गरिमा की भूजाई पूरी प्यास

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नमस्कार दोस्तों,

मैं राज गोपाल अपनी देसी रांड की अत्रंगी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और जनता हूँ आपको भी खूब पसंद आएगी | उसका नाम गरिमा था और लगभग कई लड़कों के साथ चुम्मा – चाटी भी करवा चुकी थी |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं मैं भी यह बात सुनी तो फ़ौरन अपने दोस्तों के द्वारा उससे दोस्ती बधाई और उसे अपने कॉलोनी के पार्क में मस्त मिलने लगा | कुछ सप्ताह के अंदर मैं उसके होठों पर काबू पा लिया और हम सिर्फ एक दोस्त ही बनकर वहन मिलते और एक दूसरे के होठों का रस चूसते और मैं कभी काभ्र उसकी चुचियों को दबा लेता जोकि स्पर्श काफी मुलायम थी |बात आगे बढ़ाकर मुझे उसकी चुत पर काबू पा लेना था और एक दिन मैं उसे शाम को अपने साथ अपने शहर के मशहूर पार्क में ले गया जहाँ शाम के शमी कुछ सच्चे से ना धिकायी के देने के कारण हू आसानी से अपनी काम क्रियाओं को पूरा कर सकते थे | वहाँ लेजाकर मैं उसे दिवार के पीछे ले गया जहाँ हमको किसी के देखने की गुंजाइश बनती ही नहीं थी |

मैंने अब कुछ बातों – बातों में उसके होठों पर अपने होंठ थमा दिए | हम बेसब्री से एक दूसरे के होठ चूस रहे थे तभी कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उसके चूचियों पर रख दिया और उसे सहलाने लगा | मेरा हाथ जब उसकी चुचियों पर कैडे होने लगे तो गरिमा की सिस्कारियां निकल रही थी जिससे मेरा लंड और जोश में आने लगा |मैंने उसको वहीँ बेड पर धकेल दिया और उसकेमैंने अब नीचे के नरम सी ज़मीं पर गरिम अको लिटाया और इस बार मैंने उसका टॉप उतार उसके चुचे पीने को अच्छे से मसलता हुआ पीने लगा | गरिमा अब मज़ा लेती हुई आँखों को बंद कर ज़मीन पर तड़प रही थी | मैं उसके चुचों की सेवा करते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चुत ओअर अपनी उंगलियां फेरने लगा |

मैंने जब कुछ देर बाद उसकी चुत में ऊँगली देनी चालू की तो गरिमा लंबी लंबी आहें भरने लगी चुत का रस भी निकल पड़ा | मैंने उसी अपने लंड के सुपाडे पर मलते हुए उसकी चुत पर टिका दिया | कुछ देर बाद मैंने अपनी कमर को हिलाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में डालना शुरू कर दिया जिससे मेरा लंड कुछ ही देर मैं उसकी चुत में पूरा जाने लग मैं अब वहीँ गरिमा के उप्पर लेट गया और उसे अपनी बाहों में भरते हुए गज़ब के धक्के मारने लगा | मैं बस बिना कुछ सोचे समझे उसकी चुचियों और होठों पर मलते हुए चुस्कियां लगते हुए उसे चोद रहा था और उसकी जान सी निकली जा रही थी |

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं मैंने आखिर मैं उसपर रहम खाते हुए जैसे ही अपनी रफ़्तार धीमी की तो मेरा लंड का माल भी निकल पर जिसे मैं उसकी चुत पर मसलने लगा और और वहीँ उसके उप्पर लेटे हुए उसके रसीले होठों को चूस रहा था और आज तक उसकी चुत मारता हुआ आ रहा हूँ |