नई भाभी के साथ सेक्स का खेल

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हैल्लो दोस्तों, यह मेरी आज  पहली कहानी है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि में कहानियों को भी अभी से पढ़ने लगा हूँ। दोस्तों में सेक्सी कहानियों को आप सभी की तरह बहुत सालों से पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ। ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा आता है और एक बार कहानियों को पढ़ते हुए मेरे मन में अपनी भी उस सच्ची घटना को लिखकर पहुँचाने का विचार बन गया और मैंने लिखना शुरू किया। अब में आप सभी को अपना परिचय देते हुए कहानी को सुनाना शुरू करता हूँ। दोस्तों मेरी उम्र अभी 22 है और उस समय जब मेरे साथ यह घटना घटी तब में 19 साल का था और यह घटना मेरी भाभी के साथ हमारी पहली चुदाई के ऊपर आधारित है। दोस्तों यह बात उन दिनों की है, जब मेरे भाई की नई नई शादी हुई और जब मेरी भाभी हमारे घर में आई तब में उसको देखकर एकदम पागल हो गया। अब में हमेशा अपनी भाभी के ज्यादा से ज्यादा करीब रहने के लिए बहाने ढूंढने लगा था और ऐसे ही तीन चार महीने निकले गये, उसके बाद हमारे बीच की दूरी हंसी मजाक मस्ती करने की वजह से कम होती गई।
अब में भाभी को पाने के लिए बहुत बेताब हो गया था और मेरा आठ इंच का लंड हमेशा उसको देखते ही कड़क हो जाता था। उसके बूब्स क्या मस्त गजब के थे, जिनको कपड़ो के अंदर देखकर भी में ललचाने लगता और मेरे मुहं में पानी आ जाता और में उनकी सुंदरता को देखकर बड़ा चकित था जो अब धीरे धीरे पहले से भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी। दोस्तों अब में हमेशा बस अपनी भाभी के साथ उनकी चुदाई करने के सपने देखने लगा था। में उनको प्यार करने लगा था और वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी, इसलिए उनको पाने के लिए मेरा मन बेकरार हुआ जा रहा था, लेकिन मेरे हाथ ऐसा कोई मौका नहीं लगा जिसका में फायदा उठा सकता। फिर एक दिन मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा साथ दे ही दिया, उस दिन में अपने कॉलेज से अपने घर आया। फिर कुछ देर बाद भाभी ने मुझे बताया कि मेरी माँ आज तुम्हारे मामा के घर गयी है और मुझे उनके मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी ख़ुशी हुई। मैंने मन ही मन सोच कि चलो आज में पूरा दिन इनके साथ बड़े मज़े मस्ती करूंगा और फिर में फ्रेश होकर टीवी चालू करके उसके सामने बैठ गया। फिर कुछ देर बाद मेरे भैया का एक दोस्त हमारे घर आ गया और उसने मुझे बताया कि मेरे भैया को एक ज़रूरी काम से अचानक मुंबई के लिए भेज दिया है और वो कल तक वापस आएँगे।

दोस्तों यह बात सुनकर मेरे तो खुशी की वजह से होश ही उड़ गये। में पागल हुआ जा रहा था और भाभी ने भी अंदर अपने कमरे से यह सब सुन लिया था। अब मेरे मन में भाभी का विचार आने लगा था, रात के ठीक आठ बजे हम दोनों ने खाना खा लिया और करीब दस बजे भाभी अपने कमरे में सोने के लिए चली गयी। अब में यहाँ पर बड़ा बेचैन होने लगा और रात को करीब 11 बजे में भाभी के कमरे में चला गया और देखने लगा कि वो सोते समय भी बहुत ही सुंदर लग रही थी। अब में उसके पैरों के पास बैठ गया, मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और अपने एक हाथ को धीरे से मैंने भाभी की साड़ी में डाल दिया और एक हाथ से में भाभी के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा। फिर मैंने अपनी एक उंगली को भाभी की पेंटी के किनारे से अंदर डालकर भाभी की चूत में डाल दिया और में उसको घुमाने लगा। दोस्तों मुझे पेंटी होने की वजह से चूत तक अपनी ऊँगली को ठीक तरह से पूरा आगे तक पहुँचाने में अब अड़चन होने लगी थी। फिर मैंने अपने दूसरे हाथ से उनके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए और अब में एकदम पागल होकर भाभी के बूब्स को देखने लगा था, वो बहुत ही गोरे बड़े आकार के थे।
दोस्तों क्योंकि आज मेरी आँखों के सामने वो द्रश्य था जिसको देखकर भी में सोच रहा था कि जैसे में कोई सपना देख रहा हूँ, लेकिन फिर मैंने सबसे पहले अपने दोनों हाथों से भाभी की पेंटी को नीचे करके उतार दिया और फिर में उनकी साड़ी को ऊपर करने लगा था और जब मुझे पहली बार भाभी की चूत के दर्शन हुए और उसके बाद में तो पागल की तरह घूरकर देखने लगा था, वाह इतनी गोरी एकदम चिकनी चूत बिल्कुल नंगी आज पहली बार मेरे सामने थी। मुझे वो कोई सपना लगा इसलिए मैंने उसको धीरे से छूकर महसूस किया, वो बहुत मुलायम गरम थी। अब मैंने अपने एक हाथ से भाभी की चूत को पकड़ा और भाभी के दोनों पैरों में अपना सर डालकर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल दिया और फिर में अपने एक हाथ से उसके बूब्स के निप्पल को सहलाने लगा था। दोस्तों मुझे उसकी चूत को चाटने में बहुत मस्त मज़ा आने लगा था, इसलिए मेरा लंड पूरी तरह से जोश में आकर मेरी अंडरवियर से बाहर आ गया। अब में बूब्स को छोड़कर अपने एक हाथ से अपने लंड को रगड़ने लगा था और तभी भाभी के एक हाथ ने मेरे सर के बाल पकड़ लिए और एक हाथ से वो मेरा सर नीचे अपनी चूत के मुहं पर दबाने लगी। अब में जोश में आकर अपनी पूरी जीभ को चूत के अंदर बाहर करने के साथ साथ चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाने भी लगा था।

फिर उसी समय मुझे अहसास हुआ कि भाभी की चूत से कुछ गरम चिपचिपा सा प्रदार्थ निकलने लगा था, मुझे वो बहुत ही अच्छा लगा में और भी ज़ोर ज़ोर से चूत को चाटने चूसने लगा था, जैसे मुझे उसका नशा सा हो गया हो। फिर कुछ देर बाद भाभी ने अपनी पकड़ को मेरे सर से ढीला कर दिया। अब में तुरंत सही मौका पाकर भाभी के ऊपर चढ़ गया और में उनके बूब्स को अपने मुहं में भरकर किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा, जिसकी वजह से भाभी पहले से भी ज्यादा मस्ती में आ चुकी थी। अब मेरा लंड भाभी की गीली कामुक चूत से टकरा रहा था और तभी भाभी ने जोश मस्ती में आकर मेरे होंठो को चूसना शुरू किया और थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझसे कहा कि चलो अब तुम मुझे चोदना शुरू करो। अब मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर तुरंत ही अपनी अंडरवियर को उतार दिया और उतनी ही देर में भाभी ने उनकी साड़ी और ब्लाउज अपने सभी कपड़ो को उतार दिया। दोस्तों पहली बार भाभी को पूरा नंगा देखकर में बहुत चकित होकर उनकी तरफ देखता ही रह गया। अब भाभी मुझसे पूछने लगी कि क्यों तुम ऐसे क्या देख रहे हो, क्या कभी तुमने किसी औरत को नंगा नहीं देखा? मैंने उनसे कहा कि भाभी मैंने सिर्फ़ सेक्सी फिल्म में ही देखा था, लेकिन आज पहली बार अपने सामने आपको पूरा नंगा देख रहा हूँ इसलिए में पागल हो गया हूँ।
अब भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी, उसके बाद वो पीठ के बल लेट गयी और उन्होंने एक तकिया लेकर अपनी कमर के नीचे लगा लिया। अब मैंने उनको पूछा कि यह सब आपने किस लिए किया? फिर भाभी ने हंसते हुए कहा कि तुम अभी इस खेल में अनाड़ी हो इसकी वजह से हमें और भी ज्यादा मज़ा आएगा तू जल्दी से आ जा, अब मुझसे रहा नहीं जाता। मेरी चूत में बहुत गुदगुदी हो रही है चल आ जा। अब मैंने उनको कहा कि में तो कब से तैयार ही हूँ और फिर में भाभी के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया, उसके बाद भाभी ने अपने दोनों हाथों से उनकी चूत का मुहं पकड़कर खोल दिया और फिर मुझसे इशारा करके कहा कि हाँ अब तू इसको डाल दे मेरे अंदर। फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर सेट किया और एक तेज धक्का मार दिया जिसकी वजह से मेरा लंड थोड़ा सा चूत के अंदर घुस गया। अब भाभी ने उस दर्द से करहाते हुए मुझसे कहा कि यह तो बहुत ही मोटा है ऊफफ्फ्फ्फ़ ऊउईईईइ माँ मेरी चूत की तो आज खैर नहीं है लगता है कि यह आज मेरी जान ही निकाल लेगा। फिर मैंने उसी समय अपना दूसरा धक्का लगा दिया और भाभी ने अपने दर्द से तड़पते हुए अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गाड़ दिए, जिसकी वजह से मुझे भी तेज दर्द हुआ।

