हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम जावेद है औरंगाबाद से एम. एस. में रहता हु. सोच रहा था, कि मैं भी अपना एक्सपीरियंस इस साइट शेयर करू. लेकिन मैं कुछ अच्छा लिख नहीं पाता हु, जैसा कि दूसरी कहानियो में लिखा होता है. फिर मैं हिम्मत कर के यहाँ पर अपना अनुभव लिखने की कोशिश कर रहा हु. उम्मीद करता हु, कि आप लोगो को मेरी कहानी जरूर पसंद आएगी.
मेरी एज २८ इयर्स है अनमैरिड हु. सच कहु, तो मैंने आज तक सेक्स का एक्सपीरियंस नहीं लिया है. मेरे साथ जो भी हुआ, वो मैं आप सबको बताना चाहता हु. इसलिए मैं यहाँ पर हु. सॉरी आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए, मैं अब सीधे अपने रियल एक्सपीरियंस पर आता हु. घटना करीब १ साल पहले की है या उस से थोड़े ज्यादा वक्त की. मैं एक प्राइवेट फर्म में काम करता हु. सैलरी तो ज्यादा नहीं है; पर ओवरटाइम कर के अच्छे पैसे मिल जाते है मुझे. ओवरटाइम के चक्कर में मुझे कई बार रात को लेट हो जाता है घर आने में. उस रात भी मुझे ऐसे ही लेट हो गया था. ११ बजे रात को मैं अपने के लिए ऑफिस से निकला. मेरे पास बाइक नहीं है, तो मैं ऑटोस्टैंड पर ऑटो का वेट करने लगा था.
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काफी देर जब कोई ऑटो नहीं आया, तो मैं पैदल ही अपने घर की तरफ चल पड़ा. मेरा सिटी है बड़ा, पर रात में जल्दी रास्ते सुनसान हो जाते है. मुझे दूर जाना था, तो मैं तेजी से कदम बढ़ाते हुए घर की तरफ जा रहा था. सोचा था, कि रास्ते में तो कोई ना कोई ऑटो मिल ही जाएगा. तो वहां से ले लूंगा. मैं इसी सोच में चला जा रहा था, कि अचानक से एक साइकिल वाला मेरे रुक गया. वो कोई ३० या ३२ साल का होगा. हाइट भी कम थी उसकी. उसने मुझ से पूछा, कि टाइम क्या हुआ है? मैंने उसको टाइम बता दिया और चलने लगा. वो भी अपनी साइकिल से उतर कर मेरे साथ – साथ पैदल चल पड़ा. मुझे अजीब तो लगा, कि वो जबरदस्ती मेरे गले पड़ रहा है; पर मैंने उसको बोला कुछ नहीं. फिर उसने ही मुझ से बातचीत करनी शुरू कर दी. वो सब जनरल, काम के बारे में, क्या करते हो? मुझे उसमे कुछ दिलचिस्पी नहीं थी. वो ही जबरदस्ती मेरे गले पड़ रहा था. रात भी गहराने लगी थी. तो मैं तेज – तेज चलने लगा. अचानक वो भी बातें करते हुए तेज हो गया और मेरी शादी और सेक्स के बारे में पूछने लगा.
पहले तो मैं कुछ समझा नहीं, कि ये क्या कह रहा है? पर जब उसने कहा, कि तुम्हारी शादी हो गयी है? मैंने कहा – अभी नहीं. तो वो बड़ा खुश हुआ और फिर उसने पूछा, कि कोई प्रेमिका है तुम्हारी? मैंने कहा – नहीं है. अब वो धीरे – धीरे मतलब की बातो पर आ रहा था. फिर उसने पूछा कि…… जब इच्छा होती है, तब क्या करते हो तुम? मैंने कहा – कैसी इच्छा? वो एकदम से शर्मा गया और धीरे से कहा – सेक्स की इच्छा. अब मेरे सब समझ में आ गया था, कि वो मुझ से क्या चाहता है? वो एक गे था मीन्स गांडू था. मैंने इनके बारे में सुना तो था, लेकिन जिंदगी में आमना – सामना पहली बार हो रहा था. मैंने कहा – तुम्हे क्या चाहिए? वो बोला – तुम मेरी खुजली मिटा दो. और इतना कहते ही, उसने अपना हाथ मेरी पैंट पर रख दिया और रगड़ने लगा. मैं उसको रोकना चाहता था, लेकिन पता नहीं मैं उसको क्यों नहीं रोक पाया.
