भाई से चूत चुदाई

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सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम नेहा है, मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ।
हमारे घर में मैं, मेरा भाई, मम्मी और पापा हैं, भाई मुझसे दो साल छोटा है, मम्मी घर पर ही रहती है और
पापा बिल्डिंग कंस्ट्रकटर हैं इसलिये वो रात को देर से ही आते और सुबह जल्दी चले जाते हैं।


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मैं बी-टेक के दूसरे साल में हूँ और भाई बारहवीं में है। मेरा अपना अलग कमरा है भाई बगल वाले कमरे में और मम्मी- पापा नीचे वाले कमरे में सोते हैं।

मेरा कद 5’8″ है, मेरी चूचियाँ 34″, कमर 28″ और नितंब 36″ हैं। मुझे काले रंग की ब्रा और पेंटी पहनना बहुत ही पसंद है और ऊपर से छोटा सा टॉप और कसी हुई जींस, चलते हुए चूतड़ मटकाना बेहद पसंद है।

बात ज्यादा पुरानी नहीं है एक दिन जब मैं सुबह उठी तो मेरा सर दर्द कर रहा था। मैंने मम्मी को कहा- मेरा सर
दर्द कर रहा है, आज मैं कॉलेज नहीं जाऊँगी। और मैं फिर से सो गई।

बाद में मैं दस बजे उठी तब तक भाई स्कूल चला गया था और मेरा सर दर्द भी काफी कम हो गया था।

मम्मी ने खाना बना लिया था, जब मैं मम्मी के कमरे में गई तो मम्मी तैयार हो रही थी तो मैंने मम्मी से पूछा-
मम्मी कहाँ जा रही हो?

मम्मी ने बताया कि वो मार्केट जा रही हैं सविता आंटी के साथ ! शाम तक लौटेंगी, और कहा खाना बना दिया है, नहा कर खा लेना।

मम्मी तो तैयार होकर आंटी के साथचली गई, अब घर में मैं अकेली रह गई। भाई शाम को 6 बजे तक आता है क्योंकि वह ट्यूशन जाता है। वो और मम्मी तो शाम तक आन वाली थी इसलिये मुझे कोई डर नहीं था,

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मुझे मस्ती की सूझी। सबसे पहले मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब भी मैं घर पर अकेली होती हूँ
तो मुझे बिना कपड़ों के रहने बड़ा ही अच्छा लगता है।

फिर मैंने अपने डरावर से रेजर निकाला अपनी योनि के बाल साफ़ करने के लिए मैंने पापा की शेविंग क्रीम लगा कर अपने बाल साफ़ कर लिए, फिर मैं नहाने चली गई.. नहाने के बाद मैंने सोचा कि जल्दी से खाना खा लूँ

बाद में तो… आप समझ गए होंगे कि जब एक लड़की घर में अकेली होती है तो वो क्या करती होग…

खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में गई वहाँ मैंने डरावर में से बॉडी क्रीम निकाली और धीरे धीरे अपनी चूचियों पर लगाने लगी, मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी, कब मेरा हाथ मेरी चूत पर चला गया पता ही नहीं चला और मैं एक
उंगली अपनी चूत में डाल कर आगे-पीछे करने लगी।

मुझे बड़ा मजा आ रहा था, एक हाथ से मैं अपनी चूत में उंगली कर रही थी और एक हाथ से अपनी चूचियाँ मसल रही थी। मेरी उंगली तेज चलने लगी और मेरे मुँह से आह्ह उफ्फ आह्ह की आवाज आने लगी और मैं अपने चरम बिन्दु पर पहुँच गई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था और मैंने अपनी उंगली अपनी गाण्ड में डाल ली, उसे आगे-पीछे करने लगी।

तभी दरवाजे की घंटी बजी, मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और गेट खोलने गई। मैंने मैंने गेट खोला तो गेट पर दीपक मेरा भाई था,

मैंने उससे पूछा- आज जल्दी कैसे आ गया?

दीपक बोला- आज टयूशन वाले सर कहीं गए हुए थे इसलिये टयूशन की छुट्टी हो गई !

आपको बता दूँ कि मेरा भाई दीपक मेरी चूचिया और गाण्ड जी भर कर देखता है, जब हम दोनों टीवी देख रहे होते हैं तो उसकी नजरें मेरी जांघों और मेरी चूचियों पर होती है।

शाम के 6 बजे मम्मी भी आ गई। रात होने पर हम सब खाने खा कर सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए।

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मैं रात को लोअर और ऊपर बिल्कुल पतला टॉप डालती हूँ ताकि गर्मी न लगे। मैं बेड पर पेट के बल तकिये को बाहों में लेकर सो गई। रात को तकरीबन 11 बजे मुझे लगा कि मेरी टाँगों पर कोई कीड़ा चल रहा है तो मैंने खड़े
होकर लाइट जलाई

तो देखा कि दीपक मेरे कमरे से तेजी से निकल कर अपने कमरे में भाग कर चला गया। मैं समझ गई कि वो कीड़ा नहीं दीपक था और वो फिर से आएगा इसलिए मैं लाइट बंद करके सोने का नाटक करने लगी।

20 मिनट बाद मुझे लगा कि दीपक आ गया है तो मैंने करवट बदली करवट बदलते हुए उसका हाथ मेरी टांगों से छू गया और मुझे यकीन हो गया कि वो आ गया है, मैं सोने का नाटक करने लगी।

दीपक ने धीरे धीरे मेरे टांगों पर हाथ फिराना शुरू किया, मेरी शरीर में अजीब से लहरें दौड़ने लगी वो मेरी टांगों पर चुम्बन करने लगा, मेरे लोअर को ऊपर करने लगा और धीरे धीरे मेरी टांगों को चाटने लगा, मेरी टाँगें चाटते हुए उसने एक हाथ मेरे कूल्हों पर फिराना शुरू किया।

उसे लगा कि मैं सो रही हूँ लेकिन उसे क्या पता था कि आज रात वो मेरा पति बनने वाला है, मैंने सोच लिया था कि आज तो उसके लंड और मेरी चूत का मिलन करवाऊँगी ही !

वो मेरे कूल्हे दबाने लगा और धीरे धीरे मेरी चूत भी दबाने लगा। कुछ देर दबाने के बाद वो ऊपर बढ़ने लगा और और अपने दोनों हाथ मेरी चूचियों पर रख दिए और उन्हें धीरे धीरे दबाने लगा।

मेरे मुँह से आह्ह स्स्स्स की आवाजें निकलने लगी तो उसे पता चल गया कि मैं जाग रही हूँ लेकिन उसने
हिम्मत करके अपना काम चालू रखा और वो मुझे पर लेट गया और एकदम से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा।

मैंने भी धीरे धीरे उसका साथ देना शुरू कर दिया, वो समझ चुका था कि रास्ता साफ़ है तो उसने जोर से मेरी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी। अब उसने मेरा टॉप निकाल दिया और मुझे लोअर निकलने के लिए खड़ा होने के लिए बोला।

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जैसी ही मैं खड़ी हुई, उसने तेजी से मेरा लोअर नीचे खींच दिया। अब उसके सामने लाल ब्रा और पैंटी में
थी। उसने मुझे बेड पर गिरा दिया, अपना सर मेरी चूत पर रख दिया और उसे ऊपर से चाटने लगा और अपने
दोनों हाथों से मेरे कूल्हे दबाने लगा, मेरी गांड में उंगली दबाने लगा।