हेल्लो दोस्तो… आशा करता हूँ सब लोग बहुत खुश है और मस्त है…मैं
नये दोस्तो का मस्तराम डॉट नेट मे वेलकम कहता हूँ… और पुराने दोस्तो को
नमस्कार करता हूँ… नये दोस्तो के लिए मेरा परिचय ज़रूरी है… मेरा नाम राधव
हे और में वेस्ट बंगाल मे रहता हूँ. मैं एक बंगाली लड़का हूँ और मुझे दोस्त
बनाना अच्छा लगता है. स्टोरी शुरू करने से पहले मैं एक बात आप लोगो से
कहना चाहता हूँ… मैने जो स्टोरी लिखी है वो सब सच्ची घटना है. मेरे जीवन मे
घटा है…..मानो या ना मानो!!! तो चलो अब स्टोरी शुरू करते है—-मेरी यह घटना
को ज्यादा दिन नही हुआ आज से करीब एक साल पहले की घटना है. मेरे एक दोस्त
की शादी मे हुआ उसी शहर मे…एक दिन सुबह को फोन आया सूरज का और फोन पर बोला
की वो शादी कर रहा है. वो आ नही सकता इसीलिए फोन पर इन्वाइट किया. मैने
बोला ठीक है मैं चला आउंगा.. शादी के 3 दिन पहले मैं वहा पहुचं गया. शादी
का माहोल था इसीलिए बहुत अच्छा लग रहा था. सब लोग तैयारी मे जुटे हुए थे.
किसी को बात करने का समय नही था. मैं भी थोडा बहुत शादी मे काम कर रहा था.
बहुत लोगो से परिचय हुआ. एक दम घुल मिल गये थे उन लोगो से.. घर मे इतने लोग
थे की सभी से परिचय करने का मौका नही मिला,, मैं घर से सोच कर आया था की
शादी मे लड़की पटाउँगा थोडा बहुत टाइम पास हो जाएगा… इधर मेरा दोस्त सूरज
ने मुझे इतना काम सौप के रखा था की टाइम ही नही मिल रहा था किसी लड़की की
तरफ देखूं… मेने सोचा ठीक है अभी काम कर लेते है,, शादी के दिन देखा
जाएगा.. देखते देखते शादी का दिन आ गया.. हमारा सब काम खत्म. सुबह से हम
कुछ दोस्त लोग बियर पीकर मस्ती कर रहे थे.. शाम के वक़्त हम लोग रेडी होने
लगे,,, मेरे सब दोस्त तैयार होकर निकल गये. शादी के मंडप मे पहुचे 8बजे.
बहुत लोग आये थे.. मैं तो अपने काम मे जुटा था.. कौनसी लड़की पटाऊ …देखते
देखते बहुत समय निकल गया… लडकियों का ड्रेस कोड है क्लासिक बंगाली
साड़ी,,,सूरज के घर के सब लडकिया वही पहने थी। सबको देखने मे बहुत अच्छा
लग रहा था. मैं कॉफी पीने चला गया. कॉफी लेने के बाद जब मैं मुड़ा तो एक
भाभी सामने झट से आ गयी. और मेरी गर्म कॉफी मेरे हाथ मे गिर गयी. तब मैने
उसे नही देखा. आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | भाभी ने झट से
मेरा हाथ पकड के हवा देने लगी और बोलने लगी मुझे माफ़ करना !! जब उसने मेरी
नज़र से नज़र रखी तो मैं गया काम से.. आखों मे लम्बा काजल, माथे पर बिंदी,
कानो मे लंबी बाली, होंठो पर डार्क ग्लॉसी लिपस्टिक और होंठो के ठीक नीचे
एक छोटा सा काला तिल, जैसे लग रहा था की स्वर्ग से कोई अप्सरा नीचे आई हो.
कुछ देर तो मेरी नज़र उनसे हटी नही. अचानक भाभी ने मुझे कहा “जल रहा है
क्या ??” हां!! उपर से लेकर नीचे तक….” भाभी ने फिर कहा मैने हाथ के बारे
मे पूछा..” तब मुझे होश आया–”मैने बोला हाँ अभी ठीक है..” तब भाभी मुड कर
चलने लगी और जाते जाते पीछे मुड कर देखती रही गुस्से से. मैने एक दोस्त को
पूछा ये कौन है तो मेरा दोस्त मुझे बोला ये सूरज की भाभी है. 6 महीने पहले
शादी हुई है.. मैने पूछा इसकी उम्र कितनी होगी तो दोस्त ने बोला “20 या 21
होगी शायद.. तू क्यू पूछ रहा है??” मैने बोला ऐसे ही… उसके बाद बार बार वो
मुझे मुड कर देख रही थी और मैं भी अपनी नज़रे हटा नही पाया. मैं उसकी पूरी
बॉडी को देख रहा था. साड़ी के बीच मे जो खुली जगह थी वहाँ से उसका पेट साफ
साफ नज़र आ रहा था. उसकी कमर और पेट को देख कर मेरा लंड अंदर उछल रहा था.
उसकी बॉडी का रंग ऐसा था की अगर उसके शरीर मे जहाँ भी हाथ रखो वहा लाल हो
जाएगा. इतनी गोरी थी वो. उसकी कमर को सोचकर मैं अकेले ही तड़प रहा था और
मैं वहा बैठ के उसके शरीर के हर हिस्से के बारे मे सोच रहा था और आखें फाड
फाड के उसके कुल्हे को देख रहा था. और सोच रहा था उसके कूल्हों को मैं चूम
रहा हूँ.. कुल्हे के छेद मे उंगली घुसा रहा हूँ और पीछे के छेद अपना जीभ
डाल के गीला कर रहा हूँ…. ऐसा लग रहा था की इतने सारे लोगो के बीच मैं जाकर
उसकी कमर को अपने बाहो मे कस के जकड़ लू… ये सब सोचते सोचते मेरा लंड लंबा
हो गया था. और वो भी मुझे नोटीस कर रही थी, ना जाने क्यू.. ऐसे ही समय
गुजर गया शादी भी हो गयी। रात का टाइम है, सोने का वक़्त है.. घर मे इतने
लोग है की सोने को जगह नही है. सब लाइट ऑफ करके चारो तरफ सो गये है.. मुझे
कोई भी जगह खाली नही मिली. तो मैं सूरज की माँ को जगाया और पूछा माँ जी मैं
कहाँ सौऊ.. कोई भी जगह खाली नही है… तो माँ जी ने मुझे बाजू वाले कमरे मे
ले गयी। कमरा बहुत छोटा था. उस घर मे एक पलंग था. उसमे दो आदमी सोए हुए
थे. लाइट ऑन किया तो मैने देखा के एक तो कंबल डाल कर सो रहा था और एक बच्ची
थी. बच्ची को माँ जी ने गोद मे उठा लिया और मुझे कहा की यहा सो जाओ.. मैं
उस आदमी के साथ सो गया लाइट ऑफ कर के. माँ जी बच्ची को अपने साथ ले गयी।
उसके बाद मैं सोने की कोशिश कर रहा था. जब थोड़ी बहुत नींद आ रही थी तब ठंड
भी लग रही थी. तो मैं उस आदमी का कंबल शेयर करने लगा. अब हम एक कंबल मे सो
रहे थे. सोते वक़्त एक अच्छी सी खुशबु आ रही थी. ना जाने कहा से. अचानक
मेरे पाव मे कुछ जोरो से लगा. शायद छिल गया था. उठ के मैने अपने मोबाइल की
लाइट से अपना पैर देख रहा था. थोड़ा सा खून बह रहा था। देखते देखते मेरी
नज़र कंबल पर पड़ी. तब मैने जाना की मैं जिसके साथ सो रहा था वो कोई आदमी
नही था वो औरत थी. तब मैं कंबल छोड़ कर सो रहा था. पर नींद नही आ रही थी.
मैं सोच रहा था की मेरे साथ जो सोई हुई है वो कौन है??? वो भाभी तो नही??
फिर मैने सोचा की घर मे तो बहुत भाभियाँ है.. शायद उन्ही मे से कोई हो.. मै
अपने आपको रोक नही पाया. मैं मोबाइल की लाइट ऑन करके उसके चेहरे को देखने
की कोशिश की और मेरा शक सही निकला. मैं तो कुछ देर के लिए पागल हो गया था.
आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | क्या करूँ कुछ समझ मे नही आ
रहा था. और उसको तो सोते हुए कुछ भी होश नही है. एक कमरे मे बस हम दोनो..
मै उसको बहुत करीब से गौर से देख रहा था और भगवान से प्रार्थना कर रहा था
की मेरा जीवन साथी भी ऐसा ही हो… उसके बाद मेरा सेक्स बढता ही गया मैं अपने
आपको रोक नही पा रहा था। फिर मैने आहिस्ता आहिस्ता उसकी चादर को हटाया
मोबाइल की लाइट ऑन रखी. वो एक पिंक कलर की नाईटी पहने हुई थी. मै उसके उपर
से लेकर नीचे तक शरीर को अपने नाक से सुंघने लगा. उसके शरीर से चंदन की
खुशबु आ रही थी और मैं उतना ही उत्तेजित हो रहा था. फिर मैने उसके होंठ के
पास जाकर उसकी सास को सूंघ रहा था. फिर मैं रह ना सका. उसके लाल लाल होंठो
पर अपना होंठ आहिस्ता आहिस्ता छुआ. बहुत मज़ा आ रहा था. लग रहा था की मै इस
रात को इसको अपना बना लूँ. पर मजबूर था की मैं इसके आगे कुछ भी नही कर
सकता था। क्युकी अगर भाभी को और किसी को यह पता चल गया तो मै किसी को मुहँ
दिखाने के लायक नही रहूँगा… बहुत डर भी लग रहा था और अपनी सेक्स इच्छा को
रोक भी नही पा रहा था। फिर मैने सोचा की भाभी ने कौनसी कलर की पेंटी पहनी
होगी?? ये देखकर मैं सो जाऊँगा मन ही मन फ़ैसला कर लिया था. फिर मैने एकदम
सावधानी से उसके पेरो के पास गया और आहिस्ता आहिस्ता उसकी नाईटी को बहुत
साहस से थोडा उपर किया और मैने मोबाइल की लाइट से देखने लगा. उसके गोरे
गोरे पेर अपने होंठो से छुआ.. फिर जब मै लाइट से सीधे अंदर की तरफ देखा तो
शायद वो देखकर कोई भी पुरुष अपने आपको रोक सका होगा. अंदर पेंटी नही थी.
अंदर पूरी नंगी थी भाभी, भाभी की शेव किया हुआ गोरी चूत देख के मैं घबरा
गया और झट से सो गया। अब नींद कहा आने वाली थी. भाभी की वो सुंदर चूत देख
के मेरे मुंह मे पानी आ गया था. आप लोग तो जानते हो चूत का स्वाद मुझे सब
से ज्यादा पसंद है. इसीलिए शायद लडकियाँ मुझसे एक बार चुदवा कर बार बार
चुदवाना चाहती है. तो मैं घबरा कर कुछ देर के लिए लेटा रहा. मेरा सेक्स सर
पर इतना चढ़ गया था की मैने सोचा चाहे जो कुछ हो आज ये मौका मै हाथ से जाने
नही दूँगा.. मै पलंग से नीचे उतरा और धीरे धीरे से दरवाजा बंद कर दिया
फिर मै पलंग मे आ गया. फिर मैने बहुत साहस के साथ उसकी नाईटी को उसके घुटनो
के उपर ले गया. घबराहट के मारे मेरा हाथ कापने लगा और सेक्स के मारे मेरा
साहस और भी बड गया। फिर मैने उसकी नाईटी कमर के पूरी ऊपर उठा दिया. अब उसकी
चूत मेरे आखों के सामने थी. भाभी की सूरत जितनी खुबसूरत थी उतनी ही उसकी
चूत की रंगत. इतनी गोरी लाल चूत मैने कभी नही देखी. फिर मैने उसके पेरो को
एकदम आहिस्ता आहिस्ता अलग किया. भाभी तो एकदम होश मे नही थी. शायद जब यह
सोती है तब बहुत गहरी नींद मे सोती है… फिर मैने उसकी चूत की खुशबु सुंगने
लगा. बहुत देर तक सुंगने के बाद जैसे मुझे नशा चड गया। अब मेने ठान लिया की
मैं इसकी चूत अपने जीभ की लाली से भर दूँगा. फिर मै अपनी जीभ उसकी चूत मे
आहिस्ता आहिस्ता फेरने लगा. मैं चाटते चाटते अपना होश कब खो दिया मुझे
मालूम नही था। उसकी चूत से थोडा थोडा पानी निकल रहा था और मै वो सब चाट कर
पी रहा था. मैने अपनी बेहोशी मे उसकी कमर को बहुत जोरो से दबा के उसकी चूत
काट रहा था. तभी अचानक उसकी नींद टूटी और झट से उठकर मुझे ज़मीन मे गिरा
दिया और बोलने लगी तुम कौन हो?? मै कोई जवाब देने से पहले झट से पलंग पर
चढ़ के उसके मुहँ को अपने हाथो से दबा लिया और कहा की प्लीज़ आवाज़ मत
करो.. मैं वही हूँ जिसके ऊपर आप कॉफी गिरा दी थी…और मैं सब बताया की मैं ये
पलंग पर कैसे आया.. फिर मैने अपना वो सब कुछ बताया की मै आपको देख कर खुद
को रोक नही पाया. मुझे माफ़ कर दीजिए… माफी के लिए आप जो बोलेंगे वो मै
करूँगा… फिर उसने मेरा हाथ अपने मुहँ से हटाया और बोली ठीक है | आप यह
कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | पहले घर की लाइट ऑन करो.. फिर मैने
लाइट ऑन करके दरवाज़ा खोलने गया पर उसने मुझे रोका और अपने पास बुलाया। मै
उसके पास मे जाकर बैठा. थोड़ी देर बाद उसने पूछा तुम्हारा नाम क्या है??
मैने बोला राधव… उसने बोला ये तुम क्या कर रहे थे?? मैने बोला मुझे माफ़ कर
दीजिए.. दोबारा यह ग़लती नही करेंगे.. उसने बोला तुम मेरी वो गंदी जगह मे
अपना मुहँ फेर रहे थे तुम्हे क्या घिन नही आती है??,,, फिर से मेने बोला
मुझे माफ़ कर दो !! उसने बोला जो पूछा उसका जवाब दो… मैने बोला की मुझे यह
करना अच्छा लगता है चाटने मे… आज तक कितने लडकियों के साथ किए हो ये सब??
मैने बोला बहुत लडकियों के साथ… भाभी ने बोली सुबह होते ही मै ये बात
तुम्हारे दोस्त सूरज को बोलूंगी.. मे तो होश ही खो गया। मै भाभी के पैर पड़
गया और माफ़ी मागने लगा. अचानक उसने मेरे पीछे से बाल पकडे और बोली ये सब
करते हुए तब तुमको होश नही था??? ये बोलते बोलते जोर से मुझको अपने करीब
खिच के मुझे किस करने लगी. किस करते करते सोचने लगा यह क्या हुआ और मेरा
सोचना वही बंद हो गया. भाभी ने मुझे जानवर की तरह मेरे होंठो को अपने दातों
से काटने लगी. उसने अपनी लाल रसीले जीभ मेरे मुंह के पूरा अंदर डाल कर इधर
उधर घूमाने लगी. बहुत देर तक उसने मुझे किस की. उसके होंठो के रस से मेरा
पूरा मुंह पानी पानी हो गया. एक अजीब सा नशा चढ़ गया दोनो को। भाभी ने बोली
“राधव तुमको मेरी चूत बहुत पसंद है ना”?? मैने कहा “हा”… तो फिर से चाटो
ना प्लीज़.. फिर मैने भाभी की नाईटी उतार दी ब्रा को ना खोलते हुए। तेज़
रोशनी मे भाभी की चूत जैसे और भी चाहक रही थी. फिर मैने भाभी के कुल्हे को
हाथो से उपर करके उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दि और मज़े से उसकी चूत का
रस पीने लगा. वो तड़पति रही. मचलती रही. मेरे सर को अपने पेरो के बीच मे
कस के जकड लिया. मेरा दम घुट रहा था. मैने बोला भाभी मुझे दुख रहा है फिर
उसने अपना पैर हल्का किया. उसने बोला राधव मुझे तुम बस “कोयल” बोला करो..और
मेरे चूत को तुम कच्चा चबा जाओ… चाटो राधव चाटो जोरो से चाटो मुझे बहुत
अच्छा लग रहा है… ऐसा सुख मुझे आज तक नही मिला मेरे पति ने भी मेरी चूत को
अपने मुहँ नही लगाया..और मैं जोरो से उसकी चूत को चाटता गया. वो अपने कमर
हिलाती रही. बिन पानी के मछली के जैसा चटपटाती रही. मेरे बालो को अपने हाथ
से पकड कर अपने चूत मे मेरे मुहँ को दबाती रही और मैं उसकी चूत को जानवर की
तरह चूसता रहा. चाटता रहा फिर मैने उसको कुत्ते की स्टाइल मे होने को
कहा.. वो बिना कुछ कहे कुत्ते स्टाइल मे खड़ी हुई. फिर मैने उसकी पिछवाड़े
के छेद मे अपनी जीभ फेरने लगा. जितना उसको आराम मिल रहा था उतना ही ज्यादा
वो अपने पेरो को फैलाक़े उसके छेद को मेरे मुहँ मे डाल रहा था. मुझे भी
बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मैने कोयल को कहा के तुम मेरे मुहँ पर बैठ जाओ
अपने चूत को मेरे मुंह मे सेट करके और उसने वही किया जो मैने बोला। मेरे
मुंह पर बैठ कर वो अपने तरीके से अपनी कमर मेरे मुंह के उपर हिलाती रही और
मै अमृत की तरह उसकी चूत को चाटता रहा. कितनी अच्छी स्वाद थी भाभी की चूत
के रस मे. मै सब पी गया. कोयल की चूत का रस इतना निकला के मेरे मुंह के
चारो तरफ रस से भर गया. बहुत देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया मेरे मुंह
पर और सेक्स के मारे मै वो सब पी गया. फिर वो थक कर बिस्तर पर लेट गयी. आप
यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और मे भी उसके साथ बाजू मे लेट
गया. कुछ देर बाद उसने पूछा की यह सब मैने कहा से सीखा है?? मैने बोला ये
सब ब्लू फिल्म देखकर सीखा है… उसने बोला राधव ” जब मेरा मन चाहेगा तब क्या
तुम आओगे मेरी चूत को चाटने को?? प्लीज़ मना मत करना,, ये बात हमेशा गुप्त
रहेगी…” मैने तुरंत कह दिया “क्यू नही,,बेशक”.. फिर मैने उसकी ब्रा उतारी.
बहुत देर बाद उसके निप्पल मेरे सामने आये और देखते ही उसके निप्पल पर मै
टूट पड़ा क्युकी मुझे और सहन नही हो रहा था. उसकी लाल लाल निप्पल की चुचीयो
को अपने दातों से आहिस्ता आहिस्ता काटता रहा और चूसता रहा और अपने दोनो
हाथो से उसके निप्पल को दबाता रहा… फिर से जब उसकी सेक्स सर पर चढ़ रहा हो
जैसे लग रहा था की फिर से वो भूखी शेरनी हो गयी हो… अपने होंठो से उसको किस
करने लगा. बाए हाथ से उसके बोब्स को दबाता रहा और दाए हाथ की उंगली को
उसकी चूत अंदर डाल कर जोरो से हिलाता रहा. अंदर बाहर करता रहा और वो
सिसकारिया लेने लगी.. ईईईईईईईईईीइसस्स्स्स्स्स्स्स्आआ!!!!! ऊऊऊऊफफफ्फ़!!!!
आआहह!!!….. फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर हिलाती रही. जैसे ही
मेरा लंड लंबा हो गया उसने बोला तुम्हारा लंड तो मेरे पेट मे चला जाएगा…
इतना लंबा!!!!!! क्या मै तुम्हारे लंड को मुंह मे ले लू?? मैने बोला यह
क्या पूछने वाली बात है.. उसने मेरा लंड अपने मुंह मे लेकर चूसती रही.
चाटती रही. अपने जीभ की लाली से मेरे लंड को नहला दिया. लंड के नीचे दोनो
बॉल को अपने मुंह मे लेकर चूसती रही. देखते देखते मेरा लंड तैयार हो गया
था. अचानक मुझे याद आया की मै कॉंडम नही लाया. उसने बोला कोई बात नही तुम
कॉंडम के बिना ही करो.. पर निकलने के वक़्त तुम बाहर कर देना… उतना सोचने
का वक़्त नही था मेरे पास. मैने आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत मे अपना लंड
घुसाया उसको बहुत दर्द हो रहा था. इसीलिए में धीरे धीरे से अंदर बाहर करने
लगा। आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | जब धीरे धीरे से उसको
अच्छा लगने लगा तब मै अपनी स्पीड बड़ाने लगा और मुझे तो प्रेक्टीस थी की
लडकियों को कौन सी स्पीड सबसे अच्छी लगती है. अब मै ज़ोर ज़ोर से उसको
चोदने लगा. वो तडपती रही और मै भी तडपता रहा और उसको किस करते करते चोदता
रहा. मुझको होश नही था इसलिए मै अपना पूरा पानी उसकी चूत के अंदर डाल दिया.
फिर मै उसको अपने बाहो मे जकड के उसके उपर लेटा रहा. जब हम दोनो शांत हुए
तब मेने उसके होंठो को किस किया फिर मैने उसकी उसकी चूत को किस किया। फिर
हम दोनो ने कपडे पहन लिए और दरवाज़ा खोल कर सोने लगे. मेने उसको बोल दिया
की मेडिसिन ले लेना 72 घंटे के अंदर…. फिर जब भी वो बुलाती है मै चला जाता
हूँ… क्युकी मैने प्रोमिस किया था. क्युकी मै किसी का प्रोमिस नही तोड़ता
चाहे जान चली जाए। तो दोस्तो केसी लगी मेरी यह स्टोरी!!! अलविदा दोस्तो!!!
इंडियन सेक्स हिंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने भाभी की बड़ी बेटी को रसोई में काम करते करते ही चोद दिया. मेरे कहने पर वो स्कर्ट पहनती थी और पेंटी नहीं ...
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में उत्तरप्रदेश का रहने
वाला हूँ. ये स्टोरी जो अब में आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वो मेरी और
मेरी बहन के बारे म...
यह मेरी सच्ची कहानी है। मैं एक स्मार्ट, सेक्सी और सुन्दर लड़का हूं। वैसे
तो मैंने बीस बाईस लड़कियों के साथ सेक्स किया है पर यह मेरी प्रेमिका के
साथ पह...
pyasi chut नमस्कार दोस्तों, मैं निखिल हाजिर हूँ एक सच्ची घटना की कहानी
लेकर | मेरी ये कहानी लंड के मालिकों का लंड खड़ा कर देगी और चूत वालियों की
चूत ...
हेलो मेरा नाम रीना ( बदला हुआ ) है . में एक खुशहाल शादीशुदा
छत्तीस साल की महिला हूँ और एक घरेलु महिला हूँ , में दिखने में सिंपल हूँ
कोई ज्यादा ख़ास न...