नए साल पे मिली देसी मुंडा चूत

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हैल्लो दोस्तों, मैं आकाश दिल्ली का रहने वाला हूँ . वैसे ये कहानी थोड़ी लंबी है, लेकिन मैं जानता हूँ कि आपको जरुर पसंद आएगी और अब आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए मैं कहानी की तरफ बढ़ता हूँ और पूरी विस्तार से आप सभी को सुनाता हूँ. दोस्तों ये बात आज से करीब 5 साल पहले की है, जब मैं उस समय कॉलेज मैं अपनी पढ़ाई कर रहा था और मेरा कॉलेज मैं दूसरा साल था, मैं अपनी पढ़ाई मैं बहुत होशियार था और वो वक़्त जिस समय मेरे साथ ये घटना घटी, वो सर्दियों का समय था और वो जनवरी का महिना था.

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उस दिन एक जनवरी थी और जब मैं नया साल मनाने के लिए अपने चाचा के घर पर गया. दोस्तों मैं ये बात सोचकर वहाँ पर गया था कि वहां पर मेरे चाचा के बच्चे भी होंगे तो मेरे को उनके साथ बहुत मज़ा आएगा और हम सभी मिलकर उस ख़ुशी का मज़ा लेंगे.

मैं बहुत खुश था और अब मैं अपने घरवालों से कहकर सुबह 11 बजे ही अपने चाचा के घर पर पहुंच गया और मेरे को अचानक से देखकर घर के सभी लोग बहुत खुश हुए. कुछ समय बाद हमारी चाची ने मेरे को मुहं हाथ धोने के बाद नाश्ता कराया और अब हम सभी बैठकर हंसी मजाक इधर उधर की बातें करने लगे और उसके बाद हम शाम की पार्टी के बारे मैं विचार करने लगे थे.

अब इतने मैं चाची के फोन पर किसी का कॉल आ गया और वो बात करने के लिए हमारे बीच से उठकर बाहर चली गई. करीब 15 मिनट बात करने के बाद चाची वापस अंदर आ गई, वो बहुत खुश थी और अचानक से ना जाने उनको ऐसा क्या मिल गया था, वो मेरे को उनके चेहरे से साफ साफ पता चल रहा था, वो अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लेकर अंदर आई थी और अब वो अंदर आकर कहने लगी कि उनकी चचेरी बहन शीला भी शाम को यहाँ पर आ रही है.

अब हम सभी लोग उनकी ये बात सुनकर बहुत खुश हुए सिवाए मेरे, क्योंकि मैं इससे पहले कभी शीला से कभी नहीं मिला था और ना मैंने उसको कभी देखा था कि वो कैसी दिखती है, उसकी उम्र क्या है, उसका रंग कैसा है, ऐसी बहुत सारी बातें थी और आप लोग मेरे कहने का मतलब जरुर समझ सकते हो. अब इन सबके बाद मैं सभी सामान लाने के लिए बाजार चला गया, क्योंकि हमैं शाम की बहुत सारी तैयारियां भी करनी थी और हमारे पास अब बहुत कम समय बचा था.

अब करीब दो घंटे के बाद मैं वापस घर पर आ गया और वापस आते ही चाची ने खुश होते हुए मुझसे कहा कि शीला घर आने वाली है, इसलिए तुम्हारे चाचा उसे लेने के लिए स्टेशन गये है, वो बस कुछ समय मैं घर पहुंच जाएगें. दोस्तों मैं बाजार मैं घूमने अबने की वजह से बहुत थक चुका था, इसलिए मैंने उनकी बात पर ज्यादा ध्यान ना दिया और मैंने बाथरूम मैं जाकर गीज़र को चालू किया और अब मैं नहाने चला गया.

उसके कुछ समय के बाद मैं नहाकर टावल बांधकर बाथरूम से बाहर निकलकर सीधा अपने रूम मैं गया और तब मैंने देखा कि मेरे सामने शीला बैठी हुई है. वैसे मैंने पहले उन्हें कभी नहीं देखा था, लेकिन सुबह से घर मैं उनके आने की बातें हो रही थी तो इसलिए मेरे को देखकर पता चल गया कि ये वही है और मेरे को इस तरह टावल मैं देखकर उनकी आँखे खुली की खुली रह गई, क्योंकि वो टावल जो मैंने अपने बदन पर लपेटा हुआ था, वो बहुत पतला था और उसके गीला होने की वजह से सब कुछ पारदर्शी सा हो गया था.

अब मैं भी वहीं का वहीं खड़ा रह गया और वो लगातार मेरे को देख रही थी और मैं उसकी सुन्दरता को हमारी नजर उस सुंदर चेहरे से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और मैं लगातार देखता रहा. उनकी भूरी बड़ी सी आँखे जैसे इनमैं अभी अभी शाम ढली हो, काले लंबे घने बाल मानो हिमालय की चोटी से बहता हुआ कोई झरना हो, भरा हुआ बदन जैसे ऊपर वाले ने सारी सुन्दरता के साथ साथ कामुकता भी इनके अंदर ही भर दी हो.

मैं तो बस पहली नज़र मैं बिल्कुल दीवाना हो गया. तभी इतने मैं बाहर से चाची ने शीला को आवाज़ लगाई और वो तुरंत बाहर चली गई. अब मैंने दरवाजे को बंद किया और कपड़े पहनकर बाहर आ गया.

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अब चाची ने मेरे को शीला से मिलवाया और मैंने शीला को देखकर हाए कहा और उसने भी मुझसे हैल्लो कहा, लेकिन दोस्तों मुझसे हैल्लो कहते समय उसके चेहरे के एक कोने मैं एक दबी हुई सी हंसी थी, जिसे मैंने बहुत अच्छी तरह से देखकर समझ लिया था. अब हम सबने कुछ समय बाद पार्टी शुरू की खाना, पीना और डांस सब कुछ था. दोस्तों डांस करते समय मैं कई बार जानबूझ कर शीला के पास आकर उसे छूने की कोशिश कर रहा था और कई बार ऐसा किया भी.

पहले तो उसने हमारी इस हरकत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया, लेकिन मेरे बार बार हाथ पकड़ने से और छूने की वजह से वो अब समझ गई और थोड़ी समय बाद उसने खुद मेरे को डांस करने के लिए कहा और मैं उसके साथ डांस करने लगा और अब हम दोनों बहुत करीब थे. मैं लगातार उसकी आखों मैं देख रहा था और वो हमारी आखों मैं देख रही थी.

अब हम बहुत समय तक एक दूसरे से कुछ नहीं बोले. अब मैं धीरे से अपने एक हाथ को उसके चूचे के पास ले गया और अब मैं धीरे धीरे से सहलाने लगा, वो तो पहले एकदम चकित हो गई, लेकिन अब मुस्कुराने लगी और इतने मैं मैंने उससे कहा कि शीला तुम बहुत सुंदर हो और मैंने आज तक तुमसे ज्यादा सुंदर, सेक्सी लड़की नहीं देखी और मेरे मुहं से इतना सुनते ही वो हंसने लगी. अब मैंने उससे पूछा कि तुम इस तरह से क्यों हंस रही हो? तभी उसने मुस्कुराते हुए कहा कि वो सब जो तुमने अभी अभी मुझसे कहा है, वो तो तुम्हारी आँखो से भी दिख रहा है.

अब मैंने उससे पूछा कि तुम्हें और क्या क्या दिख रहा है? तो शीला ने कहा कि वही सब जो तुम मुझ मैं इस तरह से लगातार घूर घूरकर देख रहे हो? और अब उसके मुहं से ये बात सुनकर हम दोनों हंसने लगे और डांस खत्म करने के बाद हमने खाना भी एक साथ ही खाया और कुछ ही समय मैं हम एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे और हम दोनों को ऐसा लग रहा था कि हमैं वो मिल गया, जिसकी हम दोनों को तलाश थी.

दोस्तों ये कहानी प्यार और कामुकता दोनों की तरफ एक साथ ही बढ़ रही थी. मेरे मन मैं कई सवाल थे, लेकिन मैंने सोचा कि जो हो रहा है होने दो ना जाने ऐसा पल अब कब आए? हमारी पार्टी करीब एक बजे खत्म हुई और मेरे भाई बहन सोने चले गए. उसके बाद चाची के कमरे मैं चाची, शीला और मैं बैठकर बातें करने लगे और कुछ ही समय मैं चाची भी सो गई. अब मैं और शीला ही वहाँ अकेले रह गए थे. मैंने धीरे से अपने पैरों को एक तरफ किया और शीला के पैरों को छू दिया तो उसने तुरंत हमारी तरफ देखा लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.