सिर्फ १० सेकंड में मेरा लण्ड अंदर फूलकर टाइट हो गया नाग जैसे. उसकी आँखों में एकदम से चमक आ गयी. हम तब तक स्टेडियम के पास आ चुके थे. वो मेरा हाथ पकड़ कर स्टेडियम के अंदर ले गया. वहां पर ना तो कोई सिक्योरिटी गार्ड था और ना ही कोई और. वो मुझे एक कोने में ले गया और अपने घुटनो के बल बैठ गया. उसने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे तने हुए लण्ड को देख कर पागलो की तरह चूसने लगा और चूमने लगा. मेरे मुंह से सिर्फ अहहाा अहहहह कर के आहे भरी आवाज़ निकल रही थी. वो चांदनी रात थी. उस मदहोश रौशनी में, वो मेरा लण्ड चूस रहा था. कोई १० मिनट बाद वो उठा और उसने अपनी पेंट उतारी. अब वो मेरे सामने बिलकुल नंगा खड़ा था. उसके बूब्स छोटे – छोटे थे और वो बाहर की तरफ निकले हुए थे कुछ – कुछ.
उसके जिस्म पर एक भी बाल नहीं था. उसकी एस एकदम मोटी और चिकनी थी. मैं उसे देख रहा था,कि उसने एकदम से मेरी पेंट उतार दी और वो वापस मेरे लण्ड को मुंह में ले कर चूसने लगा. वो बोला, तुम्हारा लण्ड तो एकदम चिकना है. मजा आ मैंने झट से अपने लण्ड का कैप उसके एस होल पर टिका दिया और उसके मुंह सिसकिया निकल पड़ी. वो बहुत ही गरम हो चूका था और मैं भी. वो धीरे -धीरे अपनी कमर हिला रहा था… जैसे मेरे लण्ड को खुद ही खा जाना चाहता हो. मैंने एक जोर से धक्का मारा और उसकी चीख निकल गयी. मेरे लण्ड का सिर्फ कैप ही अंदर गया उसकी गांड के छेद के अब तक. मेरा लण्ड फूल कर बहुत मोटा हो गया था और उसकी गांड का छेद बहुत ही टाइट था.
रहा है इसको चूसने में. गांड में ले कर तो और भी ज्यादा मजा आएगा. ये कह कर वो घोड़ी बन गया और अपनी एक फिंगर अपनी गांड के होल पर रख कर बोला, डाल दो जल्दी.
मैं भी उसके पीछे अपना तना लण्ड ले कर खड़ा हो गया. उसकी गांड वाकई में कमाल की थी, एकदम मोटी और सॉफ्ट. उसने कमर में एक काला धागा भी डाला हुआ था. मैंने पूछा, कि ये क्यों डाला हुआ है? उसने कहा – पहले मेरी आग तो बुझाओ, फिर सब बताता हु.
उसे शायद बहुत दर्द हो रहा था. पर वो फिर भी अपनी गांड को आगे – पीछे कर रहा था. मैंने अपना लण्ड उसके होल पर से हटा लिया. तब वो पलटा और मेरे लण्ड को चूसने लगा. ५ मिनट के बाद वो बोला, धीरे से डालो. वो फिर से घोड़ी बन गया. पर मैंने उसकी बात नहीं मानी और पहले से भी तेज धक्के से उसकी गांड में लण्ड घुसाने लगा. वो जोर से चीख पड़ा. फिर भी मेरे हिस्सा ही अंदर जा पाया था. मैं वैसे ही कोशिश करता रहा, पर उसकी गांड बहुत टाइट थी. मेरा मुझे आ नार्मल से ज्यादा मोटा लग रहा था. हमारे पास ना तो कोई तेल था और ना ही कोई क्रीम. अब तो मेरे लण्ड में भी दर्द होने लगा था.
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मैं उसके पीछे से हट गया और वो वैसे ही रहा. मैंने अपनी पेंट पहनी. ये देख कर उसने भी अपने कपडे पहन लिए. फिर उसने कहा, कि तुम्हारे पास कोई रूम नहीं है? मैंने कहा – नहीं है. इस बीच कोई १ घंटा निकल चूका था. रात और भी गहरी हो गयी थी. मैंने कहा – अब मैं जाता हु. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला, मैं तुम्हारा यहीं वेट करूँगा कल. तुम जरूर आना. तुम ने मेरे अंदर और भी आग भड़का दी है. मैंने इस से पहले सिर्फ ३ बार गांड मरवाई है. पर वो लण्ड छोटे और नार्मल साइज के थे, तुम्हारे जैसे नहीं. मैंने उसे आँख मार दी और वहां से घर की तरफ चल पड़ा. फ्रेंड इस बात तो आज १ साल के ऊपर ही हो चूका है. मैं दोबारा गया था वहां पर, लेकिन वो मुझे फिर कभी नजर नहीं आया.