3 वर्जिन स्कुलगर्ल्स के साथ गांड सेक्स

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हाय दोस्तों मैं राजस्थान का राठोड राजपूत हूँ. बीकानेर सिटी में रहता हूँ. मेरी उम्र भले ही 59 की हो गई हो पर अभी भी मुझे जवान लड़कियों कको बाबू कर के उन्हें लम्बे समय तक कैसे चोदा जाए उसका हुनर पता हे. मेरे अंडकोष काफी बड़े हे और लंड की लम्बाई भी 8 इंच की हे. मैंने अपनी लाइफ में 18 से ले के 45 साल तक की औरतों को चोदा हुआ हे. और मुझे स्कुल की लडकियां यानी की स्कुलगर्ल्स की चुदाई करने में बड़ा मजा आता हे.

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और मेरी किस्मत ऐसी हे की मुझे स्कुलगर्ल्स आसानी से मिल भी जाती हे क्यूंकि मैं खुद एक स्कुल चलाता हूँ. और ये स्कुल एक गर्ल्स ओनली स्कुल हे. मैंने अपनी सकू में चुन चुन के सेक्सी फिमेल टीचर्स रखी हुई हे. और वो सब 22 से 28 साल के बिच की कुंवारी लड़कियां ही हे. ये स्कुल सेकंडरी तक हे और उसके अंदर 200 लड़कियां पढ़ती हे और 25 हॉट टीचर्स हे.

बीकानेर के बहार से ही ज्यादातर लडकियां यहाँ पर पढने के लिए आती हे और हॉस्टल में रहती हे. मैंने एक कम्पनी से टाइअप कर के स्कोलरशिप का काम चालू किया हे इसलिए ये विद्यालय अगल बगल के इलाके में फेमस हे और लोग अपनी लड़कियों को यहाँ एडमिशन दिलवाने के लिए घंटो लाइन में खड़े रहते हे.

हमारे स्कुल में सभी धर्मो की लड़कियां हे जिन्हें सामाजिक और दुसरे शिक्षण के साथ साथ फिजिकल, स्पोर्ट्स और सेक्स एज्युकेशन भी दिया जाता हे. स्पोर्ट्स के लिए बाकायदा बड़े सेंटर्स हे और वहां पर पुराने खिलाड़ियों को भी बुलाया जाता हे ट्रेनिंग के लिए. साथ में अक्सर स्कुल में बड़े बड़े कम्पनी के लोग आते हे और यहाँ की शिक्षा देखते हे. सेक्स एज्युकेशन का जिम्मा मैंने अपने कंधे पर लिया हुआ हे जैसे. और मैं खुद उसकी निगरानी रखता हूँ. लड़कियों के सामने खुले में सेक्स की बातें कर के जो लुत्फ़ मिलता हे वो किसी कामवासना से कम नहीं होता हे. वैसे मैं खुद एक रईस बन्दा हु और अपनी स्कुलगर्ल्स की चुदाई की फेंटसी को पूरा करने के लिए और उसे मेंटेन करने के लिए खुद भी इस स्कुल में बहुत सब फंडिंग करता रहता हूँ.

इसके अलावा डांस वगेरह की प्रवृति भी होती हे स्कुल में. और आज की ये गांड चुदाई की कहानी जिन तिन लड़कियों के ऊपर हे वो डांस के सेक्शन में ही माहिर हे. उनके नाम पिंकी, किशोरी और निन्नी हे. पिंकी कश्मीर से, निन्नी गुजरात से और किशोरी बंगाल से हे.

एक दिन नृत्य के फंक्शन में इन तीनो लड़कियों ने एक ग्रुप डांस किया. साली ये 18 साल की लडकियां ऐसे अपने अंग को फड़का फड़का के हिला रही थी और एकदम उत्तेजक डांस कर रही थी. उनके सेक्सी अंग में 18 साल की नजाकत और उभार था.

तीनो को जब नाचते हुए देखा तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. ख़ास कर के पिंकी जिस अंदाज से अपनी गांड को हौले हौले से हिला रही थी वो देख के मेरे मन में उन्हें चोदने की इच्छा जाग गई. चुदाई नहीं गांड मारने की इच्छा जागी थी स्पष्ट कहूँ तो!

मैंने अपनी नृत्य की मेडम जिसका नाम पुष्पा हे उसे दुसरे ही दिन अपने कमरे में बुलाया. उसे लगा की शायद मैं उसे चोदना चाहता था इसलिए वो सज धज के आई थी.

वो आई तो मैंने उसे इन तिन लडकियों किशोरी, पिंकी और निन्नी के बारे में पूछा. पुष्पा ने बताया की तीनो बड़ी गरीब घर की हे और हमारे स्कुल में स्कोलरशिप के ऊपर ही दारोमदार हे उनका. मैंने ख़ुशी से अपनी मुठी जकड़ ली. गरीबी और मज़बूरी जहाँ हो वहां पर चुदाई जल्दी से हो जाती हे. पुष्पा को मैंने कहा उनकी फाइल्स भेज देना मुझे.

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वो बोली ठीक हे सर. और ये कह के वो जा रही थी तो मैंने उसकी गांड देखी. मैंने उसे कहा, एक मिनिट.

वो मुड़ी, मैंने कहा अब आई हो तो कुछ करवा के ही जाओ!

वो हंस पड़ी और उसने दरवाजे की स्टोपर लगा दी. अपनी रिवोल्विंग चेयर के अन्दर मैंने थोडा ऊपर हो के अपनी पेंट को खोल के निचे खिंचा. साथ में चड्डी भी निचे कर दी. पुष्पा मेरे पास आई और मैंने उसे निचे बिठा दिया. पुष्पा के मुहं में लंड दे दिया मैंने और उसके बाल पकड़ लिए. उसने मेरे मजबूत लंड को पूरा मुहं में डाल लिया और रंडी के जैसे चूसने लगी.

कुछ देर लंड चुसाने के बाद मैं पुष्पा का स्कर्ट ऊपर किया और उसने अपनी पेंटी को साइड में करनी चाहि. मैंने पेंटी को उतार ही दिया. और अपनी ऊँगली से उसकी गांड पर थूंक लगा दिया. वो समझ गई की आज सर पीछे हमला करेंगे. मेरे लंड के ऊपर बिठा के मैंने उसके बुब्स पकड लिए. लंड आधा गांड में डाला था की वो अहह अह्ह्ह करने लगी. मैंने उसके बाल नोंच के कहा, चुप साली रंडी!

वो मेरे डर से चुप कर गई. मैंने बूब्स मसल के पूरा लंड गांड में पेल दिया. पुष्पा को पसीना आ गया एसी कमरे में भी. मैंने पुरे लंड को अंदर कर के उसकी खूब मारी.

जब वीर्य निकलने के बाद वो खड़ी हुई तो पूरी लडखडा सी रही थी. वो कपडे सही कर के चली गई. मैंने टिश्यू से लंड साफ़ किया और काम करने लगा.

आधे घंटे के बाद किशोरी, पिंकी और निन्नी की फ़ाइल आ गई. तीनो के बाद मजदुर या उसके समकक्ष ही थे. पिंकी के फोटो को देख के मेरे लंड में आग सुलग गई. वो जिस अंदाज में अपनी गांड हला रही थी डांस में वो सिन याद आ गए. उस दिन वो लोग स्पोर्ट्स सेंटर पर थी इसलिए बुला नहीं सका. लेकिन दुसरे दिन मोर्निंग में ही मैंने तीनो को अपनी केबिन में बुला लिया.

मैं अपने साथ तीनो के लिए गिफ्ट ले के आया था. वो कमरे में आइ.

मैं: शाबाश बच्चियों, तुम्हारा डांस देख के बहुत अच्छा लगा, 18 साल की उम्र में तुम लोगों ने बहुत कुछ सिख लिया हे.

किशोरी: थेंक यु सर, सब आप का ही आशीर्वाद हे.

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मैंने उसे पास बुलाया और उसके हाथ अपने हाथ में लिए.

मैं: अभी तो स्टार्ट ही हुआ हे आशीर्वाद, आगे आगे देखो क्या होता हे!

ये लो, ऐसा कह के मैंने पैकेट्स उन्हें दिए. इसके अन्दर आप लोगों के लिए एक गिफ्ट हे अच्छे डांस के लिए.

वो तीनो बड़ी खुश हो गई.

मैंने कहा, अब मैं चाहता हूँ की अगले महीने जयपुर में जो इंटरस्कुल डांस कम्पटीशन हे उसके अन्दर हमारी विद्यालय से तुन तीनो ही जाओ.

वो खुश हो के एक दुसरे के सामने देख के हंस रही थी. मेरी नजर पिंकी की स्कर्ट पर थी. लाइन्स वाली स्कर्ट में उसकी उभरी हुई गांड को देख के मैं अपने लंड को काबू में नहीं रख पा रहा था. मैंने कहा, देखो तुम लोगो को खुद को मानसिक रूप से सब कठिनाइयों के लिए रेडी करना होगा.

किशोरी बोली, जी सर.

मैंने कहा, और आज मैं तुम्हे कुछ कठिनाइयाँ खुद दूंगा ताकि तुम लोग उस बड़े मंच के लिए खुद को रेडी कर सको. तो क्या तुम लोग चाहती हो उस बड़े मंच के ऊपर जाना?

तीनो ने एक साथ कहा, हां सर.

मैं: गुड, चलो अपनी कमर को मेरे टेबल की तरफ कर के खड़ी हो जाओ.

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वो तीनो ने मेरी बात मान ली. मैं आगे गया और उनके हाथ से गिफ्ट के पेक्ट्स ले लिए और अपनी टेबल के ऊपर रख दिए. किशोरी ने पीछे मुड के देखा तो मैंने कहा, कुछ भी हो आप को पीछे नहीं देखना हे जब तक मैं ना कहूँ.

वो तीनो ने सर हिलाया.

मैं पिंकी के पीछे खड़ा हो गया और उसकी कमर के ऊपर हाथ रख दिया. वो इसके लिए रेडी नहीं थी इसलिए थोड़ी हिल सी गई. फिर वो टट्टार खड़ी रही. मैंने उसकी कमर के ऊपर हाथ घिसा और महसूस किया की उसकी साँसे फुल सी रही थी. वो पीछे तिरछी नजरों से देख रही थी. किशोरी और निन्नी ने भी निगाहें तिरछी कर ली थी. अब मैंने अपने एक हाथ की पिंकी के बम्स पर रख दिया. वो अहह कर बैठी लेकिन कुछ नहीं बोली. मैंने धीरे धीरे से उसकी गांड को सहलाने लगा. वो लम्बी साँसे ले रही थी. मैंने उसके स्कर्ट को थोडा ऊपर किया. अन्दर उसने लॉन्ग पेंटी पहनी हुई थी. मैंने पेंटी के अन्दर ऊँगली डाल के उसे थोडा ऊपर किया. पिंकी ने पीछे मुड के देखा तो मैंने मुहं के ऊपर ऊँगली रख के उसे चुप रहने को कहा. वो स्माइल के साथ आगे मुड गई.

मैं ऊँगली अन्दर डाल के उसकी चूत और गांड के छेद के साथ खेलने लगा. पिंकी की सेक्सी चूत ने पानी छोड़ दिया था सिर्फ टच करने से ही. उसका छेद काफी टाईट था और वो सिस्कियाने लगी थी. उसकी सिसकियों को सुन के किशोरी और निन्नी उसे देख रही थी. किशोरी की और मेरी नजरें मिली और वो हंसती हुई आगे देखने लगी. पिंकी की चूत को तडपा के मैं उठ गया. अब किशोरी की गांड को ही चेक करनी थी मुझे.

मैं उसके पास आया और उसके स्कर्ट को उठाया. वो साली थोडा पीछे को हुई, जैसे अपनी गांड मुझे पेश कर रही हो. मैंने स्कर्ट उठा के देखा तो उसकी पेंटी छोटी और ब्लेक थी. मैंने उसकी गांड भी सहलाई. ऐसा ही निम्मी के साथ भी हुआ. फिर मैने तीनो स्कुलगर्ल्स के स्कर्ट और पेंटी को उतार के उन्हें नंगा कर दिया. चेयर के ऊपर बैठ के मैंने कहा, अब तुम लोग इधर देखो. जब वो मेरी तरफ मुड़ी तो मैंने अपना बड़ा लंड बहार निकाल के रखा हुआ था. तीनो ने एक दुसरे की तरफ देखा. मैंने कहा इसे मुहं में लेगा वो जल्दी से जयपुर जाएगा. किशोरी ही सब से पहले आगे बढ़ी. और उसके पीछे निम्मी और पिंकी भी आ गए. वो तीनो मेरी चेयर के पास निचे फर्श पर अपने घुटनों को लगा के बैठ गई. पिंकी को सर से पकड के मैंने उसे ऊपर किया. और उसके गुलाबी होंठो के ऊपर अपने प्यार का ठप्पा लगाने के लिए उसे चूम लिया. उसके होंठो में एक अजब सा कम्पन था, शायद वो पहली बार लिप किस कर रही थी.

किशोरी ने दूसरी तरफ मेरे लंड को अपने होंठो से चूसा. और निम्मी भी उसके साथ हो ली. दोनों स्कुलगर्ल्स दोनों साइड से लंड को चूस रही थी. किशोरी ने लंड के निचे के अंडकोष को पकड़ के दबाया. मैंने पिंकी के टॉप में हाथ डाल के उसके बूब्स दबाये वो आह्ह्ह कर उठी. उसके बूब्स एकदम छोटे और अविकसित से थे. मैं उसके बटन खोले और बूब्स देखने लगा. वो 24-25 इंच के ही थे. किशोरी ने लंड के सुपाडे को और निम्मी ने अंडकोष को मुहं में ले लिया था. पिंकी ने कहा, ये दोनों ने तो मेरे लिए जगह ही नहीं रखी सर.

मैंने उसके कंधे से पकड के उसे अपनी तरफ खिंचा और कहा, पिंकी तुम्हारा डांस सब से अच्छा था तुम तो जाओगी ही जयपुर.

वो खुश हो गई. मैंने उसके बूब्स फिर से सक किये उसकी छोटी छोटी निपल्स अब ऊपर को उठ रही थी. मैंने दो ऊँगली के बिच में उसे पिंच किया तो वो कराह उठी. मैंने पिंकी की चूत पर एक हाथ रखा और उसे हिलाने लगा. उसकी चूत में से पानी बहार होने लगा था.

मैंने उससे कहा, पिंकी पूरी नंगी हो के मेरे लिए एक बार डांस करो ना.

किशोरी ने ये सुना और लंड मुहं से बहार निकाला. वो बोली, सर हम भी करें.

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मैंने कहा तुम तीनो पूरी नंगी हो के नाचो मेरे सामने.

वो तीनो खड़ी हो के कपडे उतारने लगी. उतने में मैं भी नंगा हो गया. किशोरी ने वो गाना चालु किया जिसके ऊपर वो लोगों ने डांस किया था फंक्शन में, चीटिया कलाईया रे!

और वो लोग अपनी गांड हिला हिला के नाच रही थी. निम्मी तीनो में सब से शर्मीली सी थी. वो बार बार नाचते हुए मुझे ही देख रही थी. मैंने उसे इशारा कर के अपने पास बुलाया और उसे अपनी गोदी में बिठा लिया. उसके बूब्स पकडे तो वो सिहर उठी, साली ये भी वर्जिन थी एकदम!

पिंकी ने अपनी गांड उस दिन के जैसे ही हिलाई और मेरे लंड में तूफ़ान मचा दिया. मैंने उन्हें रुकने के लिए कहा. फिर मैंने पिंकी को कहा, तुमने इसका स्वाद नहीं लिया हे तुम आ जाओ. पिंकी ने घुटनों के ऊपर बैठ के मेरे लंड को मुहं में ले लिया. वो सुपाडे के साथ आधेऔर मैं सिसकियाँ रहा था मजे से. किशोरी मेरे पास ही खड़ी थी. मैंने उसे टेबल पकडवा के झुका दिया. और एक पेन उठाई. किशोरी की गांड के ऊपर मैं पेन से हिलाने लगा. और फिर वो पेन को मैंने उसके चूत के छेद में घुसा दिया. किशोरी दर्द से छटपटा सी गई. मैंने कहा, आराम से चुसो पिंकी.

पिंकी ने लंड को हिलाया और बड़े प्यार से उसे चूमने लगी. मेरी हालत एकदम उत्तेजना से भरी हुई थी. मैंने पिंकी को रोक लिया और किशोरी की गांड के ऊपर थूंक दिया. पिंकी को भी मैंने किशोरी के जैसे टेबल पर उल्टा कर दिया. निम्मी को बुला के उसे अपने लंड को हिलाने के लिए कहा. निम्मी ने दोनों हाथ से मेरे लंड को पकड के उसका मर्दन किया. पिंकी को पीछे मैंने अपने होंठो से प्यार देना चालू कर दिया. पहले तो मैंने उसके बम्स के ऊपर किस किया. वो सिहर उठी और हिली. मैंने उसके दोनों पैर पकड लिए और किस करते हुए उसकी गांड के छेद तक जा पहुंचा. वो पागल होने लगी थी. निम्मी को रोक के मैंने उसे भी उल्टा कर दिया. और किशोरी को जो पेन घुसाया था उसे निकाल के निम्मी की गांड में डाला.

तीनो स्कुलगर्ल्स की गांड मेरे तरफ थी और मेरे मुहं में पानी आ गया था उन्हें देख के. मैंने अपनी टेबल की ड्रावर से एक कंडोम निकाला और पेक्ट फाड़ के अपने लंड पर पहन लिया. पिंकी के पास जा के मैंने उसके कान में कहा. पहले थोडा दर्द होगा लेकिन मुझे पता हे की कुछ बनने के लिए दर्द सहना पड़ता हे वो तुम्हे पता हे. पिंकी ने हां में सर हिलाया. मैंने अपने सुपाडे को उसकी गांड पर लगा दिया. और निचे से दो ऊँगली डाल के उसकी चूत को हिलाने लगा. पिंकी को बड़ी मस्ती चढ़ गई थी. और वो अपनी गांड को हिला के मेरे लंड के उपर धकेल रही थी. मैंने मन ही मन कहा रुको अभी डालूँगा फिर धक्के लगाना मेरी जान!

थूंक से गीली गांड और कंडोम की चिकनाहट के ऊपर भरोसा कर के मैंने एक धक्का लगाया. पिंकी के मुहं से दर्द भरी सीत्कार निकल पड़ी, ooohhhhh बाप रे अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह ईईई अह्ह्ह्हह्ह मर गई मैं तो!

मैंने लंड को अभी तो 20% ही अन्दर किया था. इस स्कुलगर्ल की गांड एकम टाईट थी और लंड को अजब सी खुमारी चढ़ रही थी उसके अन्दर घुस के. मैंने पिंकी के बूब्स को फोंड्ल किये और लंड को जरा भी हिलाया नहीं. वो टेबल के ऊपर अपनी मुठ्ठियाँ ऐसे मार रही थी जैसे उसकी जान निकल रही हो. किशोरी और निम्मी मेरे लंड के जादू देख के आहत सी हो गई थी. किशोरी को पसीना आ चूका था. पिंकी एक मिनिट और छटपटाइ, फिर वो शांत हुई.

मैंने उसे पूछा, आगे करूँ पिंकी?

वो बोली, हां सर अब दर्द कम हुआ हे.

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मैंने उसके बुब्स को पकड के धक्का दिया तो आधा लंड उसकी गांड में घुसा. वो फिर से दर्द में तडप उठी. लेकिन अब उसे पता था की गांड सेक्स का ये दर्द टेम्पररी ही था इसलिए वो ज्यादा चिल्लाई नहीं. लेकिन उसकी गांड से खून निकल गया था जिस से मेरा कंडोम लाल हो गया था.

एक मिनिट रुक के मैंने फिर से धक्का लगाया और पिंकी की सेक्सी गांड में पूरा लंड पेल दिया. पिंकी आह्ह अह्ह्ह कर रही थी. और मैंने उसके शोल्डर और नेक पर किस करने लगा था. किशोरी और निम्मी देख रही थी. तभी मैंने किशोरी को बुलाया और कहा की तुम पिंकी के बूब्स चुसो. और निम्मी को टेबल के निचे बिठा के मैंने कहा, निचे से पिंकी की चूत को चाटो तुम.

वो दोनों के आने से पिंकी की अन्तर्वासना और भी जागी. अब वो सामने से अपनी गांड को हिला रही थी. मेरे लंड के ऊपर मस्त प्रेशर बना हुआ था इस वर्जिन स्कुलगर्ल की गांड के छेद से. मैंने उसके कंधे को पकड लिए दोनों हाथ से. और फिर मैं धक्के लगाने लगा. निचे निम्मी चूत चूस रही थी और मेरा लंड अब पिंकी की एस्होल को थोक रहा था.

पिंकी खुद भी चुदासी हो चुकी थी. वो अपनी गांड हिला के मरवा रही थी. किशोरी और निम्मी भी पुरे आनंद से पिंकी को लिक और सक कर रही थी. पुरे कमरे में मेरी और पिंकी की मादक सिसकियाँ गूंज रही थी.

तभी पिंकी की चूत से झड़ निकल आया और निम्मी का मुहं गंदा हो गया. मैंने निम्मी से कहा, चाट जाओ सब. वो चाट गई.

पिंकी के घुटनों में दर्द होने लगा था, वो पहली बार खाली जो हुई थी.

मैंने लंड उसके गांड से निकाला. और कंडोम को बदल दिया.

दोस्तों मैंने पिंकी के जैसे ही किशोरी और निम्मी की भी गांड मारी. किशोरी को उतना दर्द नहीं हुआ लेकिन निम्मी का तो खून और गू दोनों निकल आया था.

जब हम लोग पौने दो घंटे के बाद फ्री हुए तो इन तीनों में से किसी के अंदर भी चलने की शक्ति नहीं थी. मैंने उन्हें गिफ्ट पेकेट के साथ हजार हजार रूपये दिए और कहा, जयपुर जाने के लिए अभी से प्रेक्टिस स्टार्ट कर दो और ये पैसे से कपडे ले आना.

तीनो गांड मरवा के खुश होते हुएमेरे कमरे से चली गई.

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दोस्तों पिंकी, निम्मी और किशोरी को मैं सच में जयपुर ले के गया. लेकिन वो फेस्टिवल आने तक मैंने तीनो को बहुत चोदा और गांड मारी. किशोरी तो एक बार प्रेग्नंट भी हो गई थी कंडोम फटने से. उसका अबोर्शन करवा के मैं उसे फिर से चोदने लगा था.

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कसम से ऐसी हॉट स्कुलगर्ल्स की गांड का जो मजा था वो फिर कभी नहीं आया. अब तो ये तीनो यहाँ नहीं हे पर आज भी ये चुदाई मुझे याद आती हे!