अंदर भी चुदाई और बाहर भी चुदाई

HOT Free XXX Hindi Kahani
मेरा नाम सुमित है और मै छोटे से शहर मे रहता हु | मैने अपना स्कूल तो छोटे से शहर से कर लिया था, लेकिन कॉलेज मे आने के बाद मुझे बड़े शहर मे आना पड़ा |

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शहर मे, मेरे माता-पीता मुझे अकेले नहीं रखना चाहते थे तो उन्होंने मुझे हमारे एक पहचान वाले के यहाँ भेज दिया | वो किसी समय मे हमारे किरायेदार हुआ करते थे और हमारे परिवारों मे बड़ा मेल था | मुझे उनकी बीवी बहुत ही अच्छी लगती थी | मै उनको आंटी बोलता था | मै जब भी उनको देखता था, तो मेरा लंड टुन्न हो जाता था और मै उसको दबाने के लिए इधर-उधर भागता रहता था |  उनकी बेटी भी उन्ही के ऊपर गयी थे और बड़ी मस्त थी | उसका नाम नीली था | नीली की गोरी-गोरी और एक मस्त फिगर देखकर कुछ-कुछ होने लगता था और मन मे गुदगुदी होने लगती थी और मन करता था कि मै उनके चुचे बड़ी जोर से दबाऊ और उनकी चूत मे अपना पूरा हाथ घुसड़ दू |एक दिन अंकल सुबह जल्दी जाना था; तो, वो जल्दी ऑफिस चले गये थे और मै बाथरूम मे नहाने चला गया | अंदर नीली नहा रही थी | मैने उनको आवाज़ दी, तो वो बाहर आ गयी और मुझे से बात करने लगी | वो केवल ब्रा और पेंटी मे थी | मैने उनको ब्रा पेंटी मे पहली बार देख रहा था | क्या गज़ब लग रही थी वो? मेरा लंड तो एकदम टुनटुना गया | मैने सिर्फ तोलिया लपेटा था और मेरे लंड का कडापन नीली को तोलिये मे से दिख रहा था | नीली ने बोला, मम्मी ने मुझे इस तरह से बात करते हुए देख लिया तो नाराज़ होगी और मेरे तोलिया खीच कर मेरा लंड पकड़ लिया और दो झटके मारकर बाथरूम मे घुस गयी | किसी लड़की ने पहली बार लंड को छुआ था | सारा दिन वो मुझे परेशान करता रहा | २-३ बार मुठ मारने के बाद भी, आज रात मुझे नीली को चोदना ही था | सारा दिन उनको पटाने के तरीके सोचता रहा |शाम को अंकल आकर कमरे मे चले गये और हम तीनो टीवी देखते रहे | फिर, आंटी भी कमरे चली गयी और हमने बाते शुरू कर दी | आंटी ने पूछा, तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? मैने कहा, कोई आपके जैसी नहीं मिली अभी तक | नीली बोली, तुझे बड़ी लड़की चाहिए | मैने कहा, उम्र की कोई चिंता नहीं | बस, आप के जैसी गोरी और मस्त-मस्त होनी चाहिए | और मुझे केवल किस के लिए गर्लफ्रेंड नहीं बनानी | नीली बोली, वो सब करने के लिए गर्लफ्रेंड की जरुरत नहीं है और मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे होठो को चूसने लगी | मैने अपने हाथ उनके चूचो पर रख दिये और उनको मसलने लगा | मेरा लंड तम्बू तान के खड़ा हो चुका था | मै अंकल के कमरे मे गया और देखा अंकल, आंटी को चोद रहे है | मैने नीली को बुलाया, तो वो शरमा गयी | आंटी नंगी पलग पैर खोले पड़ी थी और अंकल अपना लंड डालकर गांड हिलाहिलाकर चोद रहे है | इस सीन ने आग मे घी का काम किया | हमारी साँसे तो पहले से ही गरम थी; लेकिन, आब आग फड़कने लगी | हम दोनों वही दरवाजे के बाहर नंगे हुए और नीली ने मेरे लंड को अपने मुह मे घुसा लिया और लालीपॉप की तरह चूसने लगी |मैने भी उनकी क्लिट पर अपनी ऊँगली लगाकर रगड़ना शुरू कर दिया | उनके मुह से आवाज़े निकलने शुरू हो गयी थी | वहा रहना अब खतरनाक था; तो, हम नीली के कमरे मे चले गये | मैने नीली को पलंग के किनारे पर लिटाया और उनकी चूत को चाटने लगा | उनकी चूत और उनकी गांड का स्वाद बड़ा मजेदार था | फिर, जब हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था; तो मैने अपना लंड उनकी चूत मे घुसा दिया और जोर-जोर से झटके मरने लगा

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आआआआअ………….ऊऊऊऊऊ………बस………और नहीं……| हम दोनों तो पहले ही झड़ने वाले थे | अन्दर डालने के बाद २ झटको मे दोनों झड गयी | नीली ने मुझे झट से अलग किया और खड़ी हो गयी | सारा वीर्य बाहर निकल गया |उस रात हम दोनों एक दूसरी की बाहों मे सोए और सारी रात चुदाई की | सुबह नीली ने बोला, जो हुआ गलत हुआ | अब रात को भूल जाओ |