बुआ की लेस्बियन लड़कियां

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मेरा नाम मोहन है मैं मुजफ्फरनगर का रहने वाला हूं और मेरी उम्र 20 साल है। मेरा स्कूल इसी साल कंप्लीट हुआ है और मेरे माता-पिता ने मुझे कहा कि बेटा कहीं अच्छी जगह पर तुम्हारा एडमिशन करवा देते हैं। 

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मैंने पिताजी की बात मान ली मेरे पिताजी एक सरकारी कर्मचारी हैं जो कि बहुत ही व्यवहार कुशल है और उनकी  समाज में काफी इज्जत भी है। इसी वजह से मैं उनकी बात को मानता हूं और कभी भी उन्हें किसी चीज के लिए मना नहीं करता। मैंने भी पिताजी को बोला कि ठीक है आप मेरा एडमिशन करवा दीजिए तो उन्होंने मेरा एक फॉर्म भर दिया। मैंने वहां पर एंट्रेंस दिया एंट्रेंस में मेरा नंबर आ गया और मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया। मेरा कॉलेज बेंगलुरु में था जो कि हमारे घर से काफी दूर है। इस वजह से मेरे पिताजी काफी चिंतित भी थे लेकिन वह यह चाहते थे कि मैं कुछ अच्छा करूं तो उन्होंने मेरा एडमिशन बेंगलुरु में करवा दिया। जब मैं बेंगलुरु गया तो मुझे काफी अच्छा लगा मेरे पिताजी भी मेरे साथ आए थे। उन्होंने मेरे लिए पीजी की व्यवस्था करवाई।

मेरा घर से यह पहला ही मौका था जब मैं कहीं बाहर इतने लंबे समय तक रहने वाला था। मुझे अपने कॉलेज के पूरे 3 साल वही उनके घर पर काटने थे तो इसलिए मैं चाहता था। उनका व्यवहार भी मेरे घर के जैसा ही हो जहां पर उन्होंने मेरे लिए पीजी करवाया था। उनके घर में अंकल आंटी और उनका एक छोटा लड़का और एक लड़की जो कि जॉब पर जाती थी। उसकी उम्र अभी 25 साल की होगी उसका नाम शीतल है और वह दिखने में बहुत ही सुंदर है। मैं जब भी कॉलेज जाता था तो वह मुझे हमेशा ही दिख जाती थी। लेकिन मैंने उसे कभी भी बात नहीं कि हम लोग खाना भी साथ में ही खाते थे लेकिन मेरी काभी भी हिम्मत नहीं हुई कि मैं उससे बात कर सकूं। शायद उसे लगता था कि मैं शरमाता हूं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। एक दिन उसके पापा ने मुझे कहा कि बेटा तुम शीतल से बात नहीं करते हो। तुम्हें कुछ भी हेल्प की जरूरत हो तो वह तुम्हारी मदद कर दिया करेगी तुम अभी शहर में नए हो और अभी काफी समय तुम्हें लगेगा यहां के तौर-तरीके और रास्तों का पता करने मे। मैंने उन्हें कहा हां अंकल क्यों नहीं उस दिन मैंने पहली बार शीतल से बात की वह बात करने में बहुत ही फ्रेंक थी और काफी अच्छी भी बात करती थी। मैंने उसे उसके जॉब के बारे में पूछा तो उसने मुझे कहा कि मैं फिलहाल कोई पार्ट टाइम जाँब कर रही हूं उसके बाद मैं अपना ही कुछ बिजनेस शुरू करूंगी। मैंने उसे कहा यह तो बहुत अच्छी बात है अब हमारी पहले दिन सिर्फ इतनी ही बात हुई और मैं अपने कमरे में सोने के लिए चला गया।

सुबह उठकर फिर मैं कॉलेज के लिए निकल पड़ा शीतल आज बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी उसने कॉटन की कुर्ती सलवार पहनी हुई थी। जिसमे उसके स्तनों को साफ-साफ देख सकता था। मैंने उसे हेलो कहा और वहां से चला गया शाम को जब वह मुझे मिली तो मैंने उसका नंबर ले लिया और अब उससे मैसेजेस में ही बात होने लगी। मुझे जब भी कुछ जरूरत पड़ती तो मैं उसे तुरंत फोन कर देता और वह मुझे बता देती कहां पर क्या चीज मिलती है तो इस तरीके से वह मेरी बहुत हेल्प करती थी।

एक दिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था तो मैंने शीतल से बोला कि क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो।  वह मेरे कमरे में आ गई है अब जब वह मेरे कमरे में आई तो हम लोग बैठे हुए थे और काफी देर तक बात भी कर रहे थे। मैंने उससे पूछा कि मुझे यह चीज समझ नहीं आ रही है। इसको मैं किस तरीके से कर सकता हूं तो उसने मुझे बोला तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी मदद कर दूंगी। उसने मेरी मदद की जब हम बैठे हुए थे तो उसके स्तनों को मैं देखे जा रहा था। मेरा ध्यान सिर्फ उसके स्तनों पर ही था। मैंने एक बार ऐसे ही खड़े होते हुए उसके स्तनों पर हाथ लगा दिया। उसे भी थोड़ा अजीब सा लगा लेकिन वह भी शायद मेरी तरफ अट्रैक्ट हो रही थी और उसने मुझे कुछ भी नहीं कहा फिर ऐसे ही मेरी उससे अश्लील बातें शुरू हो गई। वह भी मुझसे अब काफी खुल चुकी थी और हम दोनों की अश्लील बातें होने लगी थी। जिससे कि मुझे बहुत अच्छा लगता जब मुझसे बातें वह अश्लील बाते करती थी। मैं उसकी गांड को दबा दिया करता था और वह मुझे कुछ भी नहीं कहती थी। मैंने उससे पूछा क्या तुमने कभी किसी से अपनी चूत मरवाई है। वह मुझे कहने लगी नहीं आज तक मैंने किसी से भी अपनी चूत नहीं मरवाई है। वह मेरे रूम से चली गई।

ऐसे ही एक दिन अंकल आंटी और उनका छोटा लड़का कहीं गए हुए थे घर पर सिर्फ हम दोनों ही थे। वह मेरे कमरे में आ गई और हम ऐसे ही बातें करने लगे। बातें करते करते मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया। मैं समझ चुका था की इसकी चूत में खुजली हो चुकी है और मुझे इसकी खुजली को मिटाना पड़ेगा। मैंने भी तुरंत उसके होठों पर ही किस कर लिया और उसे चूसने लगा वह काफी अच्छी तरीके से मेरे होठों को किस करती। ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे को काफी देर तक किस करते रहे। अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैंने भी तुरंत उसके कपड़ों को उतार दिया और उसकी योनि में अपनी उंगलियों को रगडने लगा। काफी देर तक मैंने ऐसा किया उसके बाद उसकी उत्तेजना भी बढ चुकी थी। उसने भी मेरे लंड को चूसना शुरु किया और ऐसे ही हम काफी देर तक करते रहे। मैंने उसके स्तनों को भी रसपान किया और मैंने उसे वहीं लेटा दिया और उसके योनि में अपना लंड डालने की कोशिश की लेकिन मेरा लंड गया ही नहीं उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी। जिससे कि मुझे बहुत ताकत लगानी पड़ी जब मैंने अंदर घुसा दिया। उसकी योनि में जैसे ही मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे पता नहीं क्या चीज मेरे अंदर चली गई हो। अब मैं ऐसे ही अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और काफी देर तक मैं उसे अच्छे से चोदता रहा। जिससे कि वह भी उत्तेजित हो रही थी और मुझे कह रही थी लव यू बेबी।

मैं वैसे ही उसे बड़ी तेज तेज झटके दिए जा रहा था। जिससे कि मेरी लंड को और ज्यादा मजा आता मैंने उसे इतने गंदे तरीके से चोदना शुरू किया और उसके दोनों पैरों को मैंने उठाते हुए अपने कंधे पर रख लिया। जैसे ही मैंने उसके दोनों पैर को अपने कंधे पर रखा वह भी बहुत ज्यादा उत्तेजित होती और मैं ऐसे ही उसके साथ संभोग करता रहा। अब उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में कस कर जकड़ लिया मैं समझ गया था कि उसका गिरने वाला है। मैंने भी बड़ी तेज तेज झटके मारने शुरू किया और मैंने भी बड़ी तीव्र गति से अपनी पिचकारी को उसकी योनि में गिरा दिया। जिससे कि उसके बदन की गर्मी शांत हो गई और वह मुझे गले लगा कर मेरे पास ही बेड पर हम दोनों काफी देर तक ऐसे ही बात कर रहे थे। लेकिन मेरी इच्छा दोबारा से जाग गई और मैंने दोबारा से अपने लंड को हिलाने के लिए कहा। जैसे ही मैंने उसको कहा तो वह तुरंत ही मेरे लंड को हिलाने लगी। मैंने उससे कहा तुम अपने मुंह में लेकर एक बार ट्राई करो उस ने भी अपने मुंह में लेकर सेकिंग किया।

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काफी देर तक उसने ऐसे ही सकिंग करते रही और मेरा लंड बहुत ज्यादा मोटा हो चुका था। अब तुरंत ही मैंने उसे झट से अपने लंड के ऊपर बैठा दिया और ऐसे ही झटके मारता रहा। मैं काफी देर तक ऐसे ही झटके देते रहा लेकिन उसकी इच्छा नहीं भर रही थी और वह भी मेरे लंड के ऊपर छलांग लगा रही थी। जिससे कि मुझे काफी अच्छा लगता और हम दोनो काफी देर तक ऐसे ही करते रहे। अब जब मेरा वीर्य दोबारा से झड़ने को हुआ तो मैंने तुरंत ही एक तेज का झटका मारा जिससे कि मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपनी पिचकारी को उसकी योनि में दोबारा से प्रवेश करवा दिया।  मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड सूज चुका है लेकिन हम दोनों को बहुत ही मजा आया। मैं जब 3 साल उनके घर पर रहा तो मैं हमेशा उसे चोदा करता था।