बाबू रंगीला की कहानी उसकी ज़ुबानी

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हैलो भाइयों और उनकी प्यारी बहनों मैं बाबू रंगीला | वैसे ये मेरा असली नाम नहीं है मेरा नाम हितेश है और बाबू मेरे घर का नाम है और मेरी हरकतों से आगे रंगीला भी जुड़ गया है | मैं आगरा के पास के एक गांव का रहने वाला हूँ और अभी नागपुर में अपने जलवे बिखेर रहा हूँ | आप मेरे नाम से समझ गए होंगे मैं बहुत चोदु मिजाज़ का आदमी हूँ और मैं दुनिया में सिर्फ चूत मारने के लिए जीता हूँ | मुझे अगर नियमित रूप से चूत ना मिले तो मैं पागल होने लगता हूँ लेकिन मैं शादीशुदा इसलिए उस बात की अब मुझे कोई दिक्कत नहीं होती | मैं बहुत चुदाई की है अपनी ज़िन्दगी में जिनमें से कुछ का वर्णन मैं आपके सामने करने जा रहा हूँ |

तो प्रारंभ करते है एक बार की बात है मैं कपडे सिलने डालने जा रहा था तो वहाँ पर तीन दुकाने थी जिसमें से एक में एक लड़की बैठा करती थी और जो भी ग्राहक आता था उसे तीनो दूकान वाले आवाज़ लगा कर बुलाने लगते | जैसे ही मैं पहुंचा तो दोनों दूकान वाले आवाज़ लगाने लगे तो मैंने उस लड़की को और वो भी मुझे देख रही थी | उसने मुझे आने का इशारा किया और मेरे पैर उसी की तरफ चल पड़े | वहाँ पर उसके अलावा कोई नहीं था इसलिए उसी ने मेरा नाप लिया और उतने में ही मैंने अपनी छाप उसके दिल में छोड़ दी और उसने कहा आप दो दिन बाद आ जाना इतने ही टाइम पर तब कोई नहीं होता | मैं समझ गया लड़की अपने पाले में आ चुकी है बस फिर क्या था मैं दो दिन बाद पहुंचा | वो कपडे लेने अन्दर गई और मैं भी उसके पीछे हो लिया और जाके उसको पीछे से कसकर पकड़ लिया | उसने कहा ये क्या कर रहे हो ? तो मैंने कहा बस प्यार कर रहा हूँ और उसके कान के नीचे और गर्दन को चूमना शुरू कर दिया |

उसे भी अच्छा लग रहा था लेकिन लड़कियों को नाटक करने की आदत होती है तो वो अभी भी बोल रही थी छोडो कोई आ जाएगा | मैं फिर भी चूमने में लगा हुआ और वो गरम होने लगी फिर मैंने उसको पलटाया और उसको किस कर दिया | अब वो भी शुरू हो गई और उसने भी मुझे पकड़ लिया और किस करने लगी | फिर मैंने उसको दीवाल से टिका दिया और उसके हाँथ पकड़ कर उसे चूमने लगा | फिर मैंने उसका टॉप नीचे करके उसके दूध दबाये और चुसे भी और वो उम्म्म्मम्म उम्म्मम्म उम्म्म्मम्म अह्ह्ह अह्ह्ह्हह म्मम्मम्म म्मम्मम्मम करती रही | फिर मैंने उसकी जीन्स और पैंटी नीचे की और अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत में पेल दिया | जैसे ही मैंने लंड अन्दर किया उसकी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह निकलने लगी | फिर मैंने उसे चोदना शुरू किया और खड़े खड़े ही उसको झटके मार मार के चोदने लगा और वो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह ऊह्ह्ह्ह आआआअ आआआअ हह्ह्हह्ह्ह्ह आआआअ ह्ह्ह्हह्ह करती रही | मैं थोड़ी देर तक उसे चोदा और मेरा माल झड़ गया और मैंने लंड बाहर करके माल उसकी चूत पे गिरा दिया | वो मुट्ठ अपनी चूत पर रगड़ती रही और मैं अपनी पैन्ट पहनकर चला गया |

मैंने उससे उसका नाम ता नहीं पूछा था इसलिए मैं अगले दिन गया और उससे उसका नाम पूछा उसने अपना नाम रीमा बताया और उस दिन उसके चाचा भी दूकान पर थे इसलिए कुछ हो नहीं पाया लेकिन मैंने उसको कई बार चोदा एक बार तो मैंने उसकी दूकान की छत पर उसे ठोका था | ये तो हुई एक की बात अब मैं आपको एक और किस्सा सुनाता हूँ एक बार की बात है मैं अपने काम के लिए एक दूकान गया वैसे मैं सेल्स का काम करता हूँ और वसूली भी खुद ही करता हूँ | बहुत सी दुकानों में भाभीयाँ रहती है और वो पैसे देने में आना कानी करती है तो मैं उस मौके का फ़ायदा उठा लेता हूँ | तो एक दूकान में मैं गया और कहा भाभी जी आपका पैसा बाकी है तो भाभी ने कहा अभी मैं थोडा ही दे सकती हूँ और बाकी के 1000 बाद में दे दूंगी | तो मैंने कहा वैसे भाभी आपके एक हज़ार मैं दे दूंगा बस आप मुझे कुछ दे दो | तो भाभी मेरी सामने झुकी और कहा क्या ? तो मैंने कहा वही और दूकान के अन्दर आ गया | भाभी ने बाहर देखा कोई है तो नहीं और शटर नीचे करके मेरे पास आई और कहा चलो | तो मैंने भाभी को पकड़ा और उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके दूध दबाने लगा | भाभी थोड़ी दी अकड़ गई थी और जैसे ही मैंने एक हाँथ उनकी कमर में धीरे से डाला तो बिलकुल अकड़ गई |

फिर मैंने उनकी कमर से हाँथ ले जाकर पीछे उनकी गांड दबाना शुरू कर दिया और फिर मैंने भाभी को किस करना शुरू किया और उनके होंठों का रस चूसने लगा | फिर मैंने उसकी सारी उतारी और ब्लाउज भी और उसके दूध चूसने लगा और वो उम्म्मम्म्म्म उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म ह्ह्ह्हह ह्ह्ह्हह्ह उम्म्म्म म्मम्मम्म करने लगी | फिर मैंने उसको टेबल पर बैठाया और उसका पेटीकोट उठाके उसकी पैंटी उतारने लगा | फिर मैंने पैंटी उतारी और अपना पैन्ट नीचे करके लंड बाहर निकाला | उसने मेरे लंड को पकड़ा और थोडा सा हिलाया और फिर मैंने उसकी चूत पर लंड घिसा और वो अह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह करती रही | फिर मैंने लंड उसकी चूत में घुसाया और उसे हलके हलके झटके मार मार के चोदने लगा और वो धीरे धीरे आह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआअ आआआ करने लगी | मैंने थोड़ी ही देर में जोर जोर के झटके मारना शुरू कर दिए और वो आह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ आआआअ उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह्ह आआआआ आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करती रही | फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुंह में डाल दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी | फिर मेरा माल उनके मुंह में झड़ गया और मैं फटाक से अपने कपडे पहने और वहाँ से चला गया |

ये रही भाभी से मेरी चुदाई अब मैं आपको बताता हूँ कैसे मैंने अपनी दोस्त की साली को चोदा था | मेरे दोस्त जिसका नाम श्रीरंग है और उसकी साली एक नंबर माल है उसके साथ ही उसके घर में रहती है | श्रीरंग गांडू किस्म का इंसान है और वो कभी अपनी साली का फायदा नहीं उठा पाया लेकिन एक दिन जब मैं उसके घर गया तो मैंने उसकी साली को देखा और मैंने उसे चोदने का मन बना लिया | उसे कहीं जाना था और श्रीरंग अभी तक आया नहीं था तो मैंने कहा मुझे भी उसी तरफ जाना है चलो मैं छोड़ देता हूँ | वो मेरे साथ गाड़ी पर बैठी थी मेरे कंधे पर हाँथ रखकर तो मैंने ब्रेक लगाया और उसके दूध मेरे से चिपक गए | मुझे बहुत आनंद आया और मैंने कहा कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है ? तो उसने कहा नहीं | फिर ऐसे ही हमने बात की और मैंने उसे छोड़ दिया और फिर ऐसे ही मैंने एक दो दिन उसके घर गया और उससे बात करता रहता था जब तक श्रीरंग नहीं आ जाता था | एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था और मैं वहाँ टपक पड़ा तो मैं अन्दर जाके बैठा और उससे कहा एक कप चाय मिलेगी | तो वो अन्दर गई और मैं भी उसके पीछे हो लिया |

मैं जैसे ही उसके पीछे गया तो वो पलटी और उसने कहा क्या कुछ चाहिए ? तो मैंने उसे पकड़ लिया और कहा हाँ तुम | उसकी आँखें बड़ी हो गई और वो कहने लगी क्या कर रहे है आप ? तो मैंने कहा बस अपना प्यार जता रहा हूँ | तो मैंने उसको किस करने की कोशिश की तो उसने मुंह घुमा लिया और कहा नहीं तो मैंने कहा अब मान भी जाओ मैं तुम्हारा दीवाना हूँ इतना मत सताओ | फिर मैंने उसे किस कर दिया और वो शर्मा गई | फिर मैंने उसके दूध पकडे और दिल और जान से दबाना शुरू किया और वो मेरी आँखों में देखकर उम्म्म्मम्म उम्म्म्मम्म उम्म्मम्म ऊऊ म्मम्मम्म करने लगी | फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसने मेरा लंड देखकर कहा वाओ इतना बड़ा और फिर वो नीचे झुक गई और मेरा लंड चूसने लगी | उसने पहले मेरे लंड के ऊपर वाले हिस्से पर प्यार से जीभ फिराई और मुझे ठंडी सी लगने लगी | फिर उसने लंड अपने मुंह में डाला और मज़े लेकर चूसने लगी | फिर उसने मेरा लंड उठाया और मेरे गोटे चाटे और फिर से मेरा लंड चूसने लगी और मैं अह्ह्ह्हह ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह आआ अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह कर रहा था |

फिर मेरा निकलने को हुआ और मैंने लंड पकड़ा और हिलाने लगा और मैंने मुट्ठ उसके मुंह पर गिरा दिया और वो मेरा मुट्ठ चाटने लगी | फिर मैंने अपना लंड अन्दर किया और वहाँ से चला गया | फिर कुछ दिन बाद मैंने उसको बुलाया और एक होटल में ले जाकर खूब चोदा | ये सब फिर कभी लेकिन आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी और अगर अच्छी लगी तो ऐसी ही कहानी में लिखता रहूँगा |