भाभी जी की दो कचौड़ियां-4

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देसी भाभी हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने पड़ोसन भाभी को पटा कर पूरी गर्म करके उसको जमकर चोदा और उसकी प्यास बुझाई। वो मेरे लंड की दीवानी हो गई.

दोस्तो, मैं सचिन आपको अपनी पड़ोसन भाभी की चुदाई की कहानी बता रहा था।
देसी भाभी हॉट सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
पड़ोसन भाभी को नंगी करके चूत चाटी
में मैंने बताया था कि भाभी मेरा लंड देखने के बाद चुदासी हो गई और उसने मुझे चाय पीने का न्यौता दिया।
बातें करते हुए हम दोनों सेक्स तक पहुंच गए और मैंने भाभी को नंगी करके उसकी चूत चाट ली।
भाभी की चूत की आग भड़क उठी और उसने मेरा मुंह दबाकर अपना चूत रस मेरे मुंह में छोड़ दिया।

अब आगे देसी भाभी हॉट सेक्स स्टोरी:

उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर से हटा दिए और अपनी आंखें बंद करके लंबी लंबी सांसें लेने लगी।

मैं उसकी चूत पर से उठा और अपना भीगा हुआ मुंह लेकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
वह भी मेरे होंठ चूसने लगी।

जब उसकी चूत के पानी से भीगे हुए मेरे होंठों को वह चूस रही थी तो वह पानी उसके मुंह में गया और वह भी मजे से स्वाद लेकर चूसने लगी।

फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरा चेहरा पकड़ कर थोड़ा सा ऊपर किया और अपनी लंबी जीभ बाहर निकाल कर मेरे होंठों पर फेरने लगी।
मेरी ठोड़ी पर लगे हुए उसके पानी को चाटने लगी।

जब उसने मेरे चेहरे पर लगा हुआ पानी साफ कर दिया तो मैं उसके बाजू में लेट गया।
मैं- डार्लिंग … तुम्हारी बारी है अब … अपने मेहमान की सेवा करो।

वह बिना कुछ बोले मेरे ऊपर लेट गई और मेरे होंठों को चूमने लगी, मेरी गर्दन को, कभी मेरे निप्पल को!
भाभी धीरे-धीरे करके नीचे आ रही थी।

फिर वह मेरे बदन से फिसल कर बाजू में लेट गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी।

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मैं- भाभी, इसका नाम बताओ क्या है?
वो बोली- नहीं बताऊंगी, मुझे शर्म आती है।
वो जोर से खिलखिलाकर हंसने लगी.

मैं- अच्छा यह बताओ कि आप औरत लोग इसको क्या बोलते हो?
मोहिनी भाभी तपाक से बोली- लंड को लंड ही बोलेंगे, चूत थोड़ी बोलेंगे? यह कहकर वो फिर से जोर से खिलखिला कर हंस दी।

फिर मैं बोला- एक बार कुछ ऐसा ही उत्तेजक बोलो।
भाभी मुस्कराते हुए बोली- तुम मुझे पूरा बेशर्म बना कर ही छोड़ोगे। ठीक है … जो तुम्हारे पास है उसे लंड कहते हैं और जो हमारे पास है उसे चूत कहते हैं, बुर कहते हैं। और ऊपर जो हैं जिसे तुम कचौड़ी बोलते हो उसे उन्हें चूचियां बोलते हैं और जहां से टट्टी करते हैं उसे गांड बोलते हैं। और भी कुछ बचा है या वह भी बुलवाओगे?
हा हा हा हा करके वो हंस पड़ी.

मैं- नहीं, अब इसको अपने मुंह में लो।
मोहिनी भाभी- सचिन एक बात बोलूं, किसी से बोलोगे तो नहीं?
मैं- पागल हूं क्या … मैं क्यों किसी से बोलूंगा? कहो?

