पराये लंड के लिए मैं बेवफा हो गयी

HOT Free XXX Hindi Kahani

Xxx भाभी पोर्न कहानी पराये मर्द का लंड लेने के बाद बार बार उसी परपुरुष के लंड से चुदने की ललक की है। मैंने अपनी अन्तर्वासना अपने पति के लंड से बुझानी चाही लेकिन प्यास नहीं बुझी।

दोस्तो, मैं करूणा हूं। इससे पहले भी मेरी दो कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं।

अपनी पिछली कहानी में मैंने आपको बताया था कि कैसे मैं बहक गई थी और मैंने सुनील का लंड लिया था।

आज मैं आपको उससे आगे की Xxx Bhabhi Porn Kahani बता रही हूं।

दिन में बंगाली भाभी के साथ लेस्बियन सेक्स करने के बाद मुझमें सेक्स की भूख कुछ ज्यादा ही बढ़ गई लगती थी।
मगर मैं क्या करती, सुनील को तो डांटकर भगा चुकी थी।
उसका रोता हुआ चेहरा देख कर मुझे हंसी सी आ रही थी।

लेकिन मैं बिल्कुल ही निष्ठुर हो चुकी थी।
मेरे मन में ग्लानि भी थी कि मैंने अपने पति को धोखा दिया है।
लेकिन अब तो इस बारे में कुछ किया नहीं जा सकता था क्योंकि मैं तो सुनील से अपनी चुदाई करवा चुकी थी।

यही सोचते हुए शाम हो गई।
अब मेरे पति के आने का समय हो गया था।

मेरी बेटी जाग गई तो मैंने उसे दूध पिलाया।
इतने में ही मेरे पति आ गए।

शाम से ही मैंने अपने पति को सेक्स के लिए उकसाना शुरू कर दिया था, एक बार तो मैंने उनको तगड़ा वाला स्मूच कर दिया।
फिर एक बार मैं उनकी गोदी में बैठ कर अपनी गांड उनके लन्ड पर रगड़ने भी लगी।

मेरे पति भी मेरा साथ देने लगे, मेरे चूचे दबाने लगे तो कभी मेरी गांड में उंगली भी करने लगे।

Hot Japanese Girls Sex Videos
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

अभी रात होने में देर थी, गुड़िया भी जगी हुई थी।
इसलिए मैंने खाना बना कर पहले गुड़िया को दूध पिलाया।
फिर हम दोनों ने खाना खाया।

मैं खाना खाकर गुड़िया को सुलाने लगी और मेरे पति मुझे बार बार देख कर मुस्करा रहे थे।
जैसे सोच रहे हों कि आज तो मैंने उनका कत्ल कर देना है।

करीब 9 बजे गुड़िया सो गई तो मैं धीरे से उठी.
और फिर मैंने अंगड़ाई ली और धीरे-धीरे अपनी गांड मटकाते हुए कपड़े खोलने लगी।

बस मैं पैंटी में आ गई क्योंकि चूचों में दूध इतना आता है कि चूचे बहुत भारी हो गए हैं। उनका दूध मुझे मेरे पतिदेव को पिलाना पड़ता है।
मुझे देख कर मेरे साहब भी कपड़े खोलकर सिर्फ अंडरवियर में आ गए।

मैं उनके पास चिपक कर उनके कंधे पर सिर रखते हुए एक पैर उनके ऊपर रखकर लेट गयी।
मेरा घुटना उनके लन्ड को छू रहा था और मैं एक हाथ से उनके लन्ड को सहला रही थी।

आखिरकार जो डर था वही हुआ।

वे पूछ बैठे- आज इतनी मस्ती क्यों आ रही है ये बता?
एक बार तो मैं हड़बड़ा गई लेकिन सम्भल कर बोली- आज मुझे मेरी सुहागरात याद आ गई थी। जबकि उनको पता ही नहीं कि मैं एक दिन पहले सुनील के साथ सुहागदिन मना चुकी थी।

बस इतना सुनते ही मेरे पति मेरे ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़े।
वे मेरे होंठों को, मेरे गालों को, और मेरी चूची को दबाकर दूध की धार खुद के मुंह में लेने लगे, जोर से मुझे मसलने लगे।

मैं सिर्फ आह … ही कर पा रही थी।
सच में मेरी जिंदगी की वो सबसे हसीन रात थी।
मेरे अंदर कामाग्नि भयंकर जल रही थी।

लग रहा था कि बस लन्ड मेरी चूत में हो और मैं चुदती रहूं।

देसी हिंदी सेक्स वीडियो

तभी उन्होंने अपने दांतों से मेरी पैंटी उतारनी शुरू की।
मैंने थोड़ा सा ऊचक कर उनका साथ दिया।

