advertisement
advertisement
हॉस्टल की सेक्सी लड़की की मस्त चुदाई (School Sex Story: Hostel Ki Sexy Ladki Ki Mast Chudai)
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

आप लोगों ने मेरी स्कूल सेक्स स्टोरी
सुधा के साथ वो रात
पढ़ी और आपके कई मेल प्राप्त हुए. मैं आप सभी का आभारी हूँ.

बहुत दिनों के बाद उस स्कूल सेक्स स्टोरी का दूसरा भाग लिख पा रहा हूँ. उसके लिए मुझे माफ़ कर दीजिएगा.

उस दिन किसी तरह से रूम में जाने के बाद मैंने और सुधा ने जम कर चुदाई की थी और हम दोनों थक गए थे. भूख भी लग रही थी. लेकिन खाने के लिए अभी हमें बाहर ही जाना था.

सुधा ने जाने से मना कर दिया, तो मैं ही बाजार चला गया.

मैंने खाना पैक करवाया और साथ में कुछ प्याज और लहसुन लेकर आ गया. साथ ही सुधा के लिए मैं मेडिकल स्टोर से आईपिल ले आया.

मैं जैसे ही कमरे में आया, तो सुधा रूम में नहीं थी. मेरा दिमाग़ सोच में पड़ गया कि कहां चली गई.

मैंने यहां वहां देखा और अंत में हॉस्टल की छत पर गया, उधर देखा तो वो ऊपर थी. उसने मेरी तरफ देखा, तो मुस्कुरा कर मेरे पास आ गई. अब हम दोनों छत पर बैठ कर बातें करने लगे.

कुछ देर में ही हम दोनों किस करने लगे. मैंने सुधा को गर्म कर दिया और खुली छत पर ही फटाफट से उसके कपड़े निकाल दिए.

उसके नंगी होते ही मैंने उसको लिटाया और उसकी चूत पर टूट पड़ा. मैंने जमकर चूत को चाटना शुरू कर दिया.

वो ज़ोर ज़ोर से कामुक सिसकारियां ले रही थी. सुधा अपनी चूत चटवाते हुए ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड हिला रही थी. वो इस समय बिन जल मछली के अपने हाथ और सर को इधर-उधर पटक रही थी.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैंने ये देखा तो और भी पागल हो गया. मैं और जोर से उसकी चूत को चाटने लगा. कुछ मिनट तक चूत को चाट चाट कर मैंने लाल कर दिया.

सुधा बहुत तेज सिसकारियां लेने लगी थी और वो बस एक ही बात बोल रही थी- आंह बस करो … मत तड़पाओ … लंड पेल दो.

पुरानी स्कूलमेट की चूत और गांड मारी

लेकिन जब तक चूत को तड़पते नहीं ना … तब तक उसकी चुदाई में मज़ा नहीं आता.

सुधा मेरा लंड निकाल कर ज़ोर से हिलाने लगी और खींचने लगी. उसकी चूत में लंड की बेचैनी ने मेरे मजे को बढ़ा दिया था.

फिर मैंने भी उसकी टांगें चौड़ी की और चूत खोल कर लंड सैट कर दिया. अभी वो सम्भल पाती. तब तक मैंने एक ज़ोर से झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया और दे-दनादन चुदाई चालू कर दी. उसकी एक तेज चीख निकली और वो भी लंड खाकर गांड उठाने लगी.

मैं धकापेल चुदाई किये जा रहा था. मैं पूरा लंड बाहर निकाल कर ताकत से सुधा की चूत में अन्दर तक पेल देता था. वो लंड के झटकों से दोहरी हुई जा रही थी. इस तरह की मेरी चुदाई की स्पीड इतनी तेज थी कि लंड चूत से निकल कर सुधा की गांड में चला गया. उसकी गांड में लंड क्या घुसा, वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और उसकी आंखों से आंसू आ गए. मैंने लंड बाहर खींच कर सुधा को शांत किया. उसे बहुत सहलाया … वो चुप हो गई.

फिर कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर बैठकर चूत में लंड लेकर बैठ गई और मुझसे बातें करने लगी.

हम दोनों चुदाई करते हुए मस्ती ले रहे थे.

फिर मुझे याद आया कि खाना नीचे ही रख कर ऊपर आ गया था. खाना अब तक ठंडा हो गया होगा.
मैंने सुधा से कहा- चलो पहले कुछ खा पी लेते हैं … फिर और भी मस्ती करना है.
वो कुछ नहीं बोली.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

मैंने उसे अपने लंड से हटाया, वो चिल्लाने लगी- लंड क्यों निकाला … अन्दर डालो ना … अन्दर अच्छा लग रहा था.
मैं बोला- फिर लंड डाले हुए नीचे कैसे जाएंगे पगली!
तभी सुधा बोली- मैं कुछ नहीं जानती … बस तुमको जैसे ले जाना हो, ले चलो … मगर चूत में से लंड नहीं निकालना.

मैंने सुधा को अब अपनी गोदी में उठाया और ध्यान रखा कि इसकी चूत में से लंड ना निकले. फिर चारों तरफ देखता हुआ जाने को हुआ. मैंने देखा कि आसपास कोई नहीं दिख रहा था … तो मैं नीचे आने लगा. सुधा को अपने लंड पर लटकाए धीरे धीरे मैं उसे रूम में ले गया और बेड पर बैठ गया.

उधर 5 मिनट तक सुधा को लिटा कर ज़ोर ज़ोर से उसकी चुदाई की और फिर से बैठ गया. लेकिन लंड अभी भी चूत में ही था. उसे मैंने अपनी गोदी में बिठाए हुए था. वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थी. उसकी चूत में लंड था.

उसने मुझे प्यार से चूमा और बोली- आगे पीछे करो न! या ऐसे ही खाना खाना है?

मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बस खाने का पैकेट खोला और खाना खाना शुरू किया.

अब सुधा की चूत में लंड था और मुँह में रोटी का निवाला था.

हमारे यहां एक कहावत है कि औरत को बस क्या चाहिए ‘मुँह में कौरा … और बुर में लौरा..’ ये कहावत याद आकर मुझे मस्ती चढ़ने लगी.

हम दोनों बातें करते हुए खाना खाने लगे. नीचे लंड चूत अपना मजा लूट रहे थे.

हम दोनों करीब 20 मिनट यूं ही दीवार से सिर लगा कर बैठे रहे.

वो उस टाइम मेरे लंड को चूत में लेकर ही बैठी थी. हम दोनों सेक्सी बातें भी कर रहे थे और मजा भी ले रहे थे.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

मैं- आज तू जी भर के चुदेगी सुधा … यू लेकिन कल से क्या होगा?
वो बोली- कल का कल सोचेंगे. आज तो मुझे चुदने दो.

बेडरूम में अनजान लड़के के साथ नया साल

साली सुधा भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी. वो बोली- अगर तुम्हारे बस में हो तो तुम पूरे एक हफ़्ता तक लंड डाले रहना. तुम यदि मुझे दिन रात भी चोदोगे, फिर भी मैं मना नहीं करूंगी.

सुधा को चोदने से पहले मैं सोचता था कोई मेरे लंड जैसी चूत मिल जाए, जो हर वक्त रेडी हो … और देखो आज ये रंडी मुझे मिल ही गई.

अब मैंने सुधा को बेड पर सीधा लिटाया और उसके दोनों हाथ बेड के किनारों से बांध दिए.

आपको हॉस्टल का बेड तो पता ही है कि कैसा होता है … ये भी वैसा ही लोहे का पलंग था. मैंने उसी के किनारों से सुधा के हाथ और पैर बांध दिए … और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो फिंगर फक का मजा लेने लगी.

मैंने सुधा की चूत को रगड़ रगड़ कर और उंगली घुमा घुमा कर उसकी पूरी चूत लाल कर दी. उसके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से मसला और निप्पलों को खूब चूसा. उसकी चूत पर बहुत सारे लव बाईट दिए.

सुधा रोने लगी … वो बार बार बस एक ही चीज़ की भीख मांगने लगी कि प्लीज़ अब मत तड़पाओ … चोद दो यार … मुझे चोद दो.

लेकिन मैं इतना हरामी टाइप का चोदू हूँ कि मुझे बिना चूत को तड़पाए चोदने का मन ही नहीं होता है.

मैं सुधा को कुछ ज्यादा तड़पाने के बाद उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर लंड की घिसाई शुरू कर दी.
मेरा सुपारा सुधा की चूत की फांकों को रगड़ रहा था.

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

सुधा नीचे से अपनी गांड उठा आकर लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थी मगर मैं था कि लंड चूत के अन्दर पेल ही नहीं रहा था.

कुछ मिनट इसी तरह से लंड से चूत की घिसाई की … तो वो अब और जोर से तड़पने लगी. लड़कियों को पता होगा कि जब उनकी चूत पर लंड घिसाई करता है तो उनको अपनी चूत में कैसी तड़पन होती है.

मैंने चूत की रगड़ाई करते हुए सुधा को बेहाल कर दिया. और जब वो गाली बकने लगी- मादरचोद अन्दर पेल लंड … मैं मर रही हूँ.
तो मैंने एक ही झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया और बिना रुके बहुत फास्ट चुदाई शुरू कर दी.

सुधा मेरे इस हमले से एकदम से चिल्ला उठी मगर अब क्या हो सकता था. उसकी चूत फिलहाल बहुत गीली थी इस वजह से लंड को जल्दी जल्दी अन्दर बाहर होने में कोई दिक्कत नहीं थी. एक दो तेज धक्कों के बाद ही सुधा को मजा आने लगा. मैं ज़ोरों से धक्के लगाने लगा.

थोड़ा थकने के बाद सुधा ने बोला- आह जान … मुझे पेशाब लगी है.

उसकी बात सुनकर मुझे कुछ और जोश आ गया और मैंने कुछ तय कर लिया.

आप भी मेरे इस प्लान को कभी ट्राइ करना. किसी को चोदते समय यदि पेशाब लगे, तो धक्के मारते हुए चूत में फिंगरिंग भी करो, तो वो पेशाब वहीं कर देगी. मैंने भी ऐसा ही किया. ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए मैंने सुधा की चूत में फिंगरिंग की, तो वो अटक अटक कर पेशाब करने लगी.

अब सुधा भी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी- आह … और जोर से चोदो प्लीज़ … मुझे और मज़ा दो … आह आज तो जन्नत में ही जाना है.

मैंने अब उसके हाथ पैर खोल दिए. वो हांफते हुए चुदवाती रही.

फिर मैंने उसे बेड से उठाया और रूम के बाहर ले आया. वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

हम दोनों बाहर आकर छज्जे में आकर खड़े हो गए. ठंडी हवा बदन पर लगने लगी थी. वो मेरे सामने देख कर हंसी और फिर से हम दोनों बाहर शुरू हो गए. इस बार मैंने सुधा को एक खम्बे के सहारे खड़ा किया और मुँह से मुँह लगाते हुए खड़े खड़े चुदाई करना शुरू कर दी.

मैंने कुछ ही देर में स्पीड पकड़ ली और ज़ोर ज़ोर से सुधा को चोदने लगा.

वो चिल्लाते हुए बोलने लगी- आंह साले हरामी है तू मादरचोद … साले लगता है तू आज मेरी चूत को भोसड़ा बनाएगा.
मैंने सुधा को चोदते हुए बोला- अब तू ऊपर आ जा और मुझे चोद ले.

हम दोनों नीचे लेट गए और सुधा मेरे ऊपर आ गई. उसने लंड को पकड़ कर चूत में फिट किया और आराम आराम से गांड उछालते हुए लंड लेने लगी.

उसकी स्पीड स्लो थी. मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसे पलट दिया और अपने नीचे लेटा लिया. मैं सुधा के ऊपर चढ़ कर ज़ोर ज़ोर से रंडी की तरह उसे चोदने लगा.

फिर आख़िरकार लंबी चुदाई के बाद उसकी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए मैं झड़ गया.

हम दोनों काफी थक चुके थे. इसलिए वैसे ही करीब 20 मिनट तक पड़े रहे. हम दोनों अब आपस में चूमाचाटी करते हुए बातें करने लगे.

वो बोली- कौन सी वायग्रा खाई तूने कि इतनी चुदाई के बाद भी तेरा लंड टाइट है.
मैंने बोला- कोई वायग्रा नहीं खाई … ये देसी खाने का कमाल है … लहसुन (गार्लिक) की कड़ी खा ली. ये वायग्रा से भी ज़्यादा असर करती है.
तभी वो बोली- सच में यार आज तो चुदाने में मज़ा आ गया.

फिर मैं सुधा के ऊपर से हटा और पानी पीकर रूम में आ गया. पीछे से सुधा भी आ गई. मैं नंगा ही लेट गया. वो छत पर चली गई और अपने कपड़े लेकर रूम में आ गई. अन्दर आकर उसने दरवाजा बंद कर दिया और मेरे साइड में लेट कर बातें करने लगी.

आप अन्तर्वासना से जुड़े रहिये और मजा लेते रहिये. मुझे मेरी स्कूल सेक्स स्टोरी के लिए मेल जरूर करें.

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

कॉलेजगर्ल की अनजान मर्द से जोरदार चुदाई

स्कूल सेक्स स्टोरी का अगला भाग: हॉस्टल की लड़की की कुंवारी बुर की चुदाई

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement