advertisement
advertisement
पार्क की झाड़ियों में घोड़ी बनाकर चोदा
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम सुमित है और मैं नासिक का रहने वाला हूं, मैंने अभी कुछ समय पहले अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी की है और अभी मैं घर पर ही था क्योंकि मैंने किसी भी कॉलेज में एडमिशन नहीं लिया था इस वजह से मैं घर पर था। मेरे पिताजी एक इंजीनियर है और मेरी माता एक ग्रहणी है। मेरी बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, उनकी शादी को अभी कुछ समय ही हुआ है। उनकी शादी पिताजी ने बहुत ही धूमधाम से करवाई और वह अपनी शादी से बहुत खुश हैं। वह जब भी हमारे घर आती है तो हमेशा ही अपने पति की बहुत तारीफ करती हैं क्योंकि मेरे जीजाजी भी  इंजीनियर है और वह भी बहुत अच्छे पद पर हैं इसी वजह से  मेरी दीदी उनकी बहुत तारीफ करती है और हमेशा ही कहती है की वह बहुत ही अच्छे इंसान है, वह मेरी हर एक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। पापा भी बहुत खुश हैं क्योंकि वह भी ऐसा ही लड़का चाहते थे जैसा कि उन्हें मिला, जो दीदी का ध्यान रख सके।

मेरे जीजाजी दीदी का बहुत ध्यान रखते हैं। मैं जब भी उनके घर जाता हूं तो वह बहुत खुश होते हैं और कहते हैं कि तुम जब भी हमारे घर आते हो तो हमें बहुत अच्छा लगता है। मेरे जीजाजी और मेरे बीच में बहुत ही मजाक होते हैं। जब भी मैं उनके घर जाता हूं तो वह मुझे बहुत चिढ़ाते हैं और कहते हैं कि तुम्हें चिड़ाने में मुझे बहुत मजा आता है। मेरे जीजाजी मुझसे पूछने लगे कि तुम अब आगे क्या करने वाले हो, मैंने उन्हें बताया कि मैंने अभी किसी भी कॉलेज में दाखिला नहीं लिया है इसलिए मैं फिलहाल कुछ भी नहीं सोच रहा हूं। जब मैं दाखिला लूंगा उसके बाद ही मैं कुछ सोच पाऊंगा। मैं अभी खाली ही था तभी मेरे मामा के लड़के का फोन आया,  वह भी मेरे साथ का ही है, हम दोनों की उम्र बराबर है। वह मुझे कहने लगा कि मैं बहुत ज्यादा बोर हो रहा हूं तो तुम कुछ दिनों के लिए हमारे यहां पर आ जाओ। मैंने उसे कहा ठीक है मैं इस बारे में पिताजी से बात कर लेता हूं और मैं तुम्हारे घर पर आ जाता हूं। वह लोग भी नासिक में ही रहते हैं लेकिन मैं उनके घर कम ही जाता हूं।

मेरे मामा के लड़के का नाम अक्षय है। वह मुझे बहुत जिद करने लगा और कहने लगा कि तुम्हें हमारे घर पर आना ही पड़ेगा, मैं उसकी बात को टाल नहीं पाया और उसके घर चला गया। जब मैं उसके घर गया तो मेरे मामा मुझसे मिलकर बहुत खुश हुए और कहने लगे कि तुम बड़े समय बाद हमारे घर आ रहे हो, मैंने उन्हें कहा कि अभी पेपर खत्म हुए हैं इसलिए मैं घर पर था तो मैंने सोचा आपसे मिल लेता हूं। तभी अक्षय अपने कमरे से बाहर आया, वह मुझसे मिलकर बहुत खुश था। उसने मुझे मिलते ही गले लगा लिया और कहने लगा मुझे तुमसे मिलकर बहुत खुशी हुई, मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि तुम मुझसे मिलने आओगे। मैंने उसे कहा कि तुम्हें क्या लगता है मैं तुमसे मिलने नहीं आऊंगा, वह कहने लगा कि तुम कभी हमारे घर पर आते ही नहीं हो। मैंने उसे कहा ऐसी कोई बात नहीं है अब मैं तुम्हारे घर आ चुका हूं। इस बात से वह बहुत खुश था। हम लोग उस दिन घर पर ही थे और उस दिन हम लोग घर पर बैठकर अपने स्कूल की बातें कर रहे थे। अक्षय मुझसे पूछने लगा की तुम्हारे पेपर कैसे हुए, मैंने उसे कहा कि मेरे पेपर तो अच्छे हुए हैं पर जितना सोच रहा हूं उतने शायद नंबर नहीं आ पाए। मैंने जब अक्षय से पूछा तो वह भी कहने लगा कि मैंने तो अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है, अब रिजल्ट ही बताएगा कि मेरे नंबर कितने आते हैं। अगले दिन अक्षय मुझे कहने लगा कि मैं तुम्हें अपने दोस्तों से मिलाता हूं, मैं उसके दोस्तों से मिलने के लिए उसके साथ गया तो उसके सारे दोस्त बहुत ही अच्छे हैं और मैं उनसे मिलकर बहुत खुश हुआ। उसकी जो सबसे अच्छी दोस्त है उसका नाम माया है। जब मैं उससे मिला तो मुझे उससे मिलकर बहुत अच्छा लगा, मुझे ना जाने उसका चेहरा देखकर क्यों ऐसा लग रहा था कि मैं सिर्फ उसे ही देखता रहूं। मैंने जब यह बात अक्षय को बताई तो वह कहने लगा कि माया बहुत ही अच्छी लड़की है और उसने मेरी हमेशा ही मदद की है स्कूल में जितना भी काम होता था वह मेरी उसमें बहुत मदद करती थी और उसने मेरे प्रोजेक्ट में भी बहुत मदद की है।

माया से हम लोग हमेशा मिलते रहे, जितने दिन भी मैं अपने मामा के घर पर रहा उतने दिन मैं माया से मिला। मैंने अक्षय से माया का नंबर भी ले लिया था और मैंने उसे फोन कर दिया, जब मैंने माया को फोन किया तो वह हम मुझसे बात कर के बहुत खुश हुई और कहने लगी कि तुम बहुत ही अच्छी बात करते हो। मैं उसे फोन पर हंसा दिया करता था और वह मुझसे बात कर के बहुत खुश होती थी। हम लोग जब भी मिलते तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। मैंने अक्षय से कहा कि मैं अब अपने घर जा रहा हूं, कुछ दिनों बाद देखता हूं यदि मुझे समय मिला तो तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा, नहीं तो तुम मेरे घर पर ही आ जाना। वो कहने लगा कि तुम कुछ दिन और घर पर रुक जाते तो हम लोग इंजॉय करते लेकिन मैं अपने घर चला गया और मेरी माया से बात होती ही रहती थी। वह भी नासिक में ही रहती थी इसलिए मैंने एक दिन उसे मिलने के लिए बुला लिया। जब हम दोनों मिले तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई और मुझे भी उससे मिलना बहुत अच्छा लगा। माया मुझसे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे साथ में समय बिताना अच्छा लगता है, मैंने भी माया से कहा कि मुझे भी तुम्हारे साथ वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है। हम दोनों बैठकर बहुत बातें कर रहे थे, मैंने उसे कहा कि यहीं पास में एक पार्क है हम लोग वहां पर चलते हैं। हम लोग पार्क में ही बैठे हुए थे और आपस में बहुत बातें कर रहे थे।

वह मुझसे बातें कर के खुश थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसे बातें कर रहा था। मैं एकटक नजरों से उसकी तरफ देखे जा रहा था। मेरी नजरे उससे बिल्कुल भी हट नहीं रही थी वह मुझसे पूछने लगी कि तुम मुझे ऐसे ध्यान से क्या देख रहे हो। मैंने उसे कहा कि मेरी नजर तुमसे बिल्कुल भी नहीं हट रही है और मैंने उसके जांघो को दबाना शुरू कर दिया। वह मुझे ध्यान से देख रही थी और मैंने जब उसके होठों को किस किया तो वह पूरे मूड में आ गई उसने भी मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिया। उसे बड़ा मजा आ रहा था और हम दोनों ही गर्म हो चुके थे वही पार्क के कोने में बहुत घनी झाड़ियां थी। मैं माया को अपने साथ वहां पर ले गया और मैंने झाड़ियों के अंदर ही माया को किस करना शुरू कर दिया। हम दोनों वही लेट गए और मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए माया के मुंह में लंड डाल दिया। पहले वह मेरे लंड को बिल्कुल भी अपने मुंह में नहीं ले रही थी लेकिन बाद में उसने बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। उसने काफी देर तक मेरे लंड को अपने मुंह में रखा और उसके बाद मैंने भी उसकी योनि को चाटा मैंने उसे घोड़ी बनाया तो मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा तो वह चिल्लाने लगी और मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैंने उसे बड़ी तेज तेज झटके मारने शुरू कर दिए और उसकी योनि से बड़ी तेजी से पानी बाहर की तरफ आने लगा। मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था वह भी बहुत खुश हो रही थी। मैंने माया के चूतडो को कसकर पकड़ा हुआ था और कुछ देर बाद वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिला रही थी। उसकी योनि बहुत ज्यादा टाइट थी मुझे बहुत मजा आ रहा था जब मैं उसे झटके दे रहा था। वह मुझे कहने लगी तुमसे अपनी चूत मरवा कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे भी माया को चोदकर बहुत मजा आ रहा था मैं उसे बड़ी तेज तेज झटके देता जाता जिससे कि उसका पूरा शरीर दुखने लगा था और उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ निकल रहा था। जब उसका झड़ने वाला था तो उसने अपनी चूत को बहुत ज्यादा टाइट कर लिया अब मैं भी उसकी टाइट चूत को ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरा माल गिर गया।

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement