मेरा मन डोलने लगा

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 मैं हमेशा की तरह ही अपने ऑफिस से वापस लौट रहा था और मेरे घर के बाहर जो पनवाड़ी है उससे मैंने कहा कि मुझे एक सिगरेट चाहिए तो उसने मुझे सिगरेट दी और कहा कि भैया आजकल आप दिखाई नहीं दे रहे हो, मैंने उसे कहा बस यार आजकल ज्यादा काम होता है इसलिए मैं ऑफिस से देर में आता हूं, जिस वक्त मैं ऑफिस से लौटता हूं उस वक्त शायद तुम्हारी दुकान में काफी भीड़ रहती है, वह कहने लगा हो सकता है लेकिन आप मुझे काफी दिनों बाद दिखे हो, मैंने उसे कहा हां कुछ समय से मैं बाहर भी गया हुआ था अभी कुछ दिनों पहले ही लौटा हूं। मैंने वह सिगरेट जलाई तो वहीं खड़ा होकर मैं सिगरेट पीने लगा तभी मेरे एक दोस्त का मुझे फोन आया मैंने जब फोन उठाया तो उससे मैं फोन पर बात करने लगा वह मुझसे मेरे हाल चाल पूछने लगा और कहने लगा कि यार तुमने तो मुझे फोन करना ही बंद कर दिया है, मैंने उसे कहा अरे यार आजकल समय ही किसी के पास है मैं अपने काम में व्यस्त हूं इसलिए तुमसे फोन पर बात नहीं हो पाती और यह जरूरी तो नहीं कि यदि मैं तुम्हें फोन नहीं करूंगा तो मेरी और तुम्हारी दोस्ती खत्म हो गई है।

वह कहने लगा चलो यह सब तो ठीक है लेकिन मैंने तुम्हें इसलिए फोन किया था कि मेरी कुछ दिनों बाद शादी है और तुम्हें मेरी शादी में जरूर आना है मैं तुम्हारे घर पर अपनी शादी का कार्ड भिजवा दूंगा और मैं तुम्हारे मुंह से कोई बहाना नहीं सुनूंगा तुम्हें मेरी शादी में आना ही है मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारी शादी में आ जाऊंगा और यह कहते हुए मैंने फोन रख दिया। मैं जैसे ही अपने गेट के अंदर घुसा तो मैंने वहां पर देखा एक लड़की बाल खोलकर चल रही है उसके बाल हवा में लहरा रहे थे और उसके चेहरे की सुंदरता को देखकर मेरा मन उसकी तरफ पूरी तरह मोहित हो गया मैंने उसे पलट कर देखा तो वह बड़ी तेजी से वहां से निकल पड़ी उसने उस दिन वाइट कलर का सूट पहना हुआ था जिसमें कि वह बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी और मैं भी वहां से अपने घर चला आया।

