मकान मालकिन की गांड चोदी

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हेल्लों फ्रेंड्स, मेरा नाम मनीष है और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ | मेरी हाईट 6 फुट है, मेरा शरीर गठीला है और मैं एक कंप्यूटर ऑपरेटर हूँ | दोस्तों मैं आज पहली बार अपनी कहानी लिखने जा रहा हूँ, इससे पहले मैंने अपनी कोई भी कहानी और बातो को किसी के साथ शेयर नहीं की थी | पर आज मैंने सोचा कि मैं आप सभी के सामने मैं अपनी बात रखु क्यूंकि कोई भी इंसान ज्यादा टाइम तक अपने दिल में कोई भी बात नहीं रख सकता है | दोस्तों, मैं आप लोगो को बहुत पुरानी बात बताने जा रहा हूँ, तो मैं अब कहानी चालू करता हूँ |

ये घटना आज से 7 साल पहली की है जब मैं दिल्ली में जॉब की तलाश में भटक रहा था | और जब मैं वहाँ पहली बार गया था तब मेरा कोई भी ठिकाना नहीं था वहाँ पर | तो मैं एक रूम ले कर रहता था और माकन मालिकिन जो थी उस रूम की वो नीचे रहती थी, और वो हर आने जाने वाले शक्श पर नजर रखती थी | वो बहुत तेज नेचर की आंटी थी, पर उनका फिगर लाजवाब था और सबसे मस्त आंटी की गांड थी | वैसे तो मैं जॉब की वजह से परेशान रहता था पर एक वजह और थी और वो थी आंटी का जिस्म जो काफी भरा हुआ था जब वो चलती थी तब उसकी गांड बहुत मटकती थी और ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मैं ये सोचता था की एक बार इसको चोदने का मौका मिल जाये | पर बस यही सोच सोच कर मैं मुठ ही मारता रह जाता था | एक दिन की बात है मैं जॉब ढूंढने के लिए राजीव चौक गया हुआ था | वहाँ भी मेरी दाल नहीं गली और मैं वहाँ से भी खाली हाँथ लौट रहा था | जब मैं घर पंहुचा था देखा कि आंटी नहा कर निकली है और गाउन पहना हुआ था शायद आंटी ने अपना शरीर साफ नहीं किया था क्यूंकि आंटी का गाउन गांड के अन्दर घुसा हुआ था और जब वो चल रही थी तब गांड की दरार एक दम साफ साफ दिखाई दे रही थी | ये देख कर मेरा लौड़ा फिर तन गया और जॉब न मिलने का दुःख भी गायब हो गया था मेरे दिमाग से | मैं बहुत जोश में आ गया था और (मन में सोचने लगा की आंटी के पीछे जाऊं और उनकी गांड पकड के चोद दू पर मैं सिर्फ ऐसा सोच रहा था | ) मैंने आंटी को आवाज़ दी कि आंटी खाना तैयार है क्या मुझे बहुत जोर से भूख लगी है | तब आंटी ने कहा हाँ तैयार है तू नहा कर फ्रेश हो जा मैं खाना निकाल देती हूँ |

फिर मैं नहाने चला गया और नहाते हुए आंटी के नाम की एक बार और मुठ मार लिया था | फिर मैं नहा कर निकला और आंटी ने हम दोनों के लिए खाना निकाल दिया था फिर हम खाना खाने लगे थे और तभी मैंने आंटी से कहा की आंटी आप बहुत सुन्दर लग रहे हो आज कुछ स्पेशल है क्या ? तब आंटी ने जवाब दिया नहीं रे पगले मैं रोज सिंपल ही रहती हूँ | तो मैंने आंटी को कहा कि नहीं आंटी कुछ तो बात है तभी आज आप ज्यादा चमक रहे हो.. तब आंटी हल्का सा मुस्कुरायी और कहा हट बदमाश ! फिर हम खाना खाने में लग गए और 15 मिनट बाद हमारा खाना हो गया | सॉरी दोस्तों मैं आप लोगों को आंटी के बारे में तो बताना ही भूल गया :- आंटी की उम्र 43 की थी और वो विधवा थी उनके पति और तीन बच्चे बस से एक्सीडेंट होने के कारण मर चुके थे जिस वजह से वो अकेले ही उस घर को चलाती थी | खाना खाने के बाद मैंने आंटी से कहा कि आंटी मैंने सोने जा रहा हूँ और फिर अपने रूम की तरफ और आंटी भी दोपहर के टाइम पर सो जाती थी और ये उनकी रोज की आदत थी, | यही सोच कर मैंने अपने रूम का दरवाजा नहीं लगया था और मैं नंगा होकर मुठ मारने लगा था और आंटी दोपहर के वक़्त कभी नही आती थी ऊपर | पर उस दिन पता नहीं कि कैसे आंटी ऊपर आ गई और मैं मुठ मार ही रहा था, मेरा माल झड़ने वाला था और आंटी आ गई और दोस्तों सभी जानते हैं की जब कोई झड़ने वाला होता है तो वो रुक नहीं पाता और मैं भी नहीं रुक पाया था और आंटी के सामने ही मैंने माल झड़ा दिया था | जब मेरा माल झड़ गया था तब मैंने कपडे पहने और आंटी के सामने खड़ा हो गया मुह लटका कर |

फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि ये सब क्या हो रहा है मनीष ? तो मैंने आंटी से कहा कि आंटी सॉरी मुझसे गलती हो गई और मैं दोबारा ऐसी हरकते नहीं करूँगा | तब आंटी गुस्सा नहीं हुई और वो मेरे पास आई और मेरे लंड को सहलाने लगी थी, मैं समझ गया था कि आंटी के अन्दर की कामवासना जाग चुकी है और आंटी भी गरम हो चुकी है मेरा लंड देख कर | आंटी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से रगड़ रही थी और मेरे मुंह से हलकी हलकी सिस्कारिया निकल रही थी और मैं ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह उऊंन्म ऊम्म्मंह कर रहा था | तब आंटी ने मुझसे पूछा कि कैसा लग रहा है मेरा ऐसा करना तो मैंने जावाब में कहा कि बहुत मजा आ रहा है | फिर आंटी ने मुझे बैठने का इशारा किया और मैं तुरंत कुर्सी पर बैठ गया | फिर आंटी ने मेरा पेंट उतार दी और मुझे नंगा कर दिया पूरा और मेरे लंड से खलेने लगी और मैं लगातार सिस्कारिया भरते जा रहा था | फिर आंटी ने मेरा लंड आपने मुंह में लिया और चूसने लगी और मैं अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म कर करने लगा | फिर आंटी ने अपने जो गाउन पहना था वो एक ही झटके में उतार दिया था और वो भी मेरे सामने नंगी हो गयी थी फिर मैंने आंटी का चेहरा पकड़ा और उनके होंठ में अपने होंठ रख दिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठो का रसपान करने लगे थे |

फिर मैं आंटी के जिस्म के हर एक हिस्से को बहुत अच्छे से चाटा था और चूमा था फिर मैंने आंटी के दूध पीना चालू कर दिया और आंटी अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म कर रही थी | मैं आंटी के दूध को अपने थूक से गीला कर दिया था और आंटी को भी बहुत मजा आ रहा था | फिर मैंने आंटी को बिस्तर पर लेटाया और उनकी चूत में जीभ डाल कर चूसने लगा और चाटने लगा, आंटी बहुत गरम हो चुकी थी और आंटी की चूत भी गीली हो चुकी थी | मैं आंटी की चूत को जोर जोर से चाटने लगा और आंटी अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म करने लगी | फिर आंटी ने मुझसे कहा की मनीष अब मुझे और मत तडपाओ और मझे चोद दो अपने लंड से | मैंने इतने सालो से एक बार भी चुदाई नहीं की है तुम मुझे चोद कर मेरी चूत की प्यास बुझा दो तो | मैंने कहा आंटी तुम टेंशन न लो अब मैं रोज ही तुम्हारी चूत की प्यास बुझाऊंगा | ये कहने के बाद मैंने तुरंत ही अपना लंड आंटी की चूत में दे मारा और चुदाई चालू कर दिया था और आंटी जोर जोर से अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म कर रही थी |  पूरे कमरे में फच फच फच की आवाजे गूँज रही थी और मैं जोर जोर से आंटी की चूत मार रहा था | और आंटी अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म कर रही थी | जिससे मुझमे और जोश बढ़ रहा था फिर मैंने आंटी 20 मिनट तक चूत चोदा था और फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और उनकी गांड चाटने लगा तो आंटी ने कहा कि मैंने आज तक गांड नहीं चुदवाई है |

तो मैंने कहा आप मुझपे छोड़ दो मैं सब कर लूँगा फिर मैंने आंटी की 10 मिनट तक गांड चाटी | फिर आंटी की गांड में लंड डाल कर उनकी गांड चोदने लगा और आंटी अहहाह्हहाह्हहा अहहहह्हहाह आह्हाहहहा अहहाहहहाहा आहाहह्हाहा ऊउन्न्ह ऊऊम्म्म्ह उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहहहः उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह अहहहहः अहहहाआ हाहहाआअ अहाअहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह ऊउम्म करे जा रही थी | आंटी की 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मैं आंटी की गांड में ही अपना वीर्य गिरा दिया था | अब मैं आंटी की 2 साल तक चुदाई करता रहा जब तक मैं दिल्ली में था | आंटी जब घर में रहती थी तब नंगी रहती थी और जब कोई मेहमान आता था तब ही वो कपडे पहनती थी |

दोस्तों मेरी इस कहानी पर अपनी राय जरुर दीजियेगा | मुझे इंतजार रहेगा