रमन ने मेरी चूत का किया बुरा हाल

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मेरा नाम सारिका है मैं विदेश में ही पली बढ़ी हूं लेकिन कुछ समय पहले मेरे पापा मुंबई में सेटल हो गए। जब मैं शुरुआत में मुंबई में आई तो मुझे मुंबई में काफी दिक्कत हुई लेकिन मेरे चाचा के लड़के प्रभात के साथ मेंरी अच्छी दोस्ती हो गई थी इसलिए उसने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवा दिया और अब उसके जितने भी दोस्त हैं वह सब मुझे भी जानते हैं। मैंने अपनी पढ़ाई विदेश में ही पूरी कर ली थी। मेरा घर में टाइम पास नहीं होता इसलिए मैंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर लिया और अब मेरे पास काफी सारे लड़के और लड़कियां आते हैं। मुंबई में मेरी ज्यादा किसी के साथ मुलाकात नहीं थी। मैं प्रभात के साथ भी इतना खुली नहीं थी लेकिन जब से प्रभात और मेरी अच्छी दोस्ती हुई है तब से हम दोनों जम कर मस्ती करते हैं लेकिन कुछ समय से प्रभात और मेरे बीच में बातें नहीं हो रही थी।

प्रभात का एक क्लासमेट है उसका नाम रमन है। प्रभात उससे बहुत ज्यादा नफरत करता है रमन ने मुझे एक बार मेरे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी मैंने उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। जब मैंने उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली परन्तु उस वक्त मैं रमन को अच्छे से नहीं पहचानती थी। रमन हमेशा मेरी फोटो को लाइक करता था। वह मुझसे मैसेजेस में भी बात करने लगा। मैं भी रमन के साथ बात करने लगी थी। एक दिन रमन ने मुझे मिलने के लिए बुलाया। जब मैं रमन से मिली तो मुझे उससे बात कर के अच्छा लगा और वह दिखने में भी काफी हैंडसम है। मुझे उसके साथ रहना भी अच्छा लगने लगा और उसकी कंपनी को मैं एंजॉय करने लगी। जब यह बात प्रभात को मालूम पड़ी तो प्रभात ने मुझे एक बार समझाया और कहा कि तुम रमन से जितना दूर रहो उतना तुम्हारे लिए अच्छा होगा। मैंने पहली बार ही प्रभात को इतने गुस्से में देखा था। मैंने उसे कहा कि तुम बेकार में इतना गुस्सा हो रहे हो तुम्हें इसमें गुस्सा होने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने उससे कहा कि रमन एक अच्छा लड़का है यदि तुम उससे बात नहीं करते तो मैं उसमें क्या कर सकती हूं।

उसके बाद से प्रभात ने मुझसे भी बात करनी बंद कर दी। मुझे उससे बात किये बिना भी बहुत बुरा लगता था क्योंकी प्रभात और मेरे बीच में बहुत अच्छी दोस्ती थी। मैंने प्रभात को कई बार फोन किया लेकिन उसके बाद से उसने मेरा फोन नहीं उठाया फिर मैंने भी उसके बाद उसे फोन करना बंद कर दिया। जब भी प्रभात मुझसे मिलता तो बड़ी ही अजीब तरीके से वह मुझसे बात करता। मैंने प्रभात को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे बात करने को तैयार नही है। यह बात मैंने रमन को भी बताई। रमन मुझसे कहने लगा प्रभात ना जाने मुझ से क्यों नफरत करता है मुझे आज तक यह बात समझ में नहीं आई। मैंने रमन से पूछा क्या तुम्हारे बीच में कभी कोई ऐसी बात हुई थी जिसको लेकर तुम दोनों के बीच में झगड़ा हुआ हो या फिर तुम दोनों ने आपस में बात बंद कर दी हो। रमन मुझसे कहने लगा ऐसी कोई भी बात नहीं हुई थी। प्रभात की गर्लफ्रेंड सुमोना मेरे पीछे पड़ी हुई थी मैंने उसे कई बार समझाया कि तुम्हारा रिलेशन प्रभात के साथ है तो उसके साथ ही रहो लेकिन वह मुझ पर फ़िदा थी और मुझे मैसेजेस करती थी। मैंने उसे कई बार समझाया लेकिन उसके बावजूद भी वह समझने को तैयार नहीं थी। एक दिन जब प्रभात ने सुमोना के मोबाइल पर मेरा नंबर देखा और उसके मैसेजेस देखे तो प्रभात ने उस दिन से मुझसे बात करनी बन्द कर दी। उसके और मेरे बीच में इस बात को लेकर बहुत झगड़ा भी हुआ था। मैंने उसे कहा कि इसमें मेरी गलती नही है क्योंकि सुमोना ही मेरे पीछे पड़ी है मैंने तो उससे कई बार कहा भी कि मैं तुम्हें पसंद नहीं करता लेकिन उसके बाद भी सुमोना मेरे पीछे पड़ी हुई थी। बस इतनी सी बात को प्रभात ने अपने दिल पर ले लिया और उस दिन के बाद वह मुझसे बिल्कुल बात नहीं करता। जब मुझे यह बात पता चली तो मुझे लगा कि इसमें रमन की कोई भी गलती नहीं है और ना ही इसमें प्रभात की गलती है। मैंने एक दिन उन दोनों को साथ में बुलाया और जब प्रभात ने रमन को देखा तो प्रभात मुझसे कहने लगा कि तुमने यह अच्छा नहीं किया। तुम्हे मुझे पहले बता देना चाहिए था कि तुमने रमन को भी मुझसे बात करने के लिए बुलाया है।

मैंने उस दिन उन दोनों को समझाया। जब प्रभात को भी अपनी गलती का एहसास हुआ तो उस दिन के बाद वह थोड़ा बहुत मुझसे बात करने लगा था लेकिन फिर भी हमारी पहले जैसी बातें नहीं होती थी मेरी और रमन की बहुत गहरी दोस्ती हो गई थी। जब भी मुझे कोई जरूरत पड़ती या मुझे कोई भी काम होता तो रमन हमेशा मेरी मदद के लिए आगे आ जाता। धीरे-धीरे प्रभात से मेरी दोस्ती भी कम होने लगी थी लेकिन अब जब भी हम लोग मिलते तो हमारे बीच में एक अच्छी बातचीत होती है। मैं चाहती थी कि प्रभात के साथ मेरी पहले जैसी ही दोस्ती हो जाए लेकिन यह होना मुश्किल था। उसी बीच रमन और मेरी दोस्ती इतनी ज्यादा गहरी हो गई कि हम दोनों की दोस्ती अब एक रिश्ते का नाम लेने जा रही थी लेकिन मैं समझ नही पा रही थी कि  मुझे रमन के साथ रिलेशन को आगे बढ़ना चाहिए या नही। मैं इसी दुविधा में फंसी हुई थी। जब मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था तो मैंने इस बारे में रमन से बात की। रमन ने मुझे कहा कि हम दोनों को एक दूसरे के साथ और समय बिताना चाहिए उसके बाद हमें सोचना चाहिए कि हमें क्या करना है। हम दोनों उसके बाद एक दूसरे के साथ अधिक से अधिक समय बिताने लगे और मेरे पास भी जितना समय होता मैं रमन के साथ समय बताती थी। मुझे रमन के साथ समय बिताना अच्छा लगने लगा था। हम दोनों के बीच नजदीकियां भी बढ़ने लगी थी।

एक दिन हम दोनों ने सोचा कि हमें कहीं जाना चाहिए। हम दोनों उस दिन घूमने के लिए चले गए। जब हम लोग घूम कर लौटे तो रमन ने मुझे कहा क्या तुम आज मेरे घर रूकोगी क्योंकि मेरे घर पर कोई भी नहीं है? और हम दोनों मिलकर खाना बनाएंगे। रमन ने मुझसे यह बात कही तो हम दोनों रमन के घर चले गए। मुझे खाना बनाना नहीं आता था लेकिन रमन बहुत अच्छा खाना बनाता था इसलिए हम दोनों एक साथ खाना बनाने लग गए। जब मैं खाना बना रही थी तो रमन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया। जब उसने मुझे पीछे से पकड़ा तो रमन पूरे रोमांटिक मूड में था और मैं भी उस दिन पूरे मूड में होने लगी। यह हम दोनों के बीच पहला ही किस्सा था जब हम दोनों एक दूसरे को लेकर इतने रोमांटिक हुए थे। मैं भी अपने आप को नहीं रोक पाई और रमन भी शायद अपने आप पर काबू नहीं कर पाया। जब उसने मुझे अपनी बाहों में लिया तो मैंने रमन को किस करते हुए कहा लगता है तुम्हारा कुछ ज्यादा मूड है मैंने उसे किस करना शुरू किया तो उसने भी मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। हम दोनों बड़ी गर्मजोशी में आ गए। उसने जब मेरे स्तनों पर हाथ लगाया तो मैंने रमन से कहा तुम इसे अपने मुंह में लेकर चूसो। उसने काफी देर तक मेरे सुडौल स्तनों का रसपान किया। जब हम दोनों पूरे मूड में हो गए तो वह मुझे कहने लगा आज मैं तुम्हारे सेक्सी फिगर का रसपान करूंगा। उसने मुझे नंगा किया हुआ था और मुझे बिस्तर में लेटा दिया। जब उसने मुझे बिस्तर में लेटाया तो मैंने कुछ मिनट तक उसके लंड को चूसा और जैसे ही उसने अपने लंड को मेरी योनि पर सटाया तो उसका लंड बहुत गर्म हो रखा था और मेरी भी उत्तेजना पूरे चरम सीमा पर पहुंच गई थी। उसने जैसे ही मेरी चूत में लंड डाला तो मैं उसे कहने लगी तुम्हारे लंड ने मेरी चूत फाड़ दी है। उसने मुझे कहा तुम ऐसे ही लेटी रहो। वह मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था। वह मुझे इतनी तेजी से चोद रहा था मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। उसने मुझे 5 मिनट तक बड़े ही अच्छे से चोदा लेकिन जब उसका वीर्य मेरी योनि के अंदर गिरा तो वह मुझे कहने लगा सारिका तुम्हारे साथ सेक्स करके मुझे बहुत मजा आ गया। जब मैंने अपनी चिकनी चूत में हाथ लगाया तो मेरी योनि दर्द हो रही थी और मेरी योनि से खून निकल रहा था। मैंने उसे कहा तुमने तो आज मेरी चूत ही फाड कर रख दी। मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। उसके बाद हम दोनों ने मिलकर खाना बनाया और हम दोनों ने रात भर जमकर सेक्स किया।