जीजू से खेत में चुदवाया

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यह बात कुछ ऐसी है कि मैं जब अपनी बहन सुमन की शादी अटेंड करने गई और वहां मैंने अपने जीजू को सुमन को चोदते हुए देख लिया और मैं तभी उनके मोटे लंड  की दीवानी हो गई, और उनको टोंट मारते हुए उनके साथ एक शर्त भी लगा दी, फिर जब जीजू मेरे घर जयपुर में रहने आए तो मैं उनसे वहां अपने पति की गैर हाजरी में चुद गई और बहुत बुरी तरह चुदी जिससे मेरी चीख निकल गई और मैं शर्त हार कर भी जीत गई थी.

दोस्तों, जीजू मेरी जिंदगी के दूसरे इंसान थे जिन्होंने मुझे चोदा था, और मुझे चोद चोद कर मेरी चीखें निकाल दी थी. मेरी जिंदगी में मुझे सबसे पहले मेरे पति ने चोदा और फिर मैंने अपने जीजू की बाहों में पड़ी. पर हां जीजू ने मेरी चूत चोद कर फाड़ दी थी, और अब तो जीजू का आना जाना भी बहुत हुआ करता था. इसलिए मुझे तो बस अपने जीजू के लंड लेने का हर बार इंतजार रहा करता था.

जीजू और मेरे पति की भी बहुत अच्छी बनने लगी थी इसलिए मैं भी बहुत खुश थी और जब भी जीजू मेरे घर रहने आते तो वह मुझे चोदे बिना कभी नहीं जाते थे.

जीजू जब भी मुझे चोदते थे तो मेरी गांड पर हाथ फेर फेर कर ऐसे दबाते कि मैं आपको क्या बताऊं? और यह कहते की क्या लाजवाब गांड है, मैं उनकी बात सुनकर हंस पड़ती. तो वह भी मुस्कुराते हुए बोलते, अब तो गांड मरवाने के लिए तैयार हो जा.

मैं  उनकी यह बात सुनकर डर गई, क्योंकि तो तब मेरी चीखें निकल गई थी. और अब तो मैं इस बात को सोच सोच कर डर रही थी. कि इतना मोटा लंड मेरी गांड में कैसे जाएगा? और चला भी गया तो मेरा क्या हाल होगा? मैं तो मर ही जाऊंगी.

कुछ महीने तक जीजू घर भी नहीं आए और उनका जयपुर में कोई काम भी नहीं पड़ा इसलिए मैंने भी इतना ध्यान नहीं दिया और मेरी चूत उनके लंड को लेने के लिए तड़प रही थी. कुछ दिन बाद पता चला कि जीजू की बहन यानि मेरी बहन सुमन की ननंद की शादी है और उसके लिए हमने भी बुलाया गया है.

जिस दिन मुझे यह खबर मिली की शादी आ रही है तो मुझे लगा कि अब तो जीजू ही कार्ड देने आएंगे और अगर तब चाहा तो मैं एक बार फिर उनसे चुद जाऊंगी, पर ऐसा हो नहीं पाया. क्योंकि जिस दिन जीजू घर पर शादी का कार्ड देने आए, उस दिन मेरे पति भी घर पर थे, इसलिए मेरे सपनों पर पानी फिर गया.

अब जीजू और मेरे पति बातें मारने लगे और मैं उनके लिए कॉफ़ी और कुछ स्नैक्स लेकर आई और उन्हें सर्व कर दी. फिर कुछ देर बाद जब वह जाने लगे तो मुझे शादी का कार्ड पकड़ाते हुए बोले शादी में जरूर आना और अपनी गांड पर तेल लगा कर आना.

मैं जब उनकी यह बात सुनी तो मैंने यह बात हंसी में टाल दी और फिर जीजू भी वापस चले गए.

उनके जाने के बाद मैं तो बस यही सोचती रही कि कहीं वह सच में तो वहां मेरे साथ कुछ करेंगे? और अगर उन्होंने वहां मेरी गांड मार दी तो मेरा क्या हाल होगा? पर जो भी है. मुझे तो मजे ही आने थे इसलिए मैंने इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और शादी के दिन का इंतजार करने लगी.

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फिर जब शादी का दिन आया तो तैयार होने लग गई और तैयार होते वक्त मुझे जीजू की बात याद आ गई कि मुझे अपनी गांड पर तेल लगाना है, इसलिए मैंने तेल लिया और अपनी गांड में उंगली डालकर अंदर तक तेल डाल दिया और तैयार होने लगी. अब मैं और पति घर से तैयार होकर जीजू के घर जाने के लिए निकल लिए.

मैं तो बस वहां पहुंचने का इंतजार करती हुई मुस्कुराने लगी, तो मेरे पति ने पूछा शालू क्या हुआ?

मैंने उनकी यह बात सुनकर अपनी बात ही टाल दी और कोई जोक याद आ गया था यह बहाना लगा कर बात को टाल दिया.

अब तो मैं रास्ते की दूरी खत्म होते दिख रही थी और अपनी मंजिल तक पहुंचने का इंतजार कर रही थी, फिर कुछ ही मिनटों बाद हम जीजू के घर पहुंच गए. और मैंने देखा कि जीजू तो पहले से ही बाहर खड़े जैसे मेरा इंतजार कर रहे हो.

अब मैं और मेरे पति उनके पास पहुंचे, तो उन्होंने मुझे देखकर आंख मार दी. तो मैंने भी आंख मारने का जवाब आंख मार कर दिया और मिलकर अंदर चले गए. सभी रिश्तेदारों से मिलने के बाद अब जीजू ने मेरे पति को अपने दोस्त के साथ किसी दूसरे शहर में सामान लेने भेज दिया, और मेरे पास आकर बोले चल मेरे साथ.

मैंने कहा जीजू  सब क्या कहेंगे? ऐसे जाना ठीक नहीं है.

पर जीजू तो मुझे पीछे के दरवाजे पर आने का कह कर वहां से चले गए और मैं वहां बैठी उनकि इस बात को सोचती रही और कुछ देर तक ऐसे ही सोचने के बाद खुद को ना कंट्रोल करते हुए दरवाजे पर चली गई.

मैं जब पीछे के दरवाजे पर पहुंची तो मैंने देखा कि सामने एक कार खड़ी है, जिसमें जीजू बैठे हैं. इसलिए मैं उसी कार की फ्रंट सीट पर जाकर बैठ गई. मेरे बैठते जीजू ने कार स्टार्ट की और वहां से निकलते हुए कार को रोड में ले आकर भगाने लगे.

अब मैं उनके साथ कार की फ्रंट सीट पर बैठी तो जीजू ने मेरे बूब्स पर हाथ फेरते हुए उसे दबाना शुरु कर दिया, पर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि हम जा कहां रहे थे? इसलिए मैंने जीजू से पूछ लिया.

जीजू – ओ मेरी जान तुम्हें जन्नत की सैर कराने ले जा रहा हूं.

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यह सुनकर मैं चुपचाप बैठ गयी. उन्होंने अपनी कार एक खेत के किसी मकान के आगे जाकर रोक दी और फिर हम कार से उतरे और उन्होंने लॉक खोल कर मुझे अंदर आने को कहा.

मैं अब जैसे ही अंदर आई, उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे चूमने लगे. मैं भी उनका साथ देते हुए उन्हें बाहों में जकड़ कर साथ देने लगी. क्योंकि मैं तो इसी दिन का इंतजार पता नहीं कब से कर रही थी, हम दोनों एक दूसरे को सहलाते जा रहे थे. फिर हमने एक दूसरे के होठों को चूसा और फिर जीजू ने मुझे अपनी बाहों में भर कर मुझे अंदर एक कमरे में ले गए. जहां बेड था और वहां मुझे लेटा दिया.

मैं जब बेड पर लेटी तो मैंने उनसे पूछा कि यह मकान किसका है?

तो वह बोले मेरे एक दोस्त का है जो अब तेरे पति को साथ में लेकर गया है ताकि मैं अपनी जान को जन्नत दिखा सकूं.

उनकी यह बात सुनकर मैं हंस पड़ी और हंसते हंसते बोल पड़ी वाह जीजू अपनी साली के लिए इतनी तड़प?

मेरी बात सुन कर दी वह भी मुस्कुरा उठे और मुझे किस करने लगे. कीस का साथ मेंने भी दीया और फिर जीजू ने अपने कपड़े उतार दिये, और फिर साथ ही साथ मेरे सारे कपड़ों को मेरे जिस्म से  अलग कर दिया.

मैंने इस बार अपने पूरे जिस्म की वैक्सिंग करवाई थी क्योंकि मैं जानती थी कि इस बार मेरे जीजू की तड़प मुझे बहुत चोदने वाली है, और चुदाई का और अच्छे से मजा लेने के लिए मुझे यह करवाना चाहिए.

में जैसे ही उनके सामने बिल्कुल नंगी हुई तो उन्होंने पहले तो मेरे जिस्म को खूब निहारा और फिर मुझे चाटते हुए मेरे जिस्म को चूसने लगे और मेरे बूब्स के निप्पल को उंगलियों में भरकर मसलने लगे, जिससे मेरी हालत बिगड़ती चली गई. अब मेरे सामने जीजू का लंड उनके अंडर वियर के अंदर खड़ा सलामी दे रहा था, जिसको मैंने एक ही पल में जीजू का अंडरवियर नीचे कर के लंड हाथ में ले लिया.

जीजू का ७ इंच लंबा लंड आज फिर से मुझे चोदने वाला था, इस बात की बहुत खुशी थी. इसके लिए अब जीजू ने मेरी चूत पर अपना मुंह रखा और चाटने लगे, पर मैंने तो इस बार उनका लंड लेना था, इसलिए उन्हें चूत चाटने से रोक दिया और जीजू के मोटे सुपाड़े को अंदर डालने का हुक्म दे दिया.

जीजू ने मेरी बात मान ली और मेरी चूत पर अपना सुपाडा रख कर एक जोर से धक्का दिया, जिससे मेरी चीख निकल गई. और तभी उन्होंने मेरी डालने की कोशिश करी, तो उन्हें महसूस हुआ कि आज तो मेरी गांड अंदर से चिकनी  है, यह बात जानकर वह हस पड़े और उंगली एकदम से गांड में डाल कर ऊपर नीचे करने लगे, और उधर अपना सुपाडा मेरी चूत पर लगातार मार मेरी चूत का पानी निकाल दिया.

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अब मेरा तो हो चुका था इसलिए अब उन्होंने मेरी टांगे उठाकर मेरी गांड पर अपना मुंह रखा और चाटने लग गये, और फिर कुछ पल बाद मेरी गांड के नीचे पिलो रखकर मेरी टांगें ऊपर की और उठा दी.

अब मुझे पता था कि अब तो मेरी गांड की खैर नहीं पर कब तक बचती मेरी गांड?

अब जीजू ने मेरी गांड पर तेल लगाना शुरु कर दिया और मुझे यह सब करवाते हुए खूब मजा आने लगा, पर डर लगने लगा. अब तो मैं गई, जीजू मेरी गांड को खूब अच्छे से तेल लगा रहे थे और उंगली अंदर डाल कर भी अंदर से गांड पूरी चिकनी कर रहे थे, उनकी उंगली अंदर जाते ही मैं सिहर उठती और यह बात सोचकर मचल भी उठती.

फिर अचानक से जीजू ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा और ऊपर से ही उसको रगड़ने लगे. फिर धीरे धीरे उन्होंने मेरी गांड के छेद में अपना सुपाडा रख कर सहलाने लगे. मुझे हल्का हल्का एहसास तो हो रहा था, पर शायद जीजू की हेल्प गांड पर लगा तेल कर रहा था, जिसकी वजह से मुझे इतना पता नहीं चल पा रहा था.

फिर ऐसे ही चलते चलते जीजू ने एकदम से अपने लंड को अंदर की और धक्का दिया, जिससे मेरी जोर से चीख निकल गई और मेरी आंखों से भी आंसू आने लगे. पर उस समय जीजू ने मेरी तरफ ध्यान ना देते हुए मेरी गांड को अपने लंड से चोदे जा रहे थे और मैं दर्द से चीखी जा रही थी, और वह मेरी गांड को चोदते ही जा रहे थे और लगातार उपर नीचे करे जा रहे थे, मैंने उन्हें देखकर बोला कि निकाल दो इसे बाहर, मैं मर जाऊंगी. पर उन्होंने मेरी यह बात नहीं सुनी और मेरी गांड को लंड से पूरा ही चोद डाला.

अब जीजू का आधा लंड मेरी गांड में था और वह लगातार धक्के लगाए जा रहे थे, और मेरी उन के धक्के पर चीखें निकल रही थी. जीजू का आधा लंड सभी भी बाहर था और वह अब अपने लंड पर ओइल लगाकर एक धक्का लगाते और थोड़ा अंदर लेते जिससे मेरी चीख और तेज हो जाती थी.

अब जीजू का हल्का सा लंड बाहर रह गया था, जिसे जीजु ने तेल लगाकर एक से धक्के मैं मेरी गांड में लंड घुसा डाला जिससे चीखे मारने लग गई और जोर जोर से रोने लगी. तब जीजू ने मेरे आंसू पोंछकर और मुझे किस करते हुए अपना लंड मेरी गांड में ऊपर नीचे करने लग गए.

थोड़ी देर के दर्द के बाद मुझे अभी खूब मजा आने लग गया. मैंने भी उनका साथ देते हुए अपनी गांड हिला हिला कर लंड अंदर ले रही थी. मुझे इसमें दर्द तो बहुत ज्यादा हुआ पर मजा भी चूत चुदाई से दुगना मिल रहा था.

अब जीजू ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड को चोदने लगे, मुझे इस पोजीशन में बहुत मजा आ रहा था. और फिर करीब १५ मिनट तक उनहोने मुझे ऐसे ही चोदा और मेरी उस पोजीशन को रिलेक्स देते हुए मुझे सीधा लेटा दिया, और अब टांग ऊपर उठाकर गांड में लंड उतार डाला.

जीजू इस पोजीशन में मेरे बूब्स पकड़ कर दबा रहे थे और जोर जोर से चोदे जा रहे थे, फिर वह कभी मेरी गांड में अपना लंड उतारते तो कभी मेरी चूत में अपना लंड  उतार कर मुझे एक साथ दो-दो चुदाई का मजा मिल रहा था.

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अब जीजू ने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया, जिससे मैं समझ गई कि अब तो जीजू का निकलने वाला है, इसलिए मैंने भी अपनी गांड उठा कर उनका साथ दिया. और २० धक्को  के बाद उनके लंड में एक जोरदार धार मेंरी चूत में ही निकाल दिया जो कि इतनी गरम थी कि मेरी चूत उनके गर्म पानी से एक बार फिर से झड़ गई.

अब जीजू  मेरे ऊपर आकर लेटे रहे और फिर एकदम से उठकर अपने सुपाड़े को तैयार कर लिया, मेरी गांड तो मोटा लंड खा खा कर पूरी सूज चुकी थी, पर जीजू थे की चीखें निकालने में पूरे एक्सपर्ट थे,  इसलिए उन्होंने मेरी सूजी गांड में लंड डाल दिया. मैं चींखती रही और वह मुझे चोदते रहे.

मेरे प्यारे जीजू को चीखे निकलवाने में बहुत मजा आता था और हम वहां करीब ३ दिन रुके और उन्होंने मुझे पूरे ३ दिन जमकर चोद डाला.

फिर मैं और मेरे पति घर की और चल पड़े और घर आकर भी मेरी गांड बहुत दुखी  और करीब ४ दिन बाद जा कर ठीक हूई.