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पहली मुलाकात मे मेरी योनि का भेदन
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मेरा नाम कोमल है मैं बेंगलुरु का रहने वाले हूं, मेरे पिताजी बैंक में नौकरी करते हैं और मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरे परिवार में मेरी छोटी बहन है जो कि अभी कॉलेज की पढ़ाई कर रही है और वह पढ़ने में बहुत ही अच्छी है, वह हमेशा ही फर्स्ट डिवीजन में पास होती है। मैंने एक दिन अपनी बहन से कहा कि तुम घर पर ट्यूशन क्यों नहीं पढ़ा लेती जब तुम्हारे पास वक्त होता है तो, वह कहने लगी दीदी आप बिल्कुल सही कह रही हैं, उसके बाद से वह घर पर ट्यूशन पढ़ाने लगी और अब उसके पास काफी बच्चे भी आने लगे हैं। एक दिन मैं अपने कॉलोनी के बाहर दुकान में सामान लेने के लिए चली गई, उस दिन मुझे घर का कुछ सामान लेना था, मैं जब सामान ले रही थी तो वहीं आगे पर एक लड़का और लड़की झगड़ रहे थे, उस लड़के को तो मैंने अपनी कॉलनी में भी कई बार देखा है लेकिन उसका नाम मुझे नहीं पता था परंतु उस लड़की को मैंने पहले कभी नहीं देखा था।

दुकान वाले भैया भी कहने लगे कि आजकल के बच्चे तो पता नहीं क्यों इतना जोर शोर से रहते हैं और जब एक दूसरे के साथ रिलेशन नहीं चला सकते तो रिलेशन में रहने की क्या जरूरत है, मुझे ऐसा लगा कि शायद वह मुझे भी सुना रहे हैं, मैंने उन्हें कहा भैया सब लोग एक तरीके के थोड़ी होते हैं, वह मुझे कहने लगे कि आज के सारे बच्चे एक जैसे ही हैं और कोई भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। मैंने ज्यादा उनकी बात नहीं सुनी और मैं वहां से निकल गई, मैं जब घर आई तो मैंने अपनी बहन को बताया कि बाहर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ झगड़ा कर रहा है, मेरी बहन कहने लगी कि तुम्हें कैसे पता कि वह उसकी गर्लफ्रेंड है, मैंने उसे कहा कि उन दोनों की हरकतों से पता ही चल रहा था कि वह दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में है लेकिन जब उन दोनों का रिलेशन अच्छे से नहीं चल रहा तो वह दोनों झगड़ा करने लगे, मेरी बहन कहने लगी दीदी तुम भी पता नहीं क्या क्या सोच लेती हो।

अब मैं अपने ऑफिस जाने लगी और एक शाम जब मैं ऑफिस से लौट रही थी तो मुझे वही लड़का बस में दिखाई दिया, मैंने उसे देख कर अपना मुंह फेर लिया, मैं जब अपने घर के लिए आ रही थी तो वह मेरे पीछे पीछे आ रहा था, तभी मेरे हाथ से मेरा फर्स नीचे गिर गया और वह मुझे आवाज देने लगा लेकिन मैंने पीछे पलट कर नहीं देखा, मैं आगे तेज तेज चलने लगी, वह भी दौड़ता हुआ मेरे पास आया और कहने लगा कि तुम्हारा पर्स यहां पर से गिर गया है और तुम मेरी आवाज़ भी नहीं सुन रही, आजकल तो अच्छाई का जमाना ही नहीं है। जब उसने मुझसे यह बात कही तो मैंने उसे कहा कि तुम बड़े शरीफ बन रहे हो, मैंने भी तुम्हें एक लड़की के साथ झगड़ा करते हुए देखा है, वह कहने लगा तुमने मुझे कहां देखा? तो मैंने उसे कहा कि तुम्हें उससे क्या लेना देना लेकिन तुमने झगड़ा तो किया था। वह मुझे कहने लगा कि तुम्हें जब पूरी बात नहीं पता तो तुम क्यों बोल रही हो, मैंने उससे पूछा कि क्या बात है तो तुम मुझे भी बताओ, मैं उससे बड़ी चिल्लाकर बात कर रही थी और वहां पर जो लोग आ जा रहे थे वह सब मुझे देख रहे थे क्योंकि मेरी कॉलोनी में बड़ी ही अच्छी इमेज है। उसने मुझे कहा कि मेरा नाम अमित है और तुम्हारा नाम क्या है? मैंने उससे बोला कि तुम्हें मेरे नाम से क्या करना तुम यह बताओ कि तुम उस लड़की के साथ क्यों झगड़ा कर रहे थे? वह मुझे कहने लगा कि उसका नाम पायल है और वह मेरी गर्लफ्रेंड है, हम दोनों एक ही ऑफिस में काम करते हैं लेकिन उसका किसी और के साथ चक्कर चल रहा है, मैंने उसे समझाया कि यदि तुम्हें उसके साथ रहना है तो तुम उसके साथ रह सकती हो लेकिन तुम मुझे साफ-साफ बता दो लेकिन वह अपनी इस गलती को मानने को तैयार नहीं है, वह चाहती है कि वह मेरे साथ भी रहे और उस लड़के के साथ भी वह रिलेशन में रहे, उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा इसीलिए उस दिन मेरा पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ गया और मैं उसके साथ झगड़ा करने लगा। मैंने अमित से कहा तो अच्छा यह बात है, मुझे लगा कि शायद तुम्हारी कोई गलती होगी, वह कहने लगा मेरी इसमें कोई भी गलती नहीं है, पायल को मैं अपने रिलेशन के बारे में समझा रहा था और वह ना जाने क्या सोच रही है, वह बहुत ही कंजूस है मैंने अब उससे बात करनी भी बंद कर दी है।

मैंने अमित से कहा चलो यह तो तुमने अच्छा किया, उसके बाद मैं भी अपने घर चली गई और काफी दिनों तक अमित मुझे नहीं मिला लेकिन उसके बाद तो जैसे उसका और मेरा मिलना आम हो गया हो,  वह मुझे हमेशा ही दिख जाता। वह जब भी मुझे देखता तो वह मुझसे बात कर लेता और मैं भी उससे बात कर लेती, अब हम दोनों के बीच में बातें भी होने लगी थी और हम दोनों ने एक दूसरे का नंबर भी शेयर कर लिया था, मुझे अमित अच्छा लगने लगा था और मेरा दिल भी अमित पर आ गया। एक दिन अमित ने मुझे कहा क्या तुम आज मेरे साथ मूवी देखने चल सकती हो? मैंने उसे कहा ठीक है मैं उस दिन उसके साथ मूवी देखने के लिए चली गई। मैं जब अमित के साथ मूवी देखने गई तो हम दोनों बैठ कर मूवी देख रहे थे, तभी अमत ने मेरी जांघ पर हाथ रखा, जब उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा तो वह मूवी देख रहा था मुझे लगा शायद उसने जानबूझ कर रखा होगा लेकिन उसने जानबूझकर हाथ नहीं रखा था। मैने अपने हाथ को अमित के पैर पर रख दिया पर मेरा मूड उसे देख कर उत्तेजित होने लगा, मैंने अमित के कंधे पर अपना सर रख लिया उसने मुझे अपने हाथ से पकड़ा तो मैं और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी। मैंने अमित के लंड को दबाना शुरू कर दिया, जैसे ही मैंने उसके होठों को किस किया तो वह पूरे मूड में हो गई और हम दोनों मूवी खत्म होते ही वहां से बड़ी तेजी से बाहर निकले क्योंकि हम दोनों से ही कंट्रोल नहीं हो रहा था।

मैंने अमित से कहा मुझसे तो बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा अमित ने मुझे कहा हम लोग बाथरूम में चलते हैं हम दोनों मॉल के बाथरूम में घुस गए, मैं जेंट्स टॉयलेट में बड़े चुपके से गई वहां पर उस समय कोई भी नहीं था। जब हम दोनों बाथरूम के अंदर थे तो मैंने जल्दी से अमित के लंड को अपने मुंह में लेना शुरू किया मैंने उसके लंड को काफी देर तक अपने मुंह में लेकर सकिंग किया। जब वह पूरे मूड में हो गया तो उसने मेरे स्तनों को चूसना शुरू किया वह मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे से कर रहा था और मुझे भी बहुत मजा आता। जब हम दोनों कंट्रोल से बाहर हो गए तो अमित ने मेरी चूत के अंदर उंगली डालनी शुरू कर दी, मेरी चूत से बड़ी तेज पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। अमित ने मुझे कहा तुम थोड़ा सा नीचे झुक जाओ उसने मुझे नीचे झुकाते हुआ मेरी बड़ी चूतडो को अपने हाथों में लेते हुए उसने मेरी चिकनी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही उसका लंड मेरी योनि के अंदर घुसा तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरी योनि से खून निकल रहा है। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मारने लगा, वह इतनी तेजी से धक्के मार रहा था मेरी चूत से उतनी ही तेजी से खून बाहर की तरफ को निकलता जाता, मुझे बहुत मजा आ रहा था और अमित को भी बहुत आनंद आने लगा। वह मुझे कहने लगा तुम्हारी चूतडे बड़ी गोल गोल मुझे तुम्हारी चूत मारने में बहुत मजा आ रहा है। मैंने अमत से कहा मेरे योनि बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तुम जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाल लो लेकिन उसने अपने लंड को बाहर नहीं निकाला। वह ऐसे ही बड़ी तेज गति से मुझे चोदने पर लगा हुआ था, मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था मेरी योनि से खून बाहर की तरफ को निकलने लगा मेरे मुंह से ना चाहते हुए भी सिसकिंया निकल जाती। मेरे मुंह से सिसकियां निकलती तो वह और भी तेज गति से मुझे चोदता अमित ने मुझे इतनी तेज गति से झटके मारे मैं ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। जैसे ही अमित का वीर्य मेरी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो मैं बहुत खुश हो गई और मैंने राहत की सांस ली। उसने जैसे ही मेरी योनि से अपने लंड को बाहर निकाला तो मेरी योनि से उसका वीर्य बड़ी तेजी से बाहर की तरफ को निकल रहा था।

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