लंड की दीवानी : रखैल की बेटी

HOT Free XXX Hindi Kahani

रखैल की बेटी रखैल

हेलो दोस्तों, प्रचंड लंड का मालिक मैं हूं, मेरा नाम है अजय और सच तो ये है कि चोदने के मामले में मैं अपने गांव का राउडी हूं। बोले तो जो कहता हूं वो तो करता ही हूं पर जो नहीं कहता वो जरुर करता हूं। रंडी बाजी से लेकर जुआ और दारु तक कोई ऐसा काम नहीं जो मुझसे बचा हो और इसलिए मेरे गांव में मेरी दोतीन रखैले हैं। उन सबमें फेमस है गीता जो कि मेरी पुरानी प्रेमिका और शादी के बाद रखैल बन के रह गयी है। उसकी शादी भी दूसरी जगह हुई है पर वो अपने ससुराल न रह कर के मेरे बड़े लंड के लालच में मेरे पास आकर के ही रहती है। इसे कहते हैं कि लड़कियों और औरतों को न केवल राज चाहिए बल्कि उनके लिए लंड का समाज भी चाहिए। ऐसा लंड जो कि उनकी चूत के साथ साथ गांड की खुजली भी मिटा सके और हलक में घुस के कहे कि तेरी जुबान की बोलती बंद कराने का माद्दा भी रखता है ये लंड। तो सच ये है कि गीता अपने ससुराल से मेरे गांव चली आई और मेरे से उसको एक लड़की भी पैदा हुई। उस लड़की की उम्र धीरे धीरे इसी साल अठारह की हो गयी और गीता भी करीब चालीस के आस पास पहुंच चुकी है।

मैं कसरती बदन का मालिक हूं और चोदने के लिए मैं नित प्रति एक्सरसाइस करने के बाद अपनी बादाम पिस्ता पीकर दंड पेल कर के शरीर को शीशे की तरह चमका के रखता हूं। इसलिए मुझे कोई फर्क उम्र का पड़ता दिखाई नहीं देता है। और उस दिन जब कि गीता की बेटी टेसू का बर्थडे था, उसने मुझे बुलाया था। मैं कई दिनों से टेसू पर नजर गड़ाए हुए था पर गीता उसके कमसिन होने का बहाना देकर के रोक लेती थी। कभी कभी तो वो ये भी कह देती कि ये तेरी ही तो बेटी है। पर मैं जानता था कि रंडियों की बेटिया रंडी होती हैं और चुदने के लिए बनी होती हैं इसलिए वो किसी की बेटी नहीं हो सकतीं। इस लिहाज से उसको चोदने के लिए मुझे सिर्फ और सिर्फ अपने परमिशन की जरुरत थी। और वो आज अठरह की हो रही थी। मैं कंडोम और तेल लेकर के उसके घर गया था। आज मैने गीता को पांच हजार रुपये नजराना भी दिए और फिर धूमधाम से बर्थडे मना

टेसू को लंड चूसाया।

रात में गीता ने मुझे और टेसू को एक कमरे में ढकेल दिया और खुद बाहर से दरवाजा बंद करके चली गयी। बेचारी टेसू उसे सब पता था कि क्या करना है। मेरे सामने आकर वो मुझसे बड़ी मासूमियत से पूछी, आप मेरे साथ क्या करोगे/ मैने कहा कि वही जो मैं तुम्हारी मम्मी के साथ करता हूं। कभी देखा है कि नहीं। तो वो बोली, वो तो बहुत मजेदार होता है सच में आप मेरे साथ वही करने वाले हो जो कि आप मेरी मम्मी के साथ करते हो। फिर तो आज बहुत मजा आने वाला है। मैने कहा कि हां रानी मैं तुम्हारे साथ वही सब करने वाला हूं जो कि तुम्हारी मम्मी के साथ करता हूं।

और मैने उसके छोटे छोटे बत्तीस के साईज के चूंचे पकड़ लिए। मैने कहा कि रानी, इधर आओ और उसकी कुर्ती खोल दी। उसका लहंगा भी नीचे सरका दिया। बेचारी झांटदार बुर के उपर एक चड्ढी भी न पहनी थी। उसने मारे शरम के अपनी चूत छुपा ली। ऐसा होते देख कर मुझे उसकी मासूमियत का अहसास हुआ। वो बिल्कुल कोरी कवारी और साफ सुथरी लड़की थी। मैने उसको कहा कि आओ मेरे पास बैथो। सोफे पर बिठा कर मैने टेसू की चूत में सरसों का तेल डालकर मसाज करना शुरु किया। टेसू मदहोश होती जा रही थी और मुजेह मस्ती चढती जा रही थी। मैने उसकी नाभि, चूत और गान्ड में सरसों का तेल लगाकर देर तक मसाज की। उसको बहुत मजा आ रहा था। गोरी चमड़ी एक दम उत्तेजना के मारे कंपायमान हो रही थी और मेरा लंड भी सरसरा रहा था उसे चोदने के लिए। पर उसे अभी तैयार करना था। मैने देखा कि वह थोड़ी सहमी सी थी। मैने उसको फैमिलिएअर करके चोदने के लिए उसको पुचकारा और कहा कि बेटा कुछ नहीं होगा। ये सब तो आइस्क्रीम खाने से भी आसान है। आओ तुम्हें आइसक्रीम की प्रैक्टिस कराएं। मैने कहा कि तुम्ने आइसक्रीम तो खाई ही होगी। तो वो बोली कि हां अंकल खाई तो है। फिर मैने उससे पूछा कि तुम आइसक्रीम दांतो से काट कर खाती हो कि जीभ से सहला कर और गला कर। उसने कहा कि मैं आइस्क्रीम काटती नहीं बस मुह में लेकर के घुला लेती हूं। तो मैने कहा कि लो मेरा लंड और इसको आइसक्रीम की तरह से चूसो और खाने की कोशिश करो, इसको चूसोगी तो सौ रुपये भी दूंगा। और काटना मत।

उसने खुशी खुशी लंड लेकर के अपने मुह में चूसना शुरु किया और फिर गजब तरीके से मेरे लंड के सुपाड़े पर अपने लाल लाल गुलाबी होठों को पकड़ बनाते हुए अपनी जीभ से लंड के छेद की हवा चूसने लगी। हद्द है भाई, मुझे इतनी उत्तेजना आई कि मन किया कि उसके मुह में मूत दूं पर अभी चिड़िया को दाना चुगना सीखाना था इसलिए मैने उसको कुछ न किया और मजे से जज्ब करके उसके देसी मुखमैथुन का मजा लेता रहा। उसके चूंचों को हल्के हल्के सहलाता रहा और उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा। वो धीरे धीरे कली की तरह सकुचाती हुई लंड को चूसती रही। और मैं मजा लेता रहा। फिर उसको सोफे पर लिटाकर पीठ के बल लिटा कर, उसकी गर्दन को सोफे के हथ्थे से नीचे लटका कर के मैने उसके मुह में उपर से आते हुए अपना लंड घुसा कर के अंदर ठूंस दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा। अब वो गें गें करने लगी और अपने हाथों से मेरे लंड को निकालने का प्रयास करने लगी थी पर सच तो ये है कि मैं अब अपने वासना के चरम पर था और उसकी हर कोशिश बेकार थी। मैने धीरे धीरे अपना लंड उसके हलक में डालकर अपना वीर्य जोर शोर से उसके हलक के नीचे उतार दिया। जब मैने लंड बाहर खींचा तो वो गलगला के उल्टी करने लगी। पढिए अगले भाग में रोमांस के आगे की कहानी।