advertisement
advertisement
भाभी के भैया को बना लिया सैंया (Bhabhi ke bhaiya Ko Ban Liya Sainya)
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani
मेरे प्रिय पाठको, कैसे हो आप सब? मैं रेखा आज आप सबको अपने साथ हुई एक मजेदार बात बताने वाली हूँ.

मैं हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम पर कहानियाँ पढ़ कर मजा लेती रहती हूँ और इसलिए मैंने सोचा कि आज मैं आपको अपनी मस्ती भरी एक रात की कहानी बताऊं.

यह घटना तब की है जब मैं कुछ दिन पहले ही भाई और भाभी के साथ शादी में गई हुई थी. शादी में हमारे साथ मेरी भाभी का भाई भी आया हुआ था. पहले तो हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे. लेकिन रास्ते में भाभी ने मेरा परिचय अपने भाई से करवा दिया. उसके बाद हम दोनों में थोड़ी सी बात हुई लेकिन ज्यादा कुछ बातें नहीं हुई.

शादी में पहुंचने के बाद सब लोग इंजॉय करने लगे. मेरी भाभी का भाई जिसका नाम संजीव था, वो भी मेरे साथ काफी हंसी मजाक कर रहा था. संजीव के साथ कुछ ही देर में मैं भी नॉर्मल हो गई. फिर मैं अपनी पहचान की लड़कियों के पास चली गई. उसके बाद हम सब लड़कियाँ डी.जे. पर डांस करने लगीं.

कई लड़के हम लड़कियों को नाचते हुए देख कर घूर रहे थे. मगर हम सब लड़कियाँ अपनी ही मस्ती में नाच रही थी. मैं भी जानती थी कि लड़के लड़कियों पर लाइन मारने की कोशिश कर रहे हैं जैसा कि अक्सर शादी में होता ही रहता है. मैंने सोचा ये तो आम बात है.

उसके कुछ देर बाद संजीव भी वहां पर आ गया. वो मेरी तरफ ही देख रहा था. जब हम सब दोस्त नाच-नाच कर थक गये तो उसके बाद हम लोगों को भूख लगने लगी और हम खाना खाने के लिए चल पड़ीं. मैं अपनी दोस्तों के साथ खाने के पंडाल में थी तो संजीव भी वहां आ पहुंचा.

उसे देख कर मेरी बाकी की सहेलियाँ थोड़ी अलग हट गईं. उसके बाद फिर संजीव मेरे साथ ही खाना खाने लगा. वैसे तो वह देखने में काफी अच्छा लग रहा था. उसने काले रंग का पठानी कुर्ता पहना हुआ था. उसके चेहरे पर बड़ी-बड़ी दाढ़ी थी. मगर उसकी वो बड़ी दाढ़ी उसके चेहर को अच्छा लुक दे रही थी.

मैं जान गयी थी कि वो मुझ पर लाइन मारने की कोशिश कर रहा है लेकिन मैंने इस बात को नॉर्मली ही लिया. मैं लड़कों की आदत को अच्छे तरीके से जानती थी. दूसरे फिर वो भाभी का भाई था इसलिए भी मैं उसको इग्नोर नहीं करना चाहती थी. संजीव ने मेरे साथ ही खाना खाया. उसके बाद वो कुछ देर के लिए कहीं गायब हो गया.

मैं भैया और भाभी के पास चली गई. वो दोनों अपने दोस्तों के साथ बिजी थे. मैं अब बोर होने लगी थी. तभी संजीव भी वहाँ आ गया और हम चारों में हंसी मजाक होने लगा.

फिर फोटोग्राफर भैया हम चारों की फोटो लेने लगा तो संजीव ने मेरे हाथ को छूने की कोशिश की. मैं चाहती तो भाभी को इसके बारे में बता सकती थी लेकिन मैं संजीव की शिकायत करके भाभी को नाराज नहीं करना चाहती थी.

फोटो खिंचवाने के बाद दूल्हा और दुल्हन भी आ गये. सब लोगों का ध्यान उसी तरफ चला गया. फिर सब लोग उन्हीं के आस-पास खड़े हो गये. हम लोग भी वहीं खड़े थे और दूल्हा-दूल्हन एक दूसरे के गले में माला पहना रहे थे.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

संजीव मेरे पीछे ही खड़ा था. उसका शरीर मेरे बदन से लगभग टच ही हो गया था. फिर सब लोग ताली बजाने लगे और उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया. मैंने सोचा कि वह मजाक में ही कर रहा होगा. मगर फिर उसकी जांघें मेरे हिप्स को टच करते हुए मेरे करीब होकर मुझसे सटने की कोशिश कर रही थी. कुछ ही पल के बाद मुझे अपने हिप्स पर कुछ टाइट सा महसूस हुआ.

मैंने बहाने से पीछे हाथ किया तो मेरे हाथ पर कुछ तनी हुई आकार वाली चीज़ छू गई. मैं समझ गई कि संजीव भीड़ का फायदा उठाकर अपना लिंग मेरे चूतड़ों पर रगड़ने की कोशिश कर रहा है. मैंने अपना हाथ वापस से हटा लिया और मैं थोड़ी सी आगे को होकर खड़ी हो गई. ऐसे करते-करते शादी का फंक्शन पूरा होने वाला था.

हम लोग वापस आने के लिए चलने लगे तो रिश्तेदारों ने हमें वहीं पर रुकने के लिए कह दिया. एक बार तो भैया ने मना कर दिया था लेकिन वो लोग फिर बहुत ज्यादा जोर देने लगे. वो लोग बोले कि यहाँ पर कई रूम्स का इंतजाम किया हुआ है मेहमानों के लिए.

उनके कहने पर भैया और भाभी वहीं रुकने के लिए मान गये. जिस रूम में हम चारों सोने वाले थे उसमें दो बिस्तर लगे हुए थे. भाभी ने मुझे रूम में लाकर छोड़ दिया. हम दोनों बातें कर रही थीं कि तभी संजीव भी आ गया. वह भी हमारे साथ ही बिस्तर पर बैठ गया और तीनों हंसी-मजाक करने लगे.

संजीव मेरे नीले चमकीले ब्लाउज में से दिख रही मेरी चूचियों की दरारों को घूर रहा था. मैं तो उसकी नजर को देख रही थी मगर भाभी इस बात पर ध्यान नहीं दे रही थी.

फिर मुझे नींद आने लगी तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी, हमें कहां पर सोना है?
भाभी बोली- हम दोनों एक बिस्तर पर सो जायेंगी और संजीव तथा तेरे भैया दूसरे बिस्तर पर सो जायेंगे.
मैंने कहा- मैं तो इसी बिस्तर पर लेट जाती हूँ. मुझे सच में नींद आने लगी है.
यह कहकर मैं उसी बिस्तर पर लेट गयी. सर्दियों को दिन थे तो मैंने कम्बल ओढ़ लिया और आराम से लेट कर रेस्ट करने लगी.

उसके बाद भाभी ने कहा- मैं तेरे भैया को ढूंढ कर ले आती हूं. रात काफी हो चुकी है और सुबह हमें जल्दी निकलना है.
कहकर भाभी उठ कर चली गई.

संजीव वहीं मेरे वाले बेड पर बैठा हुआ था. वहाँ पर और लोग भी थे जो सोने के लिए रूम देख रहे थे. कई बार लोग हमारे कमरे की तरफ आते और अंदर झांक कर वापस चले जाते क्योंकि उस रूम में दो ही बेड थे और हम सबको यही बोल देते थे कि यहाँ पर चार लोग सोने वाले हैं.
उसके बाद कोई नहीं आया.

मुझे कुछ देर में नींद आने लगी और मेरी आंखें भारी होने लगीं. मुझे नहीं पता कि संजीव वहीं पर था या नहीं लेकिन मेरी आंखें बंद होने लगीं. फिर जब मैंने करवट ली तो वह मेरी बगल में ही लेटा हुआ था. मैंने उठ कर देखा तो भैया और भाभी अभी तक भी नहीं आये थे और संजीव आंखें बंद किये हुए था. मैंने सोचा कि इसको उठाना अब ठीक नहीं है. जब भाभी आयेंगी तो खुद ही उठा देंगी. मैं वापस से सोने लगी.

फिर संजीव ने कम्बल अपने ऊपर खींच लिया. मैंने सोचा कि उसे भी सर्दी लग रही होगी. उसने करवट बदली तो उसकी छाती मेरी चूचियों से सट गई. मैं उसके साथ लेटी हुई थोड़ी सी गर्म होने लगी.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

उसके कुछ देर बाद ही संजीव ने मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया. चूंकि मैं पहले से ही चुदासी हो चुकी थी तो मैंने उसका कोई विरोध नहीं किया. संजीव ने एक टांग उठाई और उसको मेरी जांघ पर रख लिया. उसका लंड मेरी नीचे वाली जांघ से थोड़ा सा ऊपर मुझे टच हो गया और मैंने महसूस किया कि उसका लंड तना हुआ है.

फिर उसने मुझे अपनी तरफ खींचते हुए मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और मेरे होंठों को चूसने लगा. मैं भी उसके साथ गर्म होकर उसका साथ देने लगी. उसका लंड बार-बार झटके देकर मेरी जांघ को छू रहा था जैसे वो मेरी जांघ में छेद ही कर देगा.

संजीव ने पीछे हाथ ले जाकर मेरे ब्लाउज को खोल दिया और मेरी ब्रा को भी खोल दिया. उसके हाथ मेरे बूब्स पर आकर उनको दबाने लगे. मैंने भी उसको बांहों में भर लिया और अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके तने हुए लंड पर रख लिया. उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखवा कर अपने लंड को सहलवाना शुरू कर दिया.

मैं अब तेजी के साथ गर्म होने लगी थी. फिर उसने मेरी साड़ी को ऊपर उठा दिया और मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को रगड़ने लगा. उसके बाद उसने मेरी पैंटी में हाथ डाल दिया और मेरी गीली चूत में उंगली करने लगा. उसकी उंगलियां तेजी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर होने लगीं और मुझे बहुत मजा आने लगा.

उसके बाद वो उठ कर सीधा मेरे ऊपर ही लेट गया और मुझे जोर-जोर से चूसने लगा. मैं पागल सी होने लगी. कुछ देर तक मेरे पूरे बदन को चूसने और चाटने के बाद उसने नीचे हाथ ले जाकर अपने पजामे का नाड़ा खोल दिया और वह नीचे से नंगा होकर फिर से मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड मेरी चूत पर रगड़ खाने लगा.

मेरी चूत में तो अब तक आग लग चुकी थी. मैं उसका लंड लेने के लिए तड़प उठी. मैंने अपनी टांगों को उसके नंगे चूतड़ों पर लपेट लिया और उसने अपना लंड एक झटके के साथ मेरी चूत में घुसा दिया. आह्ह … उसका लंड काफी मोटा था और मेरी चूत में पूरा फंस गया. फिर वो जल्दी से मेरे होंठों को चूसता हुआ मेरी चूत को चोदने लगा. मेरे मुंह से स्स्स… आह्ह … ओह्ह … संजीव … उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाजें निकल रही थीं. मैं उसके लंड से चुदाई का मजा लेने लगी.

वह तेजी के साथ मेरी चूत की चुदाई कर रहा था. बीच-बीच में जब कम्बल हट जाता तो हम दोनों को सर्दी भी लगने लगती थी. उसने उठ कर दरवाजा हल्का सा बंद कर दिया ताकि हमारी सेक्स की आवाजें बाहर न जा सकें और हमें सर्दी भी कम लगे.

वह दोबारा से आकर मेरी चूत को चोदने लगा. दरवाजा ढला हुआ था लेकिन फिर भी उसने रिस्क लेते हुए कम्बल हटा दिया और मेरी टांगों को अपने कंधे पर रख कर मेरी चूत में लंड को पेलने लगा. उसके लंड की चुदाई जबरदस्त थी और मैं दस मिनट में ही झड़ गई. मेरी चूत का पानी निकलते ही फच्च-फच्च की आवाजें आना शुरू हो गईं.

वह भी तेजी के साथ धक्के लगाता हुआ झड़ गया और उसने अपना माल मेरी चूत में ही निकाल दिया.

उसके बाद मैंने उठ कर अपनी चूत साफ की और मैं भैया-भाभी का पता करने के लिए बाहर चली गई. वहाँ जाकर पता चला कि भाभी अभी दुल्हन के साथ बिजी है और भैया अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहे हैं. जब मैं वापस आई तो संजीव ने मुझे फिर से कम्बल में खींच लिया.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

उसने पूछा- तुमने पहले भी किसी के साथ सेक्स किया है क्या?
मैंने कहा- हाँ, अपने बॉयफ्रेंड के साथ किया हुआ है.
मैंने उससे पूछा- और तुमने?
वो बोला- मेरी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड हैं. मैं सबकी चुदाई कर चुका हूँ.

मैंने कहा- वैसे तुम्हारा लंड तो बहुत अच्छा है. मुझे अपने ब्वॉयफ्रेंड के लंड से चुदने में इतना मजा कभी नहीं आया जितना कि तुम्हारे लंड से आया.
वो बोला- तो क्या फिर से मजा नहीं लेना चाहोगी?
मैंने कहा- मन तो कर रहा है लेकिन भैया-भाभी आ जायेंगे तो उनको पता लग जायेगा और वैसे भी हम शादी में आये हुए हैं अगर किसी और ने देख लिया तो बहुत बदनामी हो जायेगी.
वो बोला- कोई बात नहीं. बस चुसाई कर लेते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.

उसने अपनी पजामी का नाड़ा फिर से खोल लिया और मैंने उसके सोये हुए लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. कुछ ही मिनट में उसका लंड फिर से कड़क हो गया. वह मेरे मुंह में लंड को देकर मेरे मुंह को गांड उठा-उठा कर चोदने लगा और उसके मुंह से आनंद भरी आहें निकलने लगीं. आह्ह … रेखा … सक इट… (चूसो इसे) … ओह बेबी … उफ्फ … तुम तो बहुत अच्छे से लंड चूसती हो. आह्ह और तेजी से चूसो. उसने अपने लंड को मेरे गले तक उतारना शुरू कर दिया और फिर पांच-सात मिनट में उसने अपना वीर्य मेरे मुंह में निचोड़ दिया.

मैंने उसका वीर्य अंदर ही पी लिया. मुझे उसके वीर्य का स्वाद लेकर बहुत मजा आया और मेरी चूत भी गीली हो गई. फिर उसने उठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसको चूत चाटना बहुत अच्छे से आता था तो उसने मुझे दस मिनट में ही फिर से झाड़ दिया. हम दोनों फिर से शांत हो गये.

उसके बाद हमने टाइम देखा तो रात का एक बज गया था. शादी में से आने वाला शोर कम हो गया था इसलिए हम दोनों अलग बिस्तर पर जाकर सो गये. सुबह उठे तो भाभी मेरे साथ सोयी थी और संजीव मेरे भैया के साथ सो रहा था.

वहाँ से वापस आने के बाद संजीव ने मुझे होटल में बुलाया और हमने एक बार और चुदाई की. उसके बाद वो जब भी भाभी से मिलने घर आता था तो मेरी चूत को मौका देख कर चोद देता था. हम आज भी एक-दूसरे के संपर्क में हैं.

आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी आप मुझे कमेंट करके बताना. अगर आप लोगों का अच्छा रेस्पोन्स आया तो मैं अपनी अगली चुदाई की कहानी भी जल्दी ही लेकर आऊंगी.

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement