chut ki khujli mitane ke liye chudwayi

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Hindi Sex मेरी शादी हुए 10 दिन होने बाला है, Stories सुहागरात को हरेक लड़की की चाहत होती है की उसका पति उसका घुघट उठाये प्यार से किश करे और और बाद में धीरे धिरे कर के एक एक कपडे उतरे और फिर दोनों के शरीर का मिलन हो जाये, वो भी पहली रात का सेक्स ज़िंदगी भर नहीं भूलने की चीज़ होती है, पर हुआ कुछ उलटा जो मेरी कोई सेक्स लाइफ नहीं है, क्या मेरी जवानी ऐसे ही काट जाये अगर आप ध्यान से सोचेंगे तो समझ आएगा की मैं किसी और से चुदवा कर कोई भी गलत काम नहीं किया, नाजायज रिश्ते के लिए पति ने ही कहा क्यों की वो इस लायक नहीं थे की वो मुझे संतुष्ट कर सके, मैं आपको बता रही हु, ये मेरी सच्ची कहानी है,
रात को मैं सज संवर के घुघट लिए अपने पति का इंतज़ार कर रही थी, मेरी मचलती जवानी और मेरी चूचियों को आज मर्द की जरूरत थी, पूरी जवानी का तड़पन आज खत्म होने बाला था, सोलहवीं साल से उठी हुयी आंधी आज में भटके हुए नाव का आज किनारा लगने बाला था पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, मैं आज के दिन के लिए पारदर्शी लाल रंग का ब्रा और पेंटी मंगवाई थी, ताकि मैं आज अपने पति को मदहोश कर दूंगी, वो आये थोड़ा देर तक बात चित की और तकिया लेके आराम से लेट गए, मैंने खुद अपनी घुघट उठाई और उनको अपने कातिल नज़रो से देखा पर कुछ भी नहीं हुआ फिर मैंने गर्मी का बहन करके आँचल निचे की ताकि मेरी बड़ी बड़ी और टाइट चूचियाँ जो की मेरे ब्लाउज के ऊपर भाग से थोड़ा थोड़ा दिख भी रहा था मैंने दिखाई, पर उन्होंने ज्यादा इंटरेस्ट नहीं लिया आप ये कहानी आप पर पड़ रहे है। फिर मैंने उनके हाथ को पकड़ा और आई लव you कह कर मैंने अपनी गुलभी मचलती हुयी होठ से उनके होठ पे एक रंगीन फुहार की तरह एक किश की, किश करते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ गयी सिहर गयी थी मैं क्यों की आज तक मैंने किसी भी मर्द को चुमी नहीं थी,मेरे रोम रोम खड़े हो गए मैंने सोचा मेरे पति थोड़ा शर्मा रहे है तो मैं सोची की दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये है तो मैंने ही स्टार्ट करती हु, मैं इस रंगीन रात को ऐसे ही नहीं खत्म करना चाहती थी मैंने अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया और पीछे से ब्रा का हुक भी और अपने चूची को आज़ाद कर दी मैंने उनका सर अपने गोद में लेके अपनी बड़ी बड़ी मस्त चूचियाँ जिसका निप्पल छोटा छोटा पर उस समय लाल और टाइट हो गया था मैंने अपने पति के मुह में पकड़ के दाल दी,

पति ने अपने होठ से दबाया और पिने लगे, मैं वैचें हो गयी एक के बाद एक चूची को उनके मुह में डाल रही थी और सेक्स की पहली सीढ़ी का मज़ा ले रही थी, मेरा बूर पानी पानी हो गया था आग धधक रही थी मेरी बूर में, अब तो मुझे लंड का इंतज़ार था मैंने उनको पटक के उनके ऊपर चढ़ गयी कुरता पजामा को खोल दिया और मेरी मोटी मोटी जांघ और भरपूर चूतड़ को उनके जांघिये पे टिका दी और रगड़ने लगी, मेरी चूचियाँ उनके छाती के ऊपर झूल रहा था मैंने उनके हाथ को पकड़ा और चूचियाँ को दबाने के लिए कहा वो मेरी चूचियों को दबाने लगे मेरे तन बदन में आग लग गयी थी.फिर मैंने उनके होठ को कान को काटने लगी, आप ये कहानी आप पर पड़ रहे है। और जीभ से चाटने लगी, उनके लंड की सुग बुगाहट ने मुझे और भी सेक्सी बना दिया था, मैंने उनका जाँघिया खोल दी और अपना पेंटी भी उतार थी थोड़ा ऊपर चढ़ के मैंने अपनी बूर को उनके होठ के रख दी, मेरा बूर तो पानी पानी हो गया था अफ्ले मैंने खूब चटवाई उन्होंने जीभ अंदर बाहर करने लगे लस लासा पदार्थ बूर से निकलने लगा और और एक बार मैंने अपने आनंद की प्राप्ति करते हुए झड़ गयी, पर जोश भरपूर था फिर वही रंग, मैं पूरी तरह से फिर तैयार हो गयी उस समय मेरे पति मेरा बूर चाट रहे थे, मैं लंड घुसवाने के लिए व्याकुल हो रही थी फिर मैंने निचे गयी तो उनका लंड khadaa हो चुका था मैंने लंड को पकड़ के बूर के मुह के पास रखी और बैठ गयी, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्याआआआआआआ बताओ दोस्तों कैसा लगा था जन्नत का सैर कर रही थी मैं ऊपर हुई तो उनका लंड धीरे धीरे कर के बूर से बाहर निकला,