मेरे साथ में ऐसे हो ही जाता है कि कोई ना कोई खूबसूरत लड़की मिल ही जाती है लेकिन उसकी सुंदरता कुछ अलग ही थी और उसके चेहरे का आकर्षण मेरे दिमाग पर अब तक बैठ चुका था और मेरे दिमाग में सिर्फ उसकी ही तस्वीर थी मुझे नहीं पता था कि वह हमारी कॉलोनी में ही रहती है मैं पनवाणी के पास ही खड़ा था और वहां पर मैं सिगरेट पी रहा था तभी मुझे वह लड़की दोबारा से दिखी वह बड़ी तेजी से बाहर की तरफ आ रही थी मैंने पनवाड़ी से पूछा यह लड़की कौन है मैंने इसे पहली बार कॉलोनी में दिखा है? वह मुझे कहने लगा कि भैया इसका नाम निकिता है और यह यहां पर किराए में रहती है। मैंने उसे कहा लेकिन मैंने तो इसे कभी नहीं देखा वह कहने लगा उसे अभी कुछ ही दिन यहां आए हुए हैं पनवाड़ी मुझे कहने लगा कि लगता है आपका दिल इस लड़की पर आ गया है मैंने उसे कहा यार तुमसे पूछना ही बेकार है तुम तो सिर्फ तिल का ताड़ बना देते हो छोटी सी बात को तुम ने इतना बड़ा कर दिया मैंने तो सिर्फ तुमसे इतना ही पूछा था कि वह कौन है और तुमने ना जाने बात को कहां से कहां पहुंचा दिया, पनवाड़ी कहने लगा रे भैया माफ कर दो। मैंने भी सोचा कि वहां से मुझे चल ही लेना चाहिए मैं वहां से चला गया मुझे उस लड़की का नाम तो पता चल चुका था उसका नाम निकिता है लेकिन उससे मेरी बात नहीं हो पाई थी मैं जब भी वह कॉलनी से बाहर आती तो मैं उसे जरूर देखा करता इत्तेफाक से एक दिन वह मेरी बिल्डिंग में आ गई और जब वह वहां आई तो उस वक्त हम दोनों ही लिफ्ट में थे मैं उसके चेहरे पर देख रहा था और सोच रहा था कि अब इसमें कोई भी ना आए और उस दिन शायद मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी कि लिफ्ट खराब हो गई और हम दोनों ही लिफ्ट के अंदर थे निकिता बहुत ज्यादा घबरा गई थी निकिता मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत डर लग रहा है मैंने निकिता से कहा तुम डरो मत मैं अभी इमरजेंसी बैल बजा देता हूं मैंने उस बैल को दबाया तो कुछ नहीं हुआ शायद उस वक्त लाइट जा चुकी थी लेकिन मुझे तो अच्छा मौका मिल चुका था और मैंने निकिता से कहा कि तुम घबराओ मत अभी थोड़ी देर में लिफ्ट चलने लगेगी मैंने निकिता से पूछा कि तुम्हें यहां कितना समय हो चुका है तो वह कहने लगी कि मैं कुछ ही समय पहले यहां आई हूं वह मुझे कहने लगी कि मैं चंडीगढ़ की रहने वाली हूं और मेरी नौकरी यहीं मुंबई में लग चुकी है इसलिए मैंने अपनी चंडीगढ़ की नौकरी से रिजाइन देकर यहां आने की सोची और मुझे यहां पर काफी अच्छा सैलरी पैकेज मिल रहा था जिसकी वजह से मैंने यहां पर नौकरी ज्वाइन कर ली।

मैंने निकिता को हौसला दिया और कहा कि तुम घबराओ मत तब तक लाइट भी आ चुकी थी और लिफ्ट भी ठीक हो गई वह मुझे कहने लगी अच्छा हुआ आप मेरे साथ में थे नहीं तो मैं डर के मारे शायद बेहोश हो जाती, मैंने उसे कहा अरे नहीं ऐसा नहीं होता उसकी जान में जान आ चुकी थी मैंने उसे पूछा तुम यहां कहां जा रही हो?  वह मुझसे कहने लगी कि मेरी मौसी इसी बिल्डिंग में रहती है और मैं उनसे ही मिलने के लिए जा रही हूं। मैंने जब उसकी मौसी का नाम पूछा तो वह तो मेरे पड़ोस में ही रहती थी मैंने उनसे कहा वह ऑन्टी तो मेरे पड़ोस में ही रहती है और मेरी मम्मी की बहुत अच्छी दोस्त भी हैं। निकिता और मेरी दोस्ती भी शायद हो चुकी थी मुझे भी अच्छा मौका मिल चुका था मैंने निकिता से कहा कि चलो तुमसे दोबारा मुलाकात होगी उसके बाद जब भी मैं निकिता को मिलता तो वह मुझसे जरूर बात किया करती।

एक दिन मुझे उसने अपने रूममेट से भी मिलवाया उसकी रूममेट भी बहुत अच्छी थी और वह भी चंडीगढ़ की रहने वाली थी उन दोनों ने एक ही कंपनी में ज्वाइन किया था एक दिन तो निकिता मुझे कहने लगी कि राहुल मुझे तुमसे कुछ काम था मुझे आज अपना ऑफिस के लिए लेट हो जाएगी तो क्या तुम मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ दोगे, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारे ऑफिस तक छोड़ दूंगा और उसके बाद अपने ऑफिस चला जाऊंगा निकिता उस दिन मेरे साथ मेरी कार में ही आ गई मैं वैसे तो कार कम ही ऑफिस लेकर जाता हूं लेकिन उस दिन निकिता मेरे साथ थी तो सोचा कि चलो आज कार में ही ऑफिस चले जाता हूं मैंने निकिता को उसके ऑफिस छोड़ा और वहां से मैं अपने ऑफिस निकल गया निकिता भी मुझे मैसेज करने लगी मैं उसके मैसेज का रिप्लाई थोड़ी देर रुक के ही किया करता लेकिन धीरे-धीरे हम दोनों की बातें फोन पर भी ज्यादा होने लगी और जब निकिता को कहीं घूमने जाना होता तो वह मुझे कहती क्या तुम आज फ्री हो तो मैं निकिता को अपने साथ लेकर जाता, निकिता और मैं जब भी एक साथ समय बिताते तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता मुझे भी निकिता के साथ में बात करना और समय बिताना अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में बैठकर मूवी देखते तो मुझे ऐसा लगता कि निकिता से मैं अपने दिल की बात कह दूँ लेकिन मैं उसे अपने दिल की बात नहीं कह सकता था। एक दिन निकिता ने मुझसे अपने दिल की बात कह दी उसके प्रपोजल को मैंने तुरंत ही स्वीकार कर लिया और मैंने निकिता से कहा मैं तो तुमसे कब से प्यार करता हूं और जब मैंने पहली बार तुम्हें व्हाइट सूट में देखा था तो उस समय से ही मैं तुम्हारे ऊपर फिदा था लेकिन तुमने आज अपने दिल की बात मुझसे कहदी मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। निकिता के मुंह से यह बात सुनकर मैं बहुत ज्यादा खुश था मुझे तो बिल्कुल उम्मीद नहीं थी निकिता ने मुझे स्वीकार कर लिया है। उसके बाद तो हम दोनों अक्सर मिलने लगे।

एक दिन निकिता ने मुझे अपने घर में बुला लिया उसकी सहेली उस दिन कहीं बाहर गई हुई थी। हम दोनों साथ में बैठकर बात कर रहे थे निकिता ने मुझे कहा मैं तुम्हें अपनी पुरानी तस्वीर दिखाती हूं। वह मेरे पास आकर बैठ कर मुझे अपनी पुरानी तस्वीरें दिखाने लगी उसके स्तन मेरे हाथों से टकरा रहे थे मैंने जब उसके स्तनों की तरफ देखा तो उसके स्तन मुझे दिखाई दे रहे थे। मैं अपने आपको रोक ना सका मैंने उसके स्तनो को चुसना शुरू किया उसे भी बड़ा अच्छा लगा। मैंने उसको बहुत देर तक किस किया मैंने उसे लेटाते हुए किस करना शुरू कर दिया वह मेरे होठों को चुसती। उसे भी मजा आ रहा था जैसे ही उसने अपने मुंह मे मेरे लंड को लिया तो मैंने उसे कहा मुझे तो तुम्हारे साथ बड़ा अच्छा लग रहा है। उसने मेरे बदन से मेरे कपड़े उतार दिए। मैंने निकिता को भी पूरी तरीके से नंगा कर दिया उसकी चूत को मैं चाटने लगा उसकी चूत से मैंने पानी भी निकाल दिया।

उसने भी दोबारा मेरे लंड को अपने हाथ में लेते हुए हिलाना शुरु किया। वह कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को सकिंग करने में बड़ा मजा आ रहा है। जैसे ही मैंने निकिता की टाइट चूत में अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाते हुए कहने लगी तुमने मेरी चूत में दर्द कर दिया मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। मैं उसे तेजी से धक्के मारता रहा उसे चोदने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया, वह कहने लगी मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे चोदा था परंतु आज तुम्हारे मोटे लंड ने मेरी चूत फाड़ दी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। मुझे उसके साथ सेक्स करने में बहुत मजा आया जैसे ही मैंने अपने वीर्य को उसके ऊपर गिराया तो वह कहने लगी आज तो तुम्हारे साथ सेक्स करके मजा आ गया। मैंने सोचा नहीं था हम दोनों के बीच में यह सब हो जाएगा निकिता कहने लगी मैं तुम्हें प्यार करती हूं और तुम्हारे बिना रह नहीं सकती। मैंने निकिता से कहा मैं भी तुम्हारे बिना रह नहीं सकता मैं तुम्हें बहुत ज्यादा मिस करता रहता हूं। उसके बाद भी हम दोनों के बीच बहुत बार सेक्स हुआ एक दूसरे के साथ हम दोनों अब तक हैं और एक दूसरे का साथ बहुत अच्छी तरीके से देते हैं।