चाची को ब्लू फिल्म देखकर चोदा

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मेरा नाम आकाश है। मैं 25 साल का युवक हूं। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला हूं। मैं छोटे-मोटे काम कर कर अपना गुजारा करता हूं और लेखनी से मेरा गुजारा नहीं चल रहा था और मुझे कुछ भी ऐसा काम नहीं आता था जिससे की मुझे नौकरी मिल पाए, या फिर मैं भी नौकरी कर सकूं। मैंने यह बात अपने पिताजी को बताई कि मेरा काम कुछ अच्छा से नहीं चल पा रहा है तो उन्होंने कहा, कि तू एक काम कर अपने चाचा से बात कर ले। वह तुझे कुछ ना कुछ रास्ता बता देंगे। मैंने अपने चाचा को फोन किया। वह दिल्ली में एक कार ड्राइवर है। वह मुझे कहने लगे कि तू मेरे पास ही आ जा मैं तुझे यहीं पर नौकरी लगा दूंगा। अब से गाड़ी चलाना भी सिखा दूंगा। मैंने भी सोचा चलो वैसे भी कोई काम चल नहीं रहा है तो मैं दिल्ली ही चला जाता हूं। मैं दिल्ली चला गया और अपने चाचा के पास पहुंचा। मेरे चाचा के साथ में मेरी चाची और उनके तीन छोटे बच्चे रहते थे। वह दिल्ली में एक छोटे से घर मे रहते थे। मेरे पास रहने का कोई बंदोबस्त नहीं था। इसीलिए मैं उन्हीं के पास रहता था और ना मेरे पास शुरुआत में इतने पैसे थे कि मैं कहीं और रह सकूं। मेरे चाचा जब भी काम से आते तो वह शाम को मुझे कार सिखाते। एक महीने बाद मैं कार सीख चुका था और मैंने अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी बनवा लिया था।

मेरे चाचा ने मेरी नौकरी की बात किसी ऑफिस में की थी। मैं वही नौकरी पर लग गया लेकिन जिनके गाड़ी में मैं था वह बहुत ही गुस्सैल किस्म के व्यक्ति थे। किसी की भी बात कभी सुनते नहीं थे। कभी छोटी सी गलती हो जाती थी तो सीधा ही कहने लग जाते कि तुम्हें गाड़ी चलानी नहीं आती है तो काम छोड़ दो लेकिन मेरी मजबूरी थी। इस वजह से मैं यह सब सुनता जाता और मैं ऐसे ही काम कर रहा था। काफी समय हो चुका था मुझे गाड़ी चलाते हुए।  दिल्ली के लगभग सारे रास्ते मुझे पता चल चुके थे लेकिन मेरा मन अब काम में नहीं लग रहा था। मैंने भी सोचा कि कहीं ना कहीं कुछ और काम तो देखना ही पड़ेगा। नहीं तो मैं जिंदगी भर ऐसे ही बेइज्जत होता रहूंगा। तो मैंने सोचा कि थोड़े बहुत पैसे तो मेरे पास जमा हो ही गए हैं कहीं पर छोटा मोटा सा कुछ काम देख लेता हूं। तब मैंने एक छोटी सी रेडी लगानी शुरू कर दी और उसमें मैं फास्ट फूड बनाया करता था। पहले तो मेरे पास बहुत कम लोग आते थे लेकिन जैसे-जैसे लोगों को पता चलने लगा और मेरा काम अच्छे से  चलने लगा। तो मेरे यहां पर अब काफी भीड़ होने लगी थी। मेरा थोड़ा बहुत काम ठीक से चलने लगा तो मैं चाचा की भी हेल्प कर दिया करता था लेकिन अब भी मैं उन्हीं के साथ रहता था और मैंने उन्हें कहा कि अब एक बड़े घर में चलते हैं। फिर उन्होंने मुझे कहा कि इतना पैसा मैं कहां से लाऊंगा।

मैंने अपने चाचा से बोला कि आपने भी मेरी बहुत मदद की है तो आप मेरे साथ ही चलिए। मैं वहां पर पैसा दे दिया करूंगा जिससे कि बच्चे भी थोड़े अच्छे से रह सकेंगे और हमारा रहन-सहन भी अच्छा हो जाएगा। उन्होंने मेरी बात को मान लिया और अब मैं दूसरी जगह पर घर देखने लगा। मैंने अभी कच्ची जगह पर घर देख लिया था और हम लोग वहीं पर रहने लगे थे। मेरा फास्ट फूड का भी काम अच्छे से चल पड़ा था। जिससे कि मुझे कभी पैसे की दिक्कत नहीं हुई। कभी कबार मेरे चाचा अपनी पत्नी को भी मेरे फ़ास्ट फ़ूड पर ले आते थे। तो वह भी मुझे कहती थी कि तुम बहुत ही अच्छा बना लेते हो। जब भी हमारे फास्ट फ़ूड में थोड़ा बहुत कुछ बच जाता था तो मैं उसे घर पर रात के लिए ले जाता था। जो कि हमारे खाने के काम आ जाता था। मेरे चाचा ने मेरे पिताजी को भी हमारे बारे में जानकारी दी कि मेरा बहुत अच्छा काम चलने लगा है। तब उन्होंने भी मुझे फोन किया और वह भी बहुत खुश थे। वह कहने लगे, बेटा ऐसे ही मेहनत से काम करते रहोगे तो तुम बहुत अच्छी तरक्की कर लोगे।

आज जब मैं घर पहुंचा तो मेरे चाचा घर पर नहीं थे। मैंने थोड़ी बहुत शराब पी रखी थी और मैंने अपनी चाची से पूछा कि चाचा  कहा गए है। चाची ने कहा वह आज घर नहीं आएंगे उन्हें साहब के साथ कहीं बाहर जाना है। मैंने कहा ठीक है तो आप मेरे लिए खाना लगा दीजिए मैं खाना खा लेता हूं। जब तक वह मेरे लिए खाना लेकर आई तो तब तक मैं ब्लू मूवी देख रहा था और तभी अचानक से मेरी चाची भी आ गई।  वह कहने लगी तुम यह क्या देख रहे हो मैंने उन्हें बताया कि यह ब्लू फिल्म है मैं उन्हें भी वह फिल्म दिखाना लगा। मैंने उन्हें वह फिल्म दिखा रहा था वह कहने लगी कि तुम्हारे चाचा भी मुझे कई बार ऐसी फिल्में दिखा देते हैं। जैसे ही उन्होंने यह बात कही तो मैंने तुरंत ही उन्हें अपने नीचे दबोच लिया और उनके होठों को चूमने लगा। मैं बड़े ही प्यार से उनको होठों को चूमता और वह खुश हो जाती जैसे ही वह मेरे होठों को अपने होठों से लेकर चूमती तो मेरे अंदर की भी सेक्स भावना और ज्यादा बढ़ जाती जिससे कि मैं उन्हें ऐसे ही बहुत देर तक करता रहा। मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह में लेना शुरू किया कुछ देर तक तो मैं ऐसे ही उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। मुझे काफी आनंद आ रहा था क्योंकि मेरी सेक्स की भड़ास भी काफी समय से मिटी नहीं थी और अब मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करते हुए अपने लंड को तुरंत ही एक झटके में उनकी योनि में घुसा दिया और जैसे ही मैंने उनकी चूत में घुसाया वह चिल्लाने लगी। मैंने कस कर उन्हें अपनी बाहों में पकड़ लिया और उनके दोनों पैरों को भी ऐसे ही दबा दिया। वह मुझे कहने लगी कि तुम तो बहुत ज्यादा ही जोर के चोद रहे हो मैंने उन्हें बोला कि यह मेरी आदत है मैं ऐसे ही चोदता हूं।

उनकी चूडीया बहुत तेज तेज आवाज करने लगी और उनकी पैर की पायल भी बजने लगी जो कि मेरे कानों में जाती तो मेरी उत्तेजना बढ़ जाती। मैं ऐसे ही बड़ी तेजी से अब झटके मारने लगा और वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी। वह ऐसे ही अपने मुंह से मादक आवाजें निकालती और मुझे अपनी तरफ मोहित करती मुझे बहुत अच्छा लगने लगा जब वह इस प्रकार से मेरे साथ संभोग कर रही थी उन्होंने मेरा साथ दिया। वह अपने पैरों को चौड़ा करने लगी और मैं ऐसे ही बड़ी तेजी से झटके मारता जाता। 5 मिनट ऐसा होने के बाद में मेरा झड़ने वाला था मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उनके ऊपर पूरा वीर्य गिरा दिया। वह कहने लगी कि तुमने यह क्या कर दिया मैंने उन्हें कहा यही तो मुझे अच्छा लगता है। मैंने तुरंत ही उनके बालों को पकड़ा और अपने लंड पर लगा दिया वह मेरे लंड को चूसने लगी और मैं दोबारा से मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उन्हें वैसे ही दोबारा लेटा दिया और उनकी योनि को चाटने लगा अब उनकी योनि से दोबारा पानी गिरने लगा था। मैंने तुरंत ही अपने लंड को उनकी योनि में डाल दिया और बड़ी तेजी से घुसा दिया।  मैने उनके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तीव्र गति से झटके मारने शुरू किए मैं जैसे ही झटके मारता जाता तो उनका पूरा शरीर हिल रहा था जिससे कि उनका शरीर अंजर पंजर चुका था।  वह मुझे कहने लगी कि मेरा शरीर टूट चुका है मैंने उन्हें बिल्कुल भी छोड़ा नहीं और ऐसे ही चोदता रहा उनकी चूतडे भी मेरे लंड से टकरा रही थी और बड़ी तेज आवाज कर रही थी। उनकी पायल की आवाज तो कुछ ज्यादा ही हो रही थी जो मेरे कानों में जा रही थी मैंने उन्हें इतने कसकर पकड़ा था कि उनके पैरों पर मेरे हाथ के निशान छप गए थे और मैं ऐसे ही बड़ी तेजी से करता जा रहा था। मेरा वीर्य दोबारा से गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उनकी योनि में ही डाल दिया और ऐसे ही उनके बगल में लेट गया।

मैं काफी देर तक ऐसे ही लेटा रहा जब मैं उठा तो मैंने देखा सुबह हो चुकी है और सुबह मेरे चाचा भी वापस आ गए थे। तब मुझे याद आया कि रात को मैंने तो चाची को पेल दिया है अब सुबह मैं उठा और मैंने अपनी चाची को कहा कि रात को गलती हो गई। वो कहने लगी कोई बात नहीं ऐसी गलती तुम अब रोज करना मुझे बहुत ही अच्छा लगा उसके बाद से तो मैं हमेशा ही अपनी पेलता रहता हूं।