को मसल रहा था, लेकिन अब वो और बर्दाश्त नहीं कर सकी.

अब वो ज़ोर-ज़ोर से, लेकिन दबी आवाज में बोल रही थी मेरी चुदाई करो, आज फाड़ दो मेरी गांड, मेरी चूत को चोद डालो, साला मेरा बुढ़ा मुझे चोदता ही नहीं था और चोदने से पहले ही झड़ जाता था. आज मुझे कोई रोक नहीं सकता और अब में तुम्हें कभी नहीं जाने दूँगी, चोदो प्लीज और चोदो, चोदो ना ज़ोर से और अंदर डालो, भीतर तक घुसेड़ दो, हाँ ठीक है, ऐसे ही आओ तुम नीचे आओ और फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और अब मेरा लंड उनकी चूत में घुसकर चोद रहा था और वो उछलने लगी थी. अब वो उछल-उछलकर चुदा रही थी. अब वो पसीने-पसीने हो गई थी और अब में उनकी गांड को पकड़कर ज़ोर जोर से नोच रहा था.

फिर वो बोली कि हाँ ठीक है फाड़ दो मेरी गांड, अपनी उंगली डालकर चोदो. फिर में उनके बाल पकड़कर उन्हें चूमने लगा और उनके होंठ अपने मुँह से दबा लिए और इस तरह से हम दोनों 2 घंटे तक चोदते रहे.

अब मेम संतुष्ट हो गई थी तो उसने मेरे लंड को चूम लिया. फिर इस तरह जब तक उसके पति दिल्ली से नहीं लौटे, तो में रोज मेम को ऐसे ही चोदता रहा और वो भी सुबह और रात दोनों टाईम चुदवाने लगी. अब वो इस मौके का भरपूर फ़ायदा उठाना चाहती थी.

फिर उनके आदमी के आने के बाद भी जब कभी हमें कोई मौका मिलता तो में उन्हें खूब चोदता था. फिर मेरी दीदी ने फोन पर मुझसे पूछा कि नौकरी कैसी लग रही है? अब में और क्या कहता? ऐसी नौकरी सबको कहाँ मिलती है? और फिर हम मजे में रहने लगे.