advertisement
advertisement
सेक्सी मल्लू आंटी के साथ रोमांस और सेक्स
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

नहीं यह मल्लू आंटी कोई चुदक्कड़ माल नहीं था. यह तो मेरे दोस्त विवेक की मम्मी थी जो उस रात कुछ बेकाबू हो गई थी बस. मैं उसकी चूत में अपना लंड देने की फिराक में था लेकिन इस मल्लू आंटी ने मुझे केवल चूत में ऊँगली करने दी और अपने चुंचो का दूध पिलाया. बात पिछले मानसून की हैं जब मैं और विवेक कोलेज के पहले वर्ष के प्रोजेक्ट में लगे थे.

विवेक एक होंशियार लड़का था जिसके साथ में पढाई के लिए जाता ताकि मेरी कुछ हेल्प हो जाए. उसके पिताजी शीप में काम करते थे और साल में 4 महिना घर रहते और बाक़ी का समय वो शीप पर ही रहते. विवेक की मम्मी और इस कहानी की हिरोइन मल्लू आंटी जिसका नाम सुनीता हैं वो कुछ 40 साल के ऊपर की हैं. विवेक के अलावा उसको अभी एक साल की एक छोटी बेटी भी हैं. पता नहीं अंकल को कुछ 17-18 साल के बाद चूत में अपना अंडा देने की सूझ पड़ी होंगी या तो फिर कंडोम फट गया होंगा. चलिए अब उस रात पर आ जाऊं जब यह बात बनी थी जिसे सोच के मैं आज भी मुठ मारता हूँ.

हमने ड्राइंग पढने का पक्का इरादा किया हुआ था लेकिन बरसात के चलते पावर बार बार जा रहा था. हैरान हो के विवेक कुछ 10:20 बजे सो गया और बोला की वो अब सुबह उठेगा. मेरी गांड फटी थी इसलिए मैं मोमबत्ती की कम रौशनी में भी पढता रहा. कुछ 11:30 बजे बरसात कम हुई और पावर अब सही आने लगा.

मैं पानी पिने के लिए होल में आया और देखा की विवेक की मम्मी सुनीता टेली देख रही थी. उसने डिस्कवरी चेनल लगाया था जिस पे सिहं के उपर डाक्यूमेंट्री चल रही थी. मैंने सोचा की चलो थोडा रिलेक्स कर लूँ टेली देख के. आंटी को हाय बोल के मैंने सोफे पे अपनी गांड भी टिका दी. उस होल में केवल एक ही सोफा था इसलिए मुझे मज़बूरी में इस मल्लू आंटी के पास में बैठना पड़ा. हमारे बिच में कुछ सेंटीमीटर का ही फासला था.

तभी डिस्कवरी के ऊपर सिंह मस्तियाने लगे. एक सिहं अपनी फिमेल पार्टनर की चूत में लंड डालने लगा. साले डिस्कवरी वाले तो एनीमल बिपि दिखा रहे थे. मैंने देखा की मल्लू आंटी कम्फर्टेबल नहीं थी. मैंने सोचा की चलो मैं ही निकल लूँ. जैसे ही मैं उठा आंटी ने मुझे बैठने को कहा थोड़ी देर और वो बोली की वो भी कुछ देर में सो जाएँगी. मैं डरते हुए वापस बैठा. मेरा 18 इंच का लंड सही में बड़ा टाईट हो चूका था उस वक्त.

सिहं अभी भी मस्त सेक्सक्रीडा में लगे हुए थे और डिस्कवरी वालों के हाईफाई केमरा सिहं के लंड और उसकी पार्टनर की चूत तक क्लोज़अप कर कर के दिखा रहे थे, मेरी लंड तो अब काबू के बहार हो रही थी. तभी मैंने महसूस किया की मल्लू आंटी मेरे और भी करीब खिसक गई हैं जिसकी वजह से उसकी जांघ मुझे स्पर्श हो रही थी. मेरे तनबदन में आग लगी थी और दिमाग में हजारों सवाल घूम रहे थे. क्या यह मल्लू आंटी मुझ से चुदवाना चाहती हैं क्या? इसी सवाल के इर्दगिर्द दुसरे कई सवाल मंडरा रहे थे.