वे मेरे पैर के अंगूठे को काटने लगे और मैं तड़प उठी।
सच में बहुत मजा आ रहा था।
तभी वो मेरे पैरों को चाटते हुए मेरी चूत तक आ गए।

पहले तो उंगली से सहलाने लगे, फिर अपनी जीभ से चाटने लगे।
मैं सिर्फ आनन्द के सागर में गोते लगा रही थी और सिर्फ ‘आह … और करो … ऐसे ही चाटो … बस करते रहो … अंदर तक … आह्ह’ करती जा रही थी।

उनका सिर मैं लगातार चूत में दबा रही थी।
मैं बार बार गांड को उठाकर ऊंची होने की कोशिश कर रही थी।

मुश्किल से 2 मिनट बीते थे कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया; मेरा शरीर एकदम हल्का हो गया।
मैं हांफ रही थी।

तभी मेरे पति अपना लंड मेरे मुंह के पास ले आए।
उन दिनों मुझे चूसना अच्छा नहीं लगता था।

उनकी खुशी के लिए मैं उनके टट्टे चाटने लगी।
मैं लंड को साइड से चाट रही थी।
मेरे पति इससे भी संतुष्ट हो जाते थे।

चाटने की वजह से मेरे निप्पल तन गए थे, मेरे अंदर कामरस बहने लगा था।
बस मुझे लगने लगा कि अब तो चोद ही दे ये।

पतिदेव भी समझ गए, उन्होंने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया जो कि हमेशा लगाते हैं।
इससे चूत ऊपर हो जाती है और टांगें चौड़ी करने से लन्ड अंदर बच्चेदानी तक पहुंच जाता है।

मेरे पति अपना लन्ड मेरी चूत में रगड़ने लगे।
इससे मैं और ज्यादा तरस गई और उनसे बोली- यार अब चोद दो! अब नहीं रहा जाता बस!

Free Hot Sex Kahani

तभी एक झटका लगा और उनका आधा लन्ड मेरी चूत के अंदर घुस गया।
मेरे मुंह से आह्ह निकल गई और मैं बोली- आराम से करो यार, हमेशा ही क्यों हवसी बने रहते हो!

लेकिन उन्होंने जैसे सुना नहीं …बस दूसरा झटका लगा और लन्ड सीधा मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकराया।
थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मजा भी आ गया।

फिर पति धक्के पर धक्के लगाने लगे और मैं चूतड़ उचका कर लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी।

ये तो राजधानी मेल की तरह शुरू हुए और लगातार 10 मिनट तक मुझे ठोकते रहे।
फिर उन्होंने मेरी टांगें पकड़ कर उठा लीं और खुद घुटनों के बल बैठकर चोदने लगे।

मेरे मुंह से आह … आह … निकलती जा रही थी और चुदाई की मस्ती में चूर हो चुकी थी।

फिर ये पूछने लगे- माल चूचियों पर निकालूं या चूत में?
मैं बोली- चूत में!

इतना कहते ही मेरी चूत का पानी भी छूटने लगा और साथ में पतिदेव भी झड़ गए।
हम दोनों पस्त होकर करीब 15 मिनट ऐसे ही पड़े रहे।

फिर मैंने उनको हटने को बोला।
तौलिया लेकर मैंने अपनी चूत साफ की; उनके लन्ड को पौंछा, एक बार किस किया और सो गई।

अगली सुबह उठी तो मैं संतुष्ट थी।

लेकिन पता नहीं क्यों मुझे सुनील का लंड रह रहकर याद आ रहा था।
अब खुद ही मेरी इच्छा उससे चुदवाने की हो रही थी।

कामुकता सेक्स स्टोरीज

सुनील रोज मेरे घर के सामने से निकलने लगा और उसको लालच रहता था कि वह मुझसे फिर बात करना शुरू करे।

वह इतना तो समझ ही गया था कि मैंने उसकी बात को राज रखा हुआ है क्योंकि मेरे पति उससे नॉर्मल तरीके से ही मिल रहे थे।

अब मेरे मन में वापस उससे चुदवाने की इच्छा होने लगी थी।
लेकिन एक डर भी लग रहा था कि किसी को पता चल गया तो क्या होगा!

मेरे पति की शिफ्ट शाम 4 बजे से रात 12 बजे की थी।

अचानक 2 बजे सुनील अपने स्कूल की छुट्टी करके घर आ गया।
वह मेरे पति से बात करने लगा.

तभी मेरे मन में ये ख्याल आया कि चलो इसको फिर से बुला ही लेते हैं।

तो मैंने कहा- आपको बेटी रोज शाम को याद करती है और आप उसे घुमाने भी नहीं ले जाते।
इतना सुनते ही उसकी जैसे आत्मा प्रसन्न हो गई और बोला- हां भाभी, थोड़ा बिजी था … आज लेकर जाऊंगा।

वह ठीक 6 बजे घर आ गया और बेटी को घुमाने ले गया।
करीब आधे घण्टे बाद वह वापिस आया और कमरे में बैठ गया।
मैंने चाय बनाई और हम साथ में पीने लगे।

फिर सीधे ही उसने बोला- भाभी, चूत की खुजली बर्दाश्त नहीं हुई न? मैं तो जानता हूं कि जो एक बार मुझसे चुदवा ले, दोबारा भी चुदवाती जरूर है। बताओ कितने बजे आऊं?
मैं बोली- रात 9.30 के बाद आना, तब तक मैं गुड़िया को भी सुला दूंगी।

उसके बाद मैंने रात की तैयारी करनी शुरू कर दी।
खाना तो 3 बजे बन ही गया था क्योंकि 4 बजे उनको भी टिफिन देना होता है।
उसके बाद मैंने अपनी चूत के बाल साफ किए।

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज

गर्मी के दिन थे तो शाम को दुबारा नहा भी ली और गुड़िया को जल्दी सुलाने की कोशिश करने लगी।
गेट मैंने खुला ही छोड़ दिया था और गुड़िया को लेकर बेड पर लेटा कर सुलाने लगी।

करीब 9 बजे तक गुड़िया सो भी गई।
फिर धीरे से मुझे भी नींद आ गई।

मुझे पता भी नहीं लगा कि कब सुनील मेरे घर में दाखिल हो गया।
वह फिर मेरे मम्में सहलाने लगा और मेरे गाल पर प्यार करने लगा।

ऐसा करने से मेरी आँख अचानक खुल गई तो वो दूर हो गया और बोला- भाभी, दूसरे बिस्तर पर बैठते हैं।
फिर हम दोनों उठकर दूसरे बिस्तर पर आ गए।

गुड़िया के पास मैंने तकिया लगा दिया जिससे कि वह बीच में न जगे।

फिर हम दोनों ऐसे चिपक गए जैसे कि बरसों बाद मिले हों।
मेरी और उसकी जीभ एक दूसरे के साथ खिलवाड़ कर रही थी।
वह कुर्ते के ऊपर से मेरे मम्में दबा रहा था, सहला रहा था।

कभी मेरी गांड पकड़ कर दबा रहा था और मैं भी उससे बेल की तरह लिपटी हुई थी।
उसको बस जितना मैं भींच सकती थी उतना मैंने भींच रखा था।
दोनों की लार एक हो रही थी।

करीब 15 मिनट तक यही स्थिति रही हम दोनों की।

उसके बाद हमने एक दूसरे की तरफ देखा और जैसे कहा हो कि कहां थे यार इतने दिनों तक हम दोनों।

तभी उसने मुझे खड़े खड़े पलट दिया।
अब वह मेरी पीठ और गर्दन को पीछे से चूमने लगा, साथ-साथ मेरे चूचे भी दबाने लगा।

देसी चुदाई की कहानियाँ

मेरा दूध मेरे कुर्ते को गीला कर रहा था।
उसने मेरा कुर्ता उतार दिया; मैंने हाथ उठा कर उसका साथ दिया।

अब मेरे मम्मे आजाद थे क्योंकि मैंने ब्रा नहीं पहनी थी।

तभी उसने मेरी सलवार का नाड़ा भी खोल दिया।
अब चूंकि पैंटी नहीं थी तो मैं एकदम नंगी खड़ी थी।

फिर मैंने बोला कि वो भी उतारे कपड़े।

तो वह सब कुछ उतार कर मेरे पास आ गया और मेरे ऊपर लेट गया।
उसका मोटा लन्ड मेरी चूत को छू रहा था और मैं आनंद के सागर में गोते लगा रही थी।

वह मेरे दूध की अमृत धार का पान कर रहा था और मैं उसकी पीठ सहला रही थी।
तभी वो उठकर मेरे पैर के अंगूठे को चूसने लगा।

फिर बोला- भाभी, मैं आज से आपका गुलाम हूं।

वह चाटते हुए मेरी जांघों तक आ गया।
फिर वह मेरी नाभि को चाटने लगा।

अब मैं मचल पड़ी थी।
इतना मजा आ रहा था कि मैं लिख नहीं सकती।
बस मैं आह … आह कर रही थी और पैर हल्के से पटक रही थी।

ऐसा लग रहा था कि बस ये मादरचोद मुझे चोद दे।
पर सुनील ऐसा नहीं कर रहा था।

Free XVideos Porn Download

तभी वह अपना मुंह मेरी चूत पर ले गया और हाथों से मेरी चूचियों की घुंडियों को उमेठने लगा।
बस कुछ बयां नहीं कर सकती कि मैं कितने आनन्द के सागर में गोते लगा रही थी।

उसने धीरे-धीरे मेरे भगनासा को चाटना शुरू किया; फिर मेरी चूत में अपनी जीभ घुसाने लगा।

यह मेरे लिए अलग अनुभव था।
बस मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत में दबा दिया।

मेरे मुंह से बस आह-आह निकल रही थी।
तभी मेरा कामरस छूट गया और उसने अपना मुंह हटा लिया।
मेरी सांसें लम्बी-लम्बी चल रही थीं।

मुझे लग रहा था कि मैं स्वर्ग में हूं।
इतना मजा मुझे आज तक नहीं मिला था।

Hindi Antarvasna Kahani

फिर मैंने सुनील से कहा- अब ऊपर आ जाओ।

वह मेरे पास आ गया और ऊपर लेट गया।
उसका लन्ड चुभता हुआ मुझे मेरी चूत में महसूस हो रहा था।

तभी वह उठा और उसने मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया।

मैंने उसको बोला कि वो छोटा तौलिया इसके ऊपर रख ले क्योंकि जो तकिया मेरी गांड के नीचे लगा था, वो मेरे पति का था।

उसने ऐसा ही किया और मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखकर अपना लन्ड मेरी चूत के मुंह पर लगा दिया।

Free Indian Sexy Stories

मैं अपनी गांड उचका कर उसका लन्ड लेने की कोशिश करने लगी।
लेकिन वह ऐसे ही रहा, मानो मुझे और तड़पाना चाह रहा।

तभी मुझे गुस्सा आ गया और कहा- मादरचोद, चोद ले अब तो!

तभी सुनील मुस्कराया और उसने अपना 2 इंच मोटा लन्ड मेरी चूत में एक झटके में आधा डाल दिया।
मेरी चूत गीली थी; फिर भी मुझे लगा कि मेरी चूत की दीवालों को किसी ने छील दिया हो।

मैंने कहा- कुत्ते धीरे कर!
लेकिन अब वह कहां सुनने वाला था … अगले ही पल एक करारा शॉट पड़ा और उसका लन्ड मेरी बच्चेदानी तक पहुंच गया।

बस मेरे लिए बहुत था।
मैंने बोला- मादरचोद … अब रुका तो फिर कुछ नहीं करने दूंगी।
फिर चल पड़ा वो राजधानी मेल की तरह।

लंड कब अंदर हो रहा था और कब आधा बाहर हो रहा था, मुझे पता नहीं लग रहा था।
वह बड़े ही खतरनाक तरीके से चोद रहा था।

मैं तो सिर्फ आह-आह कर जोर से आवाज निकाल रही थी।
पर मैं कोशिश कर रही थी कि आवाज ज्यादा तेज न हो।

करीब 10 मिनट में मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरा पानी छूट गया।
मैंने उसे रुकने को बोला और लम्बी सांसें लेने लगी।

तभी सुनील बोला- भाभी घोड़ी बन जाओ, अब पीछे से चोदने दो।

मैं मेरे घुटनों और मेरी कुहनियों पर आ गई जिससे मेरी चूत पीछे से खुल गई क्योंकि मुझे पता था कि लन्ड मोटा है, दर्द करेगा।

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ

बस इस बार चूत गीली थी और एक शॉट में लन्ड अंदर चला गया।
फिर सुनील शुरू हो गया, मेरी धक्कापेल चुदाई शुरू हुई।
मेरे चूतड़ों पर पड़ने वाली थाप और थप्पड़ अलग ही मजा दे रहे थे।

करीब 5 मिनट बाद सुनील बोला- भाभी मेरा आने वाला है, कहां निकालूं?
मैंने कहा- अंदर मत निकालना!

तभी उसने अपना लन्ड बाहर निकाल कर सारा माल मेरी गांड पर निकाल दिया।

वह फिर साइड में पस्त होकर पड़ गया।
मैं भी पेट के बल लेट गयी।
सच में बहुत मजा आया।

थोड़ी देर बाद मैंने उसके लन्ड को तौलिया से पौंछा।
उसने मेरी पीठ को पौंछा।
हमने कपड़े पहने, एक जोरदार हग किया।

उसके बाद उसने किस किया और वह चला गया।
इससे आगे की कहानी मैं जल्द ही लिखूंगी।

आपको मेरी Xxx भाभी पोर्न कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल करके जरूर बताना।

कहानी के नीचे कमेंट बॉक्स में भी अपने कमेंट्स देना न भूलें।
मेरा ईमेल है- [email protected]

Video: चुदासी पाकिस्तानी माल लड़की को पठान ड्राईवर ने चोदा