जब हमारे लब टकारने लगे

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पापा सुबह जल्दी उठ जाते हैं और वह सुबह उठते ही सबसे पहले अखबार पढ़ते हैं और अखबार के साथ उन्हें एक गरमा गरम चाय का कप भी चाहिए होता है। मैंने पापा को चाय का प्याला देते हुए कहा पापा मुझे आपसे कुछ बात करनी थी पापा कहने लगे हां रचना बेटा कहो क्या कहना है। मैंने पापा से कहा पापा हमारे कॉलेज का टूर घूमने के लिए जा रहा है तो मुझे कुछ पैसे चाहिए थे पापा कहने लगे लेकिन तुम लोग कहां घूमने के लिए जा रहे हो। मैंने पापा से कहा हम लोग जयपुर घूमने के लिए जा रहे हैं और कुछ दिनों तक हम लोग वहां पर भी रुकने वाले हैं। पापा कहने लगे ठीक है तुम्हें कितने पैसों की आवश्यकता है मैंने पापा से कहा पापा यह तो आप देख लीजिए लेकिन हम लोग वहां पर करीब 10 दिनों तक रुकने वाले हैं। मैंने जब यह बात पापा से कहीं तो पापा कहने लगे लेकिन बेटा 10 दिनों तक भला कौन से कॉलेज का टूर जाता है तुम ही मुझे बताओ।

मैंने पापा से कहा पापा हम लोगों का टूर कुछ प्रोजेक्ट को लेकर भी जा रहा है और हम सब लोगों ने सोचा कि इस बहाने कम से कम हम लोग घूम भी लेंगे। जब मैने यह बात पापा से कहीं तो उस वक्त मेरी छोटी बहन पिंकी भी मेरे सामने ही खड़ी थी पिंकी ने अभी कॉलेज में दाखिला ही लिया है वह मुझसे दो वर्ष छोटी है लेकिन पिंकी के सवालों का जवाब दे पाना बहुत ही मुश्किल होता है। वह मुझे कहने लगी दीदी क्या तुम पक्का घूमने के लिए जा रही हो मैंने पिंकी से कहा हां हम लोगों का टूर जा रहा हैं पिंकी ने पापा के दिमाग में शक पैदा करवा दिया। पापा ने मुझे पैसे तो दे दिए थे लेकिन पापा के दिमाग में कुछ चल रहा था मेरे कॉलेज के कुछ दोस्तों से पापा ने इस टूर के बारे में पूछ लिया उन्होंने भी वही कहा जो मैंने पापा से कहा था। पापा मुझे पैसे दे चुके थे और हम लोग घूमने की तैयारी में थे हम लोग घूमने के लिए जयपुर के लिए निकल चुके थे दिल्ली से जयपुर की दूरी 6 घंटे की है और हमारे कॉलेज की तरफ से बस का बंदोबस्त किया हुआ था। हमारी ओर से हमारी 3 बस थी हम लोग जब जयपुर पहुंचे तो हमारे टीचरों ने कहा कि कोई भी हमारी इजाजत के बिना कहीं बाहर नहीं जाएंगे।

