शीतल की नेपाली चूत

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शीतल मुझे तब मिली थी जब मैं गुडगाँव में एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में गया था और शाम को मारे थकान के कुछ नहीं करने का मन था तो मैं ऑटो किया और ऑटो वाले से कहा “मुझे ऐसी जगह छोड़ दे जहाँ थोडा रिलैक्स हो जाऊं”. ऑटो वाला मुझे ले गया सहारा मॉल जहाँ कुछ डिस्क थे, मैं डिस्क में घुसा और देखा तो वहां बिलकुल मुंबई के डांस बार जैसे हालात थे लडकियां नाच रहीं थीं और लड़के उन्हें जगह जगह छू रहे थे. एक बार तो मेरा मन किया कि वहां से निकल जाऊं लेकिन मैं एंट्री के हज़ार रूपये दे चूका था तो मैंने एंट्री के कूपन से बियर ली और लड़कियों को नाचते देखने लगा, तभी मुझे मेरी गांड पर किसी का हाथ महसूस हुआ.

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ये एक लड़की थी जो मेरी गांड पर हाथ फेर कर मुस्कुरा रही थी, मैंने पूछा “क्या चाहिए” तो बोली “आपको क्या चाहिए” मैंने कहा “शांति” तो वो हंसकर बोली “इस नाम से यहाँ कोई नहीं है, मैं शीतल हूँ मैं चलूंगी ?”. मैंने हंस कर कहा “क्या लेगी “तो बोली फिलाहल तो एक बियर और डांस, और अगर तुम्हारा मन हो तो उधर लाउंज  एरिया में चलो फिर देखो मेरा काम उसके पांच सौ लुंगी और सेक्स के पांच हज़ार रूपये नाईट”. मैंने उसे बियर दिलाई और लाउंज एरिया में ले गया, वहां जा कर उसने बियर तो दो सिप में ही ख़त्म कर दी और फिर उसने मेरे होठों को चूमते हुए मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया. मैं हैरान भी था और खुश भी उसने मेरी स्थिति भांपकर मेरा हाथ अपने जवान चूचों पर रख दिया और हलके से दबा दिया.

मैं उसके चुचे मसलते हुए उसे चूमने लगा और इसी वक़्त उसने मेरा दूसरा हाथ अपनी ड्रेस में डाला तो मुझे पता लगा की उसने पैंटी भी नहीं पहननी है उसकी चूत और झांटों को सहलाते हुए मैंने उसे चूमना जारी रखा, शीतल उठी और मुझे भी अपने साथ डांस फ्लोर पर ले गयी जहाँ उसने मेरे साथ बड़ा ही सेक्सी डांस किया, वो कभी अपनी टांगों को मेरी टांगों के बीच घुसाती कभी चूमती कभी मेरी गांड दबाती जाने क्या क्या कर रही थी. मैंने उसके कान में कहा “पाँच हज़ार अभी लेगी या सुबह” तो उसने हंसकर कहा “एक हज़ार यहीं देने पड़ेंगे और मेरे मोबाइल पर मिस कॉल मारो मैं तुम्हे चेंज कर के नीचे मिलती हूँ”. मैं मॉल के नीचे पहुँच गया और सिगरेट पीने लगा तभी मेरे पास एक सीढ़ी सादी सी लड़की आ कर खड़ी हुई और बोली “बोलो कहाँ जाना है”.

मैं हैरान था क्यूंकि ऊपर डिस्क में जो शीतल इतने सेक्सी कपड़ो में थी वही यहाँ सिर्फ सिंपल से टी शर्ट जीन्स में खड़ी किसी कॉलेज स्टूडेंट की तरह लग रही थी, उसने अपना मेक अप भी धो लिया था और वो काफी मासूम दिखती थी. मैंने कहा “देख मेरा तो सर्विस अपार्टमेंट है जहाँ और भी लडके होंगे तो तू अपने कमरे पर ही ले चल” उसने हाथ से ऑटो को इशारा किया, ऑटो में हम बैठे और ऑटो चल पड़ा सहारा मॉल के पीछे वाली कॉलोनी में जो काफी अजीब सी थी मैंने ऑटो में ही उसके चूचों को छुआ तो बोली “हाथ हटा ले पुलिस का नाका लगा हुआ है, पकड़ लिया तो रात भर पुलिस थाणे में तेरी ले लेगी”. मैंने अपना हाथ हटाया और चुप बैठ गया, ऑटो रुका और एक शेडी सी अँधेरी गली में जा कर शीतल नए दरवाज़ा खटखटाया जहाँ एक नेपाली औरत निकली और उसने शीतल और मुझे अन्दर ले कर दरवाज़ा बंद कर लिया.

शीतल नए मुझे उसे दो हज़ार देने को कहा तो मैंने बिना हील हुज्जत दे दिए, अब शीतल और मैं ऊपर बने एक कमरे में गए जहाँ एक साफ़ बेड लगा था जिस पर शीतल एन मुझे बिठाया और कहा “मैं अपनी ख़ुशी से नहीं करती ये सब घर वालों को पैसे भेजने पड़ते हैं” मैंने उसे उसी वक़्त दो हज़ार रूपये दिए और फिर शीतल ने  अपने कपडे उतार कर अपने चुचे और अपनी कमाल की फूली हुई चूत दिखाई. शीतल के चूचे एकदम नागपुरी संतरों की तरह लग रहे थे और उसकी चूत पर तो हलकी झांटें थीं लेकिन उसकी चूत सुन्दर बहुत थी. मैंने शीतल को अपनी गोदी में बिठाया और प्यार से उसके गालों पर किस करने लगा, शीतल भी हौले हौले मेरा साथ दे रही थी और मेरे लंड को मसल रही थी.

मैंने उसे मेरे कपडे उतारने को कहा तो उसने एक ट्रेंड कैबरे डांसर की तरह मटकते हुए मेरे कपडे उतारे और मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी, उसने मेरे माथे को चूमा और फिर मेरे एक एक अंग को चूमते हुए मेरे लंड तक पहुंची. एक बार मेरे लंड को चूम कर शीतल नए मेरी नाभि को अच्छी तरह से चाटा और फिर सरकाते हुए अपनी ज़बान से मेरे लंड और मेरे गोटों को चाटने लगी, शीतल जब ये कर रही थी तो मैं उसके सर के बालों को सहला रहा था उसने मेरी तरफ एक मुस्कान फेंकी और बोली “तुम प्यार मत करो प्यार झूठा होता है” और ये कह कर उसने मेरे हाथ से अपने चुचे दबवाए और बड़ी ही तल्लीनता से मेरे लंड को घुमा घुमा कर चूसने लगी.

शीतल नए मेरे लंड को इतने प्यार से चूसा की मुझे मज़ा ही आ गया, मैंने उस से कहा “तुम बहुत अच्छे से चूसती हो” तो वो बोली “मार खा खा कर सीखा हर काम अच्छे से याद रहता है”. वो थोड़ी नाराज़ ज़रूर थी अपने पेशे से लेकिन फिर भी बड़ी डेडिकेशन के साथ वो मेरा लंड चूस रही थी और आखिर में जब मेरे लंड से पिचकारी निकली तो शीतल नए एक तौलिए में सब पुंछ दिया और बोली “मैं इसको पीना पसंद नहीं करती” तो मैंने भी उसके सर पर हाथ फेर कर कहा “कोई बात नहीं मुझे इसी में काफी मज़ा आया”. अब शीतल नए मुझे लिटा दिया था और वो मेरे ऊपर छा सी गयी, मैंने उसके चुचे पी रहा था मसल रहा था और वो सिस्कारियां भर रही थी. उसकी सिस्कारियों की आवाज़ से मेरा लंड फिर तन गया तो मैंने उसे नीचे लिटाया और उस पर चढ़ने लगा तो बोली “एक मिनट, आप कोई भी हो लेकिन कंडोम पहनना पड़ेगा”.

मैंने उसके दिए कंडोम्स में से एक ऑरेंज फ्लेवर वाला पहन लिया और उस पर चढ़ गया, हालाँकि शीतल एक रंडी थी लेकिन शायद उसे इस लाइन में ज्यादा वक़्त नहीं हुआ होगा इसलिए उसी चूत ठीक ठाक टाइट थी. मैं बड़े ही मज़े मज़े में उसकी चूत में अपना लंड पेल रहा था और वो सिस्कारियां ले रही थी, मुझे शीतल के एक्सप्रेशन इतने अच्छे लग रहे थे की मुझे उस से वाकई प्यार सा हो गया था, लेकिन मन ने कहा चुप चाप चुदाई कर और निकल ले सुबह तक यहाँ से. शीतल बहुत ही बेहतरीन तरीके से चुद रही थी और उसने अपनी स्वेच्छा से दो बार पोजीशन भी बदली पर मेरी टांग में रॉड लगी होने की वजह से मुझे मिशनरी ही सही लगा सो मैंने उसी स्टाइल में उसे बीस मिनट तक चोदा और झड़ गया.

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शीतल भी निढाल हुयी थी पर झड़ी या नहीं ये मुझे पता नहीं चला, शीतल नए मुझसे कहा “सुबह होने में अभी तीन घंटे और हैं, और कुछ करना हो तो कर ले टाइम वेस्ट मत कर” तो मैंने कहा “सांस तो लेने दे, तब तक तू कुछ और कर ले”. ये सुन कर शीतल नए पास पड़े फ्रिज में से बियर की बोतल निकाल और पीने लगी फिर जाने क्या सोच कर मेरी टांगों के बीच आ कर बैठ गयी और बियर पीते पीते मेरे लंड को चूसने लगी, एक बार फिर शीतल नए वही जादू दिखाया और मेरे लंड का सारा वीर्य अपने मुंह में भर का उस से खेलने लगी पर उसने वो थूक दिया पिया नहीं. उस रात मैंने शीतल को बहुत प्यार से अलग अलग एंगल्स से चोदा लेकिन अपनी टांग पर लोड नहीं लिया, शीतल अब सहारा माल  में नहीं नाचती उसका परिवार नेपाल के भूकंप में मर गया और उसके बाद उसके पास किसी के लिए कमाने का रीज़न नहीं बचा सो वो नेपाल ही चली गयी.