मौसी की लड़की की पहली चुदाई

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुमार है और यह मेरी आज पहली कहानी है और जब से मैंने अपने दोस्तों के कहने पर सेक्सी कहानियों को पढ़ना शुरू किया मुझे बहुत मज़ा आने लगा। मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े लिए है और फिर एक बार मेरे मन में मेरी भी कहानी उस सेक्स अनुभव को लिखकर आप तक पहुँचाने के बारे में इच्छा होने लगी और मैंने समय निकालकर आज इसको लिखकर आप सभी के के लिए तैयार किया है। अब अपनी कहानी को शुरू करने से पहले में अपने बारे में भी बता देता हूँ। मेरा नाम कुमार है और में दिल्ली में रहता हूँ और अभी ही कुछ दिनों पहले में बीस साल का हुआ हूँ और अब में दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हूँ, लेकिन इतने ही जल्दी में कई बार सेक्स अनुभव के मज़े ले चुका हूँ जो कि अब में आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों करीब तीन साल पहले मेरी मौसी की बेटी जिसका नाम रानी है वो कुछ दिनों के लिए हमारे घर आई हुई थी, क्योंकि उन दिनों उसके स्कूल की पूरे दो महीने की छुट्टियाँ लगी थी और वो अपना समय बिताने हमारे घर आई हुई थी। दोस्तों पहले से ही जब भी में उसको देखता हूँ, तभी से मेरे मन में पता नहीं क्या और क्यों होता था इसके बारे में मुझे भी पता नहीं है, लेकिन उसको एक बार देखकर उसके ऊपर से अपनी नज़र को हटाने का मन ही नहीं करता था।
दोस्तों और उसका वो गोरा सुंदर बदन मुझे ना जाने क्यों अपनी तरफ ऐसे आकर्षित किया करता था, जैसे एक चुंबक लोहे को अपने तरफ खींचती है। अब उसका वो मदमस्त जिस्म देखकर में भी जैसे उसकी तरफ खिंचता चला जाता था और में उसके वो एकदम सुडोल बूब्स और वो मस्त गांड देखकर उसके बारे में कभी भी मुझे सही विचार नहीं आता था। फिर बस मेरा मन करता था कि में उसको साथ लेकर कहीं लेट जाऊं और उसकी फिर बहुत जमकर चुदाई करके बड़े मस्त मज़े लूँ। एक दिन मेरे घर के सभी लोग एक शादी में गये हुए थे और जब मैंने देखा उस समय रानी मेरी मम्मी पापा वाले कमरे में सो रही थी। अब मैंने मन ही मन में सोचा कि यह मेरे पास बहुत अच्छा मौका है कोई भी घर पर नहीं है, क्यों ना में कोई ब्लूफिल्म देख लूँ और फिर में अपने कमरे में जाकर अपने कंप्यूटर पर ब्लूफिल्म लगाकर बड़े मज़े लेते हुए उसको देखने लगा और में उस फिल्म को देखने में इतना व्यस्त हो गया कि मुझे यह भी ध्यान ही नहीं रहा कि मेरे साथ रानी भी उस समय घर में है। फिर कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि मेरे कमरे के दरवाजे पर कोई है और वो चोरीछिपे मुझे फिल्म देखते हुए देखा रहा है। तभी मैंने अचानक से पीछे मुड़कर देखा, तब उस समय रानी वहीं दरवाजे पर खड़ी हुई थी और वो लगातार उस फिल्म को घूर घूरकर देख रही थी।
अब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया कि में क्या करूं? और में उस हड़बड़ाहट में वहां से उठ गया और फिर में रानी के पास जाकर उसको पूछने लगा कि रानी तुम यहाँ कब आई? और फिर में रानी से कहने लगा कि प्लीज़ रानी तुम घर में यह बात किसी को मत बताना कि तुमने मुझे ब्लूफिल्म देखते हुए देखा था प्लीज़, तुम जो भी मुझसे कहोगी में वही सब करूंगा, प्लीज। दोस्तों रानी थोड़ी देर तक मेरी तरफ ऐसे ही देखती रही, फिर उसने मुस्कुराते हुए कहा कि तो इसमे ऐसा क्या हुआ अगर तुम यह ब्लूफिल्म देख रहे थे? और तुम इसको अब नहीं देखोगे तो फिर कब देखोगे, क्या बूड़े हो जाने के बाद? दोस्तों में तो उसके मुहं से यह शब्द सुनकर एकदम हक्काबक्का रह गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो मेरे साथ ऐसा व्यहवार करेगी। अब मुझे अच्छा भी लगा और फिर थोड़ा सा अचम्भा भी हुआ और फिर उसने मुझसे कहा कि चलो अब तुम दोबारा चलाओ। हम दोनों ही आज एक साथ बैठकर मिलकर इसको देखते है और इसका मज़ा हम दोनों मिलकर लेते है, क्योंकि मैंने भी अपने कई दोस्तों से बहुत बार सुना है इन सभी फिल्मो के बारे में, लेकिन मैंने इनको देखा कभी नहीं है।
अब मैंने उसके मुहं से वो सभी बातें सुनकर एकदम चकित होकर अब हम दोनों ने दो सेक्सी फिल्म देखी और उसके बाद साथ में बैठकर खाना भी खाया। फिर कुछ देर के बाद हम दोनों ने सोचा कि हम एक बार फिर से एक और सेक्सी फिल्म देख लें, लेकिन तभी घर के दरवाजे की घंटी बजी और मेरे घर के सभी लोग कुछ मेहमान के साथ आ गये। दोस्तों कुछ घंटे साथ में रहकर सेक्सी फिल्मे देखकर अब हम दोनों के बीच कुछ ज्यादा ही हंसी मजाक होने लगा था और में मौके का फायदा उठाकर कभी कभी उसको पीछे से पकड़कर अपनी गोद में उठाकर उसके एकदम मुलायम बूब्स को छूकर मज़े लेने लगा था और वो भी मेरे मन की इन बातों को बड़ी अच्छी तरह से समझ चुकी थी इसलिए वो मेरा विरोध ना करके बस मुझसे कहती तुम अब शायद बहुत बड़े हो गए हो में देख रही हूँ कि तुम बड़े शरारती बदमाश होने के साथ साथ मुझे पता है मेरे साथ क्या और क्यों कर रहे हो? और में उसके साथ वैसे ही मज़े लेने लगा। फिर दो दिनों के बाद मेरी नानी जी की तबीयत अचानक ही कुछ ज्यादा खराब हो गई और मेरे सभी घर वालों को वहां पर जाना पड़ा।
अब में और रानी पूरे तीन दिनों के लिए हमारे घर में बिल्कुल अकेले ही रह गए थे और घर वालों के चले जाने के बाद उसी रात को रानी ने मुझसे कहा कि चलो, आज फिर से ब्लूफिल्म देखने का विचार बनाते है। दोस्तों में उसकी वो बात सुनकर खुश हो गया, क्योंकि मुझे अब उसकी हरकतों से अंदाजा होने लगा था कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन भी ज्यादा दूर नहीं है में जब रानी की चुदाई करके बड़े मस्त मज़े लूँगा। फिर में तुरंत ही खुश होकर अपने एक दोस्त से कुछ ब्लूफिल्म ले आया, रात को हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खा लिया और उसके बाद हम अपने रूम में चले गये। वहां पर मैंने अपने कंप्यूटर को बेड के पास सरकाकर रख लिया, जिसकी वजह से हम बेड पर बड़े आराम से लेटकर फिल्म देखकर उसके मज़े ले सके। अब मैंने उसको शुरू कर दिया और फिर जब एक फिल्म ख़त्म हो गई, तब मैंने तुरंत ही दूसरी फिल्म को लगाकर अपना हाथ रानी के नरम मुलायम हाथ पर रखकर धीरे धीरे उसके हाथ को में सहलाने लगा, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं कहा। अब मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को आगे बढ़ाते हुए उसके कंधो और उसके बाद में उसके बूब्स पर अपने हाथ को ले गया, लेकिन फिर भी उसने मुझसे कुछ नहीं कहा।

अब मेरे अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और मैंने अपने हाथ को धीरे धीरे उसके टॉप के अंदर डालना शुरू कर दिया और में उसकी गोरी उभरी छाती को सहलाने लगा। अब तो शायद उसको भी मेरा यह सब करना अच्छा लगने लगा था और फिर जोश में आकर अब उसका भी हाथ मेरे बदन पर चलने लगा था और साथ ही साथ वो अपने पैरों को मेरे पैरों पर रगड़ने लगी थी। अब मैंने भी उसका साथ देते हुए और भी ज़्यादा में उसके जिस्म के साथ खेलते हुए मैंने उसको छेड़ना शुरू कर दिया। फिर कुछ देर बाद मेरा जोश ज्यादा बढ़ जाने पर मैंने उसके टॉप के अंदर अपने हाथ को पूरा अंदर डालकर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके गोलमटोल बूब्स को मसलने लगा था। अब वो भी धीरे धीरे अपने पैर को मेरे पैर पर मसलते हुए अब जोश में आकर मचलने लगी थी और फिर मैंने भी उसका जोश देखकर उसके टॉप को ऊपर करते हुए एकदम गले तक लाकर उतार दिया। दोस्तों अब में पागल हो चुका था, क्योंकि मेरी आँखों के सामने वो चमकते हुए गोरे बूब्स थे, जिनको ब्रा में देखकर भी में उनको घूरकर देखने पर मजबूर हो गया और मेरी आंखे उसकी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी।

दोस्तों उसके बूब्स पूरे जवान होकर उस आकार में उभरकर ऐसे हो रहे थे जैसे उनको देखकर मानो ऐसा लगने लगा था कि अभी वो ब्रा को फाड़कर बाहर निकलकर अभी मेरे सामने आ जायेंगे। अब मैंने महसूस किया कि उसका हाथ मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरे लंड पर चल रहा है, वो तो जैसे लोहे के सरिये की तरह तनकर खड़ा हो गया था। अब मैंने धीरे धीरे उसकी जींस का बटन खोला और उसको नीचे सरकाना शुरू कर दिया और जब उसकी जींस घुटनों तक चली गई। फिर रानी मुझसे बोली कि यह तो मेरे साथ चीटिंग है, आप मुझे तो नंगा करने जा रहे हो और अपने कपड़े आपने अभी तक एक भी कपड़ा नहीं उतारा। फिर मैंने उसको कहा कि जब मैंने तुम्हारे कपड़े उतार दिए है तो अब तुम भी मेरे कपड़े उतार दो, मैंने तुम्हे इस काम को करने के लिए माना थोड़ी किया है। अब रानी मेरे मुहं से वो बात सुनकर तुरंत वहां से उठ गई और उसने मेरे सभी कपड़े एक एक करके उतार दिए और सिर्फ़ मेरी अंडरवियर को उसने नहीं उतारा। अब मैंने भी बिना देर किए उसकी जींस को पूरा उतार दिया और वो अब मेरे सामने ब्रा और अपनी उस काले रंग की पेंटी थी, मानो वो जैसे कोई परी की तरह लग रही थी।
फिर मैंने देखा कि उसकी पेंटी के बीच का और उसकी चूत के ऊपर का हिस्सा गीला हो रहा था और फिर मैंने उसकी ब्रा को खोला तो मानो उसके बूब्स कई सालो की क़ैद के बाद जैल से निकले हो ऐसा लग रहा था वो एकदम ऐसे बाहर निकले थे। अब मेरे लाख कोशिश करने के बाद भी उसके बूब्स मेरे दोनों हाथों में वो नहीं आए, मैंने फिर उसके बूब्स को चूसना और ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू किया और अब रानी के मुहं से सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई थी अहहह ऊफ्फ्फ्फ़ उसके मुहं से आवाज़े आने लगी और वो मुझसे कहने लगी हाँ और ज़ोर से चूसो मेरे राजा, चूसो मेरे बूब्स को, चूसो आज इनमें से तुम सारा जूस निकाल दो, मेरे राजा। अब में भी यह शब्द उसके मुहं से सुनकर अपने आपको नहीं रोक सका और में पहले से भी ज्यादा ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को चूसने और दबाने लगा था और वो भी अपनी छाती को ऊपर नीचे करके मेरा पूरा साथ देने लगी थी। फिर करीब दस मिनट के बाद उसके बूब्स को चूमते हुए में उसके पेट पर, फिर और नीचे और नीचे धीरे धीरे आता गया। अब मैंने उसकी पेंटी को भी निकाल दिया और अब मैंने देखा और देखकर में बिल्कुल पागल उसकी चूत के ऊपर बस हल्के भूरे रंग का थोड़ा थोड़ा बालों का रूवा था नहीं तो उसकी पूरी चूत कोरी पड़ी थी।
अब मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा खोलकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया, जिसकी वजह से वो अब मानो एकदम पागल सी हो गई हो ऐसे हरकते करते हुए वो और ज़ोर ज़ोर से कहने लगी कि मेरे राजा डाल दो तुम अपनी जीभ को मेरी चूत में मेरे राजा और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी अहहह ऊह्ह्ह्ह और वो ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी थी। अब मुझे भी उसकी चूत का स्वाद बहुत ही अच्छा लग रहा था, फिर मैंने कहा कि रानी अब तुम आओ और मेरे लंड को चूसो। अब वो मेरे कहने पर लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और मानो में तो सातवे आसमान पर पहुंच गया था और उस समय तो वो मेरा लंड को एक अनुभवी रंडी की तरह चूस रही थी। फिर मैंने कहा कि बस करो अब मुझे अपने लंड को तुम्हारी चूत का स्वाद भी ज़रा लेने दो और मैंने पास ही रखी एक क्रीम की बोतल से क्रीम लेकर उसकी चूत पर लगा दिया और अपने फनफनाते हुए लंड को उसकी गीली कामुक चूत पर रख दिया और उसको ऊपर से सहलाने लगा। फिर जब थोड़ी देर बाद उससे नहीं रहा गया तो रानी मुझसे गाली देकर कहने लगी बहनचोद अब तू इसको डाल भी दे, क्या तू ऐसे ही बाहर से ही मज़े लेता रहेगा।

अब मैंने धीरे से एक झटका मारा और उसकी चूत पर कुछ ज़्यादा क्रीम लगी होने की वजह से एक ही बार में मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और वो दर्द के मारे रोने लगी। दोस्तों वो अब मुझसे कहने लगी बहनचोद ऊउईईईईइ माँ में मर गई। अब तू निकाल ले इसको बाहर में दर्द से मारी जा रही हूँ आह्ह्ह देख मेरी चूत फट गई तूने तो मेरी चूत को आज फाड़ ही दिया, मादरचोद अब तू उसको बाहर निकाल ले। फिर में कुछ देर उसका वो दर्द देखकर वैसे ही रुका रहा और में धीरे धीरे उसके बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा था, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर के बाद उसको कुछ अच्छा महसूस होने लगा। अब वो खुद ही अब अपनी चूत को ऊपर की तरफ उठाने लगी थी। फिर मैंने उसका जोश देखकर उसी समय एक ज़ोर का झटका मार दिया और अब मेरा पूरा ही लंड उसकी चूत की गहराईयों में चला गया और वो फिर जोश में आकर चिल्लाने लगी और मुझे गंदी गंदी गालियाँ देकर कहने लगी। ऊफ्फ्फ आह्ह्ह मादरचोद निकाल बाहर मुझे तेज बहुत दर्द हो रहा है बहनचोद आज तू क्या मेरी चूत को पूरा फाड़कर ही दम लेगा क्या? अब मैंने एक बार फिर से उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे दर्द कम होने के बाद वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी।
अब वो ऊपर उछल उछलकर मेरे लंड को धक्के देने लगी थी और यह सब देखकर मुझे समझ में आ गया कि अब रानी को भी मेरे साथ अपनी चुदाई करवाने में बड़ा मज़ा आने लगा था। उह्ह्ह हाँ चोद मुझे चोद और ज़ोर से धक्के देकर चोद यह शब्द अब उसके मुहं से लगातार बाहर निकलने लगे थे। फिर मैंने भी उसका वो जोश देखकर जमकर उसको चोदना शुरू कर दिया और अब तो मेरा पूरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर जा रहा था और रानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। दोस्तों वो अब अपनी गांड को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और वो इस बीच कम से भी कम दो बार झड़ चुकी थी। अब मुझे भी ऐसा लगने लगा था जैसे कि में भी झड़ने वाला हूँ, इसलिए मैंने उसको कहा कि रानी क्या तुम अपने बूब्स को भी चुदवाना चाहती हो? क्योंकि में अब झड़ने वाला हूँ और में अपना यह वीर्य तुम्हारी चूत में नहीं छोड़ना चाहता हूँ तुम प्लीज जल्दी मुझे बताओ मेरे पास ज्यादा समय नहीं है। फिर रानी ने झट से कहा कि हाँ जल्दी करो तुम मेरे बूब्स के बीच में अपने लंड को डालकर उनको भी चोद दो मेरे राजा और अपने वीर्य को मेरी छाती के ऊपर ही निकाल दो, अब मुझसे हर एक बात के लिए क्या पूछना? जब तुम मेरे साथ इतना सब कर ही चुके हो।
अब आज से तुम मेरे पति बन चुके हो, तुम्हारी जब जैसे मेरी चुदाई करने की तुम्हारी इच्छा हो तुम मुझे बस एक इशारा कर देना, में कभी तुम्हे मना नहीं करूंगी, क्योंकि तुमने आज मेरी इस आग को बुझाकर मेरा मन जीत लिया है और तुम मेरे राजा हो, यह पूरा जिस्म इसका हर एक अंग अब बस तुम्हारा ही है। अब मैंने एक बार फिर से क्रीम को लेकर उसके दोनों बूब्स के बीच में लगा दिया और अपना लंड उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर आगे पीछे करके में उसके बूब्स को चोदने लगा था। दोस्तों मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और मेरा लंड फिसलता हुआ आगे पीछे हो रहा था। फिर कुछ ही मिनट के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसके बूब्स पर निकल दिया जो उसके बूब्स के बीच से नीचे सरकता हुआ पेट पर आकर उसकी गहरी गोल नाभि में भी जाकर भर गया। अब में थककर रानी के ऊपर ही गिर गया में उसके गालो को चूमने लगा और सहलाने लगा। फिर मैंने थोड़ी देर के बाद उसके ऊपर से हटकर नीचे उसकी चूत की तरफ देखा तो मेरी उस बेडशीट पर बहुत सारा खून लगा हुआ था जो शायद रानी की चुदाई करने की वजह से उसकी चूत से निकला होगा, क्योंकि यह उसकी पहली चुदाई थी और ऐसा कभी कभी हो जाता है।

फिर हम दोनों ने मिलकर उस बेडशीट को साफ किया और फिर पानी पीकर फ्रेश होकर उस रात को हम दोनों ने रुक रुककर तीन बार और सेक्स किया। दोस्तों मैंने उसको जमकर चुदाई के असली मज़े दिए जिसकी वजह से वो पूरी तरह से खुश बड़ी संतुष्ट नजर आ रही थी और हर बार उसने मेरा पूरा साथ देकर मेरा मन जीत लिया। फिर अगले दो दिन भी हम दोनों ने दिन और रात में भी अलग अलग तरह से बड़ी अलग स्टाइल से करीब 10 से 15 बार सेक्स किया और चुदाई का पूरा मज़ा लिया। दोस्तों अब में मन ही मन उसकी कुंवारी चूत की चुदाई करके बहुत खुश रहने लगा था, इसलिए मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था और जब तक मेरे घर वाले वापस नहीं आ गए मैंने उसके साथ हर तरह की चुदाई के बड़े मस्त मज़े लिए, जिसकी वजह से उसका और मेरा मन खुशी से झूम उठा। फिर तो रानी हर बार अपनी छुट्टियों में हमारे यहीं आने लगी थी और वो मेरे साथ सेक्स का भरपूर मज़ा लेने लगी थी, उसको मेरी चुदाई करने का तरीका और मेरे लंड से अपनी चुदाई करवाने की आदत हो चुकी थी, इसलिए वो थोड़े ही दिनों में कभी कभी अपने घरवालों से झूठा बहाना बनाकर मेरे पास आकर मुझसे अपनी चुदाई करवाकर वो मज़े लेने लगी थी ।।
धन्यवाद