हेलो दोस्तों,, मेरा नाम सर्वेश है। बाराबंकी का रहने वाला हूँ।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
मेरी दीदी की शादी लखनऊ में
हुई है। पिछले हफ्ते की बात है मैं दीदी को लिवाने के लिए आया था। अब
रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला था इसलिए मैं उनको ले जाने आया था। जब मेरे
जीजा जी को पता चला की दीदी पूरे 2 महीने के लिए मायके जाने वाली है तो
चुदासे हो गयी। अगले दिन सुबह 9 बजे ट्रेन थी। अब जीजा जी के पास सिर्फ एक
रात का वक़्त था। जो भी करना था इसी में करना था। रात हो गयी तो सब लोग साथ
में खाना खाने लगे। फिर सोने का टाइम हो गया। जीजा जी के कमरे में कूलर लगा
हुआ था। दीदी चाहती थी की मैं उनके कमरे में सो जाऊं पर जीजा जी चाहते थे
मैं दूसरे कमरे में सो जाऊं। उनके पास सिर्फ 1 रात का वक्त था मेरी सेक्सी
दीदी को चोदने के लिए। दीदी मुझे प्यार से छोटू पुकारती थी। गर्मी बहुत
जादा थी और दूसरे कमरे का पंखा बहुत धीरे धीरे चल रहा था। दीदी जानती थी की
मुझे नींद नही आएगी। मैं अब बड़ा हो गया था। चूत चुदाई की बाते अब मैं
समझने लगा था।
“आओ छोटू तुम हमारे कमरे में ही सो जाओ” दीदी ने कहा और कूलर के
सामने एक फोल्डिंग बेड डाल दिया। मेरा बिस्तर लगा दिया। आज मैं ट्रेन से
यात्रा करके आया था इसलिए मैं थका हुआ था। मैं तुरंत सो गया। दीदी और जीजा
जी भी अपने बेड पर लेट गये। उनका बेड मेरे फोल्डिंग बेड से 10 फिट दूर था।
जीजा जी दीदी के करीब आ गये। कमरे में सिर्फ एक छोटा नाईट बल्ब जल रहा था
इसलिए हल्का सा अँधेरा था। पर कमरे में क्या चल रहा है ये तो आराम से समझ आ
रहा था। मेरे जोर जोर से खर्राटे की आवाज सुनकर जीजा जी रोमानटिक हो गये।
मेरी दीदी को पकड़ लिया और सीने से लगा लिया।
आपको बता दूँ की मेरी दीदी बहुत
जबरदस्त माल थी। उनका नाम मीतू है। वो जबर्दास्त माल थी। दीदी बिलकुल
दीपिका दिखती थी। 36” की बड़ी बड़ी मचलती चूचियों को देखकर मेरे जीजा जी पागल
हो गये थे और फौरन ही शादी कर ली थी। दीदी की शादी से पहले उनके बॉयफ्रेंड
ने उनको खूब चोदा था। कई मर्दों से दीदी चुद चुकी थी। उनको सेक्स करने में
विशेष आनंद आता था। लंड चूस चूसकर चुदना उनको बेहद अच्छा लगता था। गांड
मराने का भी बहुत शौक था दीदी को। वो देखने में मस्त माल थी और साड़ी
बब्लाउस में तो एक सम्पूर्ण भारतीय नारी दिखती थी। ऐसी थी मेरी दीदी। जीजा
ने उनको बिस्तर पर पास खीच लिया और गालों पर चुम्मा देने लगे। इसी आवाज से
मेरी नींद खुल गयी। जीजा जी बहुत आवाज करके दीदी के होठो का चुम्मा ले रहे
थे।
“जान !! चूत दो ना। देखो मेरे पास सिर्फ आज का वक़्त है। कल तो तुम 2 महीनो के लिए मायके जा रही हो” जीजा जी बोले
“दूर हटो। देखो छोटू हमारे कमरे में ही सो रहा है। और तुमको मेरी चूत चोदने की पड़ी है” दीदी बोली और जीजा जी को दूर भगाने लगी
मैंने अपने चेहरे पर एक चादर डाल ली। पर एक छेद की मदद से मैं सब कमाल देख रहा था। आज मेरी दीदी मेरे सामने ही चुदने जा रही थी।
“मीतू!! देखो ये सरासर गलत बात है। छोटू तो खर्राटे लेकर सो रहा
है। उसे तो पता भी नही चलेगा। आज मुझे तुमको रात में जी भरकर चोद लेना है।
फिर 2 महीने तो हाथ से काम चलाना होगा” जीजा बोले और बार बार मनाने लगी।
फिर मीतू दीदी भी चुदने को राजी हो गयी। जीजा जी ने उनके ब्लाउस के बटन खोल
दिए। ब्लाउस उतार दिया। फिर ब्रा भी निकाल दी। जीजा जी दीदी के यौवन पर
टूट पड़े और जल्दी जल्दी उनके 36” के मम्मो हर हाथ घुमाने लगे। दीदी
“..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करने लगी। जीजा जी कमरे
में नाईट बल्ब की हल्की रौशनी में रासलीला कर रहे थे। मैं अपनी चादर को
हल्का से खोलकर सब नजारा देख रहा था। दीदी नंगी होकर कितनी टॉप क्लास माल
दिख रही थी। कितनी बड़ी बड़ी पालेमा एंडरसन की तरह बेताब चूचियां थी उनकी।
जीजा जी ने अपना चेहरे ही दोनों दूध के बिच में रख दिया और गुलगुली चूचियों
से खेलने लगे। वो पागल हो गये थे। आज रात ऐश करने के मूड में थे। हाथ से
दीदी के दोनों बूब्स को जोर जोर से दबा रहे थे।
दीदी“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”की
सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। फिर जीजा ने दीदी के बाए मम्मे को मुंह में ले
लिया और दबा दबाकर चूसने लगे। दोस्तों जब मैंने ये नजारा देखा तो मेरा लंड
उसी वक़्त खड़ा हो गया। मन हुआ की अभी आजकर अपनी दीदी को चोद लूँ। जीजा जी
पूरे जोश में आ गये थे और जल्दी जल्दी बूब्स को चूस रहे थे। दीदी के बूब्स
मलाई जैसे तिकोने और नुकीले दिख रहे थे। सफ़ेद चिकनी और तराशी हुई चूचियां
थी। निपल्स को बहुत नुकीली थी और पेन की नोंक की तरह दिख रही थी। निपल्स के
चारो तरह काले काले सेक्सी चन्द्रमा की तरह गोले थे जो बेहद सेक्सी दिख
रहे थे। जीजा जी दीदी के बूब्स को मुंह में लेकर ऐसे चूस रहे थे जैसे आज
पहली बार मजा ले रहे हो। मैं सब नजारा देख रहा था। मेरा लंड भी खड़ा हो गया
था। मेरी नींद तो छू मन्तर हो गयी थी।
“आराम से पीजिये जी!! लग रही है” दीदी ने कहा पर जीजा जी अपने फूल मूड में रहे।
वो तो दूध बदल बदलकर चूस रहे थे। फिर वो थक गये और लेट गये। मेरी
मीतू दीदी अब बिस्तर पर बैठ गयी। जीजा जी ने नीचे लोअर पहना हुआ था। दीदी
ने अपने हाथ से उनका लोअर उतार दिया। फिर जोकी वाली फ्रेंच अंडरवियर उतार
दी। दीदी जीजा जी का लंड जल्दी जल्दी फेटने लगी। जब मैंने अपनी आँखों से
देखा तो विश्वास ही नही हो रहा था। मेरी मीतू दीदी जीजा का लंड भी चूसती
होंगी ये तो मैंने सपने में नही सोचा था। मैं अपनी चादर के अंदर से सब कुछ
देख देख रहा था। दीदी जल्दी जल्दी जीजा जी का लंड फेट रही थी। 6” लम्बा और
2” मोटा लंड मैंने अपनी जिन्दगी में कभी नही देखा था। जीजा जी 6 फुट लम्बे
थे शायद यही वजह थी की उनका लंड 6” लम्बा था। दीदी किसी रंडी की तरह जल्दी
जल्दी लौड़े को फेटने लगी। उससे खेलने लगी। लौड़ा उसके चेहरे जितना लम्बा था।
फिर दीदी झुक गयी और लंड के टोपे
पर अपनी जीभ लगाने लगी। जीजा जी “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह
उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” करने लगे। उनको बड़ा मजा आ रहा था। फिर मीतू दीदी ने
लौड़े को मुंह में ले लिया और फेट फेटकर चूसने लगी। दोनों ऐश करने लगे। जब
मैंने देखा तो मन ही मन सोच रहा था की शादी बड़ी मस्त चीज होती है। लड़की की
चूत चोदने को मिलती है और लंड भी चुस्वाने को मिल जाता है। कुछ देर में
दीदी किसी देसी छिनाल की तरह जीजा का लंड चूस रही थी। जल्दी जल्दी अपने सिर
को उपर नीचे कर रही थी। खूब चूसने की आवाज हो रही थी। जीजा जी उनके बूब्स
की निपल्स को ऊँगली से घुमा रहे थे। दीदी भी सिसक रही थी। इस तरह आधे घंटे
से जादा लंड चुसव्वल हुआ। अब दीदी जीजा की गोलियों को हाथ से दबाने लगी।
फिर टॉफी की तरह मुंह में लेकर चूसने लगी। गोलियों को खूब चूसा उन्होंने।
दीदी से अपनी साड़ी उतारी और बेड पर ही किनारे रख दी। अपने पेटीकोट
का नारा उन्होंने खोल दिया और निकाल दिया। फिर चड्डी उतार दी। दीदी नंगी
होकर दोनों पैर खोलकर लेट गयी। जीजा जी उनके उपर आ गये और उनके टांग और
खूबसूरत चिकनी जांघो पर किस करने लगे। चुम्मी की चूं चूं की आवाज मैं साफ़
सुन सकता था। मैं जगा हुआ था और सब कारनामा देख रहा था। आज तो मुझे लाइव
ब्लू फिल्म देखने को मिल गयी थी। जीजा जल्दी जल्दी दीदी की चूत चाटने लगे
तो दीदी “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की सेक्सी
आवाजे निकालने लगी। खूब चूत को पीया जीजा ने। फिर अपना लंड चूत में डाल
दिया और जल्दी जल्दी दीदी को चोदने लगे। दीदी दोनों टांगो को उठाकर चुदवा
रही थी। बेड चर चर की आवाज कर रहा था। जीजा जी अपने 6” के ताकतवर लंड से
दीदी की चुद्दी फाड़ रहे थे। जल्दी जल्दी पेल रहे थे। दोस्तों कमरे में जहाँ
पर मैं लेटा हुआ था वहां से दीदी की चूत मुझे साफ़ साफ दिख रही थी। वो
दोनों दूसरी तरफ करके लेटे हुए थे इसलिए मैं सब कुछ देख पा रहा था। दीदी की
चूत में जीजा का लंड जल्दी जल्दी सर्कश का कमाल दिखा रहा था। अंदर बाहर
दौड़ लगा रहा था। दोनों खूब मजा काट रहे थे।
दीदी “ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….जान!!” ऐसा कर रही थी। वो भी भरपूर जोश में आ गयी थी। दीदी की बात सुनकर जीजा जी और कर्रे कर्रे धक्के मारने लगे। दीदी ने कामोत्तेजना में जीजा के सिर के बालो को पकड़ लिया और नोचने लगे। जीजा कमर उठा उठाकर दीदी के भोसड़े का कचूमर बना रहे थे। उनकी चूत से पानी बह रहा था। बार बार सफ़ेद क्रीम बाहर आ जाती थी और लौड़े पर लग जाती थी। इससे जीजा जी को अधिक चिकनाहट चूत के अंदर मिल रही थी। चूत मारने में मदद कर रही थी। एक बार फिर से जीजा ने अपने होठ दीदी के होठो पर रख दिए और उनको अपनी बाहों में समेट लिया। और चूसते चूसते उनको पेलने लगे। ऐसा गरमा गर्म सीन जब मैंने देखा तो मेरा तो माल ही झड़ गया। मेरे लंड से माल अपने आप छूट गया। पर मैं कुछ नही कर सका। मुझे तो चुप होकर सोने की एक्टिंग करनी थी। तेज धक्के मारते मारते जीजा जी चूत में ही आउट हो गये।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
फिर हांफकर दीदी के उपर ही लेट गये। दीदी उनके गाल और चेहरे पर
हाथ से सहलाने लगी। मैं सो गया और सुबह 4 बजे मेरी आँख खुल गयी। देखा तो
जीजा जी मीतू दीदी को कुतिया बनाए हुए थे और जल्दी जल्दी गांड चोद रहे थे।
एक बार फिर से मेरा लंड मेरे पजामे में खड़ा हो गया। जीजा जी ने आधे घंटे
दीदी की गांड चोदी। फिर गांड के छेद में ही माल छोड़ दिया। अगले दिन मैं
दीदी को बाराबंकी ले आया। जीजा जी अब फिर से प्यासे रह गये।