मौसी की गांड को पानी पिलाया

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दिनेश है और में अभी 26 साल का हूँ। दोस्तों अपनी आज की कहानी को शुरू करने से पहले में आप सभी को यह कहना चाहता हूँ कि में भी पिछले कुछ सालों से आप लोगो की तरह सेक्सी कहानियों के मज़े लेता आ रहा हूँ। ऐसा करने से मेरा मन बहुत खुश रहता है और आज में जो कहानी आप लोगो को सुनाने जा रहा हूँ वो एकदम सच्ची घटना है और कोई फेक कहानी नहीं है। दोस्तों यह घटना उस समय की है जब में 21 साल का था। मेरी मौसी मेरे घर में मेरे पापा मम्मी और भाई के साथ हम सभी हमारे घर में रहते थे। दोस्तों मेरी उस मौसी की लम्बाई करीब 5.11 इंच और वो बहुत गोरी भी थी, उनकी गांड आकार में बहुत बड़ी थी और उनकी चमड़ी एकदम दूध जैसी सफेद बहुत चकनी थी। उनके बूब्स का आकार 36 इंच था और उनके वो गोरे उभरते हुए बूब्स मुझे हमेशा उनकी तरफ आकर्षित किया करते थे। दोस्तों वो जब कभी मेरे कमरे में आकर नीचे झुककर झाड़ू लगाती या कुछ काम करती मुझे उनके बूब्स के उठे हुए निप्पल साफ नजर आ जाते थे और उनकी शादी भी हो चुकी थी, इसलिए अपने पति का लंड लेकर उनका वो बदन पहले से ज्यादा निखर चुका था और में उनका वो गदराया हुआ कामुक जिस्म देखकर अपने होश खो बैठता था।
अब इसलिए उनका एक बच्चा भी था जो करीब आठ महीने का था जिसको वो कभी दूध पिलाती तब मेरी नजर उनके गोरे गोरे बूब्स पर भी पड़ जाती और वो द्रश्य देखकर मेरा मन मचल जाता था। दोस्तों उनके पति गुवाहाटी में किसी एक हॉस्पिटल में डॉक्टर का काम करते थे और इसलिए वो वहीं पर रहते थे और वो एक साल में बस दस बार एक, एक सप्ताह की छुट्टी लेकर आ जाते थे और वो अपने परिवार से मिलकर उनके साथ अपने कुछ दिन बिताकर वापस अपनी नौकरी पर चले जाते थे और उसके बाद मेरी मौसी बिना चुदाई के प्यासी तरसती रह जाती थी। दोस्तों वैसे कभी उन्होंने मुझसे कुछ ऐसा कहा नहीं था, लेकिन फिर भी में उसके चेहरे को देखकर उनके मन की बात को अच्छी तरह से समझ जाता था। दोस्तों मेरी नजर मेरी मौसी के ऊपर पिछले कुछ दिनों से थी और वो मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी इसलिए हमारे बीच कभी कभी हंसी मजाक बातें होती और में उनको बहुत बार पेटीकोट ब्लाउज में भी नहाते समय या कपड़े धोते समय उनके उभरते हुए बूब्स के दर्शन कर चुका था। दोस्तों यह मेरी एक मजबूरी थी इसलिए में अपने मन की वो सच्ची बात उनको बोल भी नहीं सकता था क्योंकि में उन दिनों लड़कियों के मामले में बहुत ही डरपोक किस्म का इंसान था और में वैसा अब भी हूँ।

यह बात तब की है जब में उनको बहुत प्यार करने लगा था और मुझे उनके साथ रहना अपना समय बिताना बड़ा अच्छा लगता था। एक दिन मेरी मम्मी पापा और भाई दो दिन के लिए शिलोंग चले गये थे वहां पर उनकी लाइयन्स क्लब में एक मीटिंग थी इसलिए उनको अचानक से जाना पड़ा, उन्होंने मुझसे भी साथ चलने के लिए कहा, लेकिन मैंने उनको मना कर दिया और वो सभी करीब एक सप्ताह के लिए चले गए। अब में और मेरी मौसी अकेले ही हमारे घर में थे। उसी दिन करीब 12:00 बजे दोपहर का समय था और उस समय बड़ी तेज गरमी भी थी। में और मेरी मौसी साथ में उसी कमरे में बैठकर टीवी देख रहे थे। तभी अचानक से लाइट चली गई और पंखा, टीवी सब कुछ बंद हो गया, जिसकी वजह से कुछ ही सेकिंड में हम दोनों का गरमी की वजह से बड़ा बुरा हाल हो चुका था। अब मैंने अपनी मौसी को कहा कि क्या करें? में बहुत बोर हो रहा हूँ और अब तो लाइट जाने की वजह से टीवी भी बंद हो गई है। फिर यह बात कहकर मैंने ठंडा पानी पीने के लिए किचन में जाकर फ्रिज खोला तब मैंने देखा कि वहीं पर वोड्का की एक फुल बोतल रखी हुई मुझे मिली। अब मैंने अपनी मौसी को किचन से आवाज़ लगाई और उनको पूछने लगा कि क्या मौसी आप वोड्का पीना चाहती हो? मौसी ने बोला कि हाँ ठीक है, लेकिन थोड़ा हल्का पेक बनाकर देना।
दोस्तों वैसे मेरी मौसी बियर वगेरा कभी कभी पी लेती थी, लेकिन वोड्का या विस्की वो सिर्फ़ जूस के साथ ही मिक्स करके पी सकती थी क्योंकि पानी के साथ पीने से उसको बहुत कड़वा लगता था और वैसे भी वोड्का तो नींबू के साथ ही पीने वाली चीज़ है जिसके बाद बड़ा मस्त मज़ा आता है। फिर मैंने एक नींबू काटा और उसका जूस निकाला और वोड्का के साथ उसको मिलाकर मौसी को वो एक गिलास बनाकर दे दिया और एक घूंट पीते ही उनको बड़ा मज़ा आया और वो कहने लगी वाह मज़ा आ गया इसका स्वाद तो बहुत ही अच्छा है। फिर हम लोगों ने बहुत सारा पी लिया। एक फुल बोतल में से सिर्फ़ दो तीन पेक ही बाकि बचे थे और उसको पीते हुए हम दोनों एक दूसरे से बातें भी कर रहे थे। अब मैंने ध्यान देकर देखा कि मौसी की ऑंखें आकार में एकदम छोटी छोटी हो गई थी, क्योंकि उनको नशा चड़ गया था और वैसे मुझे भी कुछ ज़्यादा ही चड़ गई थी। फिर अचानक से लाइट आ गई और अब टीवी पंखा सब चलने लगा, जिसकी वजह से मुझे और मौसी को थोड़ी सी ठंडक राहत मिलने लगी थी, लेकिन अब तक हम लोगों को बहुत चड़ गयी थी और हम लोग ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे थे।
फिर करीब 2:00 बजे टीवी में एक प्रोग्राम शुरू हो गया में और मौसी वो प्रोग्राम साथ में देख रहे थे, क्योंकि मुझे पहले से पता था कि न्यूडिस्ट का मतलब क्या है, इसलिए मैंने सोचा कि में टीवी का चेनल बदल दूँ, लेकिन दारू का असर मुझ पर था, इसलिए मैंने मन ही मन में सोचा कि छोड़ो क्या चेनल बदलना जो भी होगा देखा जाएगा? फिर करीब पांच मिनट के बाद ही उसमे नंगी नंगी लड़कियों औरत और आदमियों सबका एक इंटरव्यू आया और उसके बीच में उन लोगों का इंटरव्यू आ रहा था और वहीं सब बकवास शुरू हो गई। अब मौसी और में बिल्कुल चुप होकर वो प्रोग्राम देख रहे थे, अब मौसी को भी शरम नहीं आ रही थी, क्योंकि नशा अभी तक उतरा नहीं था और वो एक दो बार मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा भी चुकी थी। फिर करीब 3:00 बजे वो प्रोग्राम खत्म हो गया और उसके बाद हम लोग जाकर डाइनिंग रूम में जाकर दोपहर का खाना खाने लगे। फिर खाना खाकर हम दोनों सो गये और 6:00 बजे उठ गये, उठने के बाद में थोड़ा सा बाहर घूमने चला गया और फिर जब में घर वापस आया तो उस समय मौसी ने रात का खाना बनाना शुरू किया और में करीब 10:30 बजे तक अपने घर आ गया था। फिर घर में पहुंचकर जब मैंने दरवाजे की घंटी को बजाया तो मौसी ने आकर दरवाज़ा खोला और आते ही उन्होंने मुझे डांटना शुरू कर दिया।

अब वो मुझसे कहने लगी कि क्या यह भी कोई समय होता है घर में आने का, में कब से में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ और तुम्हे अच्छे से पता है कि तुम्हारे पापा मम्मी भाई कोई भी घर में नहीं है और में एक छोटे से बच्चे के साथ इस घर में अकेली हूँ, तुम्हे थोड़ा मेरे बारे में सोचना भी चाहिए। अब मैंने उनसे माफ करने के लिए कहा और बोला कि में दोबारा ऐसा कभी नहीं करूंगा। फिर मौसी ने मुझसे बोला कि कोई बात नहीं है अब तुम जल्दी से जाकर नहा लो, तुम्हारी चिंता से मैंने भी अभी तक खाना नहीं खाया है, तुम फटाफट से नहा लो उसके बाद फिर हम दोनों एक साथ में खाना खाएगें। फिर में जाकर फटाफट नहा लिया और एक साथ मौसी के साथ खाना खाने लगे और वो काम करने के बाद मौसी बाथरूम में नहाने गयी और वो मुझसे कहने लगी कि में नहाकर अभी आती हूँ और उसके बाद में दूध पियूंगी, तुम दूध गरम करके रखना और मुझसे इतना कहकर वो चली गई। दोस्तों मेरे मन में अपनी हॉट सेक्सी मौसी के साथ सेक्स करने का विचार आ गया और मुझे अब यह भी लग रहा था कि मौसी के साथ चुदाई करने में मुझे थोड़ा विरोध झेलने के बाद उनका पूरा पूरा साथ भी मिलेगा, क्योंकि अगर उनके मन में ऐसा कुछ होता तो वो मेरे साथ वो न्यूडिस्ट वाला प्रोग्राम नहीं देखती।

अब मैंने दूध गेस पर रखकर गरम किया और उसको गिलास में निकाल दिया और उसमे मैंने दो नींद की गोली डाल दी, उस दूध को पीकर मौसी तो क्या कोई भी हट्टा कट्टा इंसान भी गहरी नींद में सो जाता। फिर कुछ देर बाद मौसी बाथरूम से आकर वो दूध पीने लगी और उसके बाद वो मुझसे कहने लगी कि चलो अब हम सोने चलते है। दोस्तों क्योंकि मेरी मम्मी हमेशा मौसी के साथ सोती थी और घर में मम्मी नहीं थी इसलिए मौसी ने मुझे अपने साथ सोने के लिए कहा में बहुत खुश हुआ क्योंकि मुझे पहले से ही पता था कि अब मेरे साथ यही सब होने वाला है, क्योंकि वो अकेले सोने में डरती थी। फिर टीवी देखते हुए वो दस मिनट के बाद ही गहरी नींद में सो गई और सोई भी तो सब कुछ खोलकर उनका मुहं उस समय थोड़ा सा खुला हुआ था और उनका बच्चा पहले से ही सो गया था इसलिए मुझे ज़्यादा चिंता भी नहीं करनी थी। दोस्तों वो एक मेक्सी पहनकर सोई हुई थी और उसके नीचे उन्होंने कुछ भी नहीं पहना था, क्योंकि मुझे ध्यान से देखने पर उनके बूब्स के वो बड़े आकार के ऊँचे उठे निप्पल साफ नजर आ रहे थे, जिसको देखकर मुझे साफ पता लग गया कि वो मेक्सी के नीचे कुछ नहीं पहनी थी।
अब वो एकदम चित होकर सीधी लेटकर सो चुकी थी, लेकिन में इतना जल्दी कोई भी काम करके किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता था इसलिए मैंने कुछ देर रुकने का विचार बनाया और फिर थोड़ी देर के बाद जब वो पहले से भी ज्यादा गहरी नींद में सो चुकी थी, तब मैंने उसको चखने के बारे में विचार बनाया और सबसे पहले मैंने उसको आवाज देकर यह भी पूरी तरह से संतुष्ट किया कि वो सोई भी है या नहीं और मैंने आवाज देना शुरू किया, लेकिन दो बार आवाज देने के बाद भी मौसी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। अब में पूरी तरह से समझ चुका था कि वो अब गहरी नींद में है इसलिए में मन ही मन बहुत खुश हुआ और फिर मैंने सबसे पहले उसका एक हाथ पकड़कर ज़ोर ज़ोर से उसको हिलाया और मौसी मौसी करके चिल्लाने लगा, लेकिन फिर भी कोई जवाब नहीं आया। अब मुझे अच्छी तरह से समझ में आ गया था कि नींद की गोली का असर मौसी के ऊपर होने लगा है और अब मैंने धीरे धीरे उनके शरीर पर अपने हाथ को फेरना शुरू कर दिया, क्योंकि मौसी का मुहं अब उस तरफ था और उनकी गांड मेरी तरफ थी। अब मैंने मौसी की मेक्सी को थोड़ा सा ऊपर किया और में उनकी एकदम गोल गोरी गांड को अपने हाथ से छूने लगा और अपने हाथ से कूल्हों को सहलाने भी लगा था।
फिर कुछ देर ऐसा करने से ही मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया था और उनकी गांड छूते हुए मैंने अपनी एक ऊँगली को मौसी की चूत में डाल दिया और उसको आगे पीछे करने लगा था। अब मुझे उनकी चूत से कुछ हल्की सी बदबू आ रही थी, लेकिन मुझे वो बहुत पसंद आ रही थी, क्योंकि में उस समय बहुत जोश में था और उनकी चूत पर थोड़े बाल भी थे, जिसके अंदर उनकी चूत ढकी हुई थी। अब में अपनी उस उंगली को उनकी चूत के अंदर डालकर उसमें आगे पीछे अंदर बाहर करने लगा और अपनी ऊँगली से उनकी चूत को सहलाने के साथ साथ में चूत के दाने को टटोलने के साथ साथ चूत की गरमी उसकी गहराईयों को भी नापने लगा था और ऐसा करने से मुझे मज़े के साथ साथ जोश भी बहुत आ रहा था और खुश भी था क्योंकि अपनी मौसी की चुदाई के सपने में बड़े दिनों से देख रहा था और उनकी चूत मेरा हाथ आज पहली बार लगी थी। फिर थोड़ी ही देर के बाद मौसी की चूत से रस टपकने लगा था और उसकी वजह से मेरा पूरा हाथ भीग चुका था और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने नीचे मौसी की गांड के पास आकर उनकी गांड को सूंघना शुरू किया।

दोस्तों उनकी गांड से एक बड़ी मस्त मधहोश कर देने वाली महक आ रही थी जो मुझे बड़ी पसंद थी इसलिए में अब खुश होकर मौसी की गांड को पूरे तीन मिनट तक लगातार सूंघता ही रहा और उसके बाद मैंने अपने एक हाथ से उसके कूल्हों को खींचकर फैला दिया और उसी समय मैंने उनकी गांड के छेद में अपनी उंगली को डाल दिया। दोस्तों तब मुझे पता चला कि उसकी गांड का छेड़ बहुत छोटा था इसलिए मुझे बहुत ज़ोर से उंगली अंदर करनी पड़ी। अब मेरा लंड यह सब करते हुए जोश में आकर बहुत टाइट होता जा रहा था और मैंने चार मिनट तक उनकी गांड में अपनी उंगली को डालकर आगे पीछे अंदर बाहर किया और उनकी गांड को सूंघकर भी देखा और फिर उंगली भी करता फिर सूंघने लगता और फिर उंगली करता। फिर कुछ देर में मुझे महसूस हुआ कि मौसी की गांड का छेद बहुत खुल चुका था और अब ज़्यादा समय खराब ना करते हुए में मौसी की गांड में अपना लंड डालने लगा था, लेकिन मेरा लंड उसके अंदर नहीं जा रहा था और मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ा। फिर उसी समय मेरे मन में एक विचार आया और मैंने उठकर पास वाली टेबल से वेसलिन का डब्बा अपने हाथ में ले लिया और फिर उनकी गांड के छेद में मैंने ढेर सारा वेसलिन लगा दिया और ऊँगली को एक दो बार अंदर बाहर करके अंदर तक गांड को एकदम चिकना कर दिया।
अब मैंने दोबारा अपने लंड को गांड के मुहं पर लगाकर उसके अंदर डालने की में कोशिश करने लगा था और फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरा लंड बड़ा ही आराम से फिसलता हुआ पूरा का पूरा उनकी गांड के अंदर चला गया। दोस्तों अब मैंने राहत की साँस ली और करीब दो मिनट रुकने के बाद मैंने अब धीरे धीरे धक्के मारते हुए मैंने उनकी गांड मारना शुरू किया और मैंने धक्के मारते हुए मौसी के बूब्स को भी दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से मेरा जोश और मज़ा बढ़कर दुगना हो जाता। दोस्तों में अपनी मौसी के बूब्स को जब भी ज़ोर से दबाता तो उसी समय उनकी निप्पल से बड़ी मात्रा में दूध उभरकर बाहर आने लगता था, क्योंकि उनका बच्चा अभी छोटा था और वो अभी भी अपने उस बच्चे को अपना दूध पिलाती थी। फिर मैंने धक्के रोककर आगे बढ़कर उनके निप्पल को अपने मुहं में भरकर उनके रस भरे बूब्स का दूध भी पिया और दोनों बूब्स को चूसकर खाली करने के बाद मैंने दोबारा अपने लंड को गांड के अंदर धकेलना शुरू किया। अब में पूरी तरह से जोश में आकर झड़ने वाला था और करीब पाँच मिनट तक उनकी गांड में धक्के मारने के बाद मेरा वीर्य अब उनकी गांड में पूरा अंदर ही चला गया, लेकिन फिर भी मैंने कुछ देर अपने लंड को अंदर बाहर किया, वीर्य की वजह से लंड चिकना होकर बड़े आराम से फिसलता हुआ अंदर बाहर हुआ ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था।
अब मैंने धक्के देना बंद करके मौसी के बूब्स को एक बार फिर से अपने मुहं में भरकर उनको चूसना शुरू किया और कुछ देर चूसते हुए और उनके नंगे बदन उस कामुक चूत के स्पर्श की वजह से मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया था, लेकिन इस बार गांड में अपने लंड को डालने की बजाए, मैंने मौसी के खुले हुए मुहं के अंदर डालने का विचार बनाया और में डालने लगा। अब में अपने लंड को मुहं में डालकर मुठ मारने लगा था। दोस्तों ऐसा करने में भी मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद मैंने झड़ते हुए उसके मुहं में अपने वीर्य को निकालते हुए धक्के देकर अपना पूरा वीर्य मैंने उनके मुहं में ही छोड़ दिया। फिर कुछ देर बाद मैंने ठंडा होकर अपना सब कुछ काम खत्म हो जाने के बाद सबसे पहले मौसी के मुहं उनकी चूत और गांड को टावल से साफ कर दिया और उसके बाद जल्दी से उनके कपड़े वापस ठीक कर दिए और उसके बाद में उनके पास ही उसी बेड पर सो गया ।।
धन्यवाद