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यही वजह थी की मैं रानी से मिला | हुआ यूँ की दोस्तों एक दिन मेरी सहेली ने मुझे बताया की उसकी एक सहेली को नेट पर कुछ काम करना है कंप्यूटर का और मैं उसकी मदद करूँ |मैंने भी उसकी बात सुन एक बार हाँ कर दी और उसकी सहेली यानी रानी को शाम को मेरे घर भेजने की बात कह दी | शाम को जब रानी मेरे घर पे आई तो दोस्तों उसका तंग बदन देखने ही लायक था | ससुरी ने काला बिन बाजू वाला टॉप पहना हुआ था और नीचे एक कसी हुई पैंट | हमारी वो पहली मुलाक़ात और पहली व् आखिर चुदाई का दिन था | वो आये और हम दोनों एक दसरे से परिचित होते हुए बस बैठ अपना काम करने लगे | मुझसे पर कतई भी रुका न गया तो मैंने हौले – हौले उसके हाथ को सहलाना शुरू कर दिया जिससे रानी गरम होने लगी थी जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैं बस सब कुछ भूल उसे चूमने लगा और वो भी अब मुझे सहयोग करते उए होंठ चूसने में खो गयी |
वो कुर्सी पर बैठी हुई थी और मैंने उसके कंधे दबाते हुए प्यार से उसके टॉप को खींच उतार दिया और नंगे मोटे चुचों को दबाने लगा और फिर आगे से मुंह भरकर चूसने लगा | मैंने अब वहीँ नीचे उसे लेटा लिया और प्यारा से उसके कपडे उतार नंगी कर दिया | मैं रानी की चुत की फांकों में ऊँगली भी करने लगा और भी ज़ोरों से अपनी अपनी उंगलियां अंदर बहार करने लगा | जब मैंने ध्यान दिया की रानी बिलकुल बेसुध हो चुकी है तो मैंने उसकी चुत पर अपना काला लंड टिका दिया और झट से धक्का मारना शुरू कर दिया | रानी को दर्द हो रहा था पर मेरे सर पर चुदाई का ऐसा भुत सवार था की किसी की भी परवाह नहीं थी |
मैं रानी के उप्पर चढ़कर चोदे जा रहा था और उसकी उसकी चुत से खून भी निकल रहा था | वो जब चींखें लग तो मैंने रहत की सांस ली अपने लंड को निकाल और कुछ देर उसे सहलाते हुए उसकी चुत का खून साफ़ किया |
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जब वो उसकी चुत फिर से अब चुदाई के मुझे तैयार लगने लगी तो मैंने धक्के पलते हुए इंडियन गरमा गर्म चुदाई शुरू कर दी और वो आँखें मीचे आःह्ह आहाहह्हा जानू चोद मुझे . .!! कहकर सीत्कारें भर रही थी | इस बार उसकी चुत से खून नहीं बल्कि कामरस की मलाई बह रही थी | उस दिन के बाद चुदाई खत्म होते ही वो मेरे घर से भाग गयी और आज तक कभी मेरे सामने नहीं आई |