आज की स्टोरी एक गांव के पाटिल की है, यह स्टोरी मैंने पुणे वाले दिनों में सुनी थी, स्टोरी नगर के कर्जत गांव की है, पाटिल का नाम जयकांत था. उसकी वाइफ लावन्या एक हाउसवाइफ थी, पाटिल का बड़ा खेती बाड़ी का बिजनेस था, १० साल से शादीशुदा लेकिन कोई बच्चा नहीं था.
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जयकांत की उमर भी बढ़ती जा रही थी, ४० साल का हो गया था, उसके पिताजी पिछले साल ही स्वर्गवासी हो गए थे. अब गांव के पाटिल करने की जिम्मेदारी उस पर थी, लावण्या ३६ साल की थी और उसे भी बच्चा चाहिए था, पाटिल इस कारण हमेशा परेशान रहता था, गांव के पाटिल को अब तक कोई संतान नहीं है यह उसके लिए शर्मनाक बात थी.
एक दिन गांव में एक बाबा और उसकी टोली पधारी बाबा का नाम शैलेंद्र बाबा था. वह नाशिक से था, बताया जा रहा था कि बाबा के पास सबका हल है, काला जादू से लेकर संतान प्राप्ति तक.. जयकांत को मन में एक तरकीब सूजी की क्यों ना बाबा को लावण्या से मिलाया जाए? उसने लावण्या को यह बात बताई, पर लावण्या पहले नहीं मानी, यह सोच कर कि लोग क्या सोचेंगे जब उसे बाबा के यहां संतान प्राप्ति के लिए पूछते देखेंगे? पर जयकांत तो जिद करने लगा और लावन्या को जाना ही पड़ा.
लावण्या बाबा के यहां पहुंच गई, बाबा बैठा हुआ था और उसके भक्त बाजू में ही थे. बहुत भक्ति होने के बाद बाबा अंदर गए, एक एक भक्त को समस्या लेकर बुलाया, लावण्या अंदर गई. बाबा आंखें बंद कर बैठा था, क्योंकि उसने लावण्या को पहले ही ठीक से देखा था, उसकी बड़ी गांड उसके मुंह में पानी ला रही थी. उसके जवान बॉबे बाबा का लंड खड़ा कर रहे थे, लावण्या के सुंदर शरीर को देख बाबा अंदर से बौखला गया था, उस के लंबे काले घने बालों को पकड़ के चोदने के मूड में था.
लावण्या ने बाबा को अपनी समस्या बताई, बाबा ने उसको एक अजीब सा काला मंत्र दिया, और नदी किनारे आज रात को १२ बजे अकेले नंगा जाकर उस मंत्र का जाप करने को बोला. लावण्या वहां से आई और सब कुछ उसने जयकांत को बोल दिया, जयकांत ने बच्चे की लालच में लावन्या को वह सब करने को कहा जो बाबा ने कहा था.
लावण्या अकेले १२ बजे नदी किनारे पहुंच गई, उसने अपने कपड़े निकालें और नंगी उस मंत्र का जाप करने लगी. कुछ देर बाद उसको किसी ने पकड़ा ऐसा एहसास हुआ, वह कुछ चिल्लाती उसके पहले किसी और ने उसके मुंह को पकड़ लिया.
लावन्या को किसी और ने नहीं बल्कि बाबा के चेले ने कमर से पकड़कर गिराया. बाबा के दूसरे चेले ने उसके पैर पकड़ लिए, तीनों ही नंगे थे, उनके लंड पूरी तरह खड़े थे, बाबा ने लावन्या के गोरे बोबे पकड़कर झट से अपना खड़ा लंड उसके चूत में डाल दिया, लावण्या को कुछ समझ आने से पहले ही बाबा का लंड चूत फाड़ के अंदर पहुंच गया था. लावण्या छूटने का और चिल्लाने का प्रयास कर रही थी, पर उसके हाथ और पैर दोनों बाबा के चेलों ने पकड़े हुए थे, और बाबा अपना लंड उसकी चूत में डाल देता था, बाबा अंदर बाहर कर रहा था. लावण्या को बाबा का बड़ा सा लंड अपनी चूत में पूरा सब जगह पर चूत के कोने कोने में जाता महसूस हो रहा था.
लावण्या अभी भी छूटने का प्रयास कर रही थी, आखिर मैं बाबा के चेले ने कोई पाउडर लावन्या के मुंह पर मार दिया, लावण्या फिर धीरे धीरे नशीली बन रही थी. बाबा के हाथ लावण्या के बूब्स को मसल रहे थे, उसकी मंगलिया निप्पल मसल रही थी, लावण्या जैसे ही अपना होश खो गई, बाबा के चेलों ने उसको छोड़ दिया और वह भी ज्वाइन हो गए. लावण्या अब मजे से बाबा के लंड का मजा ले रही थी. उसकी अब चिल्लाने की जगह सिसकारियां निकल रही थी.
बाबा के एक चेले में उसका बड़ा सा लंड लावण्या के मुंह में दे दिया, नीचे वाला उसकी कमर में मुंह डालकर उसको सूंघ रहा था और अपने होठों को उसके कांख में घुमा रहा था, लावण्या सेक्स के जाल में फस गई थी. बाबा अपना लंड बहुत जोर जोर से अंदर बाहर कर रहा था.
सब जड़ी-बूटियां खाकर आए थे, तो इतनी जल्दी जड़ने वाले नहीं थे, लावन्या बड़े प्यार से लंड चूस रही थी, यह काम उसने पहले कभी नहीं किया था, दूसरे चेले ने उसकी गांड में डालना चालू कर दिया, और धीरे धीरे नीचे से घुसाने लगा, बाबा ऊपर से था, दर्द को लावण्या भूल गई थी.
दो लंड लावन्या के चूत और गांड मार रहे थे, तो तीसरा मुह को मार रहा था, चांदनी रात में नदी किनारे पेड़ के नीचे बाबा शैलेंद्र और उसके चेले जयकांत पाटिल की बीवी की जोर जोर से पकड़कर बीच में नंगी डाल कर चोद रहे थे, पोजीशन चेंज हो रही थी. कोई उसके मुंह पर अपना लंड घुमा रहा था, तो कोई उसके निपल पर लंड रख रहा था, उसके बदन पर नाखून के निशान भी थे, और उसकी गांड जोर जोर से मारने से लाल हो गई थी. तो फिर कोई बालों से खींच कर चोद रहा था, तो कभी कोई मुंह में दे रहा था.
बाबा ने उस की चूत चाटी, उसका मुह उस की चूत में डाल कर उसे चाट चाट कर लाल किया और फिर उसके बाल को मुंह में लेकर चोदने लगा, इस तरह बाबा ने उसके पूरे बदन को निचोड के रख दिया.
साली पाटिल की बीवी अपनी रंडी बन गई.. बच्चा चाहिए पाटिल को.. अपने गांड में दम नहीं तो बाबा के पास भेज दिया..
लावण्या अब थक गई थी, उसने अ
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पाटिल बहुत भडक गया था और चाकू लेकर बाबा को ढूंढने निकल गया, बाबा फरार हो गया था. गांव के पाटिल की बीवी को बाबा चोद के निकल गया, यह पता चला तो क्या होगा? यह सोचकर उसने आगे कुछ नहीं किया.