हमारे प्रोफेसरों के ऊपर हम लोगों की जिम्मेदारी थी इसीलिए वह लोग हमें कह रहे थे कि हम में से कोई भी बिना पूछे बाहर नहीं जाएगा और अब हम लोग अपने रूम में ही बैठे हुए थे और आपस में सब लोग एक दूसरे से बात कर रहे थे। सब लोग रूम में ही बैठे हुए थे और हमारे साथ में पढ़ने वाले लड़के पास के ही एक होटल में रुके हुए थे। अगले दिन सब लोग जयपुर घूमने के लिए निकल पड़े मैं जयपुर पहली बार ही गई थी और मैं अपनी सहेली पूजा से कहने लगी कि पूजा यहां पर कितना अच्छा है और सब कुछ कितना बढ़िया है। पूजा मुझे कहने लगी मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है पूजा भी पहली बार ही जयपुर आई थी और मैं भी पहली बार जयपुर गई थी इसलिए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और पूजा को भी अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक साथ ही थे उस दिन हम लोगों का जयपुर घूमना बहुत ही अच्छा रहा जब शाम के वक्त हम लोग होटल में लौट आए तो पूजा मुझे कहने लगी कि रचना मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूं। मैंने पूजा से कहा हां पूजा कहो ना तुम्हें क्या कहना है तो पूजा ने उस दिन मुझे बताया कि उसका प्रेम प्रसंग एक लड़के से चल रहा है मैंने पूजा से कहा लेकिन तुमने मुझे इस बारे में तो बताया ही नहीं था। पूजा कहने लगी कि मुझे लगा था कि तुम्हें शायद इस बारे में बताना ठीक नहीं रहेगा पहले हम दोनों ने ही एक दूसरे से अपनी दिल की बात नहीं कही थी लेकिन कुछ दिनों पहले ही हम दोनों ने एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार कर दिया। मैंने पूजा से कहा अच्छा तो तुमने भी अपने लिए लड़का पसंद कर लिया है। पूजा मुझे कहने लगी हां मैंने भी अपने लिए लड़का पसंद कर लिया है और भला मैं करती भी क्यों नहीं मैं राकेश से प्यार जो करती थी राकेश और मैं एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं लेकिन हम दोनों ने कभी भी एक दूसरे से अपने दिल की बात नहीं कही थी परंतु जब मैंने और राकेश ने एक दूसरे से पहली बार अपने दिल की बात कही तो हम दोनों ने एक दूसरे को स्वीकार कर लिया। मैंने पूजा से कहा तुम मुझे राकेश की फोटो तो दिखाओ तो पूजा कहने लगी रहने दो मैंने पूजा से कहा लेकिन क्यों रहने दो।

पूजा कहने लगी मुझे यह सब अच्छा नहीं लग रहा है मैंने पूजा से कहा तुम्हें क्यों अच्छा नहीं लग रहा है तुम राकेश से इतना प्यार जो करती हो। पूजा कहने लगी ठीक है बाबा अभी दिखाती हूं पूजा ने मुझे राकेश की फोटो दिखाई तो मैंने पूजा से कहा राकेश तो बहुत अच्छा है तुम राकेश से मुझे कब मिला रही हो। पूजा कहने लगी तुम्हें जल्द ही मैं राकेश से मिलाऊंगी जब हम लोग जयपुर से घर लौट जाएंगे तब मैं तुम्हें राकेश से मिलाऊंगी। पूजा और मैं साथ में ही थे और उसके बाद जब मैंने पूजा को कहा कि मुझे नींद आ रही है तो पूजा कहने लगी ठीक है बाबा तुम सो जाओ। मैं सो गई सुबह जब मेरी आंख खुली तो सब लोग उठ चुके थे और मैं भी बाथरूम में तैयार होने के लिए चली गई लंबी कतार में मुझे भी खड़ा होना पड़ा। जयपुर का टूर हम लोगों का बहुत ही शानदार रहा और उसके बाद हम लोग वापस दिल्ली लौट आए। जब हम लोग दिल्ली वापस लौटे तो पापा और मम्मी ने मुझसे पूछा बेटा तुम्हारा जयपुर का टूर कैसा रहा मैंने उन्हें कहा मम्मी बहुत ही अच्छा रहा।

कुछ समय बाद पूजा ने मुझे राकेश से भी मिलवाया। मैं जब राकेश से मिली तो राकेश की बातों में कुछ तो जादू था मैंने पूजा से कहा तुम्हारी पसंद बहुत ही अच्छी है। राकेश मुझे कहने लगा अच्छा तो आपको लगता है कि पूजा की पसंद अच्छी है। मैंने राकेश से कहा क्यों नहीं आप बहुत ही अच्छे हैं राकेश की तारीफो के मैंने पुल बांध दिए थे और हमारी मुलाकात बहुत अच्छी रही। पूजा मुझे जब भी मिलती तो कहती राकेश तुम्हारी बड़ी तारीफ किया करता है। पूजा और राकेश ने सोच लिया की वह मेरा भी टांका किसी ना किसी से भीडवा कर ही रहेंगे। उन दोनो ने भी ऐसा ही किया मेरा टांका राकेश के दोस्त अजय से राकेश ने भीडवा दिया। जब अजय के साथ मेरा टांका भीडा तो मुझे अजय से बात करना अच्छा लगता और मेरी छोटी बहन पिंकी को भी इस बारे में पता चल चुका था। मुझे तो इस बात का डर था कि कहीं पिंकी पापा मम्मी को कुछ बता ना दे इसलिए मैं पिंकी से चोरी छुपे मिलती। मै अजय से बात किया करती थी लेकिन पिंकी फिर भी मुझे फोन पर अजय से बात करते हुए देखे लेती थी और मुझे इसलिए पिंकी को खुश रखना पड़ता था। मैंने एक दिन अजय से कहा मुझे तुमसे मिलना है तो अजय कहने लगा लेकिन हम लोग आज कहां मिलेंगे मेरे पास तो आज टाइम नहीं है। अजय और मेरी कम ही मुलाकात हो पाती थी अब हम दोनों एक दूसरे के नजदीक तो आ चुके थे लेकिन हमारे पास मिलने का समय नहीं हो पाता था क्योंकि अजय बहुत ज्यादा बिजी रहते थे इसलिए अजय के पास बिल्कुल भी टाइम नहीं होता था परंतु मेरे पास तो समय होता था। एक दिन मैंने अजय से कहा मुझे तुमसे मिलना ही है तो अजय मुझसे मिलने के लिए तैयार हो गए हम दोनों की मुलाकात हुई तो वह बड़ी अच्छी रही। पहली बार मैंने अजय के साथ लिप किस किया अजय के साथ लिप किस करना बहुत ही अच्छा रहा उसके बाद यह सिलसिला चलता रहा।

अब बात इससे आगे भी बढ चुकी थी हम दोनों एक दूसरे के बदन को महसूस करने लगे थे। अजय मेरे स्तनों को दबा दिया करते तो मुझे भी अंदर से एक अच्छी भावना आती और मैं खुश हो जाया करती। मुझे इस बात की खुशी थी कि अजय मेरा बहुत ध्यान रखते हैं और वह मुझे बहुत प्यार भी करते हैं छोटी-छोटी बातों को लेकर अजय मुझे बहुत समझाया करते थे। अब वह समय नजदीक आ गया जिस दिन पहली बार हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने हम दोनों के बीच पहला शारीरिक संबंध कुछ ही समय पहले बना था। उस दिन मेरी तबीयत भी खराब हो गई थी अजय ने मेरे होठों को चूमना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी बाहर निकलने लगी थी और मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। अजय ने मुझे कहा कि तुम घबरा क्यों रही हो और यह कहते हुए अजय ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू कर दिया। अजय मेरे स्तनों को दबाए जा रहे थे और जिस प्रकार से वह मेरे स्तनों को दबाते उससे मैं उत्तेजित होने लगी थी।

अजय ने जब मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसा तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा काफी देर तक अजय ने मेरे स्तनों का रसपान किया पहली बार अजय ने मेरे स्तनों का रसपान किया था और अजय के ऐसा करने से मेरी योनि में भी अब एक करंट सा पैदा होने लगा था। अजय ने अपने लंड को मेरी योनि पर सटाया तो मैं मचलने लगी और अजय ने धीरे से अपने मोटे लंड को मेरी योनि में घुसा दिया। अजय का मोटा लंड मेरी योनि में जा चुका था उसी के साथ अजय ने अपनी गति को बढ़ा दिया और जिस प्रकार से अजय मेरे चूत का मजा ले रहे थे उससे मै पूरी तरीके से मचल रही थी और मुझे बडा आनंद आ रहा था काफी देर तक अजय ने मेरी चूत के मजे लिए। मुझे अजय ने दिन में ही तारे दिखा दिए लेकिन जब अजय ने मुझे अपने ऊपर से आने के लिए कहा तो मैंने भी अजय की इच्छा को पूरा कर दिया और अजय के साथ में ने जमकर सेक्स का आंनद लिया। हम दोनों के बीच में जमकर सेक्स हुआ मुझे और अजय को बहुत ही मजा आया। हम दोनों ही बड़े खुश थे जब अजय ने अपने वीर्य को मेरी योनि में गिराया तो अजय ने तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मुझे कहा कि तुमने आज मुझे खुश कर के रख दिया है।