चाची की ट्रेन में चुदाई-2

HOT Free XXX Hindi Kahani
दोस्तों पिछले भाग में आप लोगो ने मस्त एन्जॉय किया अब आगे की कहानी पढ़िए … एक लम्हे को तो मैं डर गया और मुझे लगा कि चाची जाग गयी है लेकिन नही चाची अभी तक सो रही थी अब चाची के बूब्स नाइटी के अंदर मेरे मूँह के बिल्कुल सामने थे मेरे और चाची के बूब्स का फासला तकरीबन 3 या 4 इंच का था फिर मैं ने अपन हाथ धीरे से चाची के बूब्स पर रख कर बूब्स को थोड़ा दबाया हाई क्या नरम बूब्स थे इतना मज़ा फिर मैने चाची के बूब्स को दबाना जारी रखा मैं अपने हाथो से चाची के बूब्स दबा रहा था और अपने आँखो से चाची को देख रहा था फिर मैने चाची के बूब्स को नाइटी से बाहर निकाला. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

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 चाची ने उस वक़्त अपनी ब्रा नही पहनी थी और फिर मैने चाची की निपल्स को अपने मूँह मे लेकर चूसने लगा चूस्ते चूस्ते मुझे इतना मज़ा आया कि मैने अपनी चाची की निपल्स को हल्का सा काट लिया तो चाची की मूँह से सिसकारी निकली तो मैं डर गया और जल्दी से पीछे हट गया और उसी वक़्त चाची उठ गयी ओरमुझे देख कर कहा क्या बात है तुम जाग रहे हो मैने कहा ऐसे ही बस नींद नही आराही तो चाची ने कहा कोई बात नही मेरे साथ सो जाओ नींद आजाए गी मुझे और क्या चाहिए था मैं फटा फॅट चाची के साथ लेट गया फिर अचानक चाची की नज़र अपने बूब्स पर गयी और मुझे कहा ये देखो ना ये कैसे बाहर निकल आए ज़रा इन्हे अंदर कर दो.आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैने चाची के बूब्स को पकड़ कर उनको चाची की नाइटी के अंदर डाल दिया फिर चाची ने मुझे कहा कि मेरी चूत मे कुछ पानी सा लग रहा है ज़रा देखो तो सही क्या है मुझे ये सुन कर बहुत मज़ा आया कि चाची अब मुझ से अपनी बूर का चेक अप करवा रही है फिर मैं हालाँकि मुझे पता था कि चाची की बूर पर मेरा कम लगा हुआ है लेकिन मैं ज़ाहिर नही करना चाहता था मैं चाची की बूर को देखने की कोशिश करने लगा लेकिन कमरे मे अंधेरा था सिर्फ़ थोड़ी सी हल्की हल्की रोशनी थी इस लिए मैं चाची की बूर को सही तरह से नही देख सका. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैने चाची से कहा कि चाची अंधेरे की वजह से सही नज़र नही आरहा तो चाची ने कहा लाइट ऑन कर की देख लो फिर मैने लाइट ऑन की और चाची की बूर को दोबारा देखने लगा क्या चूत थी चाची की फिर मैने चाची से कहा कि ये आप की चूत का पानी है तो चाची ने कहा कि अच्छा मैं इसे साफ कर के आती हूँ फिर चाची वॉशरूम मे चली गयी अपनी चूत को साफ करने के लिए चूत को साफ कर के जब चाची बाहर निकली तो उन का पाँव फिसल गया और वो पीठ के बल ज़मीन पर गिर गयी ये देख कर मैं जल्दी से चाची के पास गया और उन को उठा के चाची को बेड पर लिटाया तो चाची ने मुझ से कहा कि बोहोट दर्द हो रहा है पीठ मैं क्या तुम थोड़ी सी तेल की मालिश करो गे मैने कहा हां और ड्रेसिंग टेबल से तेल की बॉटल उठा के चाची के पास गया. तो चाची ने मुझ से कहा कि मेरी नाइटी उतारो फिर पीठ पर मालिश करो फिर मैने चाची की नाइटी उतार दी अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी चाची का ये खूबसूरत जिस्म देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया लेकिन मैने अपने आप को संभाला और चाची की पीठ पर तेल की मालिश करने लगा मैं चाची की पीठ की मालिस कर रहा था लेकिन देख उस की गांड को रहा था क्या मस्त गांड थी हाई दिल कर रहा था घुसा दूं अपना लंड चाची की गांड मे फिर आहिस्ता आहिस्ता चाची की पीठ की मालिश करते करते मैं नीचे आता गया और आकर चाची की गांड की मालिश करने लगा चाची की गांड की मालिश करते करते मैने अपनी एक उंगली चाची की गांड के होल मे डाली तो चाची के मूँह से सिसकारी निकली और मुझ से कहा प्ल्ज़्ज़ और करो बहुत मज़ा आरहा है. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैने अपनी उंगली चाची की गांड मे डालना शुरू कर दी और चाची सस्स्सस्स ऊहह आहह की आवाज़े निकलना शुरू करदी तकरीबन 20 मीं तक ये सिलसिला जारी रहा फिर चाची ने कहा कि अब मेरे चेस्ट पर थोड़ी सी मालिश कर दो और सीधी हो कर लेट गयी फिर मैने एक नज़र चाची के बूब्स को देखा वो बहुत कसे हुए थे और बहुत टाइट थे और मैं चाची के बूब्स को देखता ही रह गया फिर मैने थोड़ा सा तेल चाची की चेस्ट पर गिराया और थोड़ा सा बूब्स पर भी गिरा दिया फिर मैं एक हाथ से चाची की चेस्ट की मालिश कर रहा था और दूसरे हाथ से चाची के बूब्स को मसल रहा था और चाची सस्सस्स हइई ओह आअम्म्म्मम आहह की आवाज़े निकाल ने लगी.
फिर थोड़ी देर के बाद मैने चाची के दोनो बूब्स को दोनो हाथो से दबाने लगा दबाते दबाते मैने चाची के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया फिर चाची के बूब्स को चूस्ते मैने अपने होंठ चाची के गरम और नरम होंठो पर रख दिए और फिर चाची ने मुझे अपने से लिपटा लिया और बड़े जोश से किस्सिंग करने लगी मैने अपनी ज़बान चाची के मूँह मे डाल दी वो मेरी ज़बान को चूसने लगी फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरे मूँह मे डाल दी और मैं चाची की ज़बान चूसने लगा फिर मैं चाची के निचले होंठ को चूसने लगा और वो मेरे उपरी होंठ को चूसने लगी इसी तरह 40 मीं तक किस्सिंग का सिलसिला जारी रहा. कभी हम फ्रेंच किस करते कभी लिपलोक्क किस्सिंग करते फिर चाची ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को पकड़ सहलाने लगी और मैं चाची के बूब्स को फिर से चूसने लगा फिर तकरीबन 15 मीं के बाद मैं उठा और चाची की गांड के नीचे दो तकिये रख कर चाची की टाँगे अपने कंधो पर रख दी और अपने लंड को चाची की बूर के हॉल पर सेट कर के एक ही झटके मे अपना लंड चाची की बूर मे जड़ तक डाल दिया चाची के मूँह से हल्की सी सिसकारी निकली और मुझ से कहा तेज़ तेज़ करो जल्दी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब मुझ से और बर्दाश्त नही होता और मैं चाची को चोद्ने लगा और चाची आआहह ययईआअहह ऊहह आअम्म्म्म सस्स्सस्स ऊओ फुऊूक्कककक हहाआंन्न हहाआंन्न की आवाज़े निकालने लगी फिर तकरीबन 30 मीं के बाद मैं चाची के अंदर ही फारिघ् होगया इस बीच चाची 4 बार फारिघ् हुई थी फिर उस दिन के बाद ये एक कभी ना ख़तम होने वाला सिलसिला शुरू हुआ चूत मारने के साथ साथ मैने चाची की गांड भी मारी जैसा कि मैने आप को बताया था कि मेरे चाचा चाची की कोई औलाद नही थी इस लिए चाची ने मुझसे अपना बच्चा पैदा करवाया चाची को तो पता है कि ये बच्चा उस का मेरा है लेकिन चाचा को ये पता नही कि ये बच्चा मेरा है.

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 वो मेरे बच्चे को अपना बच्चा समझते है लेकिन जब चाचा मेरे बच्चे को मारता है तो मुझे इतना गुस्सा आता है कि दिल करता है कि चाचा को रोकू और कहूँ कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बच्चे को मारने की लेकिन क्या करूँ मजबूर हूँ. तो दोस्तो ये कहानी यही ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा और आप लोग अपनी प्रतिक्रिया निचे कमेंट में जरुर लिखे |