अब मैं कुछ समय वैसे ही उसके पैरों को महसूस करता रहा. मैंने उस समय मोज़े पहन रखे थे और उनको देखकर शीला ने मुझसे कहा कि क्या तुम्हें गर्मी नहीं लग रही है? तो मैंने कहा कि हाँ, लेकिन थोड़ी थोड़ी और अब शीला ने मुझसे कहा कि चलो हम गेस्ट रूम मैं चलते है और हम दोनों वहाँ पर चले गये. गेस्ट रूम मैं एक छोटे आकार का बिस्तर था और एक कुर्सी भी थी.

शीला बिस्तर पर जाकर लेट गई और मैं कुर्सी पर बैठ गया और उस गेस्ट रूम का मुहं रोड की तरफ था और उसकी एक खिड़की खुली हुई थी, इसलिए वहाँ पर बहुत ठंड थी. अब कुछ ही समय मैं शीला ने तो तुरंत पास मैं पड़े कंबल को अपने ऊपर डालकर खुद को उससे ढक लिया, लेकिन मैं कुर्सी पर बैठा था, इसलिए मेरे को बहुत ठंड लग रही थी और अब मेरे को हल्की सी कंपकपी छूटने लगी.

शीला ने मेरे को ऐसे देखकर तुरंत मुझसे कहा कि पागल है क्या वहाँ पर क्या कर रहा? और अब उसने मेरे को बिस्तर पर अपने पास बुला लिया और मैं अब बिस्तर पर लेट तो गया, लेकिन शीला से अभी थोड़ा सा दूर था और काँप रहा था. शीला तुरंत मेरे करीब आ गई और उसने मेरे को ज़ोर से अपनी बाहों मैं भर लिया. दोस्तों सच मैं उसका वो सेक्सी बदन इतना गरम था कि जैसे मैं किसी तंदूर के पास खड़ा हूँ. मेरा चेहरा उसकी गर्दन के पास था. अब मैंने धीरे से उसे गर्दन पर किस करना शुरू किया और अब उसने पीछे से हमारी टी-शर्ट के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और अब वो हमारी पीठ पर अपना गरम मुलायम हाथ फेरने लगी और मैं उसकी गोरी गर्दन से उसकी छाती पर किस करने लगा.

अब हम दोनों मैं आग लग चुकी थी. अब मैंने अपने चेहरे को ऊपर किया और उसके गुलाबी रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दिया. करीब 5 मिनट तक बिना रुके हमने स्मूच किया और अब वो हल्का सा पीछे हटी और मेरे को देखने लगी और अब धीरे से मुझसे बोली, आज की रात मैं बस तुम्हारी हूँ और तुम मेरे को इतना प्यार करो कि मैं ये रात कभी ना भूलूँ और अब वो इतना कहकर मेरे को पागलों की तरह किस करने लगी.

अब मैंने बिना समय किए उसके टॉप को उतार दिया और अब वो मेरे सामने बस ब्रा मैं थी और उसके बड़े बड़े चूचे मानो ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब थे. मैं नीचे झुककर उसकी गोरी पतली कमर पर किस करने लगा और मैंने अपनी जीभ से उसकी नाभि को पूरा गीला किया और अब उसकी छाती को पूरा गीला कर दिया और किस करने लगा.

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अब शीला की साँसे धीरे धीरे तेज हो रही थी और वो अपने एक हाथ से मेरे को पकड़ी हुई थी और उसने अपने एक हाथ से बिस्तरशीट को पकड़ रखा था और उसकी दोनों आँखे बंद थी, मानो वो हर एक लम्हे को बस जी भरकर जी रही थी और उसके पूरे पूरे मज़े ले रही थी.

अब मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी छाती पर लीक करने लगा और उसके दोनों चूचे के बीच मैं अपनी जीभ को डालकर मैं लगातार आगे पीछे करना लगा, वो भी पूरी गीली हो गई थी और मैं उसके हर एक अंग को बस खा रहा था और उसके जिस्म के हर एक हिस्से का स्वाद ले रहा था और उसके बाद मैंने दांतो से उसकी ब्रा को दोनों तरफ से खींचकर थोड़ा नीचे किया, जिसकी वजह से उसके निप्पल बाहर आ गए.

दोस्तों इतने सख्त बिल्कुल गोल और बड़े आकार के निप्पल मैं पहली बार देख रहा था और उसके निप्पल तीखी तलवार की तरह लग रहे थे, जो अब बस मेरे को काट देंगे. अब मैं भी बेकाबू होकर उन पर टूट पड़ा और उसके चूचे को अपने मुहं मैं भरकर चूसने लगा. उसने मेरे एक हाथ को अपने दूसरे चूचे पर रख दिया और अब दोस्तों मैं तुरंत उसका इशारा समझ गया था कि वो अब मुझसे क्या चाहती है और मैं उसके एक चूचे को चूसने लगा और दूसरे को अपना पूरा ज़ोर लगाकर मसलने निचोड़ने लगा था.

अब इतने मैं शीला ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपने निप्पल पर दबाकर अपना एक हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोल दिया और अब उसके दोनों चूचे अब पूरी तरह से मेरे सामने थे. दोस्तों उसके वाह क्या मस्त चूचे थे, इतने बड़े आकार के थे कि उसके आधे चूचे भी मेरे मुहं मैं नहीं आ रहे थे, एकदम गोरे चूचे और उस पर गहरे रंग के और टाईट निप्पल मेरे लिए तो वो स्वर्ग बन गया. अब मैंने करीब 15 मिनट तक उसके चूचे से मज़े किए और अब उसके चूचे की वजह से वो गरम हो चुकी थी और अब वो पूरी तरह से तैयार हो गई थी.

अब मैं उसकी छाती पर, पेट पर लीक करते हुए धीरे धीरे नीचे आ गया. उसने नीचे लोवर पहन रखा था और मैंने अपने दांतो से उसके लोवर को नीचे खींच दिया और अब अपने एक हाथ से पूरा नीचे उतार दिया. अब वो मेरे सामने बस अपनी काली कलर की पेंटी मैं थी और मैं उसके दोनों पैरों के बीच मैं आ गया और उसकी गीली पेंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को सूंघने और चूमने लगा. दोस्तों उसकी महक ऐसी थी कि मेरे को बस ना जाने कैसा नशा सा होने लगा था और मैं उसकी महक से पूरा मदहोश हो गया था.

कुछ समय बाद मैंने उसकी पेंटी को भी अपने दांतो से पकड़कर खींचकर उतार दिया. अब उसकी पूरी सुन्दरता और पूरी जवानी मेरे सामने थी, वो भी पूरी नंगी उसको देखकर ऐसा लग रहा था कि आज एक भूखे शेर को खाने के लिए दावत मैं दुनिया भर का माँस मिल गया हो.

अब मैं उसकी बुर के पास आ गया और ध्यान से देखा तो वो पूरी चिकनी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. वो बाहर से गोरी चिकनी और अंदर से गुलाबी कलर की इतनी मदमस्त बुर मैंने अभी तक बस पॉर्नफिल्म मैं ही देखी थी. दोस्तों आज तो सच मैं हमारी किस्मत सुनहरे पेन से लिखी गई थी. अब मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और अब मैं उसकी गोरी भरी हुई जाँघो को चूमने, सहलाने लगा और मैंने उसके पेट से लेकर उसकी बुर के साईड तक दोनों तरफ अच्छे से उसको पूरा चाटा, जिसकी वजह से शीला अब तक बहुत मस्त हो गई थी और वो पागलों की तरह छटपटा रही थी और वो पूरी तरह से जोश मैं थी.

दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब तक उसकी बुर पहले से भी ज्यादा गीली हो चुकी थी और मेरे को उसका बुर रस साफ साफ नजर आ रहा था और शेर का माँस अब बहुत अच्छी तरह से पक चुका था और अब बस उस पर टूट पड़ने की देरी थी. मैंने सोचा कि क्यों ना इसे कुर्बान किया जाए तो मैंने उसके दोनों पैरों के बीच मैं आकर उसकी बुर पर अपना मुहं रख दिया और बुर को चाटने लगा. हमारी जीभ को उसकी बुर का स्वाद मिलते ही मेरा लंड तो सांप की तरह तनकर खड़ा हो गया, करीब 6 इंच लंबा मेरे पूरे बदन मैं करंट सा दौड़ने लगा और शीला ने तो मेरे बालों को पकड़कर मेरे मुहं को अपनी बुर मैं घुसा दिया.

अब मैं भी सारी हदे पार करते हुए उसकी झील का पानी पीने लगा और मैंने अपनी जीभ को उसकी बुर मैं डाल दिया और मैंने उनकी बुर को तब तक चाटा जब तक उसकी बुर का पानी निकलना कम नहीं हो गया, उसकी गोरी सी बुर एकदम खून जैसी लाल हो गई थी और मैंने उसकी बुर को हर तरह से चाटा और काटा भी. अब इन सबके बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथ मैं ले लिया और मेरे को अपने ऊपर बुलाया और अब उसने मेरे लंड को अपने मुहं मैं लेकर चूसना शुरू कर दिया था और मैंने भी उसके मुहं मैं अपना 6 इंच का लंबा मोटा लंड डाल दिया, उसका मुहं पूरा सलाइवा से भर गया और अब उसने उसे बाहर किया.

दोस्तों अब हम दोनों को बहुत अच्छी तरह से पता था कि अब हमे क्या करना है. अब उसने अपने पैरों को ऊपर उठा दिया और मैंने उसके पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड को उसकी बुर पर सेट किया और अब धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया, बुर गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर तक जा पहुंचा और उसके अंदर जाते ही हम दोनों एकदम पागल हो गए और मैंने महसूस किया कि उसकी बुर की गर्मी ऐसी थी, जैसे किसी ने मेरे को जलती हुई आग मैं खड़ा कर दिया हो और मेरा लंड इस तरह से टाईट था, जैसे वो कोई लोहे का सरिया हो.

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दोस्तों अब शेर ने अपना शिकार करना शुरू कर दिया था और मैंने अपने पेट उसके कूल्हों से सटा दिया था और उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर थे, मैं पहले करीब 15 मिनट तक अपने लंड को पूरा अंदर डाल रहा था और अब पूरा बाहर निकाल रहा था और ये क्रिया मैं धीरे धीरे कर रहा था, जिससे कि वो और गरम हो जाए. अब 15 मिनट बीतने के बाद देसी लड़की शीला ने मुझसे कहा कि अब तुम मेरे को अपने लंड का असली दम दिखाओ और आज फाड़ दो इसे, मैं इससे बहुत परेशान हूँ, ये मेरे को बहुत तड़पाती तरसाती है. अब मैंने उसके दोनों पैरों को साईड मैं किया और उसकी तरफ झुका और अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा और अब उसकी चूत चुदाई करना शुरू किया.

अब हमारी रफ़्तार तो एक रेस की कार से भी ज़्यादा थी. मैं ज़ोर ज़ोर से झटके पे झटके मार रहा था और वो मेरे नीचे मेरे धक्कों से हिल रही थी और ऊपर उसके मस्त चूचे हिचकोले खा रहे थे. मैंने उसको इस तरह से जकड़ रखा था कि वो कहीं हिल भी नहीं सकती थी, वो बस चीख रही थी और चिल्ला रही थी और उसकी सिसकियों की आवाज मेरे को और भी ज्यादा जोश दिला रही थी. मैंने उसकी बुर को फाड़ने मैं बहुत व्यस्त हो रहा था और साथ ही कभी उसके निप्पल को तो कभी उसके होंठो को काट रहा था.

देसी लड़की शीला ज़्यादा तेज चिल्ला नहीं सकती थी तो वो हमारी पीठ पर अपने नाख़ून चुभा रही थी और मेरे को होंठो पर, गर्दन पर और कंघो पर ज़ोर ज़ोर से काट रही थी. करीब 25 मिनट तक मैं उसकी बुर मैं लगातार धक्के मारता रहा और वो मस्त होकर अपनी चुदाई मुझसे करवाती रही. अब कुछ समय बाद मेरे को लगने लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसे अपने शिकंजे से आजाद किया और अब मैं कुछ समय सीधा होकर बैठ गया. उसके बाद मैंने लंड को दोबारा अंदर सरका दिया और उसके बाद मैं अब ज़्यादा तेजी से धक्के देकर चोदने लगा.

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अब तो हमारा पूरा बिस्तर हिल रहा था और साथ साथ देसी लड़की शीला भी हिल रही थी. करीब 2 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके चूचे के ऊपर रखकर आगे पीछे करके हिलाकर मैंने अपना पूरा वीर्य निकाल दिया और अब उसके चूचे पूरे मेरे वीर्य से रंग गए और उसने उसे अपने निप्पल पर लगाया और अब लीक भी किया. उसके बाद हम दोनों एक साथ मैं बाथरूम मैं जाकर नहाए और अब वापस आकर हम दोनों एक साथ मैं सोए. दोस्तों ये थी हमारी पहली रात जिसमैं मैंने अपनी सर्द रात को उसके साथ गरम किया और उसकी चुदाई के मज़े लिये.