advertisement
advertisement
Porn Bhabhi Hindi Kahani - अकेली भाभी बोली कोरोना में चोदो ना
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

पोर्न भाभी हिन्दी कहानी में पढ़ें कि एक आलीशान अपार्टमेन्ट बिल्डिंग में मुझे जॉब मिला. एक सेक्सी भाभी मुझसे हंस हंस बात करती थी. मैं उसे चोदना चाहता था.

हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम के प्रिय पाठको, मैं विराज एक बार फिर से आपकी चूतों को चमचम … और लौड़ों को बांस बनाने के लिए हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: लेडी इनकम टैक्स ऑफिसर को चोदा
जैसा कि आपको पता है कि मैं राजस्थान के सीकर का मूल निवासी हूँ और हाल में जयपुर का निवासी हूँ.

इस पोर्न भाभी हिन्दी कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं लेकिन कहानी हकीकत है.

मुझे भाभियां काफी पसंद हैं, जो टाइट साड़ी बांध कर, अपना पेट और नाभि दिखाती हुई, गांड को मटकाते हुए चलती हैं … और अपने आधे चूचे ऐसे ही समाज सेवा करने के लिए दिखा देती हैं.

दोस्तो, वैसे तो मेरा लौड़ा छह इंच का ही है लेकिन चुदाइयों के काफी अनुभव के बाद ये बड़ा दमदार हो गया है. इतना मजबूत हो गया है कि मेरी जो गर्लफ्रेंड रोज मुझसे चुदवाती है, वो भी बोलती है कि बस करो … पेट में दर्द हो रहा है.

मुझे चुदाई का इतना अनुभव कैसे हुआ, यह जानने के लिए हम लोग सेक्स कहानी की तरफ चलते हैं.

यह बात तब की है, जब मैं जीवन के कठिन दौर से गुजर रहा था. सबसे ज्यादा जिसकी कमी थी, वो थे पैसे.

कुछ कमाने के लिए मैंने जयपुर की एक आलीशान बिल्डिंग में कंप्यूटर जॉब का काम शुरू कर दिया.

उस बिल्डिंग में सभी लोग अमीर थे. क्या मस्त मस्त माल और सेक्सी भाभियां उस बिल्डिंग में रहती थीं.
जिस फ्लोर पर मेरा ऑफिस था, सरोज भाभी उसी फ्लोर पर रहती थीं.

भाभी खूबसूरती की मिसाल थीं और मैडम का गजब का फिगर था. स्वभाव में बिल्कुल हंसमुख. जब वो हंसती थीं, तब ऐसा लगता था जैसे अभी ही लौड़ा भाभी के मुँह में डाल दूं.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

भाभी सदैव टाइट ब्लाउज पहनती थीं, जिसमें से उनके आधे चूचे बाहर निकलते हुए दिखते थे.
भाभी पीछे से भी अपनी लचकती कमर के पूरे दर्शन करवाती थीं … और पेट का तो क्या कहना … भैनचोद ऐसा लगता था कि भाभी के पेट में ही लंड चुभा दूं.

भाभी के होंठ … जैसे मानो शहद में डुबो डुबो कर लौड़ा चूसने के लिए ही बने हों.

सरोज भाभी का प्यार का नाम सरु भाभी था. वो मुझसे भी हंस हंस कर बात करती थीं … मगर नार्मल बातचीत करती थीं.
मैंने उनके बारे में कभी भी गलत नहीं सोचा था क्योंकि मुझे पता था कि भाभी देंगी तो हैं नहीं.

लेकिन तब भी भाभी से बातचीत चलती रही.

उनका एक लड़का बाहर पढ़ाई करता था और उनका पति बिज़नेस मैन था. उनका पति कोरोना के लॉकडाउन की वजह से कहीं फंस गया था.

अब मुझे पता था कहीं न कहीं भाभी की चुत में आग तो लगी हुई है.
लेकिन मुझे तो नौकरी करनी थी … तो मैं कोशिश भी नहीं कर सकता था इसलिए बात को भूल गया.

कोरोना की वजह से कहीं भी आना-जाना नहीं हो रहा था और भाभी को सब्जी वगैरह लाकर देने वाला कोई नहीं था.

एक दिन भाभी ने मुझे बुलाया और बोलीं- यार विराज, कुछ सब्जी वगैरह ला दे.

अब इतनी खूबसूरत भाभी को मना करने का तो चांस ही नहीं था और भाभी ने मुझे यार कह कर मेरा लंड खड़ा कर दिया था.
मैंने हामी भर दी.

तो भाभी ने मुझे कुछ पैसे दिए और एक पर्ची पर सब्जी लिख कर थैला पकड़ा दिया.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

मैंने सब्जी वाले से सब्जी ली तो पता चला कि खीरे डेढ़ किलो लिखे थे.
अब अकेली भाभी इतने खीरों का क्या करेंगी … भैनचोद ये सोच कर मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया.

उधर मैं भाभी को चूत में खीरा डालते हुए कल्पना कर रहा था. इधर लंड अपने तनाव पर आ गया था.

इतने में सब्जी वाले ने कहा- साब पैसे?
मेरा ध्यान टूटा, मैंने उसको पैसे दिए और निकल आया.

अब मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, मैंने एक कंडोम का पैकेट खरीदा और सब्जी वाली थैली में डाल दिया.
फिर मैं भाभी जी को सब्जी देने चला गया.

भाभी ने थैला लिया और बोलीं- थैंक्स विराज.
बस वो कातिल स्माइल देकर गांड हिलाते हुए अन्दर चली गईं.

इस मुस्कान की मां की चूत … आग में घी का काम हो गया था.
मैं सोच रहा था कि अभी की अभी यहीं पर पकड़ कर भाभी को रगड़ दूं, बोबे दबा दूँ साली के … और गांड पर चमाट मार मार कर पूरी लाल लाल कर दूँ.

फिर मैंने एक पॉइंट पकड़ा और कहा- भाभी बाकी सब्जियां तो इतनी कम … और खीरे इतने ज्यादा क्यों? आप तो अकेली ही हो!
भाभी धीमे से बोलीं- हां अकेली हूँ … तभी तो!

भाभी का जवाब सुनकर एक बार तो झटका सा लगा.
मैंने कहा- क्या?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं.

खैर … अब मुझे बस ये देखना था कि भाभी का तब क्या रिऐक्शन होगा, जब उन्हें थैले में कंडोम का पैकेट मिलेगा.

दो घंटे बाद भाभी बाहर आईं, मेरी तो गांड फट रही थी.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

भाभी दूर से ही बोलीं- विराज इधर आना.
बस मैंने सोच लिया कि बेटा तू तो गया.

फिर भी धीरे धीरे पास जाकर बोला- हां सरू भाभी?
सरू भाभी ने कहा- जरा अन्दर आओ.
उनके चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था.

गांड तो मेरी फट ही गयी थी भैनचोद, अब क्या और होना बाकी रह गया था, वो देखना था.

मेरे अन्दर आते ही उन्होंने दरवाजा बंद किया और कंडोम का पैकेट दिखा कर कहा- ये क्या है मादरचोद? क्या समझ रखा है मुझे?

मैंने सरू भाभी के मुँह से कभी गाली नहीं सुनी थी … तो सकपका गया.

आप परिस्थिति समझ सकते हैं कि मेरी गांड फ़टी हुई थी … पैर और हाथ कांपने लग गए थे, होंठ सूख रहे थे. मेरी इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि मुँह से एक शब्द भी निकाल सकूँ.

फिर भी बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा- मुझे माफ़ कर दो भाभी, गलती हो गयी. आगे से नहीं होगा प्लीज माफ कर दो.

मेरी आंखों में हल्के आंसू आ गए थे.
भाभी बोली- तूने क्या सोचा था, खीरे ले रही है चूत में … तो तेरा लौड़ा भी ले लूंगी?

भाभी खुलकर चुत लौड़ा बोल रही थीं. मेरी पूरी फट के हाथ में आ गयी थी.

मैंने कहा- नहीं भाभी, प्लीज माफ कर दो.
भाभी- नहीं … समझता क्या है तू अपने आप को … मादरचोद!

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

इतने में भाभी ने मेरी ठुड्डी पकड़ कर मेरे सूखे होंठों को अपने दोनों होंठों से ढक दिया.

आह क्या सीन था … मेरी कुछ समझ में ही नहीं आया. एकदम सन्नाटा छा गया था … सिर्फ भाभी की तेज सांसों की आवाजें आ रही थीं.

तभी भाभी ने मेरा चेहरा दूर कर दिया.

“सही सोच रहा है भोसड़ी के … मैं अपनी चुत में खीरे ले रही हूँ … तो तेरा लंड भी ले सकती हूं … प्यासी हूँ मादरचोद!”

बस ये कह कर भाभी ने फिर से मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया.
वो इतनी जोर से चूस रही थीं … जैसे जन्म जन्म की प्यासी हों.

अब मैं भी भाभी का पूरा साथ दे रहा था. मैंने अपनी पूरी जीभ उनके मुँह डाल दी और वो कुतिया की तरह चूसने लगीं.

फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैंने पास की दीवार से उनकी पीठ को चिपका दिया.

भाभी ने मुँह थोड़ा सा दूर करके अपने हाथ से पकड़ कर अपना थूक मेरे मुँह में डाल दिया और चाटने लगीं.
मैंने भी थूक हाथ में लेकर उनके पूरे चेहरे पर पोत दिया.

दीवार के पास खड़े खड़े मैं भाभी की चूत पर साड़ी के ऊपर से ही लंड दबा रहा था और भाभी अपनी चूत आगे करे जा रही थीं.

मैंने बोला- भाभी जब लौड़ा लेना था … तो नाटक क्यों कर रही थीं?
भाभी- चुप कर मादरचोद … बकचोदी करने नहीं बुलाया है तुझे यहां.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

यह कह कर भाभी फिर से मेरे मुँह पर थूक कर चाटने लगीं.

मैं समझ गया कि भाभी को रफ सेक्स पसंद है. गालियां देना, थूकना-चाटना, मारना … उनकी चुदाई के शगल थे.

मैंने भाभी का मुँह जोर से पकड़ कर एक थप्पड़ मारा- ले मादरचोदी रंडी … आज तुझे मैं बताऊंगा कि चुदाई कैसे होती है. तेरी मां की चूत कुतिया … भैन की लौड़ी साली … जब से आया हूँ, तब से मेरी गांड मारे जा रही है. अब मैं बताता हूं कि गांड कैसे मारते हैं. वो भी बातों से नहीं … लंड से.

मेरी इस हरकत से भाभी के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी.

भाभी को अभी भी दीवार से ही चिपका रखा था और जोर जोर से लंड गड़ाए जा रहा था.

उधर भाभी अपनी चूत को आगे आगे करती जा रही थीं- आहह हहह आआआ ऊउम मादरचोद … कुछ कर अब … भोसड़ी के आह हहह!

मैंने अपना हाथ भाभी के ब्लाउज पर डाला और एक झटके में एक तरफ से फाड़ दिया.
जिससे भाभी के 36 साइज का एक बोबा फटे हुए गुलाबी ब्लाउज और काली ब्रा में दिखने लगा था.

भाभी- आह हहहह बहन के लौड़े … फाड़ डाल सब कुछ … जल्दी कर तेरी मां की चूत भड़वे.

मैंने भाभी के ब्लाउज को दूसरी तरफ से खींच कर हाथों से निकाल दिया.
अब भाभी काली ब्रा और पीली साड़ी में थीं और उनका वो गोरा बदन मेरी वासना को सातवें आसमान में ले जा रहा था.

भाभी जंगली होती जा रही थीं … उनकी मादक सिसकारियां गूंज रही थीं.

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

मेरे लंड को भाभी पैंट के ऊपर से पकड़ने की कोशिश कर रही थीं- अपना लौड़ा निकाल भोसड़ी के मादरचोद … इससे क्या अपनी बहन को चोदेगा … बाहर निकाल इसे!

मैंने एक थप्पड़ खींच कर भाभी के बोबों पर मारा- मादरचोद रंडी … इतनी जल्दी क्या है लौड़ा लेने की. अभी तो पूरा दिन पड़ा है … बहन की लौड़ी ब्रा उतार मादरजात.

भाभी- तेरी मां की चूत मारूं कमीने … खुद उतार ले बहन के लौड़े.
वो बस मेरे होंठों को चूसने लगीं.

मैंने भी जोश में भाभी की ब्रा फाड़ दी- ले रंडी … इसी तरह तेरी गांड भी फाड़ूँगा.
भाभी ने भी मुझे एक थप्पड़ मारा और बोलीं- मादरचोद पैंट उतार … तेरी मां की चूत.

अपनी पैंट उतारी मैंने … तो अंडरवियर में मेरा लंड फुंफकार मार रहा था.

मैंने भाभी का मुँह पकड़ा और अंडरवियर के ऊपर से ही लंड भाभी के मुँह में दबाने लगा- ले बहन की लौड़ी खा इसे … कुतिया मादरचोदी.

तब मैंने भाभी की साड़ी उतार दी, भाभी ने नीचे कुछ नहीं पहना था.
मैंने कहा- लगता है रंडी चुदवाने के लिए तैयार होकर खड़ी थी.

भाभी की चूत एकदम साफ, मस्त लाल थी और हल्का कालापन लिए चुत का दाना देख कर मैं हैरान हो गया.
क्या गजब मेंटेन किया था भाभी ने.

मैं अब धीरे धीरे भाभी के भोसड़े पर थप्पड़ मार रहा था.

“हहह अहह अअम्म अओअ अऊऊऊ मादरचोद लौड़ा डाल दे रे चुत में … आह विराज प्लीज जल्दी से लंड डाल भैन के लौड़े.”

Free XVideos Porn Download
advertisement

मैं भाभी की चूत में जोर जोर से उंगली डालने लगा. उंगली बाहर निकाल कर चुत पर थप्पड़ मारता, फिर उंगली अन्दर डाल देता.

पूरी मस्ती से भाभी आंखें बंद करे बड़बड़ा रही थीं- आह क्यों तड़पा रहा है … मादरचोद ऊऊऊ ईई या जोर से कर उंगली … विराज भड़वे … आआआ हहह पानीईई निकला रे!

भाभी की मादक आवाजें मुझे और ज्यादा तड़पाने लगी थीं.

कुछ ही पलों में मैंने भाभी को पूरी नंगी कर लिया और पेट के बल बिस्तर पर धकेल दिया- घोड़ी बन मादरजात रांड!

मैंने भाभी की कमर को पकड़ कर पीछे खींच कर उन्हें डॉगी स्टाइल में कर लिया. अपने एक हाथ में बहुत सारा थूक लिया और फिर से भाभी की चूत पर थप्पड़ दे मारा.

advertisement
Hindi Antarvasna Kahani

भाइयो और बहनो, ये एक अलग ही अहसास होता है … जब रफ़ सेक्स करते हैं. इसकी कल्पना से ही लंड और चुत पानी छोड़ने लगते हैं.

अब भाभी की विशाल गांड और काला छेद मेरे सामने था.

भाभी लंड लेने को बेताब थीं, वो बोलीं- अब डाल भी दे विराज … तेरे हाथ जोड़ती हूँ बहन के लौड़े डाल दे पूरा लंड अन्दर … फाड़ दे यार्र!
मैंने कहा- भाभी, सूखा लौड़ा कैसे अन्दर जाएगा गीला तो कर दो.

भाभी समझ गईं कि क्या करना है. भाभी मुड़ीं और मेरी अंडरवियर घुटनों से नीचे कर दिया.

मेरा तनतनाता लौड़ा बाहर आ गया. गुलाबी टोपा, गोरेपन से भरपूर, साफ सुथरा लंड भाभी की आंखों के सामने लहरा रहा था.

Free Indian Sexy Stories

भाभी लौड़े को ऐसे देख रही थीं, जैसे पहली बार किसी ने कुछ दिया हो.

मैंने आव देखा न ताव, एक हाथ से भाभी का मुँह खोला और दूसरे से सर को लंड की तरफ दबा दिया.
इतने में ‘घपप्प उऊऊ हहहह …’ की आवाज के साथ मेरा लौड़ा भाभी के मुँह में घुस गया था.

भाभी ने जल्दी से लंड वापस निकाला और बोलीं- मादरचोद मारेगा क्या … रंडी नहीं हूँ मैं बहन के लौड़े … साले मेरी सांस रुक गयी थी कमीने!

मैंने थूक लौड़े पर डाला और जड़ से एक हाथ से लंड पकड़ा, दूसरे हाथ से भाभी का सर पकड़ कर फिर से मुँह में देने लगा- ले तेरी मां का भोसड़ा … लंड चूस मां की लौड़ी.

ये कहते हुए मैंने फिर से घप्प से उनके मुँह में डाल दिया. फिर निकाला … फिर घप्प से डाल दिया.

भाभी के मुँह से लार टपक कर बोबों पर आ रही थी, पर भाभी को मजा आ रहा था.

अब भाभी सपड़ सपड़ करके लौड़े को चूसने लगीं.

बीच बीच में भाभी लंड मुंह से नुकाल कर बोलने लगती- क्या मस्त लौड़ा है तेरा … यार रोज देगा ना मादरचोद … बोल साले … मुझे रोज लंड चाहिए … देगा न विराज!

“हां ले लेना रांड … तेरे मुँह में ही रखूंगा पूरे दिन … तेरी मां को चोदूं … चूस बहन की लौड़ी.”

अब मैं एक हाथ भाभी की चुत में डालकर हिलाने लगा, भाभी की भोसड़ी से पानी बरस रहा था.

अन्तर्वासना पोर्न कहानियाँ
advertisement

मैंने अपनी दोनों उंगलियां भाभी की चूत से निकाल कर उनके ही मुँह में डाल दीं और भाभी सपड़ सपड़ करके चूसने लगीं.

दो मिनट चूसने के बाद मैंने फिर से अपना लौड़ा भाभी के मुँह में कंठ तक घुसा दिया.
उस रंडी भाभी ने भी पूरा लौड़ा निगल लिया.

अब उनके मुँह से लंड निकाल कर मैं भाभी के होंठों को चूसने लगा. उनके होंठों में मुझे मेरे ही लंड का स्वाद आ रहा था.

भाभी- अब चोद दे यार विराज … तेरे हाथ जोड़ती हूँ मादरजात हहह अहहह आआईई ऊऊऊ.

हम दोनों को ही ये खेल खेलते हुए काफी देर हो गयी थी तो मैंने भाभी की कमर के नीचे तकिया लगा कर उनकी गांड और चुत मेरे लंड के सामने कर ली.

मैं भाभी की चूत और गांड में उंगली करने लगा. दो उंगली गांड में … और अंगूठा चुत में चल रहा था.
घपप्प और चपड़ चपड़ की आवाजें आ रही थीं.

एक मिनट बाद मैं अपने लौड़े को उनकी चुत पर घिसने लगा. कभी ऊपर कभी नीचे … कभी गांड के छेद पर.

भाभी मदहोशी में गालियां दे रही थीं और गांड उठा उठा कर लंड लेने की कोशिश कर रही थीं.

मैंने भाभी की चूत पर लंड फेरा और घपप्प करके घुसेड़ दिया.

“आह मर गई मादरचोद … तेरी मां की चूत … बहन के लौड़े … आह मेरी गांड फाड़ डाली रे … कुत्ते तेरी मां की भोसड़ी विराज … मेरी गांड फट गई.”

देसी हिंदी अन्तर्वासना सेक्स कहानी पढ़े।

जी हां सही सोचा बहनो … मैंने भाभी की चुत पर लंड फिरा कर गांड में डाल दिया था, जिससे भाभी को झटका लगा.
वो मुझे दूर करने लग गईं- निकाल इसको मादरचोद.

मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर करके एक और भीषण धक्का खींच कर दे मारा- ले तेरे मां की चूत रंडी … अब ले मेरा लौड़ा.

भाभी की आंखों से हल्के आंसू आ गए थे.
पर भाभी कुछ बोलतीं, इससे पहले ही मैंने अपनी चार उंगलियां उनके मुँह में डाल दीं.

भाभी कुछ नहीं बोल पा रही थीं.

अब मैं भाभी के कूल्हों पर जोर जोर से झापड़ मार रहा था और गांड में लंड मार रहा था. पूरे कमरे में थपाथप थपथपा की आवाजें और कामुक सिसकारियां गूंज रही थीं.

“यस विराज यार फ़ास्ट … मजा आ गया आह.”

जैसे ही भाभी को मस्ती आनी शुरू हुई, मैंने उंगलियां भाभी की चूत में डाल दीं और जोर जोर से हिलाने लगा.

साथ ही भाभी की गांड में मैं लंड पेले जा रहा था.

लगभग दस मिनट की घमासान चुदाई फचक फच्च चलती रही.

मैंने स्पीड बढ़ा दी, तो भाभी समझ गईं कि मेरा रस आने वाला है.

इस स्टोरी को मेरी सेक्सी आवाज में सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
advertisement

भाभी बोलीं- मादरचोद, अगर एक भी बूंद नीचे गिरी, तो अच्छा नहीं होगा.

मैंने लंड भाभी की गांड से निकाला और मुँह में पेल दिया.

‘ऊऊऊ हहहह अअ अअअअ पी जा भाभी मेरी रंडी भाभी.’

इन्हीं आवाजों के साथ मैं भाभी के मुँह में झड़ गया और बोला- आह रंडी अगर एक भी बूंद जमीन पर गिरी न … तो आज तेरी मां चोद दूंगा.

भाभी सारा माल गटक गईं और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.

पूरे दिन की नींद के बाद जब हम दोनों उठे … तो भाभी बोलीं- बाहर मत रहा कर, कोरोना का खौफ चल रहा है. तू नाईट में यहीं रुक जाया कर.

ये सुनकर मेरी तो लॉटरी लग गयी.

अब जब तक लॉक डाउन रहा मित्रो, पोर्न भाभी की चूत का लॉक तो खुला ही रहेगा.

तो ये थी मेरी पोर्न भाभी हिन्दी कहानी, आपका प्यार मेल के माध्यम से भेजना चाहें … तो मुझे बड़ी ख़ुशी होगी.

आप मुझे ईमेल कर सकते हैं.
[email protected]

Hindi HD Sex Movies

मेरी इंस्टाग्राम आईडी, इस पर भी अपने विचार भेज सकते हैं.
for_you_dearone

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement