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हसबेंड वाइफ़ सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे एक पति ने अपनी पत्नी को दूसरे लंड से चुदवाने के लिए मुझे अपने घर बुलाया. लेकिन मुझे चूत के दर्शन कराने से पहले ही …

दोस्तो, मैं राज आपको हसबेंड वाइफ़ सेक्स कहानी के पहले भाग
पति की अपनी पत्नी की चूत चुदवाने की लालसा
में अपने पाठक की उसकी बीवी को गैर मर्द से चुदवाने की इच्छा की कहानी बता रहा था. ये इच्छा खुद उसने मुझे बतायी और ये भी बताया कि कैसे उसने अपनी बीवी को इसके लिए राजी किया.
उसने मुझे हैंगआउट पर अपनी बीवी की नंगी फोटो भेजी जिसे देखकर मेरा मन भी उसकी चुदाई के लिए मचल गया.

अब आगे हसबेंड वाइफ़ सेक्स कहानी:

रात को 10 बजे के करीब रोहन का मैसेज आया कि मैं आपको चुपके से वीडियो कॉल पर ले लूंगा लेकिन आप कुछ आवाज मत करना. मैं भी बेसब्री से उसकी कॉल का इंतजार करने लगा.

उसकी कॉल आते ही मैंने वॉइस म्यूट कर दी और वीडियो कॉल देखने लगा.
रोहन ने नेहा को घोड़ी बना रखा था और पीछे से उसका बदन, उसकी गाँड, उसकी पीठ दिखाकर मुझे उत्तेजित कर रहा था।

रोहन का लन्ड जैसे ही नेहा की चूत में गया नेहा ने अपनी कमर हिला कर उसके लन्ड को अपनी चूत में समा लिया. रोहन कुछ ही पलों के अंदर तेज तेज झटके मारने लगा।

उसके झटकों की ताकत से नेहा का शरीर हिल रहा था और नेहा ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेते हुए अपनी चुदवा रही थी.

तभी एक बार फिर रोहन ने उसे छेड़ा. वो बोला- तुम्हारी चूत बड़ी टाईट है मेरी जान … एक लन्ड और समा लेगी तो कैसे बर्दाश्त करोगी?
वो बोली- ले लूंगी. अपनी जवानी का रस पिला दूंगी उसे भी. बुलाओ उसको … अभी बुला लो … दूसरा लंड भी ले लूंगी … आह्ह … बुला लो।

उसकी कामुक सिसकारियां मेरे लिंग में भी गजब का तनाव पैदा कर गयीं.
वासना के अभिभूत मुझे महसूस हुआ कि इस कामुक जिस्म का भोग जितनी जल्दी कर लिया जाए उतना ही उत्तम होगा.

तभी रोहन ने कॉल काट दी.

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ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैंने एक दो बार दोबारा कॉल करके देखने का प्रयास किया लेकिन रोहन ने कॉल का उत्तर नहीं दिया।

कुछ देर बाद फिर से रोहन का मैसेज मिला- कैसा लगा राज जी?
मैं- सुंदर जिस्म है नेहा का. अब ये बताओ कि कब इसे पास से देखने का मौका मिलेगा?

रोहन- जल्दी ही राज जी, हम आपसे बड़ी जल्दी ही मिलने वाले हैं. आप बस तैयार रहिये. हो सके तो यहीं आजाइये। मैंने नेहा को तुम्हारे बारे में बताया है. वो बोली है कि ठीक है तुम देख लो. अब जो सही लगे.

कहते हैं होनी को कोई नहीं टाल सकता. कुछ ऐसा ही मेरे लिए भी था. सरकार ने लॉकडाउन में जैसे ही कुछ ढील दी तो सभी इधर उधर जाने आने लगे.

मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि उसके साथ के कुछ दोस्त कार से घर जा रहे हैं, वो भी उन्हीं के साथ अपने घर जा रहा है.
उसकी बात से मेरी आँखों की पुतलियां खुशी से फैल गयीं.

मेरा वो दोस्त चंढीगढ़ से था और मुझे भी उसी तरफ जाना था.
मैंने उसे पूछा कि कब जाना है तो वो बोला कि कल ही जाना है.

मेरे दिमाग में कुछ खटका और मैंने रोहन को मैसेज कर दिया कि रोहन मैं अगर कल चंडीगढ़ आ जाऊँ तो क्या आप मिल सकते हो?

रोहन- आप कहाँ मिलोगे?
मैंने उसे बताया- ये तो मुझे नहीं मालूम. मेरा एक दोस्त कल घर जा रहा है. वो चंडीगढ़ से ही है. अगर तुम हाँ कहते हो तो मैं उसी के साथ आऊंगा.
रोहन- आप बस अड्डे पर उतर जाना. मैं वहीं आऊंगा आपको लेने.

उधर मैंने अपने दोस्त सुमित को बताया कि तुम भी जा रहे हो, मैं अकेला यहां बोर हो जाऊंगा. मुझे भी ले चलो. मेरे कोई जानकार हैं वहां, मैं उनके घर रुक जाऊंगा. फिर आ जाऊँगा.

मेरी बात सुन उसने भी साथ चलने की हामी दे दी.

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मेरी आँखों से नींद गायब थी. हो भी क्यों न … चाहे कितनी भी महिलाओं को चोद लिया हो एक नए जिस्म के लिए लार टपकना तो स्वाभाविक है.
इन्सान को नये की हमेशा ही लालसा रहती है.

सुबह हम निकल पड़े चंडीगढ़ के लिए।
रात भर जागने से सफर में नींद कब आयी पता ही नहीं चला.

तभी सुमित ने आवाज देते हुए उठाया- राज, हम चंडीगढ़ बस अड्डे पहुँच जाएंगे पांच मिनट में।

मेरी आखँ खुली चंडीगढ़ में ही।

अब मैंने फिर रोहन को कॉल कर बताया कि मैं पहुँच गया हूँ, आ जाओ।
गाड़ी से उतर कर मैंने सुमित को धन्यवाद किया.

कुछ देर बाद रोहन का कॉल आया- आप कहाँ पर हो?
मैंने उसे बताया कि मैं बस अड्डे के बाहर खड़ा हूँ. कोरोना के कारण चंडीगढ़ शहर शान्त था. कम भीड़ थी लेकिन वहां के पटोले, उनकी उठी हुई गांड कम भीड़ में ही ज्यादा मज़ा दे रही थी.

तभी एक कार मेरे पास आकर रुकी और उसमें से बैठे आदमी ने आवाज दी- राज?
मैंने भी पलट कर पूछा- रोहन?

रोहन- आओ बैठो.
मैं गाड़ी में बैठ गया.

रोहन दिखने में स्मार्ट, गोरा-चिट्टा पंजाबी मुंडा था लेकिन उसने आजकल के फैशन की तरह दाढ़ी नहीं रखी थी, बल्कि एकदम चिकना था।
रोहन ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और पूछा- कैसा रहा सफर?

मैंने भी हंस कर जवाब दिया- सफर अभी पूरा कहाँ हुआ है?
मेरे जवाब को सुन रोहन मुस्करा दिया.

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रोहन- बड़ी जल्दी है सफर पूरा करने की? पहले टेस्ट देना पड़ेगा. बिना टेस्ट दिए तुम्हें कैसे पास किया जा सकता है?

हैरान होकर मैंने पूछा- कैसा टेस्ट?
उसने जवाब नहीं दिया और आगे बढ़ा.

मैं सोच रहा था कि ये टेस्ट कहां से बीच में आ गया? फोन पर तो ऐसी कोई बात नहीं हुई थी.

इतने में ही घर आ गया. हम लोग गाड़ी से उतरे और वो उतरकर ताला खोलने लगा तो मैंने पूछा- घर में नेहा नहीं है क्या?
वो बोला- नहीं, वो अपनी किसी सहेली के घर चली गयी है. वो शाम तक ही वापस लौटेगी.

रोहन ने मुझे तौलिया देते हुए कहा- जाओ आप नहा लो, थक गए होंगे. मैं आपके लिये चाय बना कर लाता हूँ।
मैं बाथरूम में गया, नहाया और तौलिया लपेट कर बाहर आ गया।

रोहन मुझे देखकर मुस्करा रहा था।
तभी रोहन ने चाय के लिये बोला.
मैंने उससे कहा- टेबल पर रख दो. मैं कपड़े पहन लूं, फिर पी लूंगा.

मैं टीशर्ट व लोअर पहन कर रोहन के साथ चाय पीने लगा।

बातों बातों में मैंने रोहन से पूछा- आप किस टेस्ट की बात कर रहे थे?
रोहन- राज जी, आपको एक टेस्ट देना पड़ेगा. उसमें पास होने पर ही आप मेरी नेहा के जिस्म का भोग कर पाएँगे.

फिर से मैंने दोहराया- हां, मगर करना क्या है उस टेस्ट में?
रोहन- मुझे पहले अपना हथियार दिखायें कि कैसा है? उसमें वो बात है जो मुझे मेरी नेहा के चेहरे पर मदहोशी देखने में मदद करेगी या नहीं?

इतना बोलते हुए रोहन ने मेरा लोअर खींच दिया. नीचे से मैं अंडरवियर में था.
तभी रोहन ने उसे नीचे कर मुझे नंगा कर दिया.

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अचानक हुई इस प्रतिक्रिया के लिए मैं तैयार नहीं था. मुझे आभास ही नहीं था कि रोहन इस तरह एकदम बदल जायेगा.

उधर रोहन मेरा लन्ड पकड़ कर उसे हिलाते हुए ग़ौर से देख रहा था मानो उसे उसके तन जाने का इंतजार हो।
अब रोहन ने मुझे आराम से बैठने को कहा.

मैं बेड पर बैठ गया और रोहन ने मेरे लन्ड पर अपनी जीभ लगाई और मेरे लन्ड के सुपारे को चाटा. मानो उसका स्वाद पता कर रहा है वो कि वो जीभ पर लगने से कैसा टेस्ट देता है.

फिर दूसरी बार में उसने मेरा सोया हुआ लन्ड मुंह के अंदर ले लिया।
वो आंख बंद करके उसका स्वाद लेने लगा और ऐसे चूसने लगा जैसे वो इसके लिए बरसों से प्यासा था.

कोई इस कदर प्यार से लन्ड चूसे और मेरा लन्ड खड़ा न हो ऐसा तो मुमकिन ही नहीं था.
मेरे लन्ड ने भी अकड़ दिखानी शुरू कर दी.

नतीजा यह हुआ कि रोहन जिस लंड को पहले पूरे मुंह में भरकर निगल रहा था उसे अब वो तन चुका लौड़ा मुंह में पूरा लेना मुश्किल हो रहा था.

उसने लन्ड बाहर निकला और उसे देखते हुए मुस्कराने लगा.
मैंने रोहन से पूछा- क्या हुआ?
रोहन- बहुत मोटा और लम्बा है. मेरी बीवी की तो चूत फाड़ देगा. मन तो मेरा भी था कि तुम्हारा लन्ड अपनी गाँड में लूं लेकिन अब डर लग रहा है. अब नहीं लेना मुझे.

मैंने रोहन से कहा- अब इसे शांत तो करो?
रोहन ने मुस्कराते हुए लन्ड को फिर से मुंह में ले लिया और चूसने लगा.

एक बात तो सच है कि लन्ड चूसने में जो मज़ा मर्द देते हैं महिलाओं के अंदर वो कला कम होती है.

या यूं कह लो कि कुछ ही महिलाओं को लन्ड चूसने में मज़ा आता है जिसे वो दिल लगा कर चूसती हैं, बाकी बस औपचारिकता के लिए मुंह में लेती हैं और कुछ तो मुंह में लेने से साफ मना ही कर देती हैं.

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रोहन ने मेरे लन्ड को बाहर कर मुंह में पानी भर लिया और फिर मेरे लन्ड को चूसने लगा।

मैं रोहन की लन्ड चूसने की कला का आनंद ले रहा था.
मैंने खुद को ढीला छोड़ा और बिस्तर में लेट गया.

अब रोहन मेरे आंड सहलाते हुए लन्ड चूसने में मस्त था.
उसकी स्पीड अब मुझे मज़ा दे रही थी.
मेरा लन्ड कड़क होने के साथ साथ फूलता जा रहा था और रोहन मस्त हो उसे चूसने में व्यस्त था।

कुछ देर चूसने के बाद रोहन बाथरूम में मुंह का पानी थूक कर मेरे पास आया और मेरी जाँघों को सहलाते हुए मेरे लन्ड के आसपास चाटने लगा.
उसने मेरी टीशर्ट भी उतरवा दी और अब मैं फिर से पूरा नंगा था.

फिर धीरे धीरे वो मेरे सीने पर, गर्दन पर और कंधों पर चुम्बन देने लगा.
उसके होंठ मेरे बदन पर यहां वहां चूम रहे थे.
मैंने कोई जवाब नहीं दिया. मुझे उसका ऐसा करना बुरा नहीं लग रहा था.

वो मुझे उत्तेजित करने का पूरा प्रयास कर रहा था. उसका हाथ मेरे लन्ड को पकड़े हुए ऊपर नीचे हो रहा था।
मेरी आँखें बंद थीं. मैं बस मज़ा लेना चाहता था, जो मुझे मिल रहा था, वो भी आराम से लेट कर।

रोहन ने एक बार फिर से मेरे लन्ड को मुंह में लिया और चूसना शुरू कर दिया.
उसका मुंह तेजी के साथ मेरे लन्ड पर चल रहा था.

मेरे हाथ स्वतः ही उसके सिर पर चले गए और उसे तेज तेज हिलाने में मदद करने लगे।

अब सहन करना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए। मैंने रोहन को इशारा किया कि बस करो, मेरा हो जायेगा.
लेकिन वो मुझे हाथ से चुप रहने का इशारा कर मेरे लंड को लगातार चूसता रहा.

मैं समझ गया कि अब रोहन चूसने का पूरा मज़ा ले रहा है।
मेरे लिंग से माल की रसधार छूट गई जिसे रोहन ने मुंह में ही गिरने दिया.
लंड से निकलते वीर्य का वेग इतना तेज था कि लग रहा था जैसे कोई जान को ही लंड के रास्ते खींच रहा हो.

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रोहन को लंड चूसने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था. वो वीर्य निकलने के बाद भी रुका नहीं और मुंह को लंड पर चलाता ही रहा.

मैंने बहुत बार अपना लंड चुसवाया था. मगर जो कोई भी चूसता था, झड़ने के वक्त पर मुंह से बाहर निकाल देता था मगर रोहन ने ऐसा नहीं किया.

मेरी आंखें बंद थीं और कमर खुद ब खुद हिल रही थी. मेरे आनंद की इस वक्त कोई सीमा न थी.
एक समय बाद मैं निढाल हो गया. फिर मैं बेसुध सा होकर लेट गया.

मेरा लंड अभी भी रोहन के मुंह में ही था. वो उठा और फिर मेरे पास आकर लेट गया.
मैंने कहा- तुम तो बड़ा मस्त लौड़ा चूसते हो यार.

रोहन- मेरे दिल में तमन्ना थी किसी का लंड चूसने की. उसका वीर्य पीने की. मगर मैं किसी से जाहिर नहीं कर सकता था. शर्म के मारे मैंने ये इच्छा अब तक सबसे छिपाकर रखी थी. फिर जब मैंने आपकी कहानी पढ़ी तो ठान लिया कि तुम्हारा लंड तो मैं चूसकर ही रहूंगा.

मैं मुस्कराते हुए उसकी बातें सुन रहा था. फिर मैं उठकर बाथरूम जाने लगा.
रोहन- तुम तैयार रहना, नेहा किसी भी वक्त आ सकती है.

फिर मैं दोबारा से नहाया और बाहर आ गया.
कुछ देर बार डोरबेल बजी और रोहन ने दरवाजा खोला.

तभी एक भरे हुए जिस्म की कामुक महिला अंदर आयी.
रोहन- नेहा, तुम आ गईं?

नेहा को देखकर मेरे मुंह से लार टपकने को तैयार थी. टाइट जीन्स और टॉप पहने नेहा क्या सुंदर माल लग रही थी. उसकी गाँड के उभार और उसकी चाल की मटक मेरे दिल को ललचा रही थी.

रोहन ने नेहा से मेरा परिचय करवाया. नेहा और मैंने सिर हिला कर एक दूसरे को हैलो कहा.

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नेहा- आपने कुछ लिया या नहीं?
मैं- जी आप तो थे नहीं तो कैसे लेता? अब आप आ गई हैं तो ले लूंगा.
मेरी बातों का दोहरा मतलब निकालते हुए नेहा शर्मा गयी और अंदर चली गयी.

शाम के 7 बज चुके थे. रोहन ने 3 गिलास टेबल पर रख पानी, सोडा, चखना आदि सब तैयार कर लिया था.
रोहन ने नेहा को भी साथ में बैठने को कहा.

नेहा और रोहन एक साथ सोफे पर बैठे थे जबकि मैं उनसे अलग उनके सामने वाले सोफे पर बैठा था.

दो दो पैग पीने के बाद रोहन ने मुझसे पूछा- राज, मेरी बीवी कैसी लगी आपको?

दोस्तो, शराब है ही ऐसी चीज कि बेशर्म कर देती है. तब जो दिल में दिमाग में हो वही आदमी हकीकत में भी करने से पीछे नहीं हटता है.
मेरा भी मन तो कर रहा था कि उसके कपड़े फाड़ कर उसे चोद दूँ और बता दूं कि इतनी सेक्सी लगी।
वहीं दूसरी ओर शराफत कह रही थी कि जो काम प्यार से हो उसमें जबरदस्ती की जरूरत ही क्या है.

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फिर रोहन ने नेहा को मेरे सामने ही चूमना शुरू कर दिया और नेहा भी न नुकर करते हुए रोहन के छेड़े जाने का मज़ा ले रही थी.

तभी रोहन ने नेहा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके स्तनों को दबाने लगा.
मैं मौके की नज़ाकत का फायदा उठाना चाहता था. लिहाजा मैंने उन्हें कहा कि मैं अभी आया और कॉल के बहाने से बाहर चला गया.

आप सोच रहे होंगे कि मैंने ये बेवकूफी भरा कदम क्यों उठाया जब सब कुछ माल गर्म था?
मगर दोस्तो जब शेर को शिकार करने के लिए उछाली मारनी होती है तो वह पहले पीछे होता है और उसके बाद शिकार पर कूदता है.

मैं जानता था कि नेहा मेरे सामने कपड़े उतारने में शर्म महसूस करेगी. मैं उसको सहज करने के लिए वहां से चला गया ताकि तब तक वो रोहन के पास चूमाचाटी करते हुए पूरी तरह से गर्म हो जाये.

रोहन अब नेहा के जिस्म को चूम रहा था. उसके स्तनों को दबा रहा था.

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नेहा बार बार उसे मेरे आने की बात कह कर टालने की कोशिश कर रही थी लेकिन रोहन तो चाहता ही यही था कि वो मेरे सामने ही नंगी हो।

उसने नेहा की टीशर्ट और ब्रा को ऊपर करके उसके बूब्स बाहर कर दिये. फिर उनको चूसने लगा.

दारू के नशे में मदहोश नेहा भी अब सिसकारियां लेने लगी थी.

देखते ही देखते रोहन ने उसकी टीशर्ट निकाल फेंकी. नेहा को ब्रा में देख मैं भी अवसर की तलाश में था कि कब इस पर हमला करना है।
रोहन नेहा की जीन्स भी उतारने की कोशिश करने लगा.

नेहा- रोहन क्या कर रहे हो? राज आ गया तो?
रोहन- आने दो, उसे इसीलिए तो बुलाया है.
नेहा- मगर फिर भी मत करो न यार, मुझे शर्म आ रही है!

रोहन ने उसकी बात को अनसुना कर उसकी जीन्स उतार दी.
अब नेहा रेड ब्रा-पैंटी में थी. लाल पैंटी में उसकी गांड और ज्यादा सफेद नज़र आ रही थी.

मैंने देर न करते हुए वहीं पर अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में ही उन दोनों के पास जा पहुँचा.
मुझे देख नेहा चौंक गयी और दोनों हाथों से अपने स्तनों को छुपाने की कोशिश करने लगी.

मगर तब तक देर हो चुकी थी.

लौड़ा तो मेरा पहले से ही तना हुआ था. नेहा एक बार मेरे अंडरवियर में तन रहे लंड को देखती और फिर शर्म से यहां वहां देखती हुई अपनी चूचियों को छिपाने की कोशिश करने लगती.

उसकी ये हालत देखकर मेरे अंदर वासना की लहर और ज्यादा तेज उठने लगी थी. मैं बस अब उसका भोग करना चाह रहा था.

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आपको ये हसबेंड वाइफ़ सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे अपने कमेंट्स और मैसेज में लिखना न भूलें.
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हसबेंड वाइफ़ सेक्स कहानी का अंतिम भाग: परायी नारी कोरोना पर भारी- 3

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