मेरी सुंदरता के आगे सब बेबस हो जाते

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मेरा नाम शालू है। मैं मध्यप्रदेश की रहने वाली हूं। मैं अपने माँ और पिताजी के साथ यहां रहती हूं। मेरे माँ बाप मुझे बहुत ही प्यार करते है। मेरी उम्र अभी 20 साल है और मैं एक कॉलेज की स्टूडेंट हूं। जूही को छोड़कर पूरे कॉलेज में मुझसे कोई ढंग से बात तक नही करता। सारे कालेज वाले हमेशा मुझे अलग ही नजर से देखा करते है। क्योंकि मैं बिल्कुल भी सुंदर नही हूं। इसी वजह से कोई भी मुझे अपना दोस्त नही बनाता है। वह सब मुझे ताने मारते रहते है। कॉलेज में एक लड़का मुझे बहुत अच्छा लगता है। उसका नाम विनय है। मैं उसे फर्स्ट एयर से पसन्द करती थी। लेकिन वह मुझे जरा भी पसन्द नही करता था। वह हमेशा मुझसे दूर रहता था। मैं उससे बात करने के लिये बहाने ढूंढती रहती थी। कभी मैं उससे नोट्स मांगने के लिए बात करती तो कभी कुछ लेकिन वह तो कभी भी मुझसे सीधे मुह बात ही नही करता था। वह हमेशा मुझे देखते ही अपना रास्ता बदल देता था।

मुझे यह बात बहुत बुरी लगती थी। पर फिर भी जिस दिन वह मुझे कॉलेज में दिखाई नही देता था उस दिन मैं उसे पूरे कालेज में ढूंढा करती थी। जैसे ही वह मुझे देखता था वैसे ही वह किसी और लड़की के साथ बात करने लग जाता था। हमेशा की तरह आज भी मैं अपनी दोस्त जूही के साथ कालेज जा रही थी। तभी कालेज में मुझे विनय दिखा। वह किसी लड़की के साथ हाथ पकड़कर हंसते हुए बाते कर रहा था। यह देखकर मुझे बहुत बुरा लग रहा था। मैं उसे काफी देर तक देखती गयी। मेरी दोस्त जूही हमेशा ही मुझे विनय से दूर रखती थी। क्योंकि विनय हमेशा मुझे दो चार बाते सुनाकर चला जाता था। उस दिन भी वह मुझसे कह रही थी कि तुम उसके चक्कर में मत पड़ो वह तुम्हारे लायक नही है। मैने उससे कहा कि हां वह मेरे लायक नही है। क्योंकि वह इतना हैंडसम है और मैं इतनी बदसूरत। वह मुझे कहने लगी कि ऐसा बिल्कुल भी नही है। वह तो एक नम्बर का लोफर है। वह तुम्हारी कदर नही करेगा।

मैं विनय को किसी और लड़की के साथ देखकर बहुत दुखी थी। मैं कालेज से सीधे घर चली गयी। घर जाकर मैं अकेले अपने कमरे में बैठकर रोने लगी। मैं अकेले बैठकर यह सोच रही थी कि और लड़कियां कितनी सुंदर है,  लेकिन मैं क्यों ऐसी हूं। उस दिन मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था। मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैं बहूत परेशान हो गयी थी। तभी थोड़ी देर बाद मेरी मम्मी मेरे कमरे में आई और कहने लगी कि आज तुम्हे देखने लड़के वाले आ रहे है। मैंने अपनी मम्मी से कहा कि मुझे शादी नही करनी और न ही मुझे कोई पसंद करने वाला है। मेरी मम्मी मुझे समझाने लगी की ऐसा नही बोलते तुम तो कितनी प्यारी हो। मैं अपनी माँ से कहने लगी कि, माँ को अपने बच्चे ही सबसे सुंदर लगते है लेकिन मैं तो बिल्कुल भी सुंदर नही हूं। इतने में मेरी दोस्त जूही भी हमारे घर पर आ गयी और कहने लगी कि आज तुम्हे मैं तैयार करूँगी। मैं उसे कहने लगी कि तुम्हे कैसे पता कि मुझे आज लड़के वाले देखने आ रहे है। मैंने तो तुम्हे कुछ नही बताया था। जूही कहने लगी कि मुझे ऑन्टी ने सब कुछ बता दिया था। इसीलिए मैं आज मैं तुम्हारे घर पर आई हूं। वो भी तुम्हे तैयार करने। मेरी माँ कहने लगी कि थोड़ी ही देर में लड़के वाले आने ही वाले होंगे तुम जल्दी से तैयार हो जाओ। इतना कहने के बाद मेरी माँ अपने काम पर लग गयी और जूही मुझे तैयार करने लगी।

मैंने उसे कहा कि मुझे इस तरीके से तैयार नही होना है। मैं ऐसी ही ठीक हु। थोड़ी देर बाद लड़के वाले आ गए। सब लोग आपस मे बाते कर रहे थे। तब तक जूही मुझे लेकर वहां पर चली गयी। हम दोनों भी वहां उनके साथ बैठ गए। वह लोग मुझे देखने लग गए। मैं समझ गयी थी कि ये लोग मुझे पसंद नही करेंगे और ना ही बोलने वाले है। थोड़ी देर बाते करने के बाद वह लोग चले गए। उस समय तो उन्होंने कुछ नही कहा लेकिन दो दिन बाद जब उन्होंने फोन किया तो वह कहने लगे कि हमे शालू की दोस्त ज्यादा पसंद आई। क्या आप उससे हमारी बात करवा सकते है। यह सुनकर मेरी माँ भी बहुत दुखी हो गयी थी। और मेरे पापा से इस बारे में बात कर रही थी। जब वह यह बात मेरे पापा से कह रही थी, तभी मैंने उनकी बात सुन ली और यह बात सुनते ही मैं दौड़कर अपने कमरे में चली गयी। कमरे में जाकर मैं रोने लग गयी। तभी मेरी माँ मुझे सहारा देने आई। मेरे मम्मी पापा भी इस बात से बहुत दुखी थे।

मेरी मां जब मेरे कमरे में आई तो मैं बहुत ज्यादा दुखी थी और उनसे कहने लगी कि मैंने आपको पहले ही समझाया था कि यह सब मेरे लिए ठीक नहीं है। मुझे अब बहुत ज्यादा दुख होने लगा है मुझे अपने आप पर दया भी आती है और तरस भी आता है आप उस बात को क्यों नहीं समझ रही हैं। वह कहने लगी कि चलो मैं तुम्हारे लिए कुछ अच्छा करती हूं। उन्होंने अब मेरा ट्रीटमेंट करवाया जिससे कि मैं बहुत ही ज्यादा सुंदर हो गई और मुझे अपने आप पर बहुत ही खुशी होने लगी।

जब मैं कॉलेज जूही के साथ गई तो विनय भी मुझे देखने लगा और वह मुझे देखकर दंग रह गया। वह खुद ही मेरे पास चलकर आया और मुझसे बात करने लगा। जब वह मुझसे बात कर रहा था तो मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। अब उसने मेरा नंबर ले लिया और वह मुझसे बात करने लगा। मैं भी उससे बात करने लगी।

एक दिन उसने मुझे कहा कि तुम मुझे कॉलेज के पीछे मिलना। मैं उस दिन कॉलेज के पीछे चली गई जब मैं कॉलेज के पीछे गई तो वहां पर बहुत ही सन्नाटा था। तब विनय आया और उसने मुझे पकड़ते हुए किस करना शुरू कर दिया। वह मुझे बहुत तेजी से किस कर रहा था जिससे कि मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। अब उसने मेरे कपड़ों को खोलते हुए मुझे वहीं नीचे जमीन पर लेटा दिया। वह मेरे स्तनों को बहुत अच्छे से चूस रहा था और मेरे स्तनों का रसपान बहुत ही अच्छे से कर रहा था। मेरे अंदर की उत्तेजना भी अब जाग चुकी थी और मैंने भी तुरंत उसके पैंट के अंदर हाथ डालते हुए उसके लंड को निकाल लिया और उसे अपने हाथ से हिलाने लगी। मैंने बहुत देर तक उसके लंड को हिलाना जारी रखा। जैसे ही मैंने उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो वह बहुत ज्यादा गर्म हो रखा था और वह बहुत ही खुश था। जब वह मेरे मुंह के अंदर अपने लंड को डाल रहा था वह पूरी उत्तेजना में आ गया। उसने मेरे दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मेरी चूत को चाटना शुरू किया। वह बहुत ही देर तक मेरी चूत को चाट रहा था। उसके तुरंत बाद उसने मेरे चूत मे अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही उसने अपने लंड को डाला तो मेरी वर्जिनिटी खत्म हो गई और मेरी चूत से खून निकलने लगा।

मेरी चूत से जैसे ही खून की पिचकारी निकली तो वह बहुत ही खुश हो गया और मुझे बहुत तेजी से धक्के मारने लगा। वह इतनी तेजी से मुझे चोद रहा था कि मेरा शरीर पूरा हिलता जा रहा था और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब वह मुझे चोद रहा था। मुझे बहुत ही आनंद आ रहा था और मैं अपने मुंह से सिसकियां निकाल रही थी। मैं जब अपने मुंह से सिसकियां लेती तो वह भी मुझे बड़ी तेज गति से चोदता जाता। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था अब उसने मुझे उठाते हुए मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया और मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब उसने मेरे चूत मे अपने लंड को डाला तो मुझे बहुत मजा आया और वह ऐसे ही मुझे बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था। मेरे मुंह से बहुत तेज आवाज निकलने लगी और मेरी उत्तेजना भी चरम सीमा पर पहुंच गई थी। मैंने भी अपने चूतड़ों को कस कर टाइट कर लिया और अब उसे बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही थी अपने लंड को अंदर बाहर करने में फिर भी वह बड़ी तेज गति से मुझे चोदने पर लगा हुआ था। थोड़े समय में उसका  वीर्य पतन हुआ तो उसने मेरी योनि से जैसे ही अपना लंड बाहर निकाला तो मेरी योनि से उसका वीर्य बाहर गिर रहा था।

अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और हम लोग कॉलेज की तरफ आ गए। मैं वहां से अपने घर चली गई और कॉलेज के जितने भी लड़के थे वह सब मेरी तरफ देखते रहते थे और सब सोचते थे कि कब वह मरी चूत मारेंगे। मैंने कई लड़कों से अपनी चूत भी मरवा ली थी।