हाई दोस्तों मेरा नाम रुपाली है और मैं एक मिडल क्लास फेमिली से बिलोंग करती हूँ. हम लोग रत्नागिरी में रहते है. और मेरे घर में मेरे सिवा, मेरे मम्मी, पापा, दादी, भाभी और भैया है. मेरे भैया एक टेकनिकल डिग्री लिए है. और वो न्यूयॉर्क में रहते हे अपनी जॉब के लिए.
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आज की मेरी ये कहानी मेरे भाभी के रिलेटेड है. मेरे भाभी की उम्र 26 सालकी हैं. और वो दिखने में एक बहुत ही सुंदर औरत है. उसकी फेर स्किन, लम्बे काले बाल, काली आँखे, सेक्सी नाक गुलाबी चुदासी होंठ हैं. और उसके बूब्स का साइज़ करीब 36 इंच का है और उसके निपल्स एकदम कडक और नुकीले है. भाभी के बूब्स ऐसे हे की किसी भी लड़के का लंड उसको डेक के पक्का खड़ा हो ही जाए. भाभी देखने में एकदम श्रुति हासन के जैसी लगती है.
मेरे पापा हमारे यहाँ के कोलेज मेंसंस्कृत के टीचर है. मम्मी हाउसवाइफ है और भाभी हमारा डेरी का काम देखती है. वैसे ये कहानी आज से करीब डेढ़ दो साल पहले की हैं. तब मैं बारवीं में पढ़ती थी. और भाभी का बच्चा यानी की मेरा भतीजा अंश तब एक साल का था. मेरी और मेरी भाभी की बहुत बनती थी एक दुसरे के साथ में. मुझे भाभी की बातों से पता चला की वो भैया के न्यूयॉर्क में रहने की वजह से दुखी थी.
वैसे भैया 6 8 महीने में इंडिया आते थे. लेकिन अब इस सेक्सी उम्र में भला महीनो का वेट बड़ा ही किलिंग होता है वो समझने की बात है.
अक्सर भाभी के कमरे से मोअनिंग की और सिसकियों की आवाज आती थी. एक दो बार मैंने झाँक के देखा तो वो मोमबती के ऊपर कंडोम लगा के तो कभी चूत में सब्जी डाल के खुद को शांत करने के प्रयास करती थी. और अक्सर वो रोती थी रहती थी लंड के लिए अकेले में.
एक दिन मैं फ्री पीरियड की वजह से अपने समय से जल्दी ही घर पर आ गई. और घर पर देखातो कोई भी नहीं था. दादी पूजा कर रही थी और अंश सोया हुआ था. मैं हमारे डेरी फ़ार्म की तरफ चली गई भाभी को देखने के लिए.
डेरी की ऑफिस में भी कोई नहीं था. वैसे आप को बता दूँ की हमारे डेरी पर एक बोना नोकर है जिसका नाम राजू हैं. वो 35 साल से ऊपर का है लेकिन उसकी हाईट 4 इंच से भी कम हे. देखने में वो एकदम भद्दा है, काला और उसकी स्किन भी एकदम बूढी सी है.
पापा ने डेरी के काम के लिए उसे फ़ार्म में ही एक कमरा बनवा दिया हैं जिसमे वो रहता है. मैं राजू के कमरे के पास से निकली तो अन्दर से भाभी की सिसकियों की परिचित आवाज आई मुझे. मुझे पहले तो लगा की ये सिर्फ मेरा भ्रम है. लेकिन आवाज सच में वही से आ रही थी. और वो आवाज भाभी की ही थी.
मैं खिड़की के पास गई और अन्दर देखा तो भाभी बेड के ऊपर पड़ी हुई थी. और उसकी आँखे बंद थी. राजू उसके पास में बैठा हुआ था. और फिर राजू ने मेरी भाभी का पल्लू हटा दिया. और वो भाभी के गले के ऊपर किस करने लगा. वो भाभी के लिप्स के ऊपर आन चाह रहा था लेकिन भाभी ने उसे होंठ नहीं चूमने दिए.
फिर मेरी इस चुदासी भाभी ने राजू को अपने ऊपर आने के लिए कहा. नोकर राजू भाभी के ऊपर आके उसके दोनों बूब्स को पकड के दबाने लगा. और नेक के ऊपर जोर जोर से किस करने लगा.
भाभी आँख बंद कर के मोअन करने लगी थी. राजू ने भाभी की रेड कलर कीब्लाउज को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से ही भाभी के तने हुए और दूध से भरे हुए सख्त बूब्स को सक करने लगा. भाभी जोर जोर से मोअन कर रही थी जिसकी आवाज रूम में और उसके बहार भी आ रही थी.
भाभी की ब्रा को लिक करते हुए राजू ने निपल से दूध भी निकाल दिया जिस से ब्रा भीग सी गई. भाभी बहोत ही होर्नी हो गई थी. राजू बोने ने होठो में भाभी के बूब्स ले लिए और वो उन्हें मसलने भी लगा.
राजू ने अब भाभी की ब्रा को फाड़ दिया और भाभी के गुलाबी निपल्स वाले बूब्स उसके सामने थे. भाभी की साँसे एकदम तेज होने लगी थी. उसने बोने को अपने ऊपर खिंचा और बोली, चूस ले इसे राजू!
राजू ने अपने दांतों को भाभी के निपल्स के ऊपर लगा दिया और वो जोर जोर से दोनों निपल्स को पिंच भी कर रहा था. भाभी का हाथ अब निचे उसके लंड पर आ गया. वो पेंट के ऊपर से ही बोने के लंड को मसलने लगी थी.
राजू जैसे भाभी का बच्चा लग रहा था जो अपनी माँ का दूध पी रहा था!
अब मेरी सेक्सी भाभी ने पेंट की ज़िप खोली और लंड को बहार निकाली. लंड क्या वो बड़ी साइज़ की लूल्ली ही थी. करीब 4 इंच की साइज़ थी लेकिन मोटाई नोर्मल मर्दों वाली थी. भाभी उसे मुठ्ठी में पकड के हिला रही थी. राजू बोने ने अब भाभी के ब्रा को और बाकी के सब कपड़ो को खोल दिया.
इधर मेरी हालत भी कम खराब नहीं थी. उन दोनों को ऐसे काण्ड करते हुए देख के मेरी चूत भी गीली होने लगी थी. राजू बोने ने अब भाभी की गांड को प्यार से चूमा और वो बोला, चलो घोड़ी बन जाओ स्नेहा रानी.
भाभी ने कहा, पहले मेरी चूत चाट तो.
और भाभी बोने के सामने सीधी लेट गई और राजू उसके ऊपर आ के चूत में ऊँगली और जबान को डाल के चूसने लगा. वो अपनी ऊँगली से चूत के दाने को हिला रहा था. भाभी की झांट के गुच्छोवाली चूत में से काफीपानी भी निकल रहा था जिसे राजू बिना किसी झिझक के चाटने लगा था.
अब भाभी ने उसके बाल पकडे और अपनी चूत के ऊपर उसके माथे को एकदम से घिसने लगी. बोने ने एक ऊँगली भाभी की गांड में डाली और उसे हिलाने लगी.
भाभी बोली, अह्ह्ह्हह अह्ह्ह मादरचोद गांड का गु खाने को बेताब रहता हैं गंवार साला!
राजू बोला, अरे मेरी स्नेह रानी मैंतो तेरा एमसी भी पीता हूँ और तेरी गांड चाटने में मुझे बहुत मजा आता हैं.
भाभी ने कहा, आजा चाट ले फिर.
भाभी घोड़ी बन गई. बोने ने चूतड को खोला और गांड के होल पर जबान लगा के चाटने लगा. जैसे वो हरामी आइसक्रीम खा रहा था.
भाभी ने हाथ पीछे कर के लंड को पकड के स्ट्रोक किया और बोली, चल चढ़ जा मेरे ऊपर राजू.
राजू ने अपने लंड को भाभी की चिकनी चूत पर रखा और वो उसके ऊपर चढ़ गया. उसका छोटा लंड मस्ती से स्नेहा भाभी की सेक्सी चूत में ओझल सा हो गया. भाभी ने गांड के ठुमके लगाए और वो आगे पीछे कर के चुदने लगी.
मैंने जानती थी की मेरी भरी हुई भाभी के लिए ये लंड काफी नहीं था. लेकिन मज़बूरी में वो इस बोने से चुद रही थी. भाभी ने एक हाथ पीछे कर के राजू की गांड को अपनी तरफ खिंचा जिस से पूरा लंड अन्दर घुस सके. भाभी गांड उचका उचका के चुदने लगी थी.
और तभी राजू के लंड से पानी निकल गया. उसने एन मौके के ऊपर भाभी की गांड के ऊपर ही वीर्य निकाला. भाभी ने अपने हाथ में वीर्य के दही जैसे फ़ोदो को लिया और अपने एस्होल पर घिसने आगी.
राजू ने कहा, आज गांड मारने दो स्नेहा रानी.
भाभी ने काह, आज नहीं रे बहुत लेट हो गया है, रुपाली भी आती होगी. मैं जाती हूँ, एक घंटे के बाद भैसों की मशीन लगानी हैं दूध के लिए वहां मिल मेरे को.
और उसके वीर्य से लदी हुई गांड पर ही भाभी ने कपडे पहने और वो वहां से निकल गई. मैं साइड में छिप गई. भाभी के जाने के बाद फिर से खिड़की से देखा तो राजू अंदर बडबडा रहा था साली ने गांड नहीं दी आज भी.
पता नहीं क्या हुआ मुझे मैंने वही पर खड़े हुए कहा, मेरी मारनी हैं तो बोली?
उसने मुझे देखा तो एकदम घबरा गया!
मैंने कहा डरो नहीं मैं अन्दर आती हूँ.
मैं कमरे में गई तो राजू बोला, रुपाली तुम जाओ यहाँ से.
मैंने कहा, अब लंड लिए बिना मैं नहीं जाउंगी.
वो बोला कोई देख लेगा!
मैंने कहा भाभी के सिवा कोई इधर आता नहीं और वो तो तेरी रानी हैं, मुझे अपनी दासी ही बना ले.
राजू ये सुन के जोश में आया और बोला मुझे गांड मारने दोगी?
मैंने कहा हाँ!
तब मैं 18 साल की कच्ची कली ही थी.
उसने मेरे स्कुल के स्कर्ट में हाथ डाला और मेरी पेंटी को देखा तो बोला, तेरा तो भोसड़ा गिला हो गया मेरी रानी,
मैंने कहा मुझे लंड मुहं में दे दो अपना.
राजू खड़ा हुआ और मेरे कंधे के ऊपर हाथ रखे और बोला पहले लिप किस करते हैं.
उस मिडल एज नोकर ने फिर मेरे होंठो को चूम लिया. और फिर बोला, मुहं खोल रंडी मेरी.
मैंने जैसे ही मुहं खोला उसने अपना लंड अन्दर दे दिया. उसके अंडे मेरे होंठो को टच हो रहे थे और लंड तो पूरा उसने अन्दर घुसा दिया था. फिर उसने मेरे बाल पकडे और बोला, चूस मेरी रानी रुपाली!
मैं जैसे चिकन लोलीपोप खा रही थी वैसे उसके लौड़े को चूसने लगी. राजू ने मेरे बाल पकडे और वो मेरे मुहं को चोदने लगा. मैंने एक हाथ से उसके अंडकोष को पकड के दबाये तो वो कराह उठा. मैंने अब उसकी गांड को पकड ली और पुरे लंड को मुहं में भर के ऐसा सेक्सी डीपथ्रोट दिया की उसकी आह ही निकल गई.
उसने मुझे दूर किया और बोला, अरे मेरी जान गांड दे दे, नहीं तो पानी निकल जाएगा मुहं में ही.
मैंने कहा ले ले मेरे राजा.
उसने मुझे घोड़ी बना दिया. स्कर्ट को उसने मेरी कमर पर उठाई और पेंटी को घुटनों तक खिंच दी. मेरे गांड के छेद को देख के बोला, टाईट माल है तू तो मेरी जान.
मैंने पीछे हाथ कर के उसके लंड को हिलाया. उसके ऊपर काफी चिकना थूंक था मेरा जो गांड प्रवेश के लिए जरुरी भी था. लेकिन फीर भी वो मेरी गांड पर थूंक के लंड को पहले पहले तो सिर्फ घिसता रहा कुछ देर. मैं राजू का लंड चूत में लेना तो बहुत चाहती थी लेकिन प्रेग्नेंट होने का डर लगता था.
मैं दो ऊँगली से चूत के दाने को खुजा रही थी और छेद से भी खेल रही थी. तभी राजू ने अपने लौड़े को गांड में घुसाना चाहा. सिर्फ सुपाडा थोडा अंदर घुसा लेकिन काफी जलन हुई मुझे.
मैंने गांड टाईट कर दी. लेकिन राजू पक्का प्लेयर निकला. उसने चूतड दोनों साइड से पकड़ के खोले और अपे लंड के लिए जगह बनाई. फिर आधा लंड उसने अन्दर डाला. मैं बेतहाशा पेन में थी. लेकिन उस से उसको कहाँ फर्क पड़ना था.
उसने मेरे बोबे पकड लिए और पीछे से लंड घुसा दिया. फिर वो गर्म गर्म लंड को गांड में अन्दर बहार करने लगा. मैंने भी अपनी गांड को आगे पीछे किया और अपनी चूत को हिलाने लगी.
और फिर उस बोने ने अपने लंड का पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया!
फिर उसने लंड निकाला जिसे मैंने चूस लिया. वो बोला, तेरी गांड तेरी भाभी से भी काफी मस्त है. मैंने कहा, मजा आया न तुझे?
वो बोला, मजा तो इतना आया की क्या कहूँ तुझे.
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मैंने कहा आगे भी मैं तेरा लेती रहूंगी, बस कीसी को कुछ कहना मत.
फिर मैं अपनी पेंटी चढ़ा के स्कर्ट को सही कर के भाभी के पास चली गई. हम दोनों ने कुछ देर पहले एक ही लंड लिया था जिस से वो बेखबर थी!