मेरी मम्मी का पुराना यार

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हैल्लो दोस्तों, में साजिद आप सभी की तरह मैंने भी अब तक बहुत सारी कहानियाँ को पढ़कर उनके मज़े लिए है और उन कहानियों को पढ़कर मेरे मन को बहुत ख़ुशी मिलती और उस मज़े की वजह से मेरा मन बहुत खुश रहता है। दोस्तों आज में आप सभी के लिए अपनी एक सच्ची घटना को लेकर आया हूँ और मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी। दोस्तों यह घटना मेरे साथ करीब तीन महीने पहले घटी और इसने मेरा पूरा जीवन बदल दिया। मेरा नाम साजिद है और में एक बड़े शहर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल मेरी लम्बाई 5.9 शरीर बहुत गठीला गोरा रंग में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ। मेरी मम्मी की उम्र 46 साल है और वो एक सुंदर औरत है उनकी लम्बाई 5.5 है और उनके बूब्स का आकार 38-32-40 है। दोस्तों अपनी इस कहानी को सुनाने से पहले में आप सभी को अपने परिवार के बारे में कुछ बता देता हूँ। मेरे पापा एक बहुत बड़े व्यापारी है और मेरी मम्मी एक डॉक्टर है और वो हमारी ही कॉलोनी में एक क्लिनिक चलती है और में एक कॉलेज में अपनी दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा हूँ।
दोस्तों बचपन से ही मेरी मम्मी पापा के बीच बहुत ज्यादा लड़ाई झगड़ा हुआ करता था और इस वजह से मेरे पापा मेरी मम्मी को बहुत मारा करते थे। फिर कुछ दिनों के बाद मुझे बाद में पता चला कि मेरी पापा के विचार से मेरी मम्मी का उनके साथ पढ़ने वाले किसी लड़के के साथ कुछ गलत सम्बन्ध थे और इस वजह से मेरे पापा मेरी मम्मी को बहुत मारा भी करते थे। दोस्तों मेरी मम्मी एक मध्यम परिवार की है, लेकिन वो बहुत ही खुले विचारों की हंसमुख स्वभाव की है। यह घटना करीब तीन महीने पहले की है, मेरी मम्मी रात के समय जब सभी लोग खासकर मेरे पापा जब सो जाते थे तो उसके बाद वो टीवी वाले कमरे में जाकर टीवी को तेज आवाज से चलाकर बैठ जाती और फिर वो अपने उस दोस्त को फोन करके उसके साथ कई कई घंटे बातें किया करती थी। मेरा रूम ऊपर वाली मंजिल पर ही था, इसलिए में हमेशा ऊपर अपने कमरे में ही रहता था। एक दिन मेरा पेपर था और में देर रात तक पढ़ाई करने में लगा हुआ था और फिर अपने एक दोस्त को किसी बात को पूछने के लिए मैंने फोन करने के लिए ऊपर वाला फोन सेट को उठाया, लेकिन फिर मैंने सुना कि उस पर पहले से ही मेरी मम्मी की अपने दोस्त के साथ फोन पर बातें चल रही थी और पहले तो में सेट को रखने लगा, लेकिन फिर अचानक ही मुझे फोन के दूसरी तरफ से एक मर्द की आवाज़ सुनाई देने लगी।
अब मैंने उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनना शुरू कर दिया और उन दोनों की वो बातें सुनकर मेरा दिल बहुत तेज तेज धड़कने लगा था और अब मेरी मम्मी उसके साथ कुछ ऐसे गंदे गंदे शब्दों में बातें कर रही थी कि वो सब सुनकर मेरा तो लंड बहुत जोश में तनकर खड़ा हो गया। दोस्तों मेरी मम्मी में विचार से अपने उसी क्लास के लड़के से बात कर रही थी, जिनके साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और वो अब मम्मी से कह रहा था कि वो इस शुक्रवार के दिन फ्री है और वो मिलना चाहता है, लेकिन मम्मी उसकी बात को नहीं मान रही थी। फिर उसने मेरी मम्मी को अपने घर आने की सलाह देकर वहीं आकर मिलने के लिए कहा, लेकिन मम्मी उसकी बात को अब भी नहीं मानी। फिर अचानक से मम्मी ने उसको कहा कि इमरान तुम ही इस सोमवार को मुझसे मिलने मेरे घर आ जाओ और इसके बाद वो दोनों करीब एक घंटा बातें करते रहे और उन सभी बातों में वो ज्यादातर मम्मी के बदन और सेक्सी होनी की बातें करता रहा। फिर मैंने कुछ देर के बाद अपनी तरफ से फोन को रख दिया, क्योंकि अब मुझे नींद आ रही थी और दूसरे दिन सुबह मेरा पेपर भी था।

फिर मुझे लेटे रहते हुए कुछ देर के बाद विचार आया कि सोमवार को तो मेरे कॉलेज की तरफ से हम सभी बाहर घूमने जा रहे है और पापा को भी उसी दिन अपने काम की वजह से कहीं बाहर जाना था था। अब मुझे यह बातें सोचते हुए अपनी मम्मी के उस प्लान के बारे में सब कुछ बड़ी अच्छी तरह से समझ में आ चुका था। फिर मैंने सोमवार के दिन अपने दोस्तों के आगे एक झूठा बहाना बनाया और मैंने उनको कह दिया कि में बहुत बीमार हूँ और में इस वजह से तुम लोगो के साथ नहीं जा सकता और फिर उसके बाद मैंने अपनी मम्मी से भी झूठ कह दिया कि हमारा कॉलेज की तरफ से बाहर जाना किसी वजह से रद्द हो गया है। अब मम्मी मेरे मुहं से यह बात सुनकर अचानक से बड़ी पेरशान लगने लगी थी, वो मेरे ना जाने की बात सुनकर बड़ी चिंतित हो गई और पूरा दिन वो बहुत उदास रही। फिर करीब शाम को सात बजे हमारे घर की घंटी बजी और फिर उस आवाज को सुनकर मेरी मम्मी के चेहरे का रंग फीका पड़ गया और उन्होंने ही जाकर दरवाजा खोल दिया।
अब उनका वो दोस्त इमरान हमारे घर आ गया, मम्मी ने उसको अंदर बुलाकर मुझे बताया कि वो उनके साथ ही पढ़ाई करता था और फिर साथ में मुझे भी अपने रूम में ले जाकर उन्होंने मुझे समझाया कि बेटा यह मेरे साथ पढ़ने के समय से अब तक मुझसे जुड़े हुए है, लेकिन तुम्हारे पापा हर बात को हमेशा बहुत गलत समझ लेते है, प्लीज इसलिए तुम इनके यहाँ हमारे घर आने के बारे में अपने पापा को ना बताना। दोस्तों में तो बहुत पहले से ही उनका सारा खेल समझ चुका था। अब मैंने उनको कहा कि आप बिल्कुल भी फ़िक्र ना करना, में किसी को कोई भी बात नहीं बताऊंगा और मेरे मुहं से यह बात सुनकर उनका चेहरा खुशी से निखर गया। दोस्तों मैंने देखा कि इमरान एक 45 साल का सुंदर गोरा हट्टाकट्टा आदमी था, लेकिन वो बहुत जवान भी लगता था। फिर रात का खाना खा लेने के बाद में सोने के लिए अपने रूम में चला गया और मेरी मम्मी उनके रूम में चली गई और इमरान जिस कमरे में गये थे वो कमरा पहले मेरी दादी का था, जिनकी अब म्रत्यु हो चुकी है। दोस्तों उस कमरे के और मम्मी वाले कमरे के बीच में एक बाथरूम है जिसका दरवाजा दोनों तरफ से खुलता है।

में रात को करीब एक घंटा अपने कंप्यूटर पर एक फिल्म देख रहा था और उस सेक्सी फिल्म को देखकर मेरा लंड एकदम टाइट हो चुका था। फिर मुझे से अचानक किसी के ऊपर आने की आवाज़ आने लगी और मैंने तुरंत अपने कंप्यूटर को बंद कर दिया, मैंने देखा कि मेरी मम्मी अपने हाथ में एक गिलास दूध लेकर आई। दोस्तों में आप लोगो को बता दूँ कि इससे पहले कभी मेरी मम्मी खुद मेरे लिए दूध लेकर नहीं आई और जब भी मुझे दूध पीना होता था तो में खुद ही नीचे जाकर उनसे दूध माँगता था। अब मुझे लगा कि कहीं इस दूध में कोई नशे की दवाई तो नहीं है और मैंने यह बात मन ही मन सोचकर मुस्कुराते हुए उनके हाथ से वो दूध का गिलास ले लिया, जिसकी वजह से उनको मेरे ऊपर कहीं कोई शक ना हो जाए, लेकिन फिर मैंने अपनी मम्मी के जाने का बाद तुरंत ही उसको फेंक दिया। एक घंटा और इंतजार करने के बाद में नीचे जाने लगा और अब वहां का द्रश्य यह था कि मेरी मम्मी के कमरे में टीवी चल रही थी, लेकिन उधर कोई भी नहीं था। अब मुझे बहुत डर लगा कि कहीं कोई मुझे देख ना ले इसलिए में वापस ऊपर अपने कमरे में आ गया।
फिर मैंने उसके बाद एक घंटा और इंतजार किया उसके बाद जब में नीचे गया, तब मैंने देखा कि सारी लाइट बंद थी और पूरे घर में बहुत अंधेरा था। फिर में जब अपनी मम्मी के कमरे के पास गया तब मैंने देखा कि पहले से ही उनके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था, लेकिन कमरे के अंदर कोई भी नहीं था और मेरी दादी वाले कमरे में एक छोटा कम रौशनी का बल्ब जल रहा था। फिर मैंने एक छोटे से छेद से अंदर देखना शुरू किया, लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद मुझे कुछ खास नज़र नहीं आया। अब में अपनी मम्मी के कमरे में चला गया और तुरंत उस बाथरूम में चला गया, क्योंकि उस बाथरूम का दरवाजा मेरी दादी वाले कमरे में थोड़ा सा खुला हुआ था और अब मुझे वहां से सभी कुछ एकदम साफ साफ नज़र आ रहा था, लेकिन क्योंकि अंधेरा बहुत ज्यादा था इसलिए उन दोनों को बाथरूम के अंदर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था। अब मैंने देख कि मुझे बेड पर मेरी मम्मी की कमर नज़र आ रही थी, मम्मी ने उस समय अपनी मेक्सी पहनी हुई थी और वो इमरान के साथ लिपटी उसकी बाहों में थी और वो दोनों एकदम जोश में लग रहे थे। दोस्तों वो तो मुझे भी बाद में पता चला कि उनके बीच चूमना प्यार करने का काम हो रहा था, मम्मी ने उस समय काले रंग की ब्रा पहनी थी और उसी रंग की पेंटी भी पहनी थी।
दोस्तों मेरी मम्मी ने जो मेक्सी पहनी थी वो गाउन की तरह थी, जो आगे से खुली हुई थी और इससे पहले मैंने मम्मी के पास वो मेक्सी कभी नहीं देखी थी। फिर कुछ देर के बाद इमरान ने मेरी मम्मी की मेक्सी को भी उतार दिया और अब मम्मी और वो दोनों बैठकर चूमने चाटने लगे थे। अब मम्मी ने इमरान की शर्ट को उतार दिया, उसके बाद अब मम्मी नीचे लेट गई और इमरान उनके ऊपर आ गया। उन दोनों के बीच बड़ी देर तक चूमने का काम होता रहा। फिर कुछ देर बाद मम्मी ने अपनी ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया और फिर मम्मी ने इमरान की पेंट और अंडरवियर को भी उतार दिया। अब इमरान सीधा लेटा हुआ था और मम्मी उसका लंड अपने मुहं में भरकर चूस रही थी। वो कभी अंदर और कभी बाहर निकालकर लंड के टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर लोलीपोप की तरह उसको चूसने चाटने के मज़े ले रही थी, लेकिन मम्मी के बाल आगे आने की वजह से मुझे इतना कुछ साफ नज़र नहीं आ रहा था। फिर करीब 15 मिनट तक वो काम करने के बाद मम्मी सीधी हो गई और इसके बाद इमरान मम्मी की चूत को चाटने लगा और अब मम्मी जोश में आकर हल्की हल्दी आवाज़ अपने मुहं से निकाल रही थी और कुछ देर के बाद इमरान उठा और उसने अपने बेग से कुछ निकाला।

अब उसने मम्मी को कहा कि तुम लाइट को चालू कर दो। अब में तुरंत ही बाथरूम से निकलकर बाहर आ गया और में दोबारा उसी छोटे छेद से अंदर देखने लगा। दोस्तों उस समय लाइट होने की वजह से मुझे साफ नज़र आ रहा था, इमरान ने मम्मी को एक इंजेक्शन दिया और मम्मी उसके लंड पर वो इंजेक्शन लगा रही थी। फिर कुछ देर के बाद उन्होंने उस लाइट को वापस बंद कर दिया और में अब दोबारा सही मौका देखकर बाथरूम में चला गया, मैंने देखा कि वो दोनों अभी सिर्फ़ चूमने का काम कर रहे थे और वो दोनों पूरे नंगे ही लेटे हुए थे और करीब दस मिनट के बाद इमरान मम्मी के दोनों पैरों के बीच में आ गया और उसने अपने लंड को मेरी मम्मी की चूत में एक ज़ोर का झटका देकर पूरा अंदर डाल दिया। अब मम्मी उसको लगातार चूमती जा रही थी और वो हल्के हल्के झटके लगा रहा था। उसने मम्मी को इस तरह बहुत देर तक चोदा और उसके बाद मेरी मम्मी उसके ऊपर आ गई। अब मुझे देखने में मम्मी का सेक्सी गोरा बदन और उनकी गांड बहुत ही प्यार लग रहे थे और यह सब देखकर मेरा लंड बहुत ज्यादा टाइट हो चुका था। अब मम्मी अपनी गांड को बार बार आगे पीछे कर रही थी और वो माहोल बहुत सेक्सी हो चुका था। वो दोनों पूरी तरह से जोश में आकर लगातार धक्के दिए जा रहे थे, जिसको देखकर पता नहीं चलता था कि कौन किसकी चुदाई कर रहा है।

फिर करीब आधा घंटा लगातार चुदाई करने के बाद वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए और मम्मी ने पास में रखे वो दो जूस के डब्बे उठाए और एक उन्होंने इमरान को दे दिया और एक उन्होंने खुद ने पी लिया और फिर कुछ देर के बाद वो दोनों दोबारा उसी खेल को खेलने उसके मज़े लेने के लिए शुरू हो गए। अब मम्मी उसके सामने वहीं पर घोड़ी बन गई और इमरान ने पीछे की तरफ आकर अपने लंड को दोबारा चूत के अंदर डालकर वो चुदाई करने लगा था और वो धक्के देते हुए अपने दोनों हाथों को आगे करके मम्मी के बूब्स को पकड़कर बूब्स को दबाते हुए धक्के देकर चुदाई किए जा रहा था और मम्मी के मुहं से वो सिसकियाँ अह्ह्ह्ह ऊईईईइ माँ मर गई की आवाजे सुनाई देने लगी थी। फिर करीब दो घंटे की चुदाई के बाद इमरान ने मम्मी की गांड के ऊपर ही अपना वीर्य निकाल दिया और वो दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर वो उठने लगे। अब मुझे लगा जैसे कि वो अब सीधा बाथरूम की तरफ ही आने वाले है इसलिए में यह बात समझकर तुरंत बाथरूम से बाहर निकलकर भागता हुआ सीधा अपने कमरे में चला गया और में घड़ी में अलार्म लगाकर सो गया।
फिर एक घंटे के बाद में दोबारा नीचे आया और फिर मैंने देखा कि मम्मी अभी भी पूरी नंगी थी और इमरान ने अपने कपड़े पहने हुए थे। उस समय मम्मी उसके ऊपर लेटी हुई थी और मम्मी के गोल बूब्स और गोरी गांड मुझे साफ नज़र आ रहे थे। फिर में वो सब देखकर वापस अपने कमरे में चला गया और उसके बाद में दोबारा सो गया और में सुबह करीब 11 बजे उठा। अब मैंने देखा कि इमरान उस समय तक वापस अपने घर जा चुका था ।।
धन्यवाद