विनीता दीदी के साथ की चूस सेक्स और गांड संभोग की बात को आगे बढ़ा रहा हूँ दोस्तों, आगे आपने देखा की कैसे उसने अपनी गांड को मेरे लंड से लगाया था और मैं उसके रसीले होंठो को चूस रहा था.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
मैंने अपने हाथ को विनीता दीदी की बड़ी गांड के ऊपर रख के उसे अपनी और खिंचा. दीदी क्यूंकि अब मेरी तरफ घूमी हुई थी, उसके चुंचे मेरे बदन के साथ टकरा गएँ. मैंने फट से अपने हाथ को उन चुंचो पर दे मारा और जोर जोर से दबाने लगा. दीदी की साँसे फुल गई थी और वो मुझे और भी जोर जोर से चूमने लगी थी. मैंने धीरे से अपनी पेंट की क्लिप खोली और दीदी ने यह देखा. उसने अपने हाथों को आगे बढाया और मेरी पेंट निचे उतार दी. मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था इसलिए मेरा देसी लंड तुरंत बहार आ गया. दीदी ने चुम्मे को छुड़ाया और वो बोली, “तूने कभी सेक्स किया हैं? तुझे पता हैं चूस सेक्स क्या होता हैं?”
मैंने जानबूझ के अनजान बनते हुए ना में सर हलाया. दीदी ने अपने कपड़ों को उतारते हुए कहा, “फिर मैं तुझे आज चूस सेक्स और सेक्स का मतलब समझाती हूँ.” इतना कह के उसने तुरंत अपनी चूत को मेरे सामने खोला और मेरे मुहं को खिंच के उसके चूत के ऊपर सेट कर दिया. मैं समझ गया की चुदाई की प्यासी मेरी दीदी मुझे पहला लेसन चूस सेक्स का ही देना चाहती हैं. मैंने भी अपनी जबान को उसके चूत के ऊपर लगा के हिलाना चालू कर दिया. विनीता दीदी ने मेरे कंधे के ऊपर अपनी एक टांग रख दी जिस से मैं उसकी चूत में चूस सेक्स का और भी अच्छी तरीके से मजा दे सकूँ. मैं समझ गया की दीदी आज जबरदस्त चुदवाने के मुड मैं लग रही हैं इसलिए ही शायद उसने मुझे यही रोक रखा था.
मेरी जबान दीदी के चूत के दाने के ऊपर थी और मैं उसे जोर जोर से रगड़ रहा था. विनीता दीदी ने मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत के उपर और भी जोर से दबा दिया. मुझ से साँस भी ली नहीं जा रही थी लेकिन चूस सेक्स के नशे में मैं सबकुछ भूल चूका था. डोबरमेन कुत्ते के जैसे मैं अपनी जबान को बहार निकाल के जोर जोर से चूत को चाटता जा रहा था. विनीता दीदी के मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजें निकल रही थी. वो अपनी टांगो को और भी फैला के मुझे अपनी चूत के अंदर घुसने का जैसे की न्योता दे रही थी. भला मैं फिर इस मौके को कैसे छोड़ देता. मैंने भी अपने मुहं को उसकी चूत के अंदर तक डाल के उसे चूस सेक्स का एक अलग ही आयाम दिखा दिया. विनीता दीदी के चूत के ऊपर के हलके हलके बाल मेरी चुसाई को और भी रंगीन बना रहे थे.
अब मुझे भी मन हुआ की दीदी मेरा लंड चूस के दे. मैंने अपने मुहं को विनीता दीदी के मुहं के पास से हटा दिया और मैं उठ खड़ा हुआ. दीदी ने मेरे सामने देख के अपनी आँखे बड़ी कर के कहा, “अरे इतनी जल्दी क्यों छोड़ रहे हो इसे.”
“दीदी आप अकेले ही मजा ले रही मुझे भी कुछ करवाना हैं आप से.” मैंने दीदी को कहा.
दीदी ने कहा, “अरे फिर हम 69 पोजीशन बना लेते हैं. आजा तू मेरी चूत चाट के मुझे चूस सेक्स का मजा दे. और उस वक्त मैं तेरे लंड को अपने मुहं में ले के तुझे मजे देती हूँ.”
और दीदी मुझे निचे लिटा के अपनी चूत को मेरे मुहं के ऊपर सेट करने लगी. उसने सीधे अपनी चूत के छेद को मुहं में डाल दिया. मैंने अब अपने लंड को हिलाना चालू किया. और तभी विनीता दीदी ने बाजी अपने हाथ में ले ली. उसने अपने होंठो को सीधे मेरे लंड के सुपाडे के ऊपर रख दिए. वाऊ क्या जोरदार फिलिंग थी वो. और फिर धीरे से दीदी ने आधे से ज्यादा लौड़े को अपने मुहं में लप से ले लिया. जो मजा आया उसकी तो कोई सीमा ही नहीं थी. दीदी ने मेरे अन्डो को अपने हाथ में लिया और उसे धीरे से दबा दिया. और उसने धीरे से पुरे लंड को अपने मुहं में ले लिया. मैंने दीदी को अपने लंड का मजा और भी जोर से देने के लिए मैंने (दीदी की तरह ही) दीदी के मुहं को अपने लंड के ऊपर दबा दिया. ऐसा करने से मेरा लंड दीदी के गले तक चला गया. लेकिन दीदी भी किसी मंजे हुए बेट्समेन की तरह डटी रही और लंड को मस्त चूस दिया.
मैं अब वापस दीदी की चूत की तरफ बढ़ा और उसके अंदर अपनी जबान को चलाने लगा.दीदी की चूत पानी छोड़ने लगी थी और मैं उसे अपने गले के निचे उतारता जा रहा था. दीदी भी मेरे सुपाडे को मस्त जबान घुमा घुमा के मजे दे रही थी. दीदी के मुहं से आह आह ओह ओह की आवाजें निकल के मेरे लंड के ऊपर मर रही थी. मेरा लंड अब चुटके छेद को मसलना चाहता था. मैंने दीदी की चूत में आखरी चुम्मा दिया और अपने मुहं को दीदी के छेद से दूर किया. लेकिन दीदी तो अभी भी लंड से लड़ने के अंदाज में ही थी. वो मेरे लंड को मुहं में ऐसे घिस रही थी जैसे दांतों में टूथब्रश लपेड रही हो. और उसने उसे छोड़ा आखिरकार.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं
मैं अब उसकी टांगों को खोला और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा. विनीता दीदी की चूत चूस सेक्स के बाद मस्त लाल और चिकनी हो चुकी थी. मैंने उसकी चूत को खोला और धीरे से अपने लंड को अंदर डालने की पेरवी करने लगा. दीदी ने अपनी दो ऊँगली से चूत के होंठो को खोला और मेरी मदद करने लगी. चूत के अंदर की लाली लंड को जैसे और भी खड़ा कर रही थी…! मैंने एक झटका लगाया और मेरा लंड आधा दीदी के भोसड़े में खूंप गया. दीदी के मुहं से एक जोर की आह निकल पड़ी….!