अब मैंने बिना दर्द की परवाह किए एक और तेज गति से धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया और अब मुझे बहुत मस्त मज़ा आने लगा था। फिर में ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत में अपने लंड को धक्के मारने लगा था और भाभी मेरे हर एक धक्के से मस्त होकर मुझे बुरी तरह से चूम रही थी और काट भी रही थी। अब में भी हल्के हल्के धक्के देते हुए भाभी के बूब्स को काट रहा था और दर्द की वजह से भाभी आहह्ह्ह ऊह्ह्ह आअहह कर रही थी। अब में लगातार कभी तेज और कभी हल्के धक्के लगाते हुए अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करता गया और फिर करीब बीस मिनट के बाद भाभी ने मुझे ज़ोर से काटा और अपने ऊपर इतनी ज़ोर से ऐसे खींचा जैसे कि में कहीं भागा जा रहा हूँ और फिर उसी समय मेरे लंड को गीला होने का वो पहला अहसास हुआ। अब मुझे लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ और मैंने बहुत ही ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किए और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया और भाभी ने एक बार फिर से मुझे बड़ी ज़ोर से अपने ऊपर खींच लिया।
दोस्तों मुझे उस समय कैसा लगा, में आप लोगो को शब्दों में क्या बताऊँ? और करीब दस मिनट में भाभी के ऊपर ही पड़ा रहा, उसके बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और देखा तो वो हम दोनों के वीर्य से तर हो गया था। अब भाभी तुरंत उठी और उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको चूसने, चाटने लगी। वो मेरे लंड को अपने एक हाथ में लेकर किसी अनुभवी रंडी की तरह लोलीपोप की तरह बड़े मज़े लेकर चाट रही थी। अपनी जीभ को ऊपर नीचे करके चाटे जा रही थी, लंड को छोड़ने का वो नाम ही नहीं ले रही थी। अब में दोबारा मस्ती में आने लगा था और भाभी ने मेरे लंड को चूसकर चाटकर पूरा साफ कर दिया। तभी मेरी नज़र भाभी की चूत पर चली गयी, मैंने देखा कि उनकी चूत से वही तरल और चिपचिपा सा प्रदार्थ नीचे बेड पर टपक रहा था। फिर मैंने उसी समय भाभी से कहा चलो, अब में आपकी चूत को चाटकर साफ कर देता हूँ और में पीठ के बल भाभी की चूत के नीचे घुस गया और भाभी ने अपनी चूत को मेरे मुहं पर रख दिया और में उसको अपनी जीभ से चाटने लगा, जिसकी वजह से भाभी भी एक बार फिर से मस्त होने लगी थी।

अब में उठ गया और मैंने भाभी से कहा कि में अभी बाथरूम से होकर वापस आया और में चला गया, बाथरूम से वापस आने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से उनकी चूत से लड़ने के लिए तनकर तैयार हो गया था। अब भाभी ने मुझसे कहा कि अब तुम नीचे सो जाओ में तुम्हारे ऊपर आती हूँ। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है चलेगा और अब भाभी मेरे ऊपर आकर लंड के ऊपर बैठ गयी और लंड को धीरे धीरे अपनी चूत के अंदर लेकर दर्द की वजह से पूरा नीचे मेरे पेट पर बैठ गई। फिर कुछ देर बाद वो ऊपर नीचे होकर चुदाई करने लगी थी और में उनकी पतली कमर को अपने हाथों का सहारा देकर उनके साथ चुदाई के मज़े लेने लगा था और करीब बीस मिनट चली हमारी उस चुदाई के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए। उसके बाद वो थककर मेरे ऊपर ही लेट गई। दोस्तों कुछ भी कहो हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आया और मेरा पूरा लंड उनकी चूत की गहराईयों में चला जा रहा था और मुझे उनकी टाईट चूत के अंदर अपने लंड का अंदर बाहर होना बहुत जोश दिए जा रहा था। दोस्तों उस रात को मैंने अपनी उस हॉट सेक्सी भाभी को सोने नहीं दिया और भाभी ने मुझे भी सोने नहीं दिया, पूरी रात हम दोनों चुदाई ही करते रहे जैसे कि हम दोनों बरसो से प्यासे हो।
फिर दूसरे दिन सुबह जब हम उठकर साथ में नहा धोकर तैयार होने लगे, तब हमारे नंगे बदन पर देखा कि पिछली रात को जोश में आकर किसने किसको कितना काटा? फिर नाश्ता करने के बाद करीब 8:30 बजे मेरे भैया का भाभी के पास फ़ोन आया और उन्होंने कहा कि वो दो दिन के बाद ही आएँगे। फिर में अपनी भाभी के मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश होकर अपने कॉलेज को दो दिन के लिए भूल ही गया और उसके बाद में लगातार अपनी भाभी के साथ ही उन दिनों भी चुदाई ही करता रहा। फिर तीसरे दिन लगातार इतनी बार चुदाई करने की वजह से मेरे लंड की इतनी बुरी हालत थी कि भाभी ने कहा कि आज उतना मज़ा नहीं आया। फिर मैंने उनको कहा कि मुझे तो बहुत मज़ा आया और फिर जब भी हमें कोई भी अच्छा मौका मिला तो हमारी चुदाई चालू हो जाती। दोस्तों अब भाभी को एक बेटा है फिर भी भाभी भैया से कम और मुझसे ही ज्यादा अपनी चुदाई करवाती है और हम दोनों यह खेल खेलकर बहुत खुश रहते है ।।
धन्यवाद