हमारे पड़ोस में एक निःसंतान अंध दंपति का जोड़ा रहता था। आदमी की उम्र 35 के करीब की थी और औरत की 30 के करीब। मैं उन्हें चाचा चाची बुलाया करता था। चाचाजी जॉब करते थे, वही चाचीजी हॉउस वाइफ थी। हमारे फ्लोर पर कुल चार प्लैट थे पर बाकी हर घर में हजबंड वाइफ दोनों जॉब करने वाले थे। मेरे मम्मी पापा भी जॉब करते थे। मस्त कहानियाँ हैं, दिनभर फ्लोर पर सिर्फ मैं और अंधी पड़ोसन चाची रहते थे। इसके चलते हम लोगों में अच्छी घनिष्ठता बन गयी थी। वो कुछ भी काम हो तो मुझे बुला लेती थी और मैं भी हसीखुशी उनकी मदद करने चला जाता था। कभी कभी हम साथ में बजार जाते। कभी उनको अकेले कही जाना होता तो भी वो मुझे साथ में ले लेती, ताके रास्ते में वो मेरा हाथ पकड़ कर चल सके। इससे उन्हें क्रॉसिंग में आसानी हो जाती। खरीदारी वैगरा करते वक्त मैं उन्हें चीजों के बारे में बता देता। कभी कभार मैं उनके घर में टीवी देखने बैठता तो वो मूवी या सीरियल्स के दृश्यों के बारे में पूछती। मैं उन्हें दिखाई दे रही चीजों का वर्णन कर के बता देता। ठीक ऐसे ही, मैं कभी कभार उनको किताबे पढ़कर भी सुनाता था। एक दिन हम दोनों एक मेले में गए, उसी मेले में उस दिन एक बड़ा जुलुस
निकलने वाला था जिसके चलते हजारो लाखो लोगों की भीड़ उस मेले में इकट्ठा
हुयी थी। चाची मेरा हाथ छूट कर बिछड़ ना जाये इसलिए मैंने उन्हें अपने आगे ले लिया था और पीछे से मैंने उनके बाजू पकड़ लिए थे। भीड़ इतनी थी की हम एक मिनट में एक कदम ही आगे चल पा रहे थे, ऊपर से
पीछे से आनेवाली पब्लिक धक्का दे रही थी जिसके चलते मैं चाची से पिछेसे
बिल्कुल सट गया था। जिसका नतीजा ये हुआ के उनके पिछवाड़े के घर्षण से मेरा लंड पैंट में ही खड़ा हो गया जो चाची की गोल मटोल गांड से रगड़ खाने लगा। इससे पहले कभी ऐसा हुआ नहीं था पर आज उनके स्पर्श से मन उत्तेजित हो उठा। चाची भी मुझे अपनी पोजीशन चेंज करने को नहीं कह रही थी। दरसल हमारे पास उतनी जगह भी नहीं थी के हम अपनी पोजीशन चेंज करे। उत्तेजनावश मैंने चाची के बाजू छोड़े और उनकी कमर में एक हाथ डाला और दूसरे से उनकी हथेली मेरी हथेली में ले ली। चाची को भी शायद ये अच्छा लगा था। वो भी अब किसी ना किसी बहाने दाये बाये हिलती ताके उनकी गांड का घर्षण मेरे लंड से हो। हम लोग इससे ज्यादा और कुछ उस भीड़ में कर नहीं सकते थे। पर अनकही आग सुलग चुकी थी। जब मेले से घर लौटे हम नॉर्मल थे। सेक्स की वासना जो हमारे दिल में तैयार हुयी थी, उसकी पहल कौन करे ये सवाल हम दोनों को सता रहा था। कुछ दिन फिर नॉर्मल गए। कही कुछ भी नहीं हुआ। एक दिन हम एक अंग्रेजी फिल्म देख रहे थे, जिसमे एक सेक्स सीन पर
हीरो हिरोईन की सेक्सी बातें और अजीबों गरीब आवाजों ने चाची के दिल में भीड़
वाली यादें ताजा हो गयी। ये लोग जो इतना एक्साइटमेंट में चिल्लाते हैं क्या सच में इतना सब दिखाते हैं फिल्मों में ? – चाची ने सवाल किया। हाँ, सबकुछ। मुझे तो मौका मिल गया था। इसमें क्या क्या दिखा रहे हैं? चाची मेरे मुँह से सेक्स की बातें सुनना चाहती हैं यह मैं समझ गया। मैंने मौके का फायदा उठाकर फ़ौरन अपना मोबाईल टीवी से कनेक्ट कर दिया। उसमें एक पॉर्न मूवी थी जो मैंने शुरू कर दी। चाची को पता ही नहीं चला के मैंने ऐसा कुछ किया हैं। क्या हुआ आवाजे क्यों बंद हो गयी? कनेकशन के दौरान चाची बोली। चाची ये फिल्म सी डी पे चल रही थी, आपको सीन समझाने के लिए मैंने उसे थोड़ा रिवाइंड किया हैं। मैंने बहाना बनाया। क्यों रे ? देख के दिल तो नहीं मचल गया तेरा ? अभी शादी नहीं हुयी हैं तेरी। – चाची ने ताना मारा। वो तो जब होगी तब होगी, कहकर मैंने मूवी ऑन कर दी। भ अ अ अ अ …धप एक कार में से एक खूबसूरत लड़की उतरी, वो अपने बॉयफ्रेंड के घर में
दाखिल हुयी। उसके अंदर आते ही बॉयफ्रेंड ने उसे ऊपर उठाया और उसे किस करने
लगा। मैं चाची को स्टोरी समझाने लगा। उसके घर में कोई और नहीं हैं ? – चाची ने बीच में ही सवाल किया। नहीं हैं, मैंने जवाब दिया। ऐसे कैसे हो सकता हैं ? – उन्होंने फिर पूछा। क्यों नहीं हो सकता ? अभी हम और आप भी तो अकेले ही हैं घर में। मैंने मौका देखके अहसास दिलाया के आज जो चाहे पूछो हर चीज बताऊंगा। हो हाँ, ये भी हैं। कहकर वो आगे की आवाजे सुनने लगी। ख़ामोशी क्यों हैं? ये लोग कुछ बोल क्यों नहीं रहे? चाची ने पूछा। लड़का तो बोल सकता हैं पर लड़की नहीं बोल सकती। मैंने अधूरा उलझानेवाला जवाब दिया। क्यों वो क्यों नहीं बोल सकती? उन्होंने उत्सुकतावश पूछा। चाची लड़की के मुँह में …… क्या हैं? लड़की के मुँह में लड़के … का….. हट कुछ भी बोलता हैं ऐसा कभी होता हैं क्या? सच में चाची आपकी कसम। मेरे गले की कसम? आपके गले की कसम, कहते हुए मैंने अपनी उंगलियाँ उनके गले पर रख दी ऐसा करते हुए मैंने अपना हाथ उनके बूब्स से सटाये रखा। ए! उसे गंदा नहीं लगता होगा? शायद नहीं, क्यों की वो कुल्फी की तरह उसे चूस रही हैं। कैसा लगता होगा ना? आप देखना चाहोगी कैसा लगता हैं? मैंने डाइरेक्ट पूछ लिया। मार खायेगा, फाल्तू बातें करेगा तो, वो गुस्से से बोली। इसमें मार खाने वाली कौनसी बात हैं वो लड़की उसका वो ट्राय कर रही हैं आप उँगली को ट्राय करके देखो। मैंने बात को पलटकर कहा। हट बेशरम कहते हुए, वो शरमा कर हसी। उनको हँसते देख, मैंने अपनी उँगली उनके गुलाबी होठों पर फेरनी शुरू की। उन्होंने मना नहीं किया। मेरा होसला बढ़ गया, मैंने धीरे धीरे अपनी उंगली उनके मुँह में अंदर बाहर करनी शुरू की। एक एक करके मैंने अपनी सारी उँगलियाँ उनके मुँह में डाली, जब अंगूठा होठों को छुआ तो उन्होंने पूछा, ये उँगली ही हैं ना? हाँ! अँगूठा हैं, मैंने कहा। मुझे नहीं लगता, उन्होंने अविश्वास दिखाते हुए कहा। अँगूठे का स्पर्श और उसका स्पर्श अलग होगा ना चाची? मैं समझाने लगा। कैसे अलग होगा? दोनों हैं तो चमड़े के ही ना? उन्होंने फिर कहा। ये देखिये ये अंगूठा हैं मैंने अंगूठा उनके होठों पर फेरते हुए कहा। फिर बिना कुछ बोले अपना लंड चुपचाप उनके होठों पर रख दिया। तूने उसे भी मेरे होठों पर लगाया? तू तो अब गया। कहते हुए वो मुझे
अगल बगल हाथ फैलाकर ढूंढने लगी। पर मैं तो लंड को होठों से टच करते ही उनसे
दूर हुआ था। भाग मत पास आ, वो गुस्से से बोली। आप मारेंगी तो नहीं? मैंने दूर से ही पूछा। नहीं, पर तू पास आ। मैं उनके पास गया तो उन्होंने मेरे बाल जोर से नोच लिए। अब ये क्यों चिल्ला रही हैं? फिल्म की हिरोईन की सिसकारियाँ सुनकर उन्होंने पूछा। अब हीरो उसकी चूस रहा हैं, मैंने कहा। क्या? वही नीचेवाली, मैंने जवाब दिया। कैसे लोग हैं ये? और इसके लिए वो इतनी चिल्ला रही हैं? उन्हें कोसती हुयी चाची बोली। मजा आता होगा ना चाची, मैंने आहिस्ते से कहा। इसमे कैसा मजा? लिए बैगैर तो नहीं पता चलेगा ना, क्या चाचा…… ? मैंने पूछना चाहा। अरे नहीं रे, कहती हुयी वो शरमाई। मजा तो आता ही होगा चाची दोनों को भी, आप ही बताओ उंगलियाँ चूसने में मजा आया ना। हाँ, वो तो आया। और उसे? मैंने लंड के बारे में पूछा। हट, बेशरम तेरे को मारा नहीं नसीब समझ। चाची? मैंने उनको बीचमें ही टोक दिया। क्या हैं? एक बार दिखा दो ना आपकी, मेरी अब डेरिंग बढ़ गयी थी। टीवी में देख रहा हैं ना? वो तो नकली हैं, असली दिखा दो ना। तू पागल हो गया हैं ऐसी गंदी फिल्म देखके कुछ भी बके जा रहा हैं। प्लीज दिखा दो ना कहते हुए मैंने उनके गोद में सोकर उनकी साड़ी ऊपर
कर ली। अंदर पैंटी नहीं थी, उनकी साफसुथरी लाल लाल चूत मुझे नजर आ रही थी। कैसी हैं? उन्होंने पूछा। मस्त लग रही हैं चाची, लाल लाल एकदम, गीली भी हुयी हैं। वो तो होगी ना? मैंने झटसे उनकी बुर का एक किस ले लिया। आ आ आ पागल, चाची मजे में बोल पड़ी। उनको मजा मिलते देख, मैंने उनकी बुर चाटनी शुरू कर दी। चाची आ आ आ अ उ उउ उउ उउ उ आ आआ अ की आवाजे निकालने लगी। जब वो ज्यादा जोश में आ गयी तब मैंने ६९ की पोझिशन ले ली। अब मैं उनकी बुर चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी। थोड़ी देर हम युही मजा लेते रहे। थोड़ी देर के बाद चाची पूछी, फिल्म में क्या चल रहा हैं? फिल्म में हीरो हिरोईन को सुलाकर उसकी चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा हैं। तो तू क्यों चाटे जा रहा हैं? मैं समझ गया अब इन्हे चूत में लंड डलवाना हैं, मैंने उन्हें सीधा
करके उनके पैर फैलाये और लंड को चूत में घुसेड़ दे दनादन शॉट मारने शुरू
किये। टीवी में हीरो हिरोईन की चुदाई चल रही थी, बेड पर हम दोनों की सरे कमरे में चुदाई की आवाजे गूँज रही थी। अचानक हम दोनों तेज झटकों के साथ शांत हो गए, पर झड़ने के बाद भी हम एकदूसरे से लिपटे रहे, मैं उन्हें वो मुझे किस करती रहीं। कहानी के बारे में आपके जो भी अच्छे सुझाव हो आप मुझे मेल कर दीजिये। फालतू मेल में आपका और मेरा किमती वक्त जाया मत होने दीजिये। मेल करते वक्त कहानी आपने किस साइट से पढ़ी कहानी का टाइटल क्या हैं
और आपको उसका कौनसा हिस्सा पसंद आया ये बता देंगे तो मेल का मोटिव समझ में
आयेगा।
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