मोहिनी भाभी- ऐसा नहीं है कि मेरे पति मुझे नहीं चोदते, वो बहुत चोदते हैं और बहुत बुरे तरीके से चोदते हैं। मगर दिक्कत यह है कि सुहागरात के दिन की बात छोड़ दूं तो अब तक उन्होंने मुझे कभी नंगी नहीं किया। मैंने तो कभी उनको नंगा देखा भी नहीं। रही बात चुदाई की तो वह मेरी ऐसी चुदाई करते हैं कि मैं दो बार झड़ जाती हूं। मगर उनके साथ यही दिक्कत है कि वह न तो मुझे नंगी करते हैं ना ही खुद नंगे होते हैं। बस अपना अंडरवियर नीचे किया और मेरी पैंटी उतारी और लंड अंदर डाल कर चोद देते हैं। मेरे दोनों जो दूध हैं उनको ऊपर से ही धीरे-धीरे से सहलाते हैं। कभी मन हुआ तो चूचियों को नंगी करके चूस लेते हैं।

ये कहते हुए मोहिनी उदास सी हो गई।

मैं- बोलो डार्लिंग … आज तुम्हारी हर तमन्ना पूरी होगी और आज तो हमारे पास पूरा दिन पड़ा हुआ है। वैसे मैंने सुना है कि वह रात 8:00 बजे तक आएगा। कहां गया है?
मोहिनी भाभी- अपने दोस्तों के साथ कहीं पिकनिक पर गांड मरवाने गए होंगे। खैर छोड़ो उनकी बातें … हम अपना काम पूरा करते हैं।

उसने अपने हाथ से मेरे लंड की खाल पीछे की और बोली- इसे सुपारा कहते हैं।
फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर उस पर फेरने लगी।

मुझे मजा आने लगा।
उसने आंखें बंद कर लीं और फिर धीरे-धीरे करके अपने मुंह में लेने लगी।

लंड को वो जितना हो सके उतना अंदर तक लेने लगी।
मैं कुछ देर पहले ही मुट्ठी मारकर आया था तो मेरा पानी इतनी जल्दी नहीं निकलने वाला था।

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लगभग 10 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा।
वो फिर बाजू में आकर लेट गई और अपने पैर चौड़े कर दिए- अब बर्दाश्त नहीं होता, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में और चोद दो मुझे

मैं बोला- डार्लिंग मेरा लंड खड़ा हुआ है और तुम इस पर आकर बैठो।
भाभी मुस्कराकर बोली- ठीक है।

अपने दोनों पैर भाभी ने मेरे दोनों साइड डाले और मेरा लंड पकड़ कर लंड को चूत के छेद पर सेट करने लगी।

उसने चूत के छेद में लंड सेट किया था।
इधर मैंने फुर्ती से उसकी कमर दोनों हाथों से जोर से पकड़ कर नीचे को दबाई और नीचे से एक झटका ऊपर मारा।

एक ही बार में मेरा लंड उसकी चूत में समा गया।
उसने जल्दी से अपने दोनों हाथों से अपने मुंह को दबाया ताकि उसके मुंह से चीख बाहर ना निकल सके।

उसकी आंखों से आंसुओं की तेज धारा निकल पड़ी।
ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आंखों से झरना फूट पड़ा हो।
वह अपने दोनों हाथ मुंह से हटा कर दाएं बाएं जोर से फेंकने लगी।

वो दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी।

एक मिनट ऐसे ही रहने के बाद उसने एक जोर का मुक्का मेरी छाती में मारा और बोली- साले कमीने चोद रहा है या मेरी चूत को फाड़ रहा है?

कुछ देर बाद जब वह नॉर्मल हुई तो मुझसे बोली- सॉरी डार्लिंग मैंने तुमको गाली दी, मगर तुमने भी ना … एक ही झटके में डाल दिया। सोचा भी नहीं कि मुझे कितना दर्द होगा। पता है मुझे कितना दर्द हो रहा है? ऐसा लग रहा है कि किसी ने मेरी चूत में गर्म लोहे का सरिया डाल दिया हो।
वो अपने आंसू पौंछते हुए बोली.

मैं- सॉरी डार्लिंग, मैं तुम्हारे इस कड़क जिस्म को देखकर अपने आप को नहीं रोक पाया।
भाभी कुछ ना बोली और धीरे-धीरे करके अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी।

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मोहिनी भाभी- डार्लिंग, मुझसे ऊपर बैठकर चुदाई नहीं हो पाएगी क्योंकि मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है। मैं नीचे आ जाती हूं। तुम ऊपर आ जाओ। फिर जैसे चाहे वैसे चोदना। और हां मुझे यह दर्द बहुत अच्छा लग रहा है तुम्हें परेशान होने या सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है। मैं कितना भी चीखूं या चिल्लाऊं, तुम मुझ पर रहम मत करना।

ये बोलते हुए वह मेरे ऊपर लेट गई।

मैंने भी फुर्ती दिखाते हुए उसे झट से अपने नीचे लिया और उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर वापस ताकिया उसकी गांड के नीचे रखा और तेजी से चोदने लगा। वह दर्द से कराह रही थी।

मैं- डार्लिंग दर्द हो रहा है तो थोड़ा रुकूं?
मोहिनी- डार्लिंग, तुम मेरे दर्द की चिंता मत करो। मुझे बहुत मजा आ रहा है। इस दर्द में तुम पूरी ताकत से अपनी चुदाई जारी रखो।

कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद मैं उससे बोला- डार्लिंग, चल कुतिया बन जा!
मोहिनी- हां, ले मैं तेरी कुतिया बन गई। मगर हम दोनों कुत्ते कुतिया में एक प्रॉब्लम रहेगी।

मैंने पूछा- डार्लिंग, कौन सी प्रॉब्लम रहेगी?
वह बोली- हम दोनों कुत्ता कुतिया तो बन गए मगर जिस तरह कुत्ते का लंड कुतिया की चूत में फंस जाता है उस तरह मेरे कुत्ते का लंड मेरी चूत में नहीं फंसेगा।

वो हंसने लगी और मैं भी हंस पड़ा।
फिर मैंने उसकी ताबड़तोड़ चुदाई चालू कर दी।

इस पोजीशन में चोदते हुए मुझे काफी देर हो गई और अब तक भाभी दो बार झड़ चुकी थी।

अब मैं भी झड़ने के करीब था तो मैंने बोला- डार्लिंग, मेरा निकलने वाला है। कहां निकालूं?
वह बोली- तुम मेरे अंदर ही निकाल दो, मैंने कॉपर-टी लगा रखी है, टेंशन वाली बात नहीं है।

मैंने 10-15 झटके और जोर से मारे और उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया और उसके ऊपर ढेर हो गया।
कुछ देर तक इसी हालत में पड़े रहने के बाद मैं उसके ऊपर से हटा और उसे सीधा करके लिटा दिया।

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फिर मैंने देखा कि उसकी चूत का कबाड़ा हो गया है। उसकी चूत से खून और वीर्य मिलकर निकलते हुए उसकी गांड से होते हुए चादर को भिगो रहा है़।

मैंने उसके चेहरे को देखा तो वह आंखें बंद करके पड़ी हुई थी।

मैं भी उसके बाजू में लेट गया और अपना मोबाइल उठा कर देखा तो सुबह के 11:30 बज चुके थे।

उसके बच्चे की रोने की आवाज सुनकर हम दोनों ने जल्दी से एक दूसरे की ओर देखा और कपड़े पहनने लगे।

उसके यहां से निकल कर सीधा मैं अपने रूम में आ गया।

मैं रूम में पहुंचा ही था कि मेरे फोन की घंटी बजी तो देखा ट्रूकॉलर पर नाम आ रहा था- नाम जानकर क्या करोगे।
मैंने कॉल पिक किया और पूछा- हैलो, कौन?
वहां से बहुत ही सुरीली आवाज आई- नाम जानकर क्या करोगे?

मैं- सुनो, तुम्हें अपना नाम बताना है तो बताओ, नहीं तो मैं फोन रख रहा हूं?
वह बोली- तुम बिना बताए ही निकल गए। मैं बोल रही हूं जिसकी तुम कचौड़ियां और चाट-चाटकर मलाई खाकर गए हो।

हैरानी से मैं बोला- अरे मोहिनी तुम हो?
भाभी हक जताते हुए बोली- तुम बिना बताए क्यों चले गए? अभी नीचे आओ।
मैं- डार्लिंग मैं नहाने की तैयारी कर रहा हूं, नहाकर आता हूं।

भाभी- डार्लिंग, मैंने कब कहा है मत नहाओ, मगर मैं चाहती हूं कि हम दोनों साथ नहाएं और तुम जल्दी आ जाओ। मैं आज का पूरा दिन इंजॉय करना चाहती हूं वह भी तुम्हारे साथ।
बोलकर उसने फोन काट दिया।

जब मैं नीचे पहुंचा और भीतर गया तो देखा कि भाभी पूरी नंगी खड़ी हुई थी।
उसने झट से दरवाजा बंद कर दिया।

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उसके गले में मंगलसूत्र ही था बस … उसकी जांघों पर मेरा वीर्य और उसकी चूत का पानी सूखकर चिपका हुआ था।

मोहिनी मेरा हाथ पकड़ कर बाथरूम में ले जाने लगी तो मैं बोला- और तुम्हारा बच्चा?
मोहिनी बोली- मेरा बच्चा अभी खेल रहा है और वह मुझे ज्यादा परेशान नहीं करता है।

ये बोलकर वह मुझे बाथरूम में खींचते हुए ले गई।
वो मेरे कपड़े उतारने लगी और कुछ ही सेकेंड में मुझे पूरा नंगा कर दिया।

उसने शावर ऑन किया और हम दोनों के ऊपर गर्म गर्म पानी गिरने लगा।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया।

भाभी ने मेरे लंड को साफ किया और मैंने उसकी चूत में उंगली डालकर उसकी चूत को साफ किया।
फिर वह नीचे बैठ गई और लंड मुंह में लेकर चूसने लगी जिससे मेरे लंड में तनाव आ गया।

कुछ देर लंड चूसने के बाद वह खड़ी हो गई और मेरी आंखों में देखने लगी और अपनी एक टांग उठाकर कमोड पर रख दी और दीवार के साथ टिक गई।

उसने अपनी उंगली से अपनी चूत को चौड़ी किया और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मुझे आगे खींचा।

मेरा लंड उसने अपनी चूत के छेद पर सेट किया और मैंने धक्का देकर उसे चोदना चालू कर दिया।
मैंने मस्त भीगते हुए उसकी चुदाई की।
हम दोनों फिर नंगे ही बाथरूम से बाहर आए।

वह मुझे उसके रूम में ले गई और अपनी अलमारी से एक काली पैंटी मुझे दी और बोली- डार्लिंग, यह पैंटी पहन लो।
मैं- यह तो तुम्हारी पैंटी है और मुझे क्यों दे रही हो पहनने के लिए?

भाभी- डार्लिंग मैं चाहती हूं जब तुम मेरे साथ नहीं रहो और जब मैं पैंटी पहनूं तो मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत पर महसूस कर सकूं। जब तक आज तुम मेरे साथ हो तुम सिर्फ पैंटी में ही रहोगे।

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मैं- अच्छा डार्लिंग, तो यह बात है।
मैंने उससे लेकर पैंटी पहन ली।

मैं बोला- तुम भी सिर्फ आज पैंटी में ही रहोगी, ब्रा नहीं पहनोगी।

दोस्तो, हम दोनों शाम को 5:00 बजे तक सिर्फ पैंटी मैं ही रहे। फिर उसकी पैंटी मैंने उतार कर वापस उसे दे दी।

मैं अपने कपड़े पहन कर अपने रूम में आ गया और घर आकर सो गया।

रात को 8:00 बजे मेरे रूम पर दिनेश भाई आए और बोले- आज रात का खाना हमारे घर पर है।
मैंने बोला- ठीक है।

फिर मैं रात को दिनेश भाई के घर पर गया। खाना खाकर कुछ देर बात की और अपने रूम पर आकर सो गया।

उसके दो-तीन दिन तक हम दोनों एक दूसरे से मिल नहीं पाए।

चौथे दिन सुबह 6:00 बजे जब मेरे मोबाइल पर घंटी बजी तो मैंने देखा कि मोहिनी भाभी का फोन है।
मैंने तुरंत फोन कॉल उठाया।

मेरे कुछ बोलने के पहले ही मोहिनी भाभी बोली- ज्यादा बात करने का समय नहीं है, तुम अपना गेट खोलकर रखो अभी!
ये बोलकर उसने एकदम से फोन रख दिया।

मैं अपना गेट खोलकर वापस पलंग पर आकर लेट गया।
5 मिनट बाद गेट बंद होने की आवाज आई।

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जब तक मैं कुछ समझ पाता तब तक भाभी मेरे रूम में आ चुकी थी।

मैं उठकर पलंग पर बैठ गया मगर भाभी ने तुरंत मुझे धक्का दिया और मैं वापस बेड पर लेट गया।
भाभी ने जल्दी से मेरी अंडरवियर उतार कर फेंक दी।

सुबह-सुबह सभी जवान मर्दों लंड खड़ा होता है तो मेरा भी खड़ा था।
वह बिना कुछ बोले मेरा लंड पकड़ कर मुंह में लेकर चूसने लगी।

जब मेरा लंड अच्छी तरह से तैयार हो गया तो उन्होंने अपना गाउन कमर तक ऊपर किया और मेरे ऊपर चढ़ गई।

फिर अपने हाथ से लंड पकड़ कर चूत के छेद पर सेट किया और एकदम से लंड पर बैठ गई।

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मेरा लंड उनके थूक से गीला होने के कारण सीधा उनकी चूत में चला गया और वह मेरे लंड पर कूदने लगी।

5 मिनट ऐसे चुदाई करने के बाद मैं कुछ बोलने को हुआ तो उसने उंगली मेरे होंठों पर रख दी और कुछ ना बोलने का इशारा किया।
फिर वह मेरे ऊपर से उठकर घोड़ी बन गई।

मैं भी बिना कुछ बोले उसके पीछे आया और अपना लंड उसकी चूत में लगाकर उसे चोदने लगा।
कुछ देर में मेरे लंड ने पानी उसकी चूत में छोड़ दिया।

फिर उसने अपने ही पहने हुए गाउन से अपनी चूत को साफ किया और मेरे लंड को भी साफ कर दिया।

मुझसे रुका न गया और मैं बोला- इतनी सवेरे सवेरे अचानक?

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भाभी- डार्लिंग, तुम इतने दिन से मुझे नहीं मिले तो मेरी चूत को तुम्हारे लंड की याद आने लगी। मैंने रात को ही प्लान किया कि सुबह जल्दी उठकर कपड़े धोऊंगी ताकि मेरे पति को शक ना हो और कपड़े लेकर छत पर सुखाने जाऊंगी। इस बहाने फिर जब लौटकर आऊंगी तो तुमसे मिलकर चुदाई कर लूंगी। जैसा मैंने सोचा था उससे अच्छा ही हुआ। मजा आ गया जान!

यह बोलकर वो मेरे होंठों पर किस करने लगी।

फिर बोली- डार्लिंग मुझे देर हो रही है। आगे मौका मिला तो टाइम दूंगी।
ये बोलकर वो मेरे रूम से निकल गई।

दोस्तो, इसके बाद आपको मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने भाभी की गांड मारी और लॉकडाउन के 30 दिन तक हम दोनों एक साथ एक ही घर में रहे रहे।

आपको मेरी देसी भाभी हॉट सेक्स स्टोरी कैसी लगी कृपया अपने विचार मुझे जरूर बताएं। कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें। मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज करें।
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