अब तो मुझे यकीन हो गया की यह मल्लू आंटी कुछ करने का सोच रही है क्यूंकि वो मुझ से और भी सटक के बैठ गई थी. उसकी कोमल कोमल जांघो का स्पर्श मेरी जांघो के ऊपर होने लगा था और मुझे जैसे की गुदगुदी होने लगी थी. मैंने एक मिनिट और इस आंटी का तमाशा देखा और फिर मुझ से रहा नहीं गया. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।

मैंने अपने हाथ को सीधा ही मल्लू आंटी की चूत पे रख दिया. आंटी ने मेरी तरफ देखा और वो कुछ नहीं बोली. मेरी हिम्मत तुरंत बढ़ गई और मैंने आंटी के बूब्स को मसलना चालू कर दिया. आंटी ने इधर उधर देखा और फिर वो मेरा हाथ पकड़ के खड़ी हुई. वो सीधे मुझे अपने बेडरूम में ले गई. पलंग पे सोई उसकी बेटी को उसने उठा के निचे फर्श पे छोटा गद्दा डाल के लिटा दिया. फिर आंटी मुझे ले के बेड में सो गई.

मैंने अपनी पेंट खोलनी चाही तो आंटी ने मुझे इशारे से नहीं कहा. और उसने अपनी नाईटी को उठा के अपने भारी चुंचे बहार निकाले. शायद आंटी कुछ मस्ती करना चाहती थी बस, और उसे सेक्स नहीं करना था अभी. मैंने अपने हाथ को आंटी की चूत के ऊपर रखा और मैंने नाईट पेंट के अंदर धीरे से हाथ को अंदर सरका लिया.

मल्लू आंटी की चूत गुच्छेदार थी जिसके ऊपर ढेर सारे बाल थे. आंटी ने अपने चुंचे पकड़ के मेरे मुहं में डाल दिए. मैंने अपनी एक ऊँगली आंटी की चूत में डाली और उसे अंदर बहार करने लगा. आंटी भी अपने चुंचो को दबाते हुए उन्हें मेरे मुहं में देती रही. तभी मेरे मुहं में कुछ प्रवाही आया. अरे यह तो मल्लू आंटी का दूध था जो उसके चुंचो से निकल के मेरे मुहं में आया था. उसकी बेटी स्तनपान करती थी इसलिए उसका दूध चालू ही था अभी तक.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मैंने अपना हाथ चूत से निकाला और मैंने चूंचे जोर जोर से दबाये ताकि बहुत सारा दूध निकले जिस से मैं अपनी भूख मिटा सकूँ. आंटी अब अपने चुंचे छोड़ के खुद अपनी चूत में ऊँगली करने लगी. मैंने आंटी का ढेर सारा दूध पिया और फिर उसका हाथ मेरे लंड पे रख दिया. आंटी मेरे लंड को मसलने लगी और मेरी उत्तेजना बढती ही जा रही थी. 2-3 मिनिट में तो मेरा वर्जिन लंड आंटी की टच बर्दास्त नहीं कर सका और ढेर सारा माल पेंट में ही निकल गया.

आंटी के हाथ के ऊपर भी वीर्य की चिकनाहट आ गई थी. उसने झट से हाथ निकाला और चद्दर पे घिस लिया. मैं उठा और मैंने अपनी ऊँगली मल्लू आंटी की चूत में घुसेड दी. फिर मैं 10 मिनिट तक मल्लू आंटी की चूत को अपनी ऊँगली से चोदता रहा. शायद इसीलिए आंटी ने होल का टीवी ओन रखा था, की उसकी सेक्सी मोन की आवाज टीवी की आवाज में दब सकें.

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement