लंड से माल छूटते ही मैं नार्मल हो गया। इतने में मेरी बहन आ गयी

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हाय फ्रेंड्स मेरा लल्लू है। देखनें में एक लल्लू टाइप का दिखता हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। मेरे पास भी हर लड़के की तरह किसी लड़की के साथ सेक्स करने का बड़ा अरमान था। लेकिन हर लड़की मेरे को भोला भाला समझकर अपनी चूत देने में हिचकिचा जाती थी। कोई भी लड़की मेरे को चूत देने के लिए तैयार ही नहीं थी। सारे लड़के सेक्सी सेक्सी बाते करके मेरा लंड खड़ा करा देते थे। उस समय मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता था। मेरी उत्तेजना धीरे धीरे बढ़ने लगी। शरीर से मै कुछ ज्यादा ही मोटा था। मेरा पेट काफी निकला हुआ था। मैंने मुठ मार मार कर अपने को किसी तरह से कण्ट्रोल कर रहा था। एक दिन एक लड़की का हाथ मैंने पकड़ लिया। उसने मेरे को मोटा गैंडा कहकर चली गईं।

मेरे को तब पता चला की मेरे मोटापे की वजह से कोई लड़की मेरे को अपनी चूत चाटने का मौका नहीं दे रही है। एक दिन मेरे पड़ोस में एक लड़की आयी। जिसका नाम दीपिका था। वो बहुत ही गजब की दिखती थी। देखने में ज्यादा सुन्दर तो नही थी। लेकिन उसका बॉडी फिगर बहुत ही लाजबाब था। मेरी बहन से उसकी दोस्ती हो गयी। वो मेरे घर आने जाने लगी। इसी बहाने मेरे को भी बात करने का मौका मिल जाता था। जिसकी वजह से मै उसे थोड़ा इम्प्रेस करने की कोशिश किया करता था। वो मेरे को कभी कभी हसी में छू लेती तो मेरा पूरा शरीर हिल उठता था। जैसे 440 बोल्ट का झटका लग गया हो। उसके बदन के स्पर्श से मेरे लंड खड़े हो जाते थे। फिर कुछ जल त्याग करने के बाद ही वो नीचे बैठते थे। इसी तरह से दिन गुजरते चले गए।

लेकिन मैं अपने दिल के अरमान को दीपिका से कह नहीं पा रहा था। दीपिका की 34″ इंच की चूंचियो को देखकर मेरा रोम रोम रोमांटिक हो जाता था। उसका चक्कर कही और चल रहा था। ये बात मेरे को फ़ोन के जरिये पता चली। जब वो मेरे घर आती थी तो हमेशा फोन पर ही लगी रहती थी। मेरा तो दिल ही टूट जाता था। एक दिन उसका फोन स्पीकर पर था। मेरे घर में मेरे अलावा मेरी बहन ही थी। वो बाहर कुछ लाने गयी थीं। दीपिका को एक पल के लिये लगा कोई नहीं है। काफी देर से फोन को कान में चिपकाए चिपकाए प्रोब्लम हो रही थी। तो उसने फोन को स्पीकर पर करके रख दिया। उसने उस दिन स्कर्ट पहना हुआ था। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम जब भी वो अपने टांग को उठाती तो चुपके से मै उसकी चिकनी टांगों को देख लेता था। मेरे को उसकी चूत को देखने की बड़ी बेकरारी हो रही थी। किसी लड़के से वो फ़ोन पर बात कर रही थी। जो दीपिका के साथ फ़ोन सेक्स करके उसे गर्म कर रहा था।

“डार्लिंग! जब से तुम गई हो हाथ से काम चला रहा हूँ” वो फोन पर बोला
“मै भी बहुत ज्यादा बेकरार हूँ चुदने को! कई साल हो गए लंड को खाये हुए!” दीपिका बोल रही थी

ऐसे ही गरमा गरम बाते करके दोनों गर्म हो गए। तभी उस लड़के को कोई काम याद आ गया। और वो किसी काम पर फ़ोन रखकर चला गया। उसके जाते ही दीपिका ने अपनी वीणा बजानी शुरू कर दी। अपनी स्कर्ट में हाथ डालकर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। मतलब फिंगरिंग शुरू कर दी। दीपिका भी उस समय मेरी तरह ही हो गयी थी। फर्क इतना था कि मैं हिला हिला कर काम चला रहा था और वो घुसा घुसा कर…..मैंने सोचा क्यों न मौके का फायदा उठाया जाये। लोहा तो गर्म है मार दूं हथौड़ा… इतना सोचकर मै दीपिका के पास पहुचा। वो अपनी चूत में ऊँगली घुसाये हुए थी। उसने अपनी चूत से तुरन्त ही ऊँगली निकाल ली। अपनी चुदासी मुह लेकर मेरे से बात करने लगी।

“तुम कब आये! मेरे को पता ही नहीं चल पाया” दीपिका ने कहा
“तुम स्पीकर पर फ़ोन करके बात कर रही थी। मै तभी आया लेकिन सोचा बात कर रही हो तो कौन डिस्टर्ब करे” मैंने कहा
दीपिका मेरी बातों को सुनकर समझ गयी की मैने उसकी बातों को सुन लिया है। वो बहुत ही डर गयी।

“तुम्हारी बातो को मैंने सुना है। लेकिन किसी से कहूंगा नही!” मैंने कहा
इतना सुनते ही दीपिका मेरे से चिपक गयी।
“तुम अपनी स्कर्ट में काफी देर से कुछ कर रही थी” मैंने कहा
“वो वहां..वहां.. के बाल बहुत बड़े बड़े ही गए थे तो खुजली हो रही थी” दीपिका ने हिचकिचाते हुए कहा
“तो उसमें कौन सी बड़ी बात है। तुम अभी रेजर ले लो और साफ़ कर लो” मैंने कहा

दीपिका को रेजर उठा कर दे दिया। दीपिका बॉथरूम में जाकर अपनी चूत के बालो की सफाई की। मैंने दीपिका के आते ही उससे उसकी चूत चुदाई के बारे में कहने लगा

“दीपिका तू भी मेरी तरह तड़प रही है। मैंने बैठे बैठे सब कुछ देखा है” मैंने कहा
“लेकिन यहाँ और किसके नाम ये चूत करू” दीपिका ने कहा

धीरे धीरे उसके पास बैठकर मैंने उसको चोदने की कोशिश में लगा रहा। मेरे को सफलता मिल ही गयी। दीपिका चुदने को राजी हो ही गयी। वो भी अपनी बुर को फड़वाने के लिए तैयार थी। मेरी बहन के आने का टाइम हो चुका था। काफी देर हो गया था उसे गए हुए। मैंने दीपिका को ऊपर के कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद किया। मेरी बहन आये तो समझे की दीपिका चली गयी है। इसीलिए उसका स्लीपर वगैरह सब ऊपर उठा ले गया। दीपिका भी हसी ख़ुशी से मेरे साथ चल दी। मेरे ऊपर पहुचते ही दीपिका मेरे ऊपर चढ़ लिया।
“आज मेरे को जी भर के चोदो! मै बहुत दिनों से लंड की प्यासी हूँ” दीपिका ने कहा
“मैंने तो अभी तक चूत रानी का दर्शन भी नहीं किया है” मैंने कहा
उसके बाद दीपिका को कमरे में पड़े बिस्तर पर लिटा दिया। दीपिका पानी बिना मछली की तरह तङप रही थी। लेकिन उसके बदन को चूम कर मेरा मन गदगद हो गया। उसके पूरे बदन को चूमते हुए उसके गले को किस करते हुए होंठ पर होंठ चिपका दिया। फूले हुए रसीले होंठो को चूसने में मेरे को बहैत मजा आ रहा था। दीपिका भीएरा साथ दे रही थी। एक दूसरे की होंठ को बारी बारी पीकर हम दोनों तृप्त हो रहे थे। होंठो की प्यास तो बुझ गयी थी। लेकिन अब लंड की प्यास भड़क चुकी थी। मैने दीपिका के टॉप को निकाल दिया। अब वो सिर्फ ब्रा में हो गयी थी। उसके चूचे साँवले रंग का दिख रहा था।

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सफ़ेद रंग की ब्रा में वो काफी जबरदस्त लग रहा था। मेरे को उसे चूसने की बहुत ही बेचैनी होने लगी। एक पल में उसके चूचे से ब्रा को अलग किया। उसके बाद मैंने अपना मुह लगाकर उसके काले काले निप्पल को चूसने लगा। लेकिन मेरे लंड का मौसम बना हुआ था। दीपिका भी मेरा लंड देखने को व्याकुल हो रही थी। उसके दूध को काटते ही वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकाल रही थी। मेरे मेरे को मेरी पैंट उतारने को बोली तो मैंने अपनी पैंट ऊतार दी। उस समय मेरा लंड मुरझाया हुआ था। फिर उसने मुझे अंडरवियर भी उतारने को कहा तो मैंने वो भी ऊतार दी। अब में दीपिका के सामने सिर्फ़ बनियान में खड़ा था।

मेरा 5 इंच का मुरझाया हुआ लंड देखकर दीपिका के मुँह से निकला ओह गॉड कितना इतना मस्त लंड है तुम्हारा? फिर वो मेरे लंड को पकड़कर देखने लगी। उसके हाथ लगते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा। थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया। मेरे को पूरा लंड सहलाते हुए वो मजे लेने लगी।

“पहली बार मेरे को इतना मोटा लंड मिला है। इतने दिनों का फल मेरे को बहुत ही जबरदस्त मिला है” दीपिका बोलने लगी। फिर मैं बोला अब इसे शांत तो कर दो। तो लतिका मेरे पास आई और मेरे लंड को सहलाने लगी। मेरे लंड को चूसने लगीं। इतने में मेरा लंड सख्त होने लगा।

““….ऊँ…ऊँ….ऊँ …मेरी चूत की रानी!!….चूसो और अच्छे से चूसो मेरे पप्पू को!!” की आवाज निकालते हुए और भी ज्यादा तेजी से उसे अपना लंड चुसाने लगा। उसके मुह में पूरा लंड चुसाने लगा। 5 मिनट में मेरे लंड ने अपना माल उगल दिया। जब दीपिका ने मेरा वीर्य देखा तो देखती ही रह गयी। मेरे लंड से माल छूटते ही मैं नार्मल हो गया। इतने में मेरी बहन भी आ गयी। मैंने झाँट से अपना तौलिया लपेटकर नीचे गया। अपनी बहन को दीपिका के घर जाने की झूठी खबर दे दी। मेरी बहन ने चाय बनाया और मै चाय को लेकर ऊपर आ गया। मैने दीपिका के साथ चुदाई का आनंद लेने के लिए फिर से ऊपर वाले कमरे में पहुँच गया।

“मेरी जान लंड का मौसम बन गया हो तो फिर से अपना खेल स्टार्ट किया जाये” दीपिका ने कहा
मै चाय का आनंद लेते हुए उसकी चूत की तरफ देखने लगा।

“दीपिका अपने दूध का दर्शन तो करा ही चुकी हो, अब अपनी चूत का भी दर्शन करा दो!” मैंने कहा

इतना सुनते ही दीपिका ने दरवाजा बंद करके अपना स्कर्ट निकाल दिया। अब मेरे सामने वो सिर्फ पैंटी में थी। मैंने उसकी चूत को देखने के लिए जल्दी से चाय ख़त्म की। उसकी चूत को चाटने के लिए उसे बिस्तर पर लिटाया और पैंटी निकाल दी। चूत तो उसकी वैसी ही थी जैसे मैंने सोचा था। बहुत ही चिकनी चूत थी। मेरे को देखकर रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत ही अपना मुह उसकी चूत पर रख दिया। वो तड़प सी उठी। मैने अपनी जीभ लगाकर उसकी चूत को चाटने में बहुत ही ज्यादा मजा ले रहा था। वो गर्म होकर गरमा गरम सिसकारियां निकालने लगी। वो जोर जोर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की सिसकारी निकालने लगी। कुछ देर तक तो मैने उसकी चूत को चाटा लेकिन वो मेरे सर को पकड़कर और जोर और जोर से “… उंह हूँ.. .हूँ… मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ…..ह मम अहह्ह्ह….अई…अई….” की आवाज के साथ अपनी चूत चटाने में मस्त थी। फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को किस किया और फिर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया। उसकी चूत में अपना लंड मै रगड़ रहा था।

“आहहहहह!! अब नहीं रहा जा रहा है. जल्दी करो शांत कर दो मेरे चूत की आग को मेरे राजा!” दीपिका ने कहा

मैंने उसके बूब्स कसकर पकड़े और एक जोरदार धक्का लगाया तो दीपिका चिल्लाई। आआईईई म्म्म्म्म् आआआआ उधर मेरे लंड में बहुत तेज दर्द हुआ। फिर कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा पूरा का पूरा लंड दीपिका की चूत में चला गया। फिर मैंने उसे आराम से चोदना शुरू किया तो थोड़ी देर मे लतिका भी मस्त होने लगी और बोलने लगी आआआह्ह्ह लंड के सरदार , मेरी जान चोदो अपनी लतिका को, बुझा दो मेरी प्यास! फिर मैं भी बोला कि हाँ जान ये लो फिर मैंने अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी और 10 मिनट के बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने और कसके धक्के लगाने शुरू कर दिया। उसकी चूत में अपना जड़ तक लंड घुसाकर चुदाई कर रहा था। मैने उसे बिस्तर पर झुकाया और जोर जोर से अपना लंड पेलना शुरू कर दिया। उसकी तो जान ही निकलने लगी।  मै भी झड़ने वाला हो गया। जोर जोर से उसकी चुदाई करके मैंने एक बार फिर से उसकी “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीखें निकलवा रहा था। कुछ ही देर में मै झड़ने वाला हो गया। मैंने अपना लावे की तरह गरमा गरम माल उसकी चूत के अंदर ही गिरा दिया और मेरे साथ ही दीपिका भी झड़ गयी थी। फिर जब मैंने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला तो देखा कि मेरे लंड की खाल हल्की सी कट गयी थी। जिससे मुझे दर्द हुआ था। फिर हम साथ में बाथरूम गये और एक दूसरे की सफाई की. फिर रूम में रखे क्रीम को दीपिका ने मेरे लंड पर क्रीम लगाया। हम साथ मे चिपककर कुछ देर तक मजा लिया। उसके बाद वो अपने घर चली गयी। जब भी मौक़ा मिलता वो मेरा लंड खा लेती थी।