ऑफिस में अपनी भड़ास निकाली

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मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं और मेरा नाम दीपक है। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। और मेरी पत्नी का नाम सपना है। सपना 2 महीने से प्रेग्नेंट थी। लेकिन इस बात का पता हमें नहीं था। फिर एक दिन हम डॉक्टर के पास गए तो हमें पता चला कि सपना तो प्रेग्नेंट है। मैं बहुत खुश हुआ। लेकिन कहीं ना कहीं मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था। क्योंकि बीवी होने के बावजूद भी मैं किसी और से प्यार करने लगा था। लेकिन मैं भी क्या करता। प्यार तो हो जाता है।

आज से 2 साल पहले हमारे ऑफिस में एक लड़की आई थी। जिसे मैं प्यार करने लगा था। उसका नाम रुचि था। वह लड़की भी मुझे पसंद करने लगी थी। हम दोनों पहली बार ऑफिस में ही मिले थे। तभी से हम एक-दूसरे को पसंद करने लगे। हमारी बात अधिकतर ऑफिस में ही होती थी। क्योंकि घर पर मेरी बीवी रहती थी। कभी कभी मैं छुट्टी के दिन भी रुचि से मिलने चले जाता था। मेरी पत्नी पूछती आज तो छुट्टी है कहां जा रहे हो। मैं कहता ऑफिस के काम से जा रहा हूं। और इसी बहाने में रुचि से मिलाता। रुचि को यह बात पता नहीं थी कि मैं शादीशुदा हूं। अगर मैं रुचि को यह बताता तो वह मुझसे कभी बात नहीं करती। कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा। हम दोनों साथ में रहते और खूब सारी बातें किया करते थे।

एक दिन रुचि मुझे अपने घर अपने परिवार वालों से मिलाने अपने घर लेकर गई। वहां मैं उसके परिवार वालों से मिला। उसके परिवार में उसके माता-पिता और उसका बड़ा भाई था। उन्होंने मेरी खूब खातिरदारी की। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। मैं उनसे हिचकिचाकर बात कर रहा था। उन्हें लगता कि मैं उनसे घबरा रहा हूं। लेकिन मुझे तो कुछ और ही डर था।मुझे फिर अपनी बीवी का ख्याल आता। फिर एक दिन रुचि ने मुझे शादी के लिए कहा। मैंने उससे कहा कि मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं मैंने तुमसे एक बात छुपाई। उसने पूछा क्या? तो मैंने उसे बताया की मैं शादीशुदा हूं। और मेरी बीवी प्रेग्नेंट है। यह सुनकर वह बहुत गुस्सा हुई। उसने कहा तुमने मुझे यह बात पहले क्यों नहीं बताई और गुस्से से चली गई। मैंने उसे बहुत रोकने की कोशिश की लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी और वहां से चली गई।

दूसरे दिन जब मैं ऑफिस गया तो वह ऑफिस भी नहीं आई थी। मैंने उसे कई बार फोन किया। लेकिन उसने फोन भी नहीं उठाया। मुझे उसकी चिंता होने लगी थी। फिर कुछ दिन बाद वह ऑफिस आई तो मैंने उससे कहा कि तुम 2 दिन से कहां थी। तुमने मेरे फोन भी नही उठाया। रुचि ने कोई जवाब नही दिया। मैंने उससे बात करने की कोशिश की। लेकिन उसने तब भी मुझसे बात नहीं की। मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह अब भी मुझसे नाराज थी। फिर मैंने कई मुश्किल से उसको मनाया और वापस से बात की। अब वह भी मुझसे बात करने लगी थी। उसने मुझसे पूछा कि तुम्हारी बीवी को पता है कि तुम मुझसे प्यार करते हो?  मैंने कहा नहीं। फिर उसने मुझसे कहा कि तुम्हारी बीवी प्रेग्नेंट है और उसे तुम्हारी ज्यादा जरूरत है। मैं नहीं चाहती कि तुम अपनी बीवी को छोड़कर मेरे साथ समय बिताओ। तुम्हें अपनी बीवी के साथ समय बिताना चाहिए। रुचि से कहा कि प्यार तो मैं तुमसे करता हूं। फिर समय भी तुम्हारे साथ ही बिताऊंगा। उसके बाद रुचि ने मुझे बहुत समझाया और यह कहा कि तुम अब पापा बनने वाले हो। इसलिए तुम्हें अपनी बीवी की देखभाल करनी चाहिए और उसके साथ समय बिताना चाहिए। अभी उसे तुम्हारी जरूरत है। कहीं ना कहीं मुझे भी एहसास था कि मैं पापा बनने वाला हूं। लेकिन मुझे रुचि से भी तो प्यार हो गया था। अब मैं क्या करता। फिर मैंने खुद को समझाया और अपनी बीवी के साथ समय बिताने लगा। मेरी बीवी भी बहुत खुश थी। क्योंकि मैं उसके साथ था। वह चाहती थी कि मैं उसी के साथ समय बिताऊं। और उसकी फिक्र करू। लेकिन मैं तो रूचि के साथ सेक्स करना चाहता था क्योंकि मुझे मेरी पत्नी से वह खुशी नहीं मिल पा रही थी। एक तो वह प्रेग्नेंट थी और दूसरा मुझे सेक्स की भूख भी थी लेकिन रूचि इस बात को समझ नहीं रही थी और वह सिर्फ यही बात बोल रही थी कि तुम अपनी पत्नी का ख्याल रखो।

अगले दिन जब वह ऑफिस आई तो मैंने उसे साफ-साफ बात कह दी कि मुझे सिर्फ और सिर्फ सेक्स करना है। क्योंकि मैंने बहुत समय से सेक्स नहीं किया है। उसके बाद तुम्हें जैसा सही लगे तुम वैसा कर लेना। वह कहने लगी कि तुम्हें सिर्फ सेक्स चाहिए उसके अलावा तुम्हें कुछ और नहीं चाहिए। तो मैंने उससे कह दिया कि मुझे सिर्फ सेक्स चाहिए बाकी तुम्हें अगर मेरे साथ रहना है तो रह लेना और अगर नहीं रहना चाहती तो कोई बात नहीं है। उसने कहा कि ठीक है मैं तुम्हें चोदने दूंगी।

वही ऑफिस में हमारा एक रूम था जो सिर्फ क्लाइंट्स के लिए बनाया हुआ था। मैं रुचि को उसी कमरे में ले गया और मैंने उसे कहा कि अब मुझे तुम्हें यहीं पर चोदना है। मैंने उसे वहां नरम और गद्देदार सोफे में लेटा दिया। वह बहुत ही ज्यादा नरम था। मैंने रुचि को कहा कि तुम मेरी पैंट खोल दो उसने मेरी पैंट को खोल दिया और जैसे ही उसने मेरे लंड को देखा। वह कहने लगी तुम्हारा तो बहुत ही मोटा है। मैंने उसे कहा कि यह बहुत दिनों से भूखा है। इसने ना जाने कितने दिनों से चूत नहीं देखी है। रूचि के अंदर अब सेक्स की भावना जाग चुकी थी और उसने जल्दी से मेरे लंड को पकड़ते हुए हिलाना शुरू किया। जैसे ही वह लंड को हिला रही थी। वह और भी मोटा और बड़ा होता गया। मेरा लंड एकदम सीधा खड़ा हो गया। रूचि ने उसे अपने मुंह में लेते हुए चूसना शुरू किया। जैसे ही उसने मेरे लाल टोपे को अपने मुंह में लिया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। कभी वह उसे अपनी जीभ से भी चाट रही थी और कभी पूरे अंदर तक लंड को लेती कभी बाहर निकल लेती। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने भी रुचि के कपड़ों को उतार दिया और उसके स्तन को चूसने लगा।

उसके बाद मैंने उसको होठों को बहुत देर तक अपने होठों से चूसता रहा। उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैं उसके होठों को चूस रहा था। वह बहुत ही खुश नजर आ रही थी। मैं उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसता रहा। जिससे कि उसके स्तन खड़े हो चुके थे और बहुत ही कड़क हो गए थे। मैंने अब उसकी योनि को चूसना शुरू किया। जैसे जैसे मैं उसकी योनि को चूसना जाता तो वह पानी छोड़ने लगी थी। अब वह पूरी गीली हो चुकी थी और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जैसे ही मैं उसकी योनि को चाट रहा था। उसकी योनि में एक भी बाल नहीं था। रुचि का झड़ चुका था अब मैंने उसकी योनि में अपने लंड को डाल दिया। धक्का मारना शुरू किया मैं बड़ी ही तेजी से झटके मारता जाता और उसे अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने उसको अपने ऊपर से लेटा दिया। वह मेरे लंड पर बैठी हुई थी और अपने चुतडो को ऊपर नीचे करे जा रहे थे। मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। वह बहुत तेजी से ऐसा करती तो उसकी गांड़ मेरे से आकर टकरा जाती। मैंने ऐसे ही उसे काफी देर तक चोदता रहा। वह मेरे लंड पर बैठे रही लेकिन अब मेरा भी झड़ने वाला था। तो मैंने ऐसे में ही उसके चूत के अंदर पिचकारी को छोड़ दिया। मेरी पिचकारी से जैसे ही मेरा वीर्य निकला तो वह बड़ी तेजी से उसकी योनि में गया और फिर बड़ी तेजी से नीचे आया। उसकी योनि से मेरा माल गिरने लगा। जैसे ही मेरा माल रूचि की योनि से टपक रहा था। तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत समय बाद मेरी भूख मिटी थी।

मैंने रुचि को उसके लिए धन्यवाद कहा और उसने भी मुझे कहा कि मुझे बहुत अच्छा लगा। तुम्हारे साथ सेक्स करके। मैंने उससे कहा कि तो फिर तुम इतना ड्रामा क्यों कर रही थी। जब तुम्हें भी मुझसे चुदना था। तो यह सब करने की आवश्यकता नहीं थी। वह कहने लगी कि ऐसा कुछ भी नहीं है। मुझे यह भी डर है कि तुम्हारी पत्नी भी प्रेग्नेंट है और कहीं मेरी वजह से उसकी जिंदगी ना खराब हो जाए। मैंने उसे पूछा अब क्या करना है। वह कहने लगी कुछ नहीं मैं तुमसे अपनी चूत मरवाती रहूंगी। उसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन तुम अपनी पत्नी के साथ ही रहो। मैं यह सब सुनकर बहुत ही खुश हो गया और अपनी पत्नी को समय देने लगा। मेरी पत्नी को उसके बाद एक लड़का भी हो गया। और मैं अब भी रुचि को चोदता रहता हूं।