advertisement
advertisement
नशीली पड़ोसन
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

हैलो दोस्तो, मेरा रजत है.. मेरा रंग सांवला और शरीर पतला है। मैंने आज से पहले नाईटडिअर पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं अपनी पहली सच्ची कहानी पोस्ट करने जा रहा हूँ। बात कुछ दिन ही पुरानी है। हमारा जो घर है उसके सामने आंटी किरण का घर है जिनके 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक लड़का जो अभी दूध पीता है, एक आठ साल की लड़की है और उनका पति एक किराना की दुकान चलाता है। किरण आंटी के बारे में बता दूँ

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

कि आंटी की उम्र करीब 35 साल होगी.. पर अगर उनका शरीर देखा जाए तो कोई भी यह नहीं कह सकता कि आंटी की उम्र इतनी हो सकती है। उन्होंने अपने शरीर को बहुत ही मेन्टेन किया हुआ था.. जिस्म का कटाव भी 34-30-36 के साइज़ का होगा। हम लोग जब से वहाँ रहने आए थे तब से उनका हमारे घर में आना-जाना था। उनके बड़े-बड़े मम्मों को तो मैं उस वक्त देख कर पागल हो जाता था और मेरी आँखें उनके पूरे जिस्म का एक्स-रे कर देती थीं। उनकी अक्सर अपने पति से लड़ाई होती रहती थी और मैं इस लड़ाई को अपने लिए मौके के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था। मेरा पहला मकसद था कि उन्हें नंगी कैसे देखूँ।

इस मिशन के लिए मैंने उनके घर आना-जाना शुरू कर दिया। मैं किसी न किसी बहाने से उनके घर चला जाता कि शायद वो कभी कपड़े बदलते हुए मिल जाएँ.. पर ऐसा न हुआ.. लेकिन मुझे एक काम की चीज पता लगी कि उनके बाथरूम की छत कच्ची है और वो बाथरूम की जगह बाहर आँगन में नहाती हैं। मुझे मालूम था कि उनका आँगन हमारे घर की सबसे ऊपर वाली छत से साफ़ दिखता है। बस एक दिन मैं मौका पाकर छत पर छुप गया और उनके नहाने का इंतज़ार करने लगा। मेरी तपस्या सफल भी हुई क्योंकि थोड़ी देर बाद किरण भाभी वह नहाने आ गईं। उन्होंने एक-एक कर अपने सारे कपड़े उतारे।

मैंने उस दिन उन्हें सच में बिना कपड़ों के देखा। वाह एकदम गोरा बदन.. स्लिम शरीर जैसे कि आजकल 20-22 साल की लड़कियों के होते हैं। बस उसी दिन मैंने फैसला कर लिया कि मैंने भाभी की चूत मारनी ही मारनी है.. चाहे मुझे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े। कितने दिन तक मुझे कोई रास्ता न मिला.. तभी मुझे मेरे दोस्त ने नींद की गोलियों का आइडिया दिया। उसने बताया कि उसने भी इन गोलियों का इस्तेमाल किया है। उसने मुझे 4 गोलियाँ दीं और सोने से पहले सब्जी या चाय में मिला कर देने को कहा। अब मैं सिर्फ मौका ढूंढ रहा था और वो मौका मुझे पिछले हफ्ते ही मिला। उनके पति को अपनी दुकान के लिए समान लेने दिल्ली जाना था तो वो जाते मेरे घर को कह गए कि मुझे आज रात भाभी के घर सोने के लिए भेज दें क्योंकि मैं उनके साथ घुल-मिल गया था। शाम को जब मैं आया तो ये जान कर मेरी तो लाटरी निकल गई।

बस शाम को खाना खा कर मैं 9 बजे तक उनके घर चला गया। वहाँ जा कर देखा तो भाभी अपनी रोज की ड्रेस में बैठी थीं। उन्होंने नीले रंग का बहुत ही चुस्त सलवार-कुरता पहना था, मैं तो उन्हें देख कर खुद को बड़ी मुश्किल से कण्ट्रोल कर पा रहा था। उन्होंने मुझे देख कर मुस्कुरा कर कहा- आ गए तुम.. तो मैंने कहा- हाँ जी.. मैंने देखा कि उन्होंने मेरा सोने का इंतज़ाम अपने कमरे के साथ वाले कमरे में कर रखा था। उन्होंने मुझे कमरा दिखाया तो मैं सोने के लिए जाने लगा। तभी उन्होंने मुझे आवाज़ दी- रजत जरा सुनना.. मैं वापस गया तो उन्होंने कहा- मुन्ने का दूध गरम करके ला दोगे? तो मैंने कहा- जी अभी ला देता हूँ। मैं फटाफट रसोई में गया और एक बर्तन में दो गिलास दूध भरा और उसमें 5-6 चम्मच चीनी डाल दी।

जब वो गर्म हो गया तो उसे हल्का सा ठंडा करके रख दिया। अब बारी थी मेरे मिशन की.. एक गिलास में मैंने वो पिसी हुई नींद की गोलियाँ डाल दीं और ऊपर से उसमे दूध डाल दिया और बचा हुआ दूध मैंने मुन्ने की बोतल में डाल दिया। मेरे हाथ में गिलास देख कर भाभी बोलीं- तुम भी पियोगे?? तो मैंने मन ही मन सोचा कि हाँ भाभी.. पर ये नहीं.. तुम्हारा वाला पियूँगा… मैंने हँसते हुए कहा- नहीं भाभी.. ये आपके लिए है। वो मना करने लगीं.. तो मैंने कहा- पी लो भाभी.. आप सारा दिन काम करती हो.. इससे आपकी सारी थकान दूर हो जाएगी।

यह सुन के वो हँसने लगीं और बोलीं- काश मेरे वो भी मेरा ऐसे ही ख्याल रखते। मैंने कहा- डोंट वरी भाभी.. सब ठीक हो जाएगा। यह सुन कर उन्होंने वो गिलास ले लिया और गटागट पी गईं। अब मैं सोने चला गया और भाभी भी लाइट बंद करके लेट गईं। मैंने अपने कमरे में आकर घड़ी देखी तो 10:30 हुए थे। मैंने 12 बजे का इन्तजार करने लगा ताकि भाभी को नशा ठीक से हो जाए। मैं इसमें कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। आखिर 12 भी बज गए मैं चुपचाप उठ कर भाभी के कमरे के आगे पहुँचा और धीरे से दरवाज़े पर जोर दिया तो देखा कि दरवाज़ा खुला था।

मैं धीरे से आया और कमरे की लाइट जला दी। सामने पलंग पर देखा कि भाभी बिल्कुल सावधान की मुद्रा में लेटी हुई थीं। मैं पहले ये पक्का कर लेना चाहता था कि भाभी गहरी नींद में सो गई हैं या नहीं.. इसलिए मैंने पहले भाभी को जोर से हिलाया.. लेकिन भाभी में कोई हरकत न हुई। उसके बाद तो मैं भाभी पर टूट पड़ा। सबसे पहले मैंने भाभी का कुरता ऊपर उठाया.. नीचे भाभी ने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। मैंने कुरता उतार कर एक तरफ कर दिया। अब मैंने देखा कि उनके बड़े-बड़े मम्मे ब्रा में से बाहर निकले जा रहे थे। मैंने उन्हें ब्रा के ऊपर से ही चूसना और मसलना शुरू कर दिया।

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैंने खूब जोर-जोर से मम्मों को दबाया और चूसे जा रहा था। फिर मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और खूब जोर-जोर से मम्मों को दबाने लगा। फिर मैंने अपना 6 इंच का लंड पैंट से बाहर निकाल कर उसके बड़े-बड़े मम्मों में फंसा कर मम्मों की चुदाई करने लगा। माँ कसम इतना मज़ा आ रहा था कि बस ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में होऊँ। फिर मैंने नीचे से सलवार और कच्छी दोनों एक साथ नीचे उतार दी। हे ऊपर वाले.. मैं तो उसकी गुलाबी चूत देख कर हैरान रह गया.. वहाँ थोड़े-थोड़े बाल तो थे.. पर देखने में सुंदर लग रही थी। मैंने अपनी जीभ कुछ देर के लिए उनकी चूत पर रखी.. फिर हटा ली।

अब बस मैं उन्हें चोदना चाहता था। लेकिन मैं कंडोम लाना भूल गया था। काफी देर तक सोचने के बाद मैंने सोच लिया कि आज बिना कंडोम के ही चोद कर देखते हैं। मैंने फटाफट उनकी दोनों टांगें अपने दोनों कन्धों पर उठा लीं और अपने लंड का टोपा उनकी चूत पर रख दिया। अब क्योंकि वो तो नशे में थी.. सो मेरा आराम से करने का तो कोई सवाल ही नहीं था तो मैंने जोर का धक्का लगाया.. लेकिन मेरी खुद की चीख निकल गई। मेरी उम्मीद की उलट उनकी चूत एकदम टाइट थी। मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर देखा कि उसका टोपा छिल सा गया था और हल्की-हल्की ब्लीडिंग होने लगी। पर मैंने हार नहीं मानी और फिर से एक बार लंड से धक्का लगाया लेकिन धीरे-धीरे.. अब लंड थोड़ा सा अन्दर चला गया।

चूत के अन्दर बहुत गर्मी थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड अभी अन्दर ही फट जाएगा। इतना दर्द मैंने कभी महसूस नहीं किया था। वाकयी बहुत टाइट चूत थी। अब कुछ देर रुक कर मैंने धक्के लगाने शुरू किए। मैंने चूत में लौड़े से धकापेल करने में स्लो-मोशन से शुरू करके फ़ास्ट-स्पीड पकड़ ली और दोनों हाथों से भाभी के मम्मों को पकड़ लिया।

यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

अब भाभी की चूत कुछ ढीली पड़ गई थी। पूरे कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज़ गूंज रही थी। मैं आनन्द के सागर में गोते लगता हुआ अपने दोस्त का मन ही मन शुक्रिया कर रहा था। मुझे धक्के लगाते हुए 20 मिनट हो गए थे। मैं अपने शिखर पर पहुँच गया था.. मैंने एकदम से अपना लंड बाहर निकाल लिया और सारा माल भाभी के पेट पर ही छोड़ दिया। कुछ देर लेट कर मैं फिर उठा। अब रात के 2 बज गए थे.. मैंने उठ कर भाभी को साफ़ किया और उनके कपड़े पहना दिए और सोने चला गया। सुबह उठा तो देखा कि भाभी उठी हुई थीं। वो बोलीं- रात से मेरा सर चकरा रहा है.. मुझे एक डिस्प्रिन की गोली ला कर देना। मैंने मन ही मन रात की घटना याद की और मुस्करा कर वहाँ से निकल गया।

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement