उसे तो लंड सख्त चाहिए उसे ना ताजो तख्त चाहिए

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“उसे ना ताजो तख्त चाहिए, उसे तो लंड सख्त चाहिए” जी हां लंड का सख्त होना कितना जरुरी है इससे जुड़ी एक वारदात आपको पेश करता हूं, सच्ची घटना है।

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं हमारे कालेज के टीचर मटुकनाथ जी ने 45 साल में शादी कर ली अपनी रिसर्च स्कालर जूली से। जूली जो मेरी बैचमेट थी और हमारे साथ उसका चक्कर चला था हालाकि मै उसे पेल नही पाया था क्योकि मटुक जी ने उसे अपने जाले में फ़ंसा लिया था। तो फ़िर यह बात मेरे मन मे ही रह गई थी और मेरा लौड़ा मन मसोस के रह गया। जिस दिन जूली ने मटुक से शादी की मैने बाथरुम मे जाकर अपने लंड को रुला दिया था।

जूली को चोदने का प्लान मै अभी भी बना रहा था और शायद मेरा लक अच्छा था। सुहागरात के दिन ढीले ढाले मटुक जी ने जूली को चोदने मे थोड़ा भी सख्ती नही दिखाई। प्रोफ़ेसर का ढिला लौड़ा जूली की गांड और चूत के दरवाजे नही खोल पाया तो फ़िर जूली की चूत की खुजली मिट नही पाई। जूली भी समझ गई कि अब उसे बाहरी लंड ही आउटसोर्स करने पड़ेंगे। और तभी उसी साल मेरा एडमीशन पीएचडी में हो गया। मैने अपने गाईड के लीए मटुक का ही आप्शन दिया और मटुक मेरे सुपरवाइजर बन गए |

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पीचडी में अपने सुपरवाईजर से गांड भी मरवानी पड़ती है, घर जाकर सब्जी पहुचानी पड़ती है और कभी कभी तो झाड़ू पोछा बी लगाना पड़ता है। तो प्रोफ़ेसर ने एक दिन् मुझे कहा कि जाओ मेरे घर और जर मेरे स्टडी रुम की साफ़ सफ़ाई कर के मेरी फ़ाइल्स अछे से लगा देना। मै खुश हो गया और मेरे से ज्यादा खुश मेरा लौड़ा हुआ।

जैसे ही मैं स्टडी रुम में घुसा, जूली सामने से बाथरुम में से भीगी हुई निकली आ रही थी। उसके भीगे चूंचो से पानी टपक रहा था। और बाल गांड तक पीछे बिखरे थे। उसने सिर्फ़ एक टावल लपेटी थी नीचे में। मैने आव्व देखा ना ताव जूली को वही सोफ़े पर पटक दिया। जन्म जन्म की लंड की प्यासी जूली के चूंचे से टपकता पानी मेरे मुह मे आ रहा था और जूली मदहोश हो रही थी। उसे एक सख्त लौड़ा की सख्त जरुरत थी। मैने जूली के चूंचे चूसने के बाद उसे खड़ा करा कर उसकी गांड से टपकता पानी पिया और फ़िर झांटो में फ़ंसी पानी की बूंदे पीते वक्त मैने उसके क्लिटोरिस(भग) को चाटना शुरु किया। वो पागल होने लगी। मैने जीभर चाटने के बाद उसे जमीन पर बैठा दिया और अपना अंड्कोष उसके मुह में डाल दिया वह इसे अमरुद की तरह खाने के अंदाज में चूसने लगी। फ़िर उसने अपनी जीभ मेरे सुपारे पर फ़िराई और मेरा लंड दनदना कर खड़ा हो चुका था।

मैने उसे सोफ़े पर बिठाकर उसकी टांगे फ़ैला दी। अपनी टांगे सामने से सोफ़े पर फ़ेककर बैठ गया और लौड़ा उसकी गांड में डाल दिया वो चिहुक कर रोने लगी। और मैने इतने दबाव से ठेला कि सटाक से लौड़ा गांड के अंदर था। इस तरह से चोदने के बाद मैने उसे सोफ़े पर खड़ाकर के पीछे से चूत में लंड डालकर भयंकर चुदाई की और उसके सपने पूरे कर दिये।

मेरी पीएचडी भी जूली मैडम ही करवा रही हैं और मटूक सर तो उनके गुलाम हैं ही। तो इसे कहते हैं पढाई विथ चुदाई |