मुझे घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता है क्युइंकी घुमने फिरने के
दौरान ही मुझे मेरी जिन्दगी के सबसे हसीं पल मिले है.मेरा नाम प्रिय है और
उम्र २० साल है. मई अप्प लोगो को इक सच्ची घटना बताना चाहती हूँ.बात तब की
है जब मै घुमने के लिए पंजाब जा रही थी मेरी उम्र उस वक्त १९ साल थी और मै
और मेरी मौशी एक लोकल ट्रेन से जा रहे थे भीर बहुत थी और बहुत मुश्किल से
हमें सीट मिली थी काफी लोग करे होकर सफ़र कर रहे थे. खरे लोगो में एक १६
साल का बहुत ही ख़ूबसूरत गोरा चिकना लड़का भी था बार बार मेरी नजर उस पर
अटक जाती थी मै तो सिर्फ उसे छूना और महसूस करना चाहती थी क्यूंकि वो बहुत
ही सुन्दर चिकना सो प्यारा सा बच्चा जैसा लग रहा था और सामान्य कपडे पहने
था नीली शर्ट और सफ़ेद पेंट. अचानक लड़के की मम्मी की नजर मुझ पर पड़ी तो
मैं समझ नहीं पी की क्या कहू और अचानक मेरे मुह से निकला “बच्चे को मै अपने
सीट पर बैठा सकती हूँ और आप आगे चलकर बाद में बैठ जाना ” तो लड़के की
मम्मी बोली संजू दीदी के पास बैठ जा और ये पोलिथीन भी रख ले मै आगे देखती
हूँ सायद को सीट मिल जाये. मै मन ही मन बहुत खुश हो गयी मैंने अपनी दोनों
टंगे फेला कर पैरो के बीच थोड़ी सी जगह बना ली और उसे बैठा लिया. अब मैं
बहुत खुश थी और धीरे धीरे मैने उसकी जन्घो पर रख लिया उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने फिर हाथ खिसकाते हुए उसकी पेंट की चैन वाली जगह पर ले गयी उसके बहुत
ही कर्रीब. उनकी पेंट की चाय खराब थी इसी लिए उसने अपनी चैन के उपर वो
पोलीथिन रखा था ताकि कोई भी यह देख न सके और मेरे हाथ उस पोलीथिन के पीछे
ठीक उसकी चैन के ऊपर थे और वो अपने हाथो से वो पोलिथीन पकडे था तो वो
कुछ कर भी नहीं सकता था और उसे इस बात का ख्याल भी नहीं था पर अचानक जैसे
ही मेरा हाथ उसकी खुली चैन पर गया मेरे हाथ अंदर तक चला गया और उसके बेहद
मुलायम गुलगुले और छोटे से लंड से छुआ वो चोंक गया और झटके से मेरा हाथ हटा
दिया वो सरम से लाल हो गया और मेरी तरफ देखने लगा. अब उसने मजबूती से अपने
हाथो से अपने लंड तो पोलिथीन से छुपा लिया ताकि मै कुछ कर न सकू. मुझे भी
इक झटका सा लगा और मै भी सरम से लाल हो गयी और थोरी दीर तक कुछ नहीं किया
और ऐसे शो लिया जैसे मैंने उसका लंड भूल से छुआ हूँ पर मेरे दिमाग में वो
बस चूका था और मुझे उसका वो अचानक उछलना और सरमन बहुत ही अच्छा लगा मैंने
सोचा इसके साथ थोरा और खेलना चाहिए लेकिन मुझे डर था की कही वो चिल्ला न दे
पर मेरा मन बार बार उसके लंड को छूने और उसके साथ खेलने को कर रहा था तो
मैंने दोबारा हिम्मत करके हाथ फिर से उसकी जांघ पर राका और वो जोर से
कसमसाया पर मैंने और हिम्मत करके हाथ धीरे धीरे पोलिथीन के पीछे ले गयी
और वो कोसिस करके करके जितना हो सकता था उतना अंदर की तरफ दबा रहा था
ताकि चैन से उसके लंड पर हाथ न जा सके पर मै धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चैन
तक ले गयी और लंड हाथ पर न लगने पर मैंने दो उंगलियाँ चैन के अंदर डाल दी
पर अब वो अपनी इज्जत बचने के लिए अपनी गांड को पीछे करने लगा जिससे मेरी
बुर पर उसकी गांड का दबाव आने लगा अब वो और पीछे नहीं जा सकता था और जैसे
ही मैंने अपने उंगलियाँ आगे बढाई मेरे सरीर में कर्रेंट दौड़ गया क्यूंकि
मुझे अहसास हुआ की उसका छोटा सा मुलायम एंड गुलगुल लंड अब पूरी तरह से खड़ा
था और वो अपने कड़े लंड को अपने जन्घो के बीच दबा कर उसे पेंट के अंदर
बहुत ही मुस्किल से रोके था मेरा हाथ लगते ही वो जन्घो से छूट कर एकदम खड़ा
हो गया और पेंट की चैन से बहार निकलकर पोलिथीन से टकराने लगा लड़के का
चेहरा बहुत ही गरम और लाल हो गया और बहुत ही जोर से झटका देकर उसने मेरा
हाथ हटा दिया और गुस्से में आकार अचानक से खड़ा हो गया वहा से जाने के लिए
पर उसके लंड चैन से बहार अब भी निकला था और बार बार जोर जोर से उचल रहा था
यानि की मज़ा उसे भी आ रहा था पर वो सरमा रहा था क्यूंकि सायद ये सब उसके
साथ पहली बार हो रहा था वो जाने के लिए झटके से उठा ही था की भीड़ ने उसे
फिर से धक्का मार कर बैठने पर मजबूर कर दिया या यूँ कहे की वो धक्का खाकर
फिर से मेरी गोद में गिर गया पर इस बार वो बार बार एक हाथ से लंड को अंदर
करने की कोसिस कर रहा था पर लंड था की वो संत ही नहीं हो रहा था और उछालते
हुए चैन से बहार आ जाता था . इस बार मैंने सीधा हाथ ले जाकर उसके उछालते
हुए लंड को मजबूती से पाकर लिया और वो आनंद से कसमसा उठा इस बार उसने मेरा
हाथ हटाने की जगह मेरे हाथ को पोलिथीन से ढक दिया ताकि बाकि लूग देख न
सके की मै उसके साथ के कर रही हूँ और उसकी इज्जत भी बची रहे और उसे मज़ा भी
मिल जाये . अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और उसे भी. अब वो मेरा विरूद्ध
करने की बजे मेरे साथ दे रहा था. मै बहुत खुश थी क्यूंकि मेरे हाथ में कदम
चमचमाता हुआ नया छोटा और बहुत ही चिकना लंड था वो इतना करक था की उसकी थोरी
सि खाल पीछे खिसकने पर लड़का एकदम पागल हो जाता था और जब मै उसकी खुली हुई
सुपारी पर ऊँगली लगाती थी तो वो मस्ती में उछालने लगता था अब मै काफी देर
तक उसके लंड सि मंचे तरीको सि खेलती रही और अचानक बहुत सा गरम गरम गढ़ा
वुर्य मेरे हाथो में आ गया. इसके आगे की खानी अप्प लोगो के फीडबैक के बाद
भेजूंगी धन्यवाद
दुनिया की लगभग सभी जातियों में, सभी समाज में जब लड़के, लड़की सेक्स
करने लायक हो जाते हैं तो उनकी शादी कर दी जाती है और ये शादी बहुत ही
खुशी, गाजे बाज...
प्रेषक : अंकित पटेल …
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित पटेल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ।
दोस्तों यह मेरी http://antarvasnasex.net/ पर दूसरी कहानी ...
हेल्लो
दोस्तो मेरा नाम राज हे ओर में आज आपको अपनी ओर अपनी भाभी की कहानी
बताने जा रहा हूँ जिसमे मेने उन्हे नींद की गोली खिलाकर चोदा ओर ये